ट्रेन का स्टाफ और मैं अकेली
आज मैं आपको एक और जोरदार चुदाई का किस्सा सुनाने जा रही हूँ, ट्रेन का सफर था और मुझे अकेले ही जाना था इसलिए मेरे पति ने प्रथम श्रेणी एसी में मेरे लिए रिज़र्वेशन करवा दिया था.
आज मैं आपको एक और जोरदार चुदाई का किस्सा सुनाने जा रही हूँ, ट्रेन का सफर था और मुझे अकेले ही जाना था इसलिए मेरे पति ने प्रथम श्रेणी एसी में मेरे लिए रिज़र्वेशन करवा दिया था.
प्रेषक : वरिंदर “हाय जीजू ! आपका बहुत बड़ा है ! क्या लौड़ा पाया है आपने ! मोना की तो चांदी है !” मेरा पूरा लौड़ा जब घुस गया तो वो उठकर उठ उठ कर चूत मरवाने लगी- हाय जीजू ! और तेज़ मारो मेरी ! आज मुझे दिल खोल कर फक करो ! “साली, […]
प्रेषक : वरिंदर वो जाकर बिस्तर पर गिर गई, मैंने भी वक़्त गंवाए बिना उसको दबोच लिया वहीं बिस्तर पर ! मैंने उसकी ब्रा भी उतारी, उसके मम्मे अकड़े पड़े थे। जैसे-जैसे मैंने दबाये, वैसे-वैसे वो कोमल होने लगे, मतलब एक मर्द का हाथ ही उन्हें नर्म कर रहा था। मैंने उसके चुचूक दिल भर […]
प्रेषक : वरिंदर बेहद छोटा सा हल्का गुलाबी टॉप, केप्री टाइप छोटा सा लोअर वो भी बारीक सा। उसकी काली पैंटी साफ़ साफ़ दिख रही थी और ब्रा भी। उसकी चूचियाँ किसी भी मर्द को दीवाना कर देती। क्या हुआ जीजू? मुझमें खो गए क्या? पकड़ो, पैग पियो ! थोड़ी देर में बात करेंगे ! […]
गुरुजी, आपका बहुत बहुत धन्यवाद कि आपने पहले पिंकी को चोदने की, मेरी साली पिंकी फिर उसकी बेटी सोनिया को चोदने की पिंकी की बेटी सोनिया मेरी सच्ची कहानी सब के सामने रखी। मेरा साली-प्रेम कुछ ज्यादा है, तो मैं हाज़िर हूँ लगे हाथ छोटी साली की चुदाई की खानी लेकर ! जब वो भारत […]
चाचा का उपहार-1 तभी चाचा ने दरवाज़ा खटखटाया तो चाची एकदम मुझसे अलग होकर खड़ी हो गई। चाचा आकर हमारे पास बैठ गया और बोला- बेटा राज… हमारे माल पर ही हाथ साफ़ करने का इरादा है क्या…? यह मत भूलो बेटा कि यह तुम्हारी चाची है.. मैं वहाँ और देर नहीं बैठ सका। चाचा […]
चाची ने मेरे लण्ड को हल्के से छू लिया। मैंने अपने होंठ चाची के होंठो पर रख दिए। मैं किस करते करते चाची की चूची मसल रहा था। तभी चाचा ने दरवाज़ा खटखटा दिया और...
कैसे हो दोस्तो! मैं बड़ौदा, गुजरात का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 22 साल है। मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ, मैंने आपकी बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं। गुजरात में नवरात्र (गरबा) का त्यौहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, पूरे संसार में मशहूर है। मैं अपने दल के साथ यूनाइटेड वे ऑफ़ बरोदा […]
प्रेषिका : लक्ष्मी कंवर मेरा देवर नरेन्द्र बहुत ही सीधा सादा और भोला भाला था। मैं तो प्यार से उसे नरेन् कहती थी। आप जानते हैं ना, इसी सादगी पर तो हम हसीनाएँ मर मिटती हैं। जो हमें लिफ़्ट देता है, हमारी चूत के पीछे भागता है उन्हें घास डालने में मजा नहीं आता है। […]
प्रेषक : अमित नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम अमित है, मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। बहुत दिनो से सोच रहा था कि अपनी भी कहानी आप लोगों के सामने प्रस्तुत करूँ पर हिम्मत नहीं कर पा रहा था। पर मेरे दोस्त के समझाने पर मैं अपनी कहानी आपके सामने रख रहा हूँ। यह कहानी शुरू […]
प्रेषक : हैरी बवेजा उसने मेरी कमर पर अपनी टाँग रख दी और मुझसे लिपट कर सोने लगी। मैंने कहा- यह क्या कर रही हो? उसने कहा- जीजाजी, मैं तो ऐसे ही सोती हूँ ! अपने घर में भी और दीदी को भी ऐसे ही पकड़ कर सोती हूँ ! मैंने कहा- ठीक है ! […]
प्रेषक : हैरी बवेजा मेरा नाम हैरी है, उम्र 28 साल है, जालंधर का रहने वाला हूँ। यह मेरी सच्ची कहानी है कि मैंने कैसे अपनी साली की चुदाई की। बात उन दिनों की है जब मैं अपनी पत्नी की मामी के घर पटना गया था। उनकी एक लड़की है वो मुझसे बहुत बातें और […]
प्रेषक : गुल्लू जोशी शीला और उसका पति विनोद एक शहर में किराए के घर में रहते थे। शीला की बहन मंजू पास के गाँव में नौकरी करने के कारण वो अक्सर अपनी बहन शीला के पास ही आ जाया करती थी। मंजू अभी तक कंवारी थी। वे तीनों रात को काफ़ी देर तब बतियाते […]
प्रेषक : वरिंदर इस वक़्त वो बहुत कम कपड़ों में थी, मैंने उसको गुदगुदी करनी चालू की। मौसा जी ! क्या ना ? आपको हर पल मस्ती आई रहती है ! तू है ही इतनी मस्त कि मस्ती करने को दिल होता है, जब से कनाडा होकर आई हो, कुछ ज्यादा मस्त होकर आई हो […]
वो बहुत खुश थी, मैं जानता था कि उसको क्या चाहिए – आजादी ! वो बहुत खुश हुई। मैंने उसको गुदगुदी निकाली, वो भागी और आज बेडरूम की तरफ भागी, जाकर बैड पर गिर गई। मैंने उस पर छलांग लगाई और उसकी जांघों पर बैठ गया और उसकी बगलों में हाथ घुसा कर गुदगुदी करने […]
मेरी साली पिंकी-3 से आगे पता नहीं साली किस मिट्टी से बनी थी, मैंने पूरा उतार दिया और रगड़ने लगा। साथ साथ वो खुद अपनी चूत के दाने को मसल रही थी और मैं उसकी चूचियों को और गाण्ड को दबा कर चोद रहा था। पूरी रात हमने नज़ारे लूटे ! सुबह जब उसकी आँख […]
वो मेरे होंठ चूसने लगी। मैंने भी अपना पूरा सहयोग दिया। मैंने उसको उल्टा लिटा लिया और उसकी गर्दन से चूमता हुआ नीचे आता गया और फिर धीरे से उसकी ब्रा की हुक खोल दी।
मैंने अपनी टीशर्ट उतार फेंकी, उसको अपनी और घुमाया उसके