वो सात दिन कैसे बीते-3
मेरे पड़ोस की कुंवारी लड़की आधुनिक लड़कियों की भान्ति हर चीज का आनन्द लेना चाहती थी। इसके लिये उसने मुझे चुना। पढ़ें कि कैसे मैं उसे प्रथम चरमोत्कर्ष तक ले गया।
मेरे पड़ोस की कुंवारी लड़की आधुनिक लड़कियों की भान्ति हर चीज का आनन्द लेना चाहती थी। इसके लिये उसने मुझे चुना। पढ़ें कि कैसे मैं उसे प्रथम चरमोत्कर्ष तक ले गया।
भाभी की चुदाई के बाद भाभी ने मुझे बताया कि वो मुझे चाहने लगी है लेकिन अपने पति के शक से डरती हैं। भाभी मुझे रोज फ़ोन करने लगी और एक दिन हम तीनों घूमने गए।
मेरी मकान मालकिन अकेली रहती थी। एक दिन हम दोनों बाइक पर बाजार से लौट रहे थे कि बारिश आ गई तो आन्टी ने रुकने से मना किया, कहा कि आज भीगने का मन कर रहा है।
मेरी भाभी अक्सर अकेली रहती थी क्योंकि भैया बाहर काम करते थे। मैं उनके करीब हो गया था, हम खुल कर बात कर लेते थे। एक दिन मैं भाभी के लिए ब्रा पैन्टी लाया तो भाभी ने पहन कर दिखाई।
मैं और फ़रहान अपनी बड़ी बहन के नंगे बदन से चिपके पड़े थे, वो उनकी गांड चाट रहा था और मैं चूत में उंगली कर रहा था। तभी आपी ने मेरा लंड अपने हाथ में लिया।
मुम्बई में फ़्लैट से सामने की बिल्डिंग में एक जवान आंटी दिखाई दी तो मैं उनकी ख़ूबसूरती में खो गया. उन्होंने भी मुझे देख लिया. कहानी में पढ़ें कि बात कैसे बढ़ी !
पड़ोसन पर्दानशीं लड़की ने मुझे मिलने बुलाया। वो वो सब करके देखना चाहती थी जो उसकी हमउम्र लड़कियाँ करती हैं सिवाये कौमार्य को खोने के! तो क्या हुआ हमारे बीच?
ओनलाइन चैट में मिली एक भाभी ने बताया कि उसके पति की विदेश में नौकरी है। उसने कहा कि मैं उसे अपनी गर्लफ़्रेंड बना लूँ। फ़िर एक दिन भाभी ने मुझे अपने घर बुलाया।
अगले दिन भाभी ने मुझे फ़िर बुलाया तो मैं समझ गया कि भैया भी अपनी बीवी को मुझसे चुदवाना चाहते हैं। मैं भी हूर परी सी भाभी की चूत मारने को बेचैन होने लगा था।
आपकी रंजना की नई चुदाई ट्रक ड्राईवर ने अपने मालिक और उसके दोस्त से करवाई... मैं भी एकदम से तैयार हो गई थी उनसे चुदाने को... कहानी में पढ़ें कि कैसे उन्होंने मुझे चोदा.
आपी ने मेरी मुठ मार मुझे और फ़रहान ने आपी की चूत चाट उन्हें झड़वा दिया। उसके बाद वो चली गई और अगली रात गयारह बजे के बाद आपी हमारे कमरे में आई… तो क्या हुआ?
लखनऊ में मैं अकेला रह रहा था कि दो पड़ोसी लड़कियों से लगभग साथ साथ ही नजरें लड़ी! एक घर के सामने एक दफ्तर में काम करती थी तो दूसरी पड़ोस के घर की पर्दानशीं थी.
मेरी गर्लफ्रेंड मेरे कमरे पर अक्सर चुदाने आती थी. मुझे पता लगा कि वो चालू है तो मैंने कई और गर्लफ्रेंड बना ली. एक दिन पहली गर्लफ्रेंड आई तो मैंने अपनी नई गर्लफ्रेंड को भी बुला लिया.
मैं एक दोस्त के घर अकसर जाता था। वो और उसकी पत्नी मुझसे कुछ ज्यादा ही खुल गए थे। एक रात भाभी के जन्मदिन के बहाने उन्होंने मुझे अपने कमरे में रोक लिया और…
मैं मामी के बदन से खेल रहा था, वो मुझे रोक नहीं रही थी तो मैंने उनकी चूत पर अपना लंड टिकाया ही था कि मामी ने मुझे रोक दिया, अपनी चूत अपने दोनों हाथों से ढक ली.
अब आपी अपने भाइयों यानि मेरे और फ़रहान से बिल्कुल बेपर्दा होकर अपना नंगा हुस्न नुमाया कर रही थी। मैं उन्हें चूम रहा था और फ़रहान उनके नंगे जिस्म से खेलने में लगा था।
मैं अपने लिए पहली चूत की तलाश में इधर उधर मारा मारा फिरता था, किसी भी लड़की को या भाभी को देखकर मैं उसे चोदने के ख्यालों में डूब जाता था। क्या मेरी तलाश पूरी हुई? कैसे?
अपनी बीवी को लेने जाने के लिये ट्रेन में बैठा तो एक लड़की को अपनी सीट पर पाया। उस लड़की से क्या बात हुई, वो मेरी सीट पर क्यों थी, उसके बाद क्या हुआ, जानिए!
अपनी सुहागरात तक मैं बिल्कुल कुंवारी थी, शादी के बाद सुहागरात को मुझे डर था कि क्या होगा कैसे होगा, दर्द होगा. इसी डर के चलते मेरे पति कमरे में आए और!
मैं अपनी मामी को चोदने के जुगाड़ में था, वो मेरे साथ ही सो रही थी पर मेरी गांड फ़ट रही थी कुछ करते हुए… इस कहानी को पढ़ कर देखिये कि मैंने कुछ किया या नहीं?