देसी भाभी की रात भर चूत चुदाई
यह कहानी मेरी और पड़ोस की एक चालू भाभी की है! मैं उनके घर गया तो वो मुझे छेड़ने लगी. वो कमरे में गई तो मैं उसके पीछे लग गया. कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे और भाभी के बीच शारीरिक रिश्ते बने!
यह कहानी मेरी और पड़ोस की एक चालू भाभी की है! मैं उनके घर गया तो वो मुझे छेड़ने लगी. वो कमरे में गई तो मैं उसके पीछे लग गया. कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे और भाभी के बीच शारीरिक रिश्ते बने!
लड़की का कमीज उसकी छाती तक उठा हुआ था और उसकी ब्रा भी ऊपर सरकी हुई थी जिससे उसकी चूचियाँ आधी नंगी दिख रही थीं... गोल गोल दूधिया रंग के नुकीले वक्ष थे उसके जो बिल्कुल तने हुए थे।
मैं नौकरी का इंटरव्यू देने गया तो देखा कि वो कोई दफ्तर नहीं कोठी थी. अन्दर गया तो मैडम मिली उन्होंने एक जवान लड़की को मेरा टैस्ट लेने को बोला. वो मुझे बेडरूम में ले गई.
इंस्टिट्यूट में मेरी मुलाकात एक प्यारी सी लड़की से हुई. मैं उसे पसंद करने लगा था.. पर मैंने कभी उसे बताया नहीं। धीरे-धीरे हम दोनों में नज़दीकियां बढ़ने लगी।
लेकिन क्या पता था कि वो अपनी चोर निगाहों से देख रही थी.. और देखे भी क्यों नहीं.. हम कारनामा ऐसा जो कर रहे थे। हम खूब एक-दूसरे के होंठों को चूस रहे थे.. मैं उसकी गर्दन पर भी चुम्बन कर रहा था..
मैं महिलाओं की बॉडी मसाज का काम करता हूँ। अपने काम से मैंने कई मेमों.. गर्ल्स को खुश किया है.. उनके बदन का दर्द हो या चूत का.. दोनों को मैं पूरी मेहनत से दूर करता हूँ।
आगरा की एक विधवा टीचर ने मुझसे सम्पर्क किया अपने प्यासे बदन की अन्तर्वासना शान्त करने के लिए क्योंकि मैं जिगोलो हूँ। कहानी में पढ़िए कि मैंने उसे संतुष्ट किया!
क्या सच में माँ.. अच्छा हुआ तुमने कल हमारी चुदाई की आवाज सुन ली.. तो फिर अब तुम भी भाभी के जैसी मालिश के लिए तैयार हो या नहीं?
अब तक आपने पढ़ा.. फिर 15 मिनट आराम करके उठे.. और मैंने गद्दे को वापस कमरे में रख दिया। अब तक दोनों ने कपड़े भी नहीं पहने थे.. और कपड़े हाथ में लिए ही नीचे आने लगे। मैंने सोनी को गोद में उठाया हुआ था, मैं उसे कमरे में ले गया.. और चुम्बन करने लगा। […]
गर्लफ़्रेंड के साथ ज़िस्म-2 मूवी देखने गया। ढीले कपड़े पहन कर गये थे दोनों, वहाँ हम शुरु हो गए और मेरी गर्लफ़्रेंड ने लन्ड चूसना शुरु कर दिया। इन्टरवल हुआ तो देखा कि पीछे उसकी सहेली बैठी थी।
मैं परीक्षा देने भोपाल गई तो मुझे अपने ममेरे भाई के पास रुकना था। भाई को देख कर मेरे मन मे कुछ कुछ होने लगा और रात को सोने के बाद मैं भाई के बदन पर हाथ फ़ेरने लगी।
अब वो मेरे सामने पूरी नंगी पड़ी थी… मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसके मम्मों को अपने मुँह में भर कर चूसने लगा। फिर पेट पर चूमता हुआ मैं उसकी चूत पर आ गया और चूत को चूसने लगा।
मैंने फिर से अपना हाथ उसके कंधे पर रखा.. इसके बाद वो कुछ नहीं बोली.. तो मैंने आगे बढ़ने का सोचा और अपनी उंगलियों से उसकी जुल्फों को सहलाने लगा।
शन्नो भाभी की आँखें बंद थी और होंठ खुले हुए थे और वो बड़ी मुश्किल से सांस ले पा रही थी लेकिन उसके चूतड़ हर मेरे धक्के का जवाब ऊपर उठ कर दे रहे थे
वह रात मेरे लिए जैसे सपनों की रात थी.. मेरी पसंद का जवान लड़का जो एक असली मर्द था, मुझे उसके साथ सोने का मौका मिला था और उसके वीर्य को चखने का सौभाग्य भी..
मैं माँ के साथ ही खेतों में हगने के लिए जाता था। वहीं सभी गाँव की औरतें भी हगने जाती थीं। हगने के लिए माँ मुझे अपने पास ही बिठाती थीं, हमेशा अपनी माँ की चूत गाण्ड रोज देखता था।
जैसे ही मैंने अपना हाथ उसकी कुर्ती में नीचे से अन्दर डाल कर उसकी ब्रा खोलनी चाही.. तो जैसे ही मेरा हाथ उसकी नाभि के पास पहुँचा.. उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। वो मेरे हाथ को छोड़ ही नहीं रही थी।
परीक्षा भवन के बाहर एक लड़की मुझे भा गई. कॉलेज में भी वो लड़की मुझे दिखी और दोस्ती भी हो गई लेकिन उसने आगे कोई भाव नहीं दिया. एक बार एक रंडी को चोदने का मौक़ा मिला.
बहन की सहेली शीतल की चूत फाड़ कर आनन्द.. वो मेरे कॉलेज में पढ़ती थी, मेरा दिल उस पर आ गया था. वो मेरे घर आती थी. उसके बॉयफ्रेंड ने उसे छोड़ दिया तो मेरा भाग्य जाग गया.
मेरी ट्यूशन स्टूडेंट का बॉयफ्रेंड से ब्रेकअप हो गया, वो खोई खोई सी रहती थी तो उसका मन बहलाने के लिए मैं उससे हर तरह की बात करने लगा, सेक्स की बात भी होने लगी.