चुलबुली किराएदार

patel102 2007-09-09 Comments

लेखक : सुनील पटेल

सबसे पहले गुरूजी का शुक्रिया कि उन्होंने मेरी सत्य कहानी को अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पेश किया। मेरा नाम सुनील है। मैं 21 साल का हूँ, गुजरात के गांधीनगर में रहता हूँ। आप सबको मेरे लंड का प्रणाम !

यह बात कुछ 6 महीने पुरानी है। मेरे घर में एक युगल किराए पर रहने आये थे। उनको ऊपर का कमरा दिया था और हम नीचे रहते थे। लड़की सोनल बड़ी सेक्सी थी, उसका फिगर 32-24-32 था। उसके स्तन बड़े मस्त थे और उसकी गाण्ड भी मस्त थी। उसका पति भी ठीक-ठाक दीखता था, लेकिन शायद उसे खुश नहीं रख सकता था।

सोनल को जब मैंने पहली बार देखा तो इतनी पसंद नहीं आई पर फिर बाद में पसंद आने लगी थी। वो मुझे भाव देती थी लेकिन मैं भाव नहीं देता था। वो हमेशा नीचे आती थी और हमसे बात करती थी। हमारे घर वालों से घुलमिल गई थी। मुझसे कभी-कभार बात कर लेती थी। फिर हमारी दोस्ती हो गई। धीरे-धीरे हम लोग मस्ती में भी आ जाते थे।

एक बार तो मस्ती इतनी बढ़ गई कि मैं उसके हाथ मरोड़ रहा था और वो फिर शरमा कर भाग गई। मैं पीछे हट गया, मुझे लगा कि उसे शायद बुरा लगा। लेकिन वो ऊपर जाकर मुझे देख कर हँसने लगी। फिर हम रोज हाथ-मस्ती करते और लड़ाई-झगड़ा करते।

एक दिन मैं, वो और एक छोटी बच्ची तीनों खेल रहे थे तो उसने मेरा मोबाइल लिया और भाग गई। मैंने उससे पूछा तो कहने लगी कि उस छोटी बच्ची के पास है।

मैंने उस बच्ची से पूछा तो कहने लगी कि वो आंटी ने अपने कपड़ों में छुपा रखा है।

मैं सोनल के पास गया तो पता चला मोबाइल उसने अपने स्तनों के बीच में छुपा रखा है।

मैंने कहा- निकालो ! वरना मुझे हाथ डाल कर निकालना पड़ेगा !

तो उसने अपने कुर्ते में हाथ डाला तो मेरा तो तुरन्त खड़ा हो गया। तो मेरे उभरे हुए लण्ड को देखकर वो डर गई और मोबाइल निकाल कर दे कर चली गई।

एक दिन मैं उसके साथ फिर मस्ती कर रहा था तब वो फिर से मोबाइल लेकर चली गई, मैं उसके पास गया और कहा- मोबाइल कहाँ है?

तो वो कहने लगी- पता नहीं !

मैंने सीधे उसके वक्ष पर हाथ लगाया तो मोबाइल वहाँ नहीं था।

वो कहने लगी- शर्म नहीं आती?

मैंने कहा- आपको शर्म नहीं आती ऐसी जगह पर मोबाइल छुपाने से ?

और बात हँसी में निकाल दी। उस दिन मैंने उसके बारे में सोच कर मुठ मारी।

दो-तीन दिन बाद वो कहने लगी- मुझे तुम्हारे कपड़े ट्राय करने हैं !

मैंने कहा- कल जब कोई नहीं होगा तब लेकर आऊंगा !

तो वो मान गई। उस पूरी रात मैं सो नहीं सका। खुशी जो थी कि शायद वो चुदने के लिए तैयार हो जाये !

दूसरे दिन मैं एक जींस और टाईट टी-शर्ट लेकर उसके पास गया। वो कहने लगी- मैं बाथरूम में जाकर पहन कर आती हूँ।

मैंने कहा- यहीं कर लो ! मेरे सामने !

तो वो शरमा गई और कहने लगी- मैं तो अंदर जाकर ही चेंज करूँगी !

फिर जब वो बाहर आई तो मैंने उसे देखा तो दंग गया, वो बहुत खूबसूरत लग रही थी, उसने बिलकुल सही पहना था लेकिन मैंने कहा- यह जींस थोड़ी नीचे करो !

तो कहने लगी- तुम कर दो !

मैंने तो सीधा जींस के हुक पर हाथ रखा और नीचे किया। उसकी पैंटी दिख रही थी। मैं उसके पीछे गया और उसकी टी-शर्ट को ऊपर कर दिया और कुछ फोटो भी लिए।

फिर वो कहने लगी- मैं चेंज करके आती हूँ !

मैंने उसका हाथ पकड़ा और कहा- रुको ! मैं मदद कर देता हूँ !

मैंने टी-शर्ट उतारी और जींस का हुक खोल कर उसकी चूत के ऊपर ही हाथ फ़िराने लगा। उसे अच्छा लग रहा था। वो एकदम से उत्तेजित होने लगी और नीचे झुक कर मेरे पैंट में से लण्ड निकाल कर चूसने लगी। मेरा रोम-रोम खड़ा हो गया। मैं भी उसके स्तन दबाने लगा।

उसने बाद में कहा- अब तुम्हारी बारी !

तब मैंने कहा- चलो 69 की दशा में आ जाते हैं !

हम 5 मिनट तक वही करते रहे और फिर मैंने उसके छेद में अपनी ऊँगली डाली और थोड़ी देर तक घुमाने लगा। फिर अपना लण्ड टिकाया और हल्के-हल्के झटके मारने लगा।

पहले उसे थोड़ा दर्द हुआ फिर वो भी मेरा साथ देने लगी। धीरे धीरे मेरे झटके तेज होने लगे और मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने झट से अपना लण्ड निकाल कर उसके मुँह पर रख दिया और झड़ गया। यह दिन मुझे जिंदगी भर याद रहेगा। आज वो यहाँ नहीं रहती। वो जहाँ हो, खुश रहे !

दोस्तो, आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल कीजिये और सबसे खास बात कि गांधीनगर, गुजरात में अगर कोई लड़की कहानियाँ लिखने में मेरा साथ दे तो मुझे जरूर मेल करे !

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