नादान लड़के का जवान लन्ड- 1

(Sex Ki Hawas Ki Kahani)

मेरी सेक्स की हवस इतनी ज्यादा है कि मेरी निगाहें हर वक्त जवान लड़कों मर्दों पर टिकी रहती हैं. मेरे पड़ोस की आंटी के दो बेटे जवान हो चुके थे और मैं उन्हें अपनी हवस का शिकार बनाना चाह रही थी.

मेरे प्यारे अंतर्वासना पाठकों को, मेरे चोदू भाइयों को और मेरी चुदक्कड़ बहनों को अंजलि भाभी का चूत भरा नमस्कार।

मैं जामनगर, गुजरात की रहने वाली हूं।
मैं अपना पूरा परिचय मेरी पिछली कहानियों में दे चुकी हूं।
अब बस इतना बताऊंगी कि मैं बत्तीस साल की शादीशुदा औरत हूं जो चुदाई के लिए हर वक्त बेकरार रहती है।
जो पसंद आए उसका लौड़ा मैं मुंह, चूत, गांड में ले लेती हूं।

मेरा सेक्स लाइफ का एक ही फंडा है- जिसमें मैं एक सेक्स एक्सप्रेस दौड़ाती हूं जो एक जगह रुकती नहीं है और नए नए यात्रियों को अपने ऊपर चढ़वाती रहती है।
मुझे अलग अलग लोगों से चुदवाने से मन की शांति मिलती है और मेरे जिस्म की भूख मिटती है।

मेरी पिछली कहानी
गन्ने के खेत में दो लौड़े चूत गांड में
पढ़कर आप सबने बहुत सारे मेल किए।
मैंने यथाशक्ति उन्हें रिप्लाई देने की कोशिश की।
कइयों ने मुझे मिलने की, चोदने की इच्छा जताई।
लेकिन यह संभव नहीं लगता और अगर हुआ तो देखा जायेगा।

आप सबकी भावनाओं का आदर करते हुए ऐसे ही मेरी कहानियों को प्यार देने की विनती करती हूं।

तो आइए शुरू करते हैं कैसे मैंने अपने हवस एक जवान लौड़े से मिटाई।

मेरे पति के पास टाइम नहीं था; वह सिर्फ पैसा कमाने के पीछे दौड़ता रहता और मैं नए नए लोगों से अपनी आग बुझाने को तड़पती।
अब ये मेरा रूटीन हो चुका था।
एक के बाद एक मैं नए लन्ड लेती गई।
और इसी से मेरा जी भरता।

हमारे घर के सामने वाले घर में एक परिवार है जिसमें पति, पत्नी और उनके दो जवान बेटे!
राधा भाभी घर पे रहती, उनके पति जिग्नेश जी जॉब करते और दोनों बेटे कॉलेज में पढ़ते थे.

उनमें बड़ा था हितेश और छोटा ईशान।
जब मैं अकेली घर में बोर होती तो राधा भाभी के पास जाकर गप्पें लड़ाती।

राधा भाभी अधेड़ उम्र की संस्कारी एकदम घरेलू महिला थी।
मैं कभी कभी उनसे मजाक में चुदाई की बातें करती तो वे शरमा जाती।

लेकिन मेरी नजर थी उनके बेटों पर!
दोनों एकदम जवानी की दहलीज पर थे। एकदम गोरे चिट्टे, उन्नीस इक्कीस की उम्र, ताज़ा ताज़ा ही मूंछ उगने वाली सूरत के!
ज्यादा हट्टे कट्टे नहीं थे मगर 5’6″ हाइट के बांके जवान थे।

जब भी मैं उनके घर जाती तो ईशान यानि छोटा वाला मेरी तरफ देखता और मेरे मम्मे घूरने लगता।
मैं हूँ भी ऐसी हॉट!

