साबुन का कमाल, चूत चुदाई का धमाल

(Sabun ka Kamaal, Choot Chudai ka Dhamal)

मेरा नाम श्याम है, मैं गुजरात में बड़ोदरा का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 28 साल है।

मैं शादीशुदा हूँ.. मेरा एक बेटा भी है, जिसकी उम्र डेढ़ साल है।

मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मैं सभी अन्तर्वासना के पाठकों का धन्यवाद करता चाहता हूँ।

मैं पहली बार कहानी लिख रहा हूँ मुझसे यदि कोई भूल रह जाए तो… मैं क्षमा चाहता हूँ।

मेरा कद 5.4 फुट है। वैसे तो मैं औसत सा दिखने वाला लड़का हूँ.. पर मेरा लौड़ा 6 इंच लंबा और करीबन पौने दो इंच व्यास वाला है। अभी भी मेरा सुपारा बाहर नहीं आया है।

मैं एक अपार्टमेंट में तीसरे माले पर एक फ्लैट में रहता हूँ।
मेरे साथ वाले फ्लैट में एक मेरी ही उम्र की शादीशुदा औरत रहती है।
उसका नाम नैन्सी है।
उसका फिगर 34-28-36 के लगभग है।
उसका दस साल का एक बेटा भी है।

नैन्सी इन्दौर की रहने वाली है और उसने लव-मैरिज की है।

उसका पति बिजनेस करता है.. वो हर रोज़ दारू पी कर आता है और कभी-कभी नैन्सी को मारता भी है।

नैन्सी नए ख़यालात की औरत है.. इसलिए वो सुबह-सुबह घुटनों तक का बरमूडा और जर्सी पहन कर अपने बेटे को बाहर छोड़ने आती है।
उस पोशाक में उसको देख कर अच्छे-अच्छे का लौड़ा सलामी देने लगता है।

नैन्सी हमारे घर पर अक्सर कुछ ना कुछ काम के लिए आती रहती है।
जैसे कभी चीनी लेने.. तो कभी चाय पत्ती माँगने..

वो मुझे अजीब सी नज़रों से देखती है लेकिन मैंने कभी ध्यान नहीं दिया।

एक दिन मैं बनियान में ही बाहर आया.. उस समय वो भी बाहर खड़ी थी।

उसने मुझे ऐसी मादक नज़रों से देखा.. उसी समय मेरी और उसकी नज़र टकरा गईं और वो शर्मा कर अन्दर चली गई।

तभी मैंने तय किया कि नैन्सी को जरूर चोदूँगा।

एक दिन वो मेरे बेटे को अपनी गोद में लेकर उसके साथ खेल रही थी।

तभी मेरी बीवी ने मुझसे बोला- अपने बेटे को पड़ोस में से ले आओ।

मैं नैन्सी के हाथों में से अपने बेटे को ले रहा था.. तभी मैंने जानबूझ कर उसके उरोजों को हल्के से दबा दिया।

वो कुछ नहीं बोली और उसने शर्मा कर नज़रें झुका लीं।

तभी से मेरी हिम्मत और बढ़ गई।

फिर.. मैं उसे रोज़ देखने लगा और उसको कैसे चोदूँ.. इसके बारे में सोचने लगा।

एक दिन अपार्टमेंट में किसी की शादी थी और मेरी पत्नी ने मुझसे बोला- आप ऑफिस से घर आकर फ्रेश होकर सीधे शादी में ही आ जाईएगा.. मैं पहले ही दूसरे पड़ोस की औरतों के साथ चली जाऊँगी।

मैं शाम को ऑफिस से घर आया तो देखा कि मेरे माले पर नैन्सी का घर ही खुला था.. बाकी सब लोग शादी में चले गए थे।

मैं अपना घर खोल कर टीवी चालू करके देखने लगा.. तो इतने में नैन्सी आई और बोली- मेरे घर में पानी नहीं आ रहा है.. तो मैं क्या आपका बाथरूम इस्तेमाल कर सकती हूँ?

