पड़ोसन भाभी ने मुझे पटाकर चूत मरवाई- 1

(Sapna Bhabhi Hindi Kahani)

सन्दीप 9 2022-06-16 Comments

सपना भाभी हिंदी कहानी मेरे पड़ोस में रहने वाली जवान भाभी की है. उनका हमारे यहाँ आना जाना था. वो आते जाते मेरे साथ छेड़छाड़ करती थी. मैं सब समझता था.

मित्रो, सबसे पहले मैं आपको अपने बारे में बता देता हूँ.

मेरा नाम सन्दीप है. उम्र 25 साल, कद 5 फुट 4 इंच.

मैं ये भाभी हिंदी कहानी में आपको अपनी चुदाई की सच्ची घटना बता रहा हूँ.

मैं इस कहानी की नायिका की बात करूं तो उनका नाम सपना भाभी (बदला हुआ) है. भाभी की उम्र आगे 38 साल है और उनकी हाईट 4 फुट 8 इंच है.

भाभी बेहद भरे हुए जिस्म की मालकिन हैं. उनका फिगर 36.32.40 का है. रंग एकदम दूध सा गोरा है.

ये सपना भाभी हिंदी कहानी आज से 6 साल पहले की उस समय की है, जब 12वीं में था.

मेरे पड़ोस में रहने वाली सपना भाभी मुझे बहुत पसंद करती थीं.
मगर मैं उनसे बहुत कम बोला करता था.
मुझे न जाने क्यों भाभी से बात करने में बड़ी शर्म आती थी, जिस कारण से मैं उनसे कुछ बोल नहीं पाता था.
मगर ऐसा नहीं है कि मैं कुछ समझता ही नहीं था या चूतिया था.

मैं उनके पति से खुला हुआ था और उनको फोन पर बीएफ (पॉर्न वीडियो) देता रहता था.

अब बात कुछ इस तरह शुरू हुई कि मेरा भाभी के घर आना जाना लगा रहता था.
मैं भैया को बीएफ मोबाइल में डाल कर दे देता था.
उस वक्त तक मेरी भाभी से कोई बातचीत नहीं होती थी.

फिर कुछ महीनों बाद भाभी को एक लड़का पैदा हुआ.

उसके 3 महीने के होने के बाद भाभी ने पहली बार एक दिन मेरी गांड पर च्यूंटी काटी और हल्का सा थप्पड़ मार दिया.
मैं एकदम से चौंक गया कि ये क्या हुआ.

मैंने इधर उधर देखा कि किसी ने देखा तो नहीं.
मेरे आगे भैया चल रहे थे और घर में भाभी की सास थीं.

मैं कुछ नहीं बोला और चुपचाप आगे निकल गया.

भाभी ने अपने घर में तीन गाय पाली हुई थीं, तो उनके घर में गायों के लिए चारा काटने वाली हाथ मशीन थी.

उस मशीन को मैं और भाभी के पति हम दोनों चलाया करते थे.
इससे चारा भी कट जाता था और इसी बहाने हमारी कसरत हो जाया करती थी.

एक दिन मैं छत पर मोबाइल में चुदाई की कहानियां पढ़ रहा था.
उसमें एक कहानी मुझको बहुत पसंद आई थी, जिसमें भाभी अपने 12वीं में पढ़ रहे देवर को ध्यान लगा कर पढ़ने का बोल कर उससे वायदा करती हैं कि यदि तुम एग्जाम में पास हो जाओगे, तो तुम्हारे लिए एक गिफ्ट है.

वही कहानी मैं छत पर पढ़ रहा था.
तभी भाभी भी छत पर आ गईं और मेरे पास आकर पूछने लगीं- क्या कर रहे हो सन्दीप?
मैंने बोल दिया कि भाभी पढ़ रहा हूँ.

भाभी बोलीं- मोबाइल में क्या पढ़ रहे हो?
मैं- कुछ नहीं भाभी, एक कहानी है.

भाभी मेरे पास आईं और बोलीं- मुझको भी सुननी है, तुम पढ़ो.
मैं फंस गया कि क्या बोलूं.

तभी भाभी ने मोबाइल मेरे हाथ से ले लिया.
भाभी ने देखा और चुपचाप वापस दे दिया.

मैं नीचे जाना लगा तो भाभी ने रोक लिया- तुमसे कुछ पूछूँ?
मैं- हां पूछो न भाभी, आपको क्या पूछना है?

भाभी- तुम्हारी जीएफ़ है?
मैं- भाभी आप जानती तो हैं कि जो है, वो भाव नहीं देती है. फिर बार बार आप मुझसे ये बात क्यों पूछती हो?

ये बोल कर मैंने मुँह नीचे कर लिया और एक बाजू हट गया.
भाभी सॉरी बोलीं और उन्होंने मुझसे एकदम से कहा- मुझको अपनी जीएफ बनाओगे क्या?

