चूत एक पहेली -74
एनी के जिस्म पर एक भी कपड़ा नहीं था। उसका बेदाग गोरा बदन देख कर अर्जुन पागल हो गया, खरबूजे जैसे उसके चूचे मक्खन जैसी चिकनी पॉव जैसी फूली हुई चूत देख कर अर्जुन बस कभी उसके चूचे चूसता.. तो कभी उसके मखमली होंठों का रस पीता।
एनी के जिस्म पर एक भी कपड़ा नहीं था। उसका बेदाग गोरा बदन देख कर अर्जुन पागल हो गया, खरबूजे जैसे उसके चूचे मक्खन जैसी चिकनी पॉव जैसी फूली हुई चूत देख कर अर्जुन बस कभी उसके चूचे चूसता.. तो कभी उसके मखमली होंठों का रस पीता।
मेरी नई-नई नौकरी लगी थी.. दफ्तर में एक गोलू नाम का सीनियर कर्मचारी था वो मुझको रोज-रोज घूरता रहता था. मैंने उसकी बीवी को चोदा और मेरे दोस्त ने गोलू की गांड मारी.
मुझे काफ़ी टाइम हो चुका था किसी के साथ करे हुए पत्नी तो 7- 8 साल से ना के बराबर ही रूचि लेती थी, इसलिए मुझे भी सेक्स की भूख तो थी ही और बिना मेहनत के कोई खुद ही राज़ी हो जाए तो फिर तो क्या ही कहना।
तो आप हैं साली साहिबा.. प्रियंका साली..! उधर से जवाब आया- हाँ आपकी चु्दक्कड़ प्रियंका साली.. जीजू आपने मुझे आज बहुत मजे दिए.. बदले में आप मुझसे कुछ भी मांग सकते हैं।
मेरा मकान मालिक अपने बिज़नेस में लगा रहता था और उसकी जवान बीवी के बदन की प्यास नहीं बुझती थी तो उसने मुझ पर डोरे डालने शुरू किये. मैं भी उसके रूप यौवन के जाल में फंस गया!
जैसे ही मैं आयशा के मम्मों चूसने लगा.. तो प्रियंका ने अपना कंट्रोल खोकर मेरे लम्बे मोटे लण्ड को.. गप्प से अपने मुँह में ले लिया। वो मेरे लौड़े को अपने मुँह में भर कर आगे-पीछे करने लगी।
मेरे पति को गये हुए करीब 6 साल हो गये हैं, वो पैसा तो बराबर घर पर भेजते हैं पर एक अकेली औरत का काम सिर्फ़ पैसे से ही नहीं चलता, कुछ और ज़रूरतें भी होती हैं।
वो उतावली हो कर मेरे कपड़े उतारने लगीं और मेरे लंड से खेलने लगीं। जैसे ही मैं उनके हाथ से लंड निकाल कर उनकी चूत पर रखने लगा.. तो उन्होंने मुझे थोड़ा रुकने का इशारा किया।
मेरी बातें सुनकर वो हँस पड़ी.. और बोली की वर्जिन तो मैं भी नहीं हूँ.. फिर तुम्हारी सिम कैसे हो गई? यह सुनकर मुझे लगा कि लड़की चुदने वाली है..
इस सेक्स कहानी का पिछला भाग : ऑफ़िस गर्ल की चुदाई ऑफिस में -1 मैंने आपको बताया था.. मैं और मेघा कार में बैठ कर चल दिए। मेघा की चूत गीली हो गई थी.. शायद बहुत दिनों बाद किसी ने हाथ फेरा था। मैंने कार रोकी और डिक्की खोल कर सन शेड निकाल कर चारों […]
अब तक आपने पढ़ा.. मैं थोड़ा ऐंठता हुआ अपना लण्ड बाहर निकालने लगा और थोड़ा आगे-पीछे करके.. मेरा पानी तेज पिचकारी जैसे उसके मम्मों पर जाकर गिरा.. और फिर धीरे-धीरे पानी को मैंने उसकी नाभि में भर दिया.. उसके पेट का छेद पूरा भर गया और बहते हुए चूत के ठीक ऊपर लकीर बनाते हुए […]
सर की नज़रें मेरी तरफ बार-बार उठ रही थीं। जब मुझे अहसास हुआ कि वो मेरी किताब की बजाए मेरे सीने की तरफ देख रहे हैं.. तो मैंने अपने सीने की तरफ देखा.. तो मुझे पता चला कि वो मेरे लगभग नंगे चूचों को देख रहे थे।
सेक्स की आग से कौन बच पाया है.. सो धीरे-धीरे रिचा ने उसको अपने ऊपर ले लिया और उसका ब्वॉय फ्रेंड भी उसके ऊपर चढ़कर उसके मम्मों को चूसने लगा।
मैं अपने भाई को उसके स्कूल से लेकर आता हूँ, एक आंटी भी अपने बच्चे को लेने आने लगी। वो हर रोज मुझे अर्थपूर्ण नज़रों से देखने लगी। उसने मुझे पटा कर अपने बदन की प्यास बुझाई, इस कहानी में पढ़ें!
मेरे दोस्त के ऑफ़िस की एक तलाकशुदालड़की मुझे अच्छी लगी तो उससे दोस्ती कर ली, मेरा मकसद उसे चोदना भर था। एक दिन मैं उसे अपने ऑफ़िस में ले आया।
उसकी चूत एक उभार लेते हुए ऊपर को उठी हुई मुझको चूसने का लालच देने लगी। मैं जैसे ही उसकी पावरोटी सी फूली बुर को चूसने को हुआ.. तो कूलर के पास से कुछ गिरने की आवाज आई.. और मैं एकदम से रुक गया।
मुझे टयूशन की ज़रूरत महसूस हुई और मैंने ज़िद की कि मुझे भी घर पर टयूटर लगवा दिया जाए। मेरे टयूटर एक स्मार्ट यंग स्टूडेंट थे.. वो दिखने में बहुत शरीफ और मासूम से लगते थे..
पूनम की भाभी को गर्भ नहीं ठहर रहा था तो कम्मो के कहे अनुसार भाभी को सन्तान देने के लिये उनकी चूत चुदाई का कार्यक्रम चल रहा थ कि पूनम के भैया आ गये।
पड़ोस में नई फैमिली आई, छोटी सी फैमिली थी। चाची सांवली थीं.. पर गजब की माल थीं, उनकी चूचियां बहुत बड़ी और आकर्षक थीं, मैं अक्सर उनकी रसभरी चूचियों को घूरता रहता था।
मेरी गर्लफ़्रेंड मुझसे चुदना चाहती थी तो उसकी सहेली, जिसने हमें मूवी हाल में लंड चूसते देखा था, ने उसे आइडिया दिया और मुझे अपने पीजी में अपना भाई बना कर बुला लिया।