हमारे अपार्टमेंट में पानी दो ही समय आता है.. एक सुबह और शाम या रात.. पर पानी आने का कोई वक्त तय नहीं होता था।

हमारे वहाँ मैंने एक 1000 लीटर की पानी की टंकी लगा रखी है.. इसलिए मेरे घर में पूरा दिन पानी रहता है।

उसने मुझे मेरा बाथरूम इस्तेमाल करने के लिए पूछा।

मुझे और चाहिए भी क्या… एक खूबसूरत माल मेरे बाथरूम में नहाने के लिए पूछ रही हो तो मैं तो क्या दुनिया का कोई भी आदमी मना नहीं कर सकता।

फिर वो अपना तौलिया और कपड़े लेकर वापस आ गई।

वो बाथरूम में नहाने चली गई और मैं टीवी देखने लगा। थोड़ी देर में उसने मुझे आवाज़ लगाई और बुलाया।

मैं गया तो उसने मुझसे बोला- जरा देखिए… पानी नहीं आ रहा है।

मैंने देखा तो ऊपर से पानी का वॉल्व बंद था।

मैं उसे चालू करने बाथरूम में अन्दर गया तो वो एक तरफ को हो गई।

जैसे ही वो एक तरफ को हटने लगी.. तो उसका पैर साबुन पर पड़ गया और वो फिसलने लगी।

मैंने उसे पकड़ लिया… फिर भी उसके पैर में मोच आ गई।

मैंने उसको गोद में उठा कर बिस्तर पर लेटाया और मलहम लेने गया।

उसने उस वक्त काले रंग की टी-शर्ट और ग्रे रंग का बरमूडा ही पहन रखा था।

जैसे ही मैंने मलहम लगाने के लिए उसको हाथ लगाया तो उसने अपनी आँखें बंद कर लीं।

मैं धीरे-धीरे उसके पैर पर मलहम लगा रहा था.. तो मेरे मन में विचार आया कि इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा।

इसलिए मैंने अपना हाथ धीरे-धीरे ऊपर सरकाना चालू किया।

मैं उसके घुटनों तक पहुँच गया।

अभी भी उसकी आँखें बंद थीं और उसकी धड़कन तेज चल रही थीं।

मैंने धीरे से अपना हाथ उसके बरमूडे में डाला और उसकी जाँघों को सहलाने लगा।

आय.. हाय.. क्या मस्त चिकनी जांघें थीं उसकी…

वो भी हाथ फिरवाने का मज़ा ले रही थी।

मैंने उससे कहा- आप मुझे बहुत अच्छी लगती हैं।

तो उसने कहा- तुम भी मुझको बहुत अच्छे लगते हो।

मुझे बस यही सुनने की देर थी.. मैंने उसके सर को पकड़ कर अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए।

मैं उसके होंठों का रसपान करने लगा, वो भी मुझे साथ देने लगी।

लगभग 5 मिनट तक हम एक-दूसरे के होंठों का रसपान करते रहे।

फिर मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी।

महरून रंग की ब्रा में वो क्या मस्त माल लग रही थी… उसके बड़े-बड़े मम्मे देख कर तो मैं हक्का-बक्का ही रह गया।

