गली का लड़का मेरी मॉम की चुदाई करता था
सपन ने लौड़ा बाहर खींच लिया और मॉम के दोनों पैरों को फैला दिया.. अब वो मॉम के दोनों पैरों के बीच में आ गया.. मॉम ने अपने पैर बहुत ज्यादा फैला लिए थे।
सपन ने लौड़ा बाहर खींच लिया और मॉम के दोनों पैरों को फैला दिया.. अब वो मॉम के दोनों पैरों के बीच में आ गया.. मॉम ने अपने पैर बहुत ज्यादा फैला लिए थे।
मोहिनी की मम्मी ने उनकी अनुपस्थिति में मुझे उनके घर में रुकने को कहा। मैम और साहब को एयरपोर्ट छोड़ कर मैं उनके घर आया। मोहिनी ने मुझे मेरा कमरा दिखाया।
मुझे जल्दी तुम्हारा लण्ड अपनी चूत में चाहिए। तुम लण्ड पहले मेरी चूत पर रगड़ना.. फिर लण्ड को मेरी चूत में डालना, पहले लण्ड का जो लाल भाग है.. उसे अन्दर डालना।
भाभी ने हाथ पकड़ मुझे जाने से रोक कर दूसरे हाथ से मेरी पैंट की ज़िप खोल कर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया। अब गोरी भाभी ने अपने शरीर पर पड़े तौलिए को भी हटा दिया!
दौड़ते-दौड़ते मैं बिस्तर पर जा गिरा.. वो भी बिस्तर पर आकर मुझसे उलझ गई। लड़ते-लड़ते मेरा हाथ उसकी चूची को टच हो जाता.. मैंने उसको अपने बांहों में दबोच लिया।
आंटी चूत चुदवाने को अधीर थी, मैंने आंटी की कसी चूत के अन्दर लौड़ा घुसाकर उनकी चूत खुली की फ़िर आंटी को अपने ऊपर लेकर निलेश को उनकी गांड में लंड घुसाने को कहा।
मेरा लण्ड अब और इंतज़ार करने को तैयार नहीं था.. मैंने नीलम चाची की कमर के नीचे एक तकिया रख दिया। नीलम चाची ने ख़ुशी से अपने पैर खोल दिए।
अम्मी ने मेरी कुर्ती और सलवार निकाल दी, मेरी बुर को सहलाकर अंकल को दिखाकर बोलीं- देखो जी कितनी चिकनी गुलाबी चूत है.. मेरी रानी बिटिया की.. एकदम कोरी है..
मैं गर्ल हॉस्टल में रहती थी। एक बार लड़कियों ने मुझे ब्ल्यू फ़िल्म दिखाई और मेरे बदन को छेड़ने लगी। मेरी चूत गीली हो गई और उसके बाद… कहानी में पढ़िए, मज़ा लीजिए!!
हाथ तंग होने के कारण मैंने पार्ट टाईम जॉब ली। शाम 6 बजे से 10 बजे रात तक घर पर काम करना था। घर में रहने वाले मात्र तीन लोग थे, एक बॉस.. उसकी वाईफ और तीसरी सदस्य उसकी बेटी मोहिनी थी।
अरे सिर्फ होंठों के ऊपर होंठ रखने से किस नहीं किया जाता.. तुम मेरे होंठों को अपने होंठों में रख कर चूसो। कभी ऊपर के होंठों को.. तो कभी नीचे के होंठों को..
इधर आंटी पर इतनी देर में किसी ने ध्यान नहीं दिया था तो वो अपनी ओर आकर्षण खींचने के लिए अपनी पैंटी उतार कर साड़ी ऊपर करके अपनी चूत सहलाने लगी।
मैं नीलम चाची को घूरता रहता था, मेरी नज़र कभी उनके चूचों की घाटी.. साड़ी के पल्लू के बीच में से उनकी नाभि.. या फिर उनके उठे हुए चूतड़ों पर टिकी ही रहती थी। मैं उनके हुस्न के ख़यालों में खो जाता..
अम्मी के साथ-साथ मेरी चूत को भी लण्ड की ज़रूरत सताने लगी थी, मैंने बेअदबी के साथ अम्मी से कह दिया- मुझे भी वही चाहिए.. जो तुम रात को अपनी चूत में डलवाती हो।
वो तड़प रही थी, बोल रही थी- बहुत दिनों की प्यासी हूँ, आज मेरी प्यास बुझा दो, इनको तो काम से ही फ़ुर्सत नहीं, रात को लेट आते हैं और सबेरे जल्दी चले जाते हैं।
जुबैदा मेरी भाभी लगती हैं दूर के रिश्ते में, भाईजान यानि उनके शौहर कई बार टूअर पर बाहर जाते हैं तो भाभी अक्सर मुझे मौज-मस्ती के लिये बुला लेती हैं, उनके घर में और कोई नहीं है तो कोई दिक्कत नहीं होती।
'हाँ है तो.. और ये तुम्हें लण्ड जैसे शब्द क्यों बोल रहे हो.. तुम्हें शर्म नहीं आती.. मैडम के सामने ऐसे शब्द बोल रहे हो?' अवि- सॉरी मैडम.. गलती हो गई..
नीता बाहर गेट पे खड़ी हो गई मधु पूरी नंगी दौड़ती हुई पहले बाथरूम की तरफ गई जो सेकंड AC के डिब्बे की तरफ था और भागकर दूसरी और आई जिस तरफ से बोगी बन्द होती है।
अपनी मामी, मासी, चाची, बुआ और उनकी लड़कियों के चूचे तो मैंने दबा कर देखे ही थे। एक दो रिश्तेदारों की चूत भी देखी थी। मगर किसी सोई हुई लड़की या औरत की चूत को छूना खतरे से खाली नहीं होता।
अम्मी ने एक बार नीचे उनके लण्ड को देखा और अपनी चड्डी से ढकी चूत उनके लण्ड से टकरा दी। अब वो अपनी चूत वाला भाग लण्ड पर दबा रही थीं।