ज्यादातर मैं साड़ी पहनती और गहरे गले वाला ब्लाउज जिसमें आगे से मेरे सुडौल स्तनों की झलक दिखती और पीछे से एक ही पट्टी रहती जिससे मेरी पीठ नंगी हो जाती।

34-28-36 की साइज में मैं पतली सी साड़ी में कहर बरपाती।
मैं हमेशा साड़ी को नाभि के नीचे पहनती।
फिट पेटिकोट पहनने से मेरी टाइट जांघों का आकार, मेरे तने हुए तरबूजों से चूतड मुझे और भी मादक बना देता।

ईशान ज्यादातर घर पर ही रहता तो आते-जाते मेरी उसकी मुलाकात होती।

कुछ दिन देखा देखी के बाद मुझे लगा कि ईशान मेरे जाल में फंस सकता है।
क्यों न अब यह कच्चा लन्ड आजमाया जाए!
वह भी एकदम जवान होने लगा था तो उसकी तरफ से ज्यादा आनाकानी न होने का चांस था।

अब जब भी मैं ईशान के सामने जाती, जानबूझ कर उसे शक की नजर से देखती और शरारती मुस्कान दे जाती।

जवाब में ईशान भी मुझे देख कर मुस्कुराता।
मैं अब जान गई कि लोहा गरम है तो हथौड़ा मारने का मजा लेना चाहिए।

आप जानते हैं कि मैं मर्दों को अपने ऊपर हावी नहीं होने देती, बल्कि मैं मर्दों के ऊपर हावी होने वाली औरत हूं।

एक दिन मैं अपनी स्कूटी लेकर बाहर गई हुई थी।
तो आते आते मुझे ईशान घर की ओर चलते जाते दिखा।

मैंने स्कूटी रोककर उसे बैठने को कहा।
वह मेरे पीछे बैठ गया।

अब मैं उससे बातें करने लगी।
मैंने उसे पढ़ाई के बारे में, कॉलेज के बारे में पूछा।

वह भी मुझे सब बता रहा था।

फिर ईशान ने मुझे अपना नंबर मांगा।
मैं सुनकर चौंक गई, ईशान तो मुझसे ज्यादा तेज निकला।

वह मुझे अंजू भाभी बुलाता था।

उसने कहा- अंजू भाभी, मुझे आपका नंबर चाहिए।
मैंने पूछा- क्यों भला?
उसने कहा- अरे दीजिए न मेरी भाभी, आपसे कुछ बात करनी है।
मैंने कहा- क्या बात है? ऐसे नहीं कर सकता?

ईशान बोला- अरे भाभी, हमारी ऐसे बात ही कितनी होती है? मम्मी होती है तो मैं ज्यादा कुछ बोल ही नहीं पाता। दीजिए ना आपका नंबर प्लीज!!
“अच्छा ऐसा क्या बोलना है जो नंबर चाहिए तुझे?” मैं उसके साथ शरारत करने लगी।

उसने रोती सूरत में कह दिया- ठीक है, नहीं देना चाहती तो मत दीजिए।

मैं जान बूझ कर उसे चिढ़ाने में लगी हुई थी।
उसका उतरा हुआ चेहरा देखकर मुझे हंसी आ रही थी।

हम घर तक पहुंचे।
वह उतरते ही मुझसे बिना बात किए निकल गया।
मैंने उसे आवाज लगाई मगर वह गुस्से में नहीं रुका।

मैं भी घर जाकर फ्रेश हो गई और कुछ समय बाद राधा भाभी के घर गई।
भाभी हॉल में टीवी देख रही थीं।

उनसे कुछ बात करने के बाद मैंने ईशान के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि वह अपने रूम में है।
मैंने भाभी को बोला- मेरे मोबाइल का कुछ प्रोब्लम है तो ईशान से ठीक करवाना है।

भाभी ने ईशान को आवाज देकर बुलाया।
मुझे देखकर ईशान बिल्कुल मुंह लटकाए खड़ा हुआ।

मैंने उसे देख कर एक कातिलाना स्माइल दे दी।
उसे मैंने बताया कि मेरा मोबाइल चल नहीं रहा, इसे ज़रा देख लो।

वह मेरे करीब आकर बैठ गया।
मैं उस वक्त ब्लैक स्लेवलेस ब्लाउज और गुलाबी साड़ी में थी।