इतने बड़े और उठे हुए मम्मे मैंने पहले कभी नहीं देखे थे।

मैं तो उसकी ब्रा को खोले बिना ही उसे चूसने लगा।

तो वो बोलने लगी- इतनी जल्दी क्या है.. ये तुम्हारे ही हैं।

उसने ब्रा का हुक खोल दिया और दूध के दो बड़े-बड़े कटोरे मानो आज़ाद हो गए।

मैं उनको चूस-चूस कर खाली करने लगा और वो मादक ‘आहें’ भरने लगी।

मैं एक हाथ से उसकी एक चूची रगड़ रहा था और दूसरी चूची चूस रहा था।

फिर मैंने अपना एक हाथ उसके बरमूडे में डाल दिया.. उसकी चड्डी गीली हो चुकी थी।

मैंने अपना हाथ चड्डी में डाल कर उसकी चूत में ऊँगली डालने ही जा रहा था कि मैंने पाया कि उसकी चूत एकदम बाल रहित यानि कि क्लीन-शेव्ड है।
मुझे बिना बाल की चूत बहुत पसंद है।
मैं अपनी ऊँगली चूत में डाल रहा था और उसके बोबे चूस रहा था।

यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

फिर उसने मेरी पैन्ट उतार दी और चड्डी के ऊपर से ही मेरे लंड को चाटने लगी।

उसने मेरी चड्डी को नीचे उतार दिया तो मेरा 6 इंच का लंड तुरंत बाहर आ गया।

उसने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी।

मेरे मुँह से ‘उम्म’ करके आवाज़ निकल गई।

थोड़ी देर तक वो मेरा लंड चूसती रही।
फिर मैंने उसका बरमूडा चड्डी के साथ उतार दिया… अब वो मेरे सामने मादरजात नंगी खड़ी थी।

मैंने भी अपनी शर्ट उतार दी।
मैं उसकी चूत को चाटने लगा और वो ‘आह.. उम्म..’ की आवाजें निकालने लगी।

उसने मुझसे बोला- अब मुझसे रहा नहीं जा रहा.. अपना लंड मेरे छेद में डाल दो और मेरी आग शांत कर दो जान…

फिर मैं उसके ऊपर चढ़ गया.. उसने अपने दोनों पैर खोल कर अपनी चूत का छेद फैला दिया।

मैंने अपना लंड हिलाते हुए उसकी चूत पर रगड़ कर एक बम-पिलाट धक्काप मारा तो आधा लंड उसकी चूत में अन्दर घुस गया।

वो ज़ोर से चीख पड़ी.. मेरी फटी तो मैंने उसके मुँह को बंद करने के लिए अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और उसको चुम्बन करने लगा।

उसको चुम्बन करते-करते ही मैंने दूसरे झटके में अपना पूरा लंड अन्दर घुसेड़ दिया.. वो दर्द के मारे चिल्लाने की कोशिश कर रही थी लेकिन मेरे मुँह की वजह से उसकी आवाज़ अन्दर ही रह गई।

थोड़ी देर मैं उसको चुम्बन करता रहा और वो कुछ ही पलों में सामान्य हो गई।

मैं फिर लंड को अन्दर-बाहर करके झटके मारने लगा।

थोड़ी देर के बाद वो भी कमर उछाल-उछाल कर मेरा साथ देने लगी।

पूरा कमरा ‘फ़च फ़च’ की आवाजों और कामुक ‘आहों’ से गूंजने लगा।

थोड़ी देर में उसकी चूत सिकुड़ गई और वो झड़ गई.. पर मेरे धक्के अभी भी चालू ही थे।

थोड़ी देर मैं वो फिर मेरा साथ देने लगी.. इस बार मैंने ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाना शुरू कर दिए… दस मिनट तक चोदने के बाद वो और मैं एक साथ झड़ गए।

मैं उसके ऊपर ही लेटा रहा और हम दोनों थोड़े वक्त तक एक-दूसरे से चिपक कर पलंग पर लेटे रहे।

फिर हम दोनों एक साथ नहाने चले गए। नहा कर हमने एक-दूसरे को पोंछा और कपड़े पहन कर वो अपने घर चली गई।

उसके कूल्हे भी बड़े मस्त हैं.. उसकी गांड भी मैंने मारी पर उस दिन नहीं… उसकी कहानी किसी और दिन लिखूँगा।

आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. प्लीज़ मुझे ज़रूर बताइएगा।

 

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top