Latest Sex Stories

मेरा हंसता खेलता सुखी परिवार-4

Mera Hansta Khelta Sukhi Parivar-4 सोनम की चूत खूब गीली हो कर चिकनी हो रही थी, उसने मेरे लिंग के सुपारे को अपने योनि-लबों के बीच में रगड़ कर उन्हें फ़ैलाया और मेरे हल्के से दबाव से मेरा सुपारा अन्दर फ़िसल गया। ‘अओह…हा… आ…अई…’ सोनम ने जोर से एक चीख मारी। उधर से आवाज आई […]

मेरा हंसता खेलता सुखी परिवार-3

Mera Hansta Khelta Sukhi Parivar-3 मैंने उसके चूतड़ों को थपथपाते हुए कहा- तुम बहुत समझदार हो जानम ! तुम उसे हमेशा खुश और संतुष्ट रखोगी ! मैंने उसके होंठों को फ़िर चूमा, बोला- और मैं तुम्हें हमेशा खुश और संतुष्ट रखूँगा ! ‘मुझे पता है पापा… ‘ उसने मुझे कस कर अपनी बाहों में जकड़ […]

मेरा हंसता खेलता सुखी परिवार-2

Mera Hansta Khelta Sukhi Parivar-2 बाहर पहुँचते पहुँचते मैं अपने को रोक नहीं पाया और जैसे ही सोनल चाय स्टूल पर रखने के लिए झुकी, मैं अपनी दोनों हथेलियाँ उसके कूल्हों पर टिकाते हुए बोला- नाइस बम्स ! इसी के साथ मैंने अपनी दोनों कन्नी उंगलियाँ कूल्हों की दरार में दबा दी। ‘ओह पापा ! […]

मेरा हंसता खेलता सुखी परिवार-1

मेरा नाम अरविन्द है, मेरी उम्र 50 वर्ष, पिछली पीढ़ी का व्यवसायी और एक विधुर हूँ। मेरी पत्नी माधुरी की कैंसर के कारण जल्दी मृत्यु हो गई थी, वह मुझे तीन बच्चों, बड़ी बेटी प्रियंका (अब 27), मेरा बेटा नील (अब 25), और छोटी बेटी अनुष्का (अब 22) का पालन-पोषण अकेले ही करने के लिए […]

कामवाली का काम कर डाला

On 2011-05-06 Category: नौकर-नौकरानी Tags:

लेखक : हर्ष कपूर दोस्तों और चाहने वालों को नमस्कार। यह मेरी पहली कहानी है। मैं जबलपुर, मध्यप्रदेश का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 26 साल है और मैं एक बड़े स्कूल में टीचर हूँ। यह कहानी आज से 6-7 महीने पहले की है जब मेरे मन में वासना के तूफ़ान उठने शुरू हुए। मैं […]

सभी को मौका मिलता है

On 2011-05-05 Category: चुदाई की कहानी Tags:

प्रेषक : रौनक मकवाना मेरा नाम रौनक है, मैं मुंबई का रहने वाला हूँ। यह कहानी मेरे सपनों और मेरी हकीकत की हैं। आशा करता हूँ आप सभी पाठकों को मेरी कहानी पसंद आए। मैं स्कूल तक तो बहुत ही भोला और पढ़ाकू किस्म का लड़का था, पर कॉलेज में आते ही मेरी दोस्ती कुछ […]

31 दिसम्बर की रात

On 2011-05-04 Category: कोई मिल गया Tags:

प्रेषक : अमित कुमार यह कहानी बिल्कुल सच्ची है। मेरा काम कंप्यूटर ठीक करने का है। 31 दिसम्बर की शाम आठ बजे के बाद मेरे पास एक कॉल आया, एक लड़की बोली- भैया, आप कंप्यूटर वाले भैया बोल रहे हो ना? मैं बोला- हाँ बोल रहा हूँ। वो बोली- भैया, मैं सेक्टर 40 से डिम्पल […]

मामा ने सफ़ाई की

मेरा नाम मेहराना है। अभी मेरी उम्र 24 साल की है। अभी तक अविवाहित हूँ लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मेरी चूत भी कुंवारी है। यह तो बहुत पहले ही चुद चुकी। तब मैं पढ़ती थी। उस दिन घर में मेरी अम्मा भी नहीं थी। मैं और मेरा भाई जो मुझसे 5 साल छोटा […]

अजनबी संग मजा चुत चुदाई का

आपकी शालिनी राठौर आपके लिए एक बार फिर से अपनी मस्ती की दास्ताँ लेकर आई है. भूले तो नहीं ना मुझे? आया कुछ याद? हाँ जी आपकी वही शालिनी भाभी जयपुर वाली.