मैंने साड़ी का पल्लू मेरी कमर के पास पेटिकोट में खोंसा हुआ था। बालों का जूड़ा बांधके एक लट मेरी गाल पर रेंग रही थी।
ईशान का ध्यान मेरे बदन से हट ही नहीं पा रहा था।

मैंने उसे चुटकी लगा कर जगा दिया और डायल पैड ओपन करके मोबाइल उसके हाथ में थमा दिया और उसके तरफ देखती हुई हंस रही थी।
उसका लटका हुआ मुंह एक झटके में बदल गया।
चॉकलेट मिलने से जैसा एक बच्चा खुश होता है बिल्कुल वैसे ही उसके चेहरे पर खुशी थी।

उसने झट से अपना नंबर डायल कर के सेव कर दिया।
उसे पता था कि अंजू भाभी जल्द ही उसे कॉन्टैक्ट करेगी।

अपनी मम्मी के सामने नाटक करते हुए वह बोला- भाभी, ये लीजिए आपका मोबाइल बिल्कुल ठीक हो गया।
मैंने उसे थैंक्स बोल दिया।

फिर मैंने भाभी को बोलते हुए ही ईशान को व्हाट्सएप पर मेसेज कर दिया।
ईशान ने एक पल कि देर किए बिना मुझे स्माइली भेजी।
मैंने उसे रात को बात करने को बोलकर बाय कह दिया।

रात को खाना खाने से पहले ही इशन के मेसेजेस मुझे आये।
मगर मैंने उसे रिप्लाई नहीं दिया।

मैं उसे और उत्सुक करना चाहती थी।
खाना खाने के बाद मैंने उसे मेसेज किया।

वह तो ऑनलाइन ही प्रतीक्षा कर रहा था।
हम बातें करते गए।

उसने सीधा मेरे बदन की तारीफ करना शुरू किया।
मेरी उम्मीद के खिलाफ वह सीधा मुझे मेरी चूचियां, गांड और चूत की बात करने लगा।

मैंने उसे पूछा- अच्छा तो ये बात करनी थी मेरे रोतलू को?
ईशान ने कहा- अंजू भाभी, ये रोतलू क्या है?
“जब मैंने नंबर नहीं दिया था, तब कैसा मुंह हो गया था? पता है मुझे!” मैंने उसे छेड़ते हुए कहा।
“मुझे बात करनी थी आपसे और आप भाव खाने लगी थी।” ईशान बोला।

“मैं और भी कुछ खाती हूं मेरा बच्चा!” मैंने बोल दिया।
“बच्चा नहीं हूं मैं, भाभी!” उसने लाड़ में आकर कहा।

“मैं कैसे मान लूं? मुझे तो तू बच्चा ही लगता है मेला रोतलू!” मैंने उसे छेड़ दिया।
ईशान- कभी मौका देकर देख मेरे सपनों की रानी भाभी, फिर देख ये छोकरा कितना जवान हुआ है।

मैं- अच्छा सपनों की रानी? क्या मैं सपने में आती हूं तेरे?
ईशान- हां, रोज आती है मेरी प्यारी भाभी।

मैं- फिर क्या क्या होता है?
ईशान- फिर क्या मेरी चड्डी गीली हो जाती हैं। और दिन में तुम्हारे नाम की मुठ मारे बिना जी नहीं लगता भाभी जान!

मैं- अच्छा मतलब हाल बेहाल है मेरे रोतलू का?
ईशान- अंजू भाभी, आई लव यू! सिर्फ एक मौका चाहिए यार, बहुत खुश कर दूंगा तुम्हें!

मैंने सोचा अब बच्चे को और सताना ठीक नहीं होगा।
“ठीक है मेला बच्चा … दूंगी मौका तुम्हें!” मैंने जवाब दिया।

इस पर ईशान बहुत खुश हुआ और मुझे लव की ईमोजी भेजने लगा।
जवाब में मैंने भी उसे एक किस का इमोजी भेजा।

ईशान बोलने लगा- भाभी जान आज की रात मेरी सबसे बढ़िया रात है। मैं बहुत बहुत बहुत खुश हूं अंजू भाभी!
मैंने शरारत करते हुए कहा- यानि आज भी चड्डी गीली करनी है मेरे बच्चे को?

