मुम्बई के सफ़र की यादगार रात-5
लेखक : सन्दीप शर्मा उस वक्त वो क्या गजब की लग रही थी ! मैं शब्दों में नहीं बता सकता पर उस वक्त मैंने उसे कुछ लाइनें कही थी जो आज भी जहन वैसी ही ताजा हैं: कुदरत का कमाल है, या जन्नत की हूर है तू, चमकते हीरों के बीच, में जैसे कोहेनूर है […]