सविता भाभी गाँव के तालाब में चुद गई
मैं गाँव के तालाब में नंगा नहा रहा था कि पड़ोस की सविता भाभी कपड़े धोने तालाब पर आई। भाभी झुक कर कपड़े धो रही थी तो उनकी चूचियाँ ब्लाउज़ में से बाहर दिख रही थी। वो तालाब में कैसे चुदी, इस कहानी में पढ़िए।
मैं गाँव के तालाब में नंगा नहा रहा था कि पड़ोस की सविता भाभी कपड़े धोने तालाब पर आई। भाभी झुक कर कपड़े धो रही थी तो उनकी चूचियाँ ब्लाउज़ में से बाहर दिख रही थी। वो तालाब में कैसे चुदी, इस कहानी में पढ़िए।
अपने बदन से कपड़े अलग करके वो मेरे सामने नंगी डांस करने लगी। उसने मेरे करीब आकर अपनी एक टांग मेरे कंधे पर रख दी जिससे मुझे उसकी चूत का नजारा साफ़ दिखने लगा।
झड़ने के बाद वो मेरा सारा माल पी गई और लंड को चाट कर साफ़ कर मेरे बदन पर उंगली फिराने लगी। मैं उठा और उसके लहँगे को घुटनों तक उठा दिया और उसके पैरों को चूमने लगा।
मैं उसकी चूत चाटते हुए उसके पानी के निकलने का इंतज़ार करने लगा। काजल काफ़ी ज़ोर लगा रही थी। काफ़ी ज़ोर लगाने के बाद उस्का पेशाब निकल पड़ा। मैं उसका पूरा मूत पी गया और तब तक पीता रहा..
न कामिनी को इस बात की परवाह थी कि वो अपने पति के सामने एक पराये मर्द से चुद रही है, न मुझे इस बात का डर था कि मैं एक पराये आदमी की बीवी को उसी के सामने उसी के बिस्तर पर चोद रहा हूँ।
रेखा बोली- हाँ मेरी प्यारी बहना जानती हूँ.. कि रंडी लोगों का बिस्तर गर्म करती है। राखी रंडी बनने से मुझे बहुत मज़ा है.. रोज नया लण्ड खाने को मिलता है..
मेरी प्रेमिका मुझसे खूब चुदाती थी. उसकी एक सहेली भी मुझसे चुदाना चाहती होगी, तो उन दोनों ने मिल कर मुझे उसके घर बुलाया. वहाँ क्या हुआ, इस कहानी में पढ़िए !
मैंने शिखा को पूरी सब्जी का कौर खिलाया तो जानकर थोड़ा गिरा दिया जो शिखा के बूब्स पर गिरा। मैं सबके सामने उसके बूब्स के अंदर हाथ डाल के वो आलू निकाल कर खा गया
मेरी दोनों बहनों के चूतड़ों के उभार मस्त दिख रहे थे और चोलियाँ चूचियों तक ही थीं। चोली और लहंगे के अलावा बाकी का भाग नंगा था.. मतलब कमर.. पेट पूरा नंगा था.. मेरा तो फिर से लंड खड़ा हो गया।
‘डान्स पे चान्स मार ले’ गाना आ रहा था। काजल को वो गाना बहुत पसंद था.. इसलिए वो डान्स करने लगी। वो अपने मस्त चूतड़ हिला-हिला कर डान्स कर रही थी। उसको देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था..
मैं राजीव के घर पहुँचा, कामिनी ने ही दरवाजा खोला, ऑरेंज सूट में वो परी सी लग रही थी, दरवाजा बंद करते हुए उसने मुझे धीरे से किस कर लिया, उसके होठों की गर्मी कल से भी ज्यादा थी। लगता था उसकी प्यास और बढ़ गई है।
मैं शमा अपना चुदाई का अनुभव आपके साथ शेयर करने जा रही हूँ। यह मेरी पहली चुदाई नहीं थी.. मेरी ज़िंदगी में आने वाला तीसरा लड़का था। मेरी उम्र उस वक्त 20 साल थी।
मौसी मेरे खड़े लण्ड को हाथ में पकड़ मुझसे पूछने लगी- सोमू, सच बताना, तुम्हारा लण्ड मेरे सामने बार बार क्यों बैठ रहा था? मेरी उम्र के कारण या फिर कोई और कारण?
मैंने कहा- देख कुंवारी चूत तो सिर्फ हम दोनों में से एक को ही मिल सकती है। मेरे चोदने के बाद मैं उन्हें इतना खोल लूंगा कि तू भी आराम से दोनों को चोद पाएगा।
ट्रेन में मिली एक लड़की मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी, जब सब सो गये तो उसने मुझे अपनी बर्थ पर बुला लिया। धीरे धीरे हमारे बदन छू गये और हम दोनों अन्तर्वासना की आग में जलने लगे।
मुझे अपनी बीवी से अलग रहना पड़ रहा था, दोनों अन्तर्वासना की आग में जल रहे थे. मेरे पड़ोस का एक युवक और उसकी पत्नी मेरे मित्र थे और सेक्स की बात खुले आम करते थे.
उसने कहा- देख, मैं पहले भी बता चुका हूँ कि मेरे अंदर ऐसी कोई फीलिंग नहीं है अगर तू मेरे साथ कुछ करना चाहता है तो मुझे उत्तेजित कर और अपना काम कर ले...
वो बोली- हाँ मुझे पता है.. मेरी एक सहेली भी अपने पति से गाण्ड मरवाती है.. उसको भी बड़ा मज़ा आता है.. लेकिन मैं तो तुम्हारे लण्ड से डर रही हूँ इतना बड़ा लण्ड और मोटा भी.. मेरी गाण्ड में कैसे जाएगा.. अगर चला भी गया.. तो दर्द बहुत होगा.. ना बाबा ना..
नेहा सोच रही थी कि इतने सारे लोगों के बीच आखिर उसकी चुदाई कैसे होगी। शिखा सोच रही थी कि नीलेश हो लाये ही क्यूँ। मधु को कोई आईडिया नहीं था कि हो क्या रहा है।
वो अपना मुंह मेरे होंठों के करीब लाकर अपनी गर्म साँसें मेरी साँसों में मिला के बोली- मज़ा आ गया रे विक्की! आखिर तूने मुझे चोद ही दिया ना! कह कर वो मेरे होंठ चूमने लगी।