चुदाई का लाइव टेलीकास्ट

(Chudai Ka Live Telecast)

मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ। मेरा नाम कृणाल है.. मैं भरूच का रहने वाला हूँ। मैं 23 साल का हूँ अभी बीकॉम कर रहा हूँ। मैं पहली बार कहानी लिख रहा हूँ।

ये कहानी तब की है जब मैं अपने मामा से घर से पढ़ाई कर रहा था।
मेरे मामा के घर में मामा-मामी, बा-बापू रहते थे।
गुजरात में नाना-नानी से बा और बापू कहा जाता है।
मेरी बा मुझे बहुत लाड़-प्यार करती थीं।

मामा-मामी बड़ोदा में नौकरी करते हैं इसलिए वहीं रहते हैं और छुट्टियों के दिनों में ही घर आते थे।

घर में 3 कमरे हैं, एक में मैं और बा दूसरे में बापू सोते थे, बा मुझे अपने साथ ही सुलाती थीं।

बा सोते समय अपने ब्लाउज के बटन खोल देती थीं और मुझे अपने सीने से लगा के सोती थीं, मैं उन्हें देखता था।

बा के स्तन बहुत बड़े थे, उन पर काले रंग के बड़े घेरे थे.. और उन पर काले रंग के अंगूर जैसे निप्पल थे।
एक रात को हम सो रहे थे.. लेकिन मेरी नींद खुल गई। मुझे सूसू लगी थी.. मैं बाथरूम जाकर वापस बिस्तर पर आकर सो गया।

मैंने देखा कि बा के स्तन पूरे खुले हुए थे। मैं दस मिनट तक देखता रहा। बाद में मुझे पता नहीं क्या हुआ.. मैं बा के साथ चिपक कर लेट गया।

उनके स्तन मेरे मुँह के सामने थे, मैंने कांपते हाथ को उनके एक स्तन पर रख दिया, मुझे बहुत अच्छा लगा, मेरे पूरे शरीर में कुछ होने लगा।

मैंने दूसरे हाथ को भी दूसरे स्तन पर रखा और निप्पल को छूने लगा।
उनके स्तन इतने मुलायम थे कि क्या बताऊँ।

मैं एक निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा.. दूसरे हाथ से दूसरे निप्पल को मसलने लगा। मैं छोटे बच्चे की तरह चूस रहा था।
देर तक मैंने ऐसा किया और कब सो गया.. मुझे पता ही नहीं चला।

अब ये मामला हर रोज़ चलने लगा।

एक दिन जब मैं पढ़ रहा था और आज नानी बहुत जल्दी सो गई थीं।
मैं जाग रहा था।

करीब 11 बजे मुझे भी नींद आने लगी और मैं भी नानी के पास सो गया।

मुझे नींद लगने ही वाली थी कि मेरे होश उड़ गए।
नाइट लैम्प जल रहा था, मेरे बापू ने मेरे पास आकर मुझे उठाकर साईड में सुला दिया और बा के दूसरी साईड में जाकर लेट गए और बा के दोनों स्तनों को दबाने लगे।

मेरी सांस तेज चलने लगी, मैं सब कुछ देख रहा था।

थोड़ी देर में बा ने अपना ब्लाउज निकाल दिया। उनके मुँह से आवाज़ें निकल रही थीं ‘ससस.. आह आह आह.. उह उह उह हाय..’

तब नाना जल्दी से उठकर बा के ऊपर आ गए और बा के सारे कपड़े निकाल दिए।
बा के मुँह से लगातार सिसकारी निकल रही थी।

नाना जी नानी की टांगों के बीच हाथ डालकर सहला रहे थे। मुझे उस वक़्त सेक्स के बारे में कुछ पता नहीं था।
करीब दस मिनट के बाद नाना बा के ऊपर चढ़ गए और अपने लंड को बा की चूत में घुसाने लगे।

बा ‘हाय हाय.. उउउउ.. हह..’ कर रही थीं। मुझे उस वक़्त कुछ मालूम नहीं था कि अपने लण्ड का इस्तेमाल कैसे करते हैं।

वे दोनों इतनी जोर से हिल रहे थे कि पूरा बिस्तर हिलने लगा।
नानी के स्तन जोर से आगे-पीछे होने लगे।

थोड़ी देर के बाद नाना-नानी पर लेटे रहे.. दोनों बुरी तरह से कांप रहे थे और एक-दूसरे को सहला रहे थे।
मेरा लंड पहली बार खड़ा हुआ था, मैंने अपना लौड़ा पकड़ा.. तो मुझे अच्छा लगने लगा।

मैं आगे-पीछे करने लगा, मुझे कुछ अजीब सा होने लगा।

थोड़ी देर करने के बाद मुझे एहसास हुआ कि लंड में से कुछ निकलने वाला है।
इतने में ही चार-पांच बार फव्वारा सा छूटा.. मेरा हाथ पूरा चिपचिपे रस से भर गया।

यह मेरा पहला हस्तमैथुन था।

मैं कब सो गया.. मुझे पता ही नहीं चला।

सुबह जब उठा.. तो मुझे कुछ अजीब सा लग रहा था। मैं बाद में नहा-धोकर स्कूल चला गया।
मैंने कई बार नाना-नानी को ऐसा करते देखा था।

आज भी मुझे वो दिन याद हैं।

मेरी यह कहानी सच्ची है.. मेरे से लिखने में कुछ भूल हुई हो तो माफ करना और मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर मेल करना।
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