मैं- भाभी मज़ाक मत करो.
भाभी- मैं मज़ाक नहीं कर रही हूँ.

ये कह कर भाभी ने मेरा हाथ अपने हाथ में ले लिया और बोलीं- मैं वादा करती हूँ कि आज से मैं तुम्हारी जीएफ हूँ.
एक मिनट तक सन्नाटा छाया रहा, मुझे समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या कहूँ.
फिर भाभी नीचे जाने लगीं.

मैं बोला- भाभी वादा तो कर लिया आपने … मगर आपको पता है ना कि जीएफ क्या होती है और बीएफ का क्या हक होता है?
भाभी- हां सब पता है.
ये कह कर वो चली गईं.

भाभी के घर में निर्माण का काम चालू था, जिस वजह से छत पर जाने के लिए उनको मेरे घर से हो कर जाना होता था.

एक दिन में घर में था. उसी समय डोरबेल बजी.
मैंने दरवाजा खोला तो देखा सामने भाभी जी थीं.

वो बोलीं- मुझे छत पर जाना है. छत पर कपड़े सूखने डालने जा रही हूँ.
मैंने कुछ नहीं कहा.

वो कपड़े सूखने डाल कर वापस नीचे आईं तो मैंने उनको पकड़ लिया और रूम में ले गया.
कमाल की बात ये थी जब मैंने भाभी को पकड़ा और कमरे में ले जाने लगा तब तक उन्होंने कुछ भी नहीं कहा और ना ही मेरी इस हरकत का कोई विरोध किया.

मैं भाभी को अपने कमरे में ले जाकर उन्हें किस करने करने लगा. मैंने भाभी के होंठों पर अपने होंठ जमा दिए और उन्हें लिपलॉक किस करने लगा.
वो मेरा साथ तो दे रही थीं पर जैसे किसी छोटे बच्चे को किस करते हैं, वैसे कर रही थीं.

मैंने कहा- आपको किस करना आता नहीं है या करना नहीं चाहती हो?
वो बोलीं- मुझे नहीं आता है.

मैंने उनको लिपलॉक किस करना सिखाया.
फिर उन्होंने मुझको कुछ मिनट किस की होगी कि तभी डोरबेल फिर से बजी.

मैंने भाभी को सीढ़ियों पर जाने को बोला और मैं दरवाज़ा खोलने चला गया.
दरवाजे पर उनकी सास थीं.

वो भाभी पर चिल्ला कर बोलीं- इतना वक़्त लगता है क्या?
भाभी चुपचाप चली गईं.
मुझे कुछ बुरा सा लगा.

कुछ दिन बाद भाभी के घर का निर्माण कार्य खत्म हो गया और वो अब मेरे घर नहीं आती थीं.

उन दिनों गर्मी का मौसम था और हम सब छत पर सोते थे.
भैया और भाभी भी छत पर सोते थे.

रात को मैं सो रहा था कि आधी रात में मेरी आंख खुल गई.
मुझे पेशाब लगी थी.
मैं बाथरूम जा रहा था जो छत पर ही था.

जब मैं पेशाब करने के बाद वापस बाहर आया तो मेरी नज़र भाभी की छत पर चली गई.
मैंने देखा कि भाभी भैया के लंड पर बैठी हैं और हिल रही हैं.

मैं वो सीन देख रहा था कि भाभी ने देख लिया और वो लंड से उतर कर नीचे हो गईं.
तो मैं झट से अपनी जगह पर आ कर सो गया.

पूरी गर्मियों भर यही चलता रहा.
अब भाभी मेरे देख लेने पर भी लंड की सवारी का मजा लेती रहतीं.

साथ ही वो अपनी चूचियां भी मसल मसल कर मुझे दिखाती रहती थीं.

मेरे हाथ कुछ नहीं लग रहा था.
न ही कुछ समझ आ रहा था कि कैसे खेल जमाऊं.
ऐसे ही दिन कटते गए.
दशहरा की छुट्टी भी होकर खत्म हो गई थीं.
अब तक कुछ भी नहीं हुआ.

छुट्टी खत्म होने के बाद जिस दिन स्कूल का पहला दिन था उस दिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.
मैं सुबह 6 बजे स्कूल निकल गया.

वो बोलते हैं ना कि दाने दाने पर लिखा होता है खाने वाले का नाम.

हुआ यूं कि स्कूल तो मैं पहुंच गया पर किसी कारणवश मैडम ने बोला- आज छुट्टी है, तुम सब बच्चे घर चले जाओ.
मैंने तुरन्त बस पकड़ी और घर वापस निकल गया.

घर आने लगा तो अभी मैं अपने घर की गली में घुसा ही था कि सामने से मुझे भाभी दिखाई दीं.
वो मुझे घर पर आने का इशारा कर रही थीं.