मेरे प्यार की मुहर

On 2011-05-01 Category: चुदाई की कहानी Tags:

प्रेषक : राजवीर सिँह प्रेम मैं राजवीर सिँह मध्य प्रदेश का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 22 साल है। मेरा कद 6’2″ है। मेरा लंड 7″ का है। रंग गोरा है। मैँ बहुत समय से अन्तर्वासना का पाठक हूँ। बात आज से 2 माह पहले की है। एक दिन मुझे मेरी गर्लफ्रैंड श्रुति का फोन […]

मेरे इम्तिहान की तैयारी

On 2011-04-30 Category: गुरु घण्टाल Tags:

हेलो, मैं हूँ गोपी ! जी हाँ, मैं ही हूँ आपकी जानी पहचानी नाजुक सी, सदा खिलखिलाती सी गोलू मोलू सी गोपी भाभी ! मैं आज आपको अपने कालेज के दिनों की एक मस्त कहानी सुनाने जा रही हूँ.. कि कैसे मैंने बिना पढ़ाई किए इम्तिहान पास किया, मुझे तो बचपन से ही यह कला […]

शराब और शवाब

On 2011-04-29 Category: नौकर-नौकरानी Tags:

दोस्तो, मैं आपको एक चुदाई का किस्सा सुनाता हूँ… चुदाई की यह कहानी सुनकर आप का लंड और मुंह तो गीला होना तय है… मैंने कुछ ही दिन पहले अपना कमरा चेंज किया था… काफ़ी अरसे बाद घर में ऊल-ज़ुलूल नौकरानियों के स्थान पर एक बहुत ही सुंदर और सेक्सी नौकरानी काम पर लगी, 22-23 […]

तेरी याद साथ है-16

On 2011-04-27 Category: पड़ोसी Tags:

प्रेषक : सोनू चौधरी रिंकी ने एक नज़र आईने पे डाली और उस दृश्य को देखकर एक बार के लिए शरमा सी गई। मैंने अपने हाथ आगे बढ़ा कर उसकी चूचियों को फिर से थामा और उसकी गर्दन पर चुम्बनों की बरसात कर दी। रिंकी ने भी मेरे चुम्बनों का जवाब दिया और अपने हाथ […]

तेरी याद साथ है-15

On 2011-04-26 Category: पड़ोसी Tags:

प्रेषक : सोनू चौधरी उह्ह्ह…जान, थोड़ा धीरे करना…तुम्हारा लंड सच में बहुत ज़ालिम है, मेरी हालत ख़राब कर देगा।” रिंकी ने डरते हुए अपना सर उठा कर मुझसे कहा और अपने दांत भींच लिए। उसकी चूत सच में बहुत कसी थी। अब तक जैसा कि मैं सोच रहा था कि उसने पहले भी लंड खाए […]

तेरी याद साथ है-14

On 2011-04-25 Category: पड़ोसी Tags:

प्रेषक : सोनू चौधरी “रिंकी ने देरी नहीं की और उठ कर मेरे दोनों पैरों के बीच आकर मुझ पर लेट गई। उसका नंगा बदन मेरे नंगे बदन से चिपक गया। मेरा लंड अब भी सख्त था और ठुनक रहा था। रिंकी ने मेरे लंड को अपने हाथों से नीचे की तरफ एडजस्ट किया और […]

तेरी याद साथ है-13

On 2011-04-24 Category: पड़ोसी Tags:

प्रेषक : सोनू चौधरी “जैसे ही उसने अपनी जीभ का स्पर्श मेरे सुपारे से किया मेरे लंड ने एक जोर का ठुनका मारा और एक प्यारी सी काम रस की बूँद बिल्कुल ओस की बूँद की तरह मेरे लंड के मुँह पे आ गई। उस बूँद को देखकर रिंकी ने एक मुस्कान भरी और अपनी […]

तेरी याद साथ है-12

On 2011-04-23 Category: पड़ोसी Tags:

प्रेषक : सोनू चौधरी “दोनों बहनें बिल्कुल समझदार हैं…समय गँवाने का चांस ही नहीं रखतीं।” मैंने मन ही मन सोचा और अपने हाथों को उसकी स्कर्ट के अन्दर डालने लगा। मैंने उसकी जांघों को सहलाते हुए उसके पिछवाड़े पे अपना हाथ रखा… “उफ्फ्फ्फ़…कितनी चिकनी थी उसकी स्किन ! मानो मक्खन मेरे हाथ में है।” मेरे […]

तेरी याद साथ है-11

On 2011-04-22 Category: पड़ोसी Tags:

प्रेषक : सोनू चौधरी मैंने उस वक़्त एक छोटी सी निकर पहनी हुई थी जो कि मेरे जांघों के बहुत ऊपर तक उठा हुआ था। जब रिंकी ने अपने हाथ रखे तो वो आधा मेरे निकर पे और आधा मेरी जांघों पे था। मेरी टांगों पे ढेर सारे बाल थे। रिंकी ने अपनी उँगलियों से […]

तेरी याद साथ है-10

On 2011-04-21 Category: पड़ोसी Tags:

प्रिया ने भी मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूमते हुए कहा,”ठीक है मेरे स्वामी, अब मैं जाती हूँ। लेकिन कल हम अपना अधूरा काम पूरा करेंगे।” और मुझे आँख मार दी। उसने अपनी किताबें और नोट्स उठा लीं और जाने लगी। जाते जाते वो मुड़ कर मेरे पास वापस आई और बिना […]

खुली आँखों का सपना-2

On 2011-04-20 Category: गुरु घण्टाल Tags:

खुली आँखों का सपना-1 पहले भाग में मैंने अपने स्कूल टाइम की बात बताई थी कि कैसे मैंने आशा मिस को चोदा था. उसके बाद भी कई बार उनको चोदा, लेकिन कविता मिस को एक बार भी कुछ नहीं कर पाया. स्कूल से निकलने के बाद भी कविता से बात नहीं हो पाई. सब कुछ […]

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