ईशान बोला- क्या करूं भाभी जान, आज तो नींद ही नहीं आयेगी शायद!
मैं बोली- तो आ जा मेरे पास लोरी सुना दूं!
“सच में आ जाऊं अंजू भाभी?” उसने झट से कहा।
मैंने कहा- रुको मेरे बच्चे, इतनी जल्दबाजी ठीक नहीं है। सब्र करो, बहुत ही मीठा फल दूंगी मैं तुम्हें।

ईशान ने कहा- ठीक है मेरी जान अंजू भाभी। मगर आज रात का क्या। मुझे तो कंट्रोल नहीं हो रहा। क्या करूं मैं आप ही बताइए?
मैंने कहा- एक तरीका है मेरे पास!
ईशान बोला- जल्दी बोलो भाभी जान, मेरे बदन में आग लगी है।
मैंने उसे कहा- जल्द से अपने बाथरूम में जाओ।

वह उठ कर बाथरूम में गया।
इधर मैं भी अपने बाथरूम में घुस गई।

अब मैंने उसे वीडियो कॉल लगाने को कहा और मोबाइल सामने कैमरा करके रखने को बोला।
उसने भी वैसा ही किया।

अब हम वीडियो कॉल पर थे।

मैंने उसे कॉल म्यूट करने बोला ताकि हमारी आवाज बाहर न आए।

मैं एक पतली सी नाइटी पहनी हुई थी और ईशान शॉर्ट और बनियान में।
मैंने भी मोबाइल का कैमरा आगे सेट किया।

अब हम दोनों एक दूसरे को देख रहे थे।

मैंने उसे इशारा करते हुए अपनी शॉर्ट निकालने को कहा।
उसने शॉर्ट नीचे सरका दी।
तो ईशान का खड़ा लन्ड मेरे सामने नंगा हो गया।

मैं देखकर थोड़ी दंग रह गई।
उसका लन्ड मेरी कल्पना से बड़ा निकला।

छह इंच के करीब होगा और काला और मोटा भी!
उसके लन्ड और टट्टों पर हल्के हल्के बाल थे।

अब उसने मुझे अपनी नाइटी खोलने को कहा।

मैंने नाइटी खोल के नीचे खींच दी, और मेरे नंगे बूब्स उसे दिखा दिए।
मेरे गदराये गोल मटोल मम्मे देख कर वह मुझे फ्लाइंग किस देने लगा।

अब मैंने उसे अपना लन्ड पकड़ कर हिलाने को कहा।
मुझसे सेक्सी बातें करके और मेरी छाती देख कर वह एकदम मस्त हो गया था।

मैं भी उसके सामने अपने चूचे मसलने लगी।
इससे वह और भी ज्यादा उत्तेजित होने लगा।

अब ईशान ने मुझे अपनी चूत दिखाने को कहा।

मैंने कॉल को अनम्यूट करते हुए उसे कहा कि यह तुम्हारा सरप्राइज है और ये मैं बाद में दिखाऊंगी। तुम अपना काम शुरू रखो।

वह थोड़ा सा मायूस हुआ लेकिन फिर उसने मुठ मारना शुरू किया।

कुछ ही देर में वह झड़ने लगा।
बाथरूम की दीवार तक वह पिचकारियां छोड़ कर फारिग हो गया।
उसे झड़ते देख मेरी चूत भी मुझे उकसा रही थी।
मगर मैंने कुछ देर तक अपने आप पर काबू रखा।

हमारी बात खत्म हुई और मैंने वीडियो कॉल बंद करके उसे बाय कह दिया।

इसके बाद क्या कैसे हुआ?
कहानी के अगले भाग में पढ़ें.
तब तक मुझे बताएं कि आपको कहानी रोचक लगी या नहीं?
[email protected]

कहानी का अगला भाग: नादान लड़के का जवान लन्ड- 2

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