मैं उनके करीब गया तो भाभी बोलीं- तुम जल्दी से मेरे घर में आ जाओ, आज घर में कोई नहीं है.

मुझको आज भी वो दिन और समय अच्छे से याद है. उस समय दस बज रहे होंगे. वो सन 2015 का अक्टूबर का महीना था.
मैं भाग कर अपने घर गया.

मुझको उनके घर में जाने के लिए बहाना चाहिए था.
मैंने अपनी पैंट को बीच में से फाड़ दिया और उसे सिलवाने का बहाना करके मैं भाभी के पास आ गया.

मैं बोला- भाभी मेरी ये पैंट सिल दो.
भाभी बोलीं- हां, अभी ठीक किए देती हूँ. तुम जब तक मेरा एक काम कर दो. मेरा टीवी नहीं चल रहा है, एक बार डिश देख लो.

इस तरह से मुझको अन्दर घुसने का बहाना मिल गया.

दस मिनट बाद भाभी कमरे में गईं और मुझे अन्दर आने का इशारा करने लगीं.
उन्होंने मुझे कमरे में आने का इशारा किया और खुद कमरे से बाहर निकल गईं.

इधर उधर देख कर मैंने घर का मेन दरवाजा लगा दिया और उनके कमरे में चला गया.

भाभी ने उस दिन साड़ी पहनी हुई थी और वो बड़ी मस्त लग रही थीं.
जैसे ही भाभी रूम में आईं तो मैंने उनको बांहों में भर लिया और उनकी गर्दन पर किस किया.

भाभी के मुँह से हल्की सी आह निकली.
मैंने भाभी को घुमा कर बांहों में ले लिया.

भाभी को हाईट छोटी होने की वजह से उन्हें किस करने में दिक्कत हो रही थी.

मैं बेड अपनी गांड टिका कर बैठ गया और भाभी को अपनी बांहों में भरके उन्हें अपनी दोनों टांगों में भींच लिया.
अब मैं उनकी गर्दन पर किस किए जा रहा था, पागलों की तरह काट और चूस रहा था.

मुझको भाभी की हर एक बात याद है, जो उस दिन उन्होंने मुझसे बोली थी.

भाभी घूम गईं और बोलीं- मुझको उस दिन की तरह तुम्हारे होंठों को चूसना है, जैसा तुमने सिखाया था.

मैं- हां भाभी ज़रूर … आज तो मैं आपको कुछ और भी मज़ा दूँगा. आप चिंता मत करो.
मैं इतना ही बोला और भाभी के होंठों को अपने काबू में करके उन्हें लिपलॉक किस शुरू कर दिया.

उस दिन मैंने भाभी को सही से होंठों को चूसना बताया और जीभ चूसने का मजा लेना भी दिखाया.
भाभी बखूबी वैसे ही किस करने लगी थीं.

जब मैं उनके ऊपर के होंठों को चूसता, वो मेरे नीचे के होंठों को चूसतीं.
ऐसे ही चल रहा था.

मेरा एक हाथ उनकी चुत पर चला गया.
साड़ी के ऊपर से ही मैं भाभी की चुत पर हाथ चलाने लगा.

भाभी ने वहां से मेरा हाथ हटा कर अपने चुचों पर रख दिया.
मैं ब्लाउज के ऊपर से भाभी के चुचों को मसलने लगा.

ऐसा करते हुए कितना टाइम हो गया, कुछ पता ही नहीं चला.

चुम्बन लेते हुए जब भाभी की सांस फूलने लगी, तो हम दोनों हट गए.

मैंने भाभी से पूछा- चूमना कैसा लगा?
भाभी बोलीं- इस तरह का ये किस मैं दूसरी बार तेरे साथ कर रही हूँ. मगर आज पहली बार इतनी लंबी किस की है.

मैंने हंस कर उनके गालों को चूम लिया.

वो बोलीं- मैं पानी पीकर आती हूँ.
सपना भाभी उठने लगीं तो मैंने उनकी साड़ी का पल्लू पकड़ लिया और धीरे धीरे खींचने लगा.

मैंने भाभी की साड़ी खोल दी और वो हंसती हुई ब्लाउज पेटीकोट में चली गईं.
मुझे भाभी इस वक्त ब्लाउज पेटीकोट में बड़ी ही मादक माल लग रही थीं. सेक्स कहानी के अगले भाग में मैं आपको बताऊंगा कि किस तरह से हम दोनों देवर भाभी के बीच सेक्स हुआ.

आप मेरी सपना भाभी हिंदी कहानी पर अपने मेल जरूर लिखें.
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सपना भाभी हिंदी कहानी का अगला भाग: पड़ोसन भाभी ने मुझे पटाकर चूत मरवाई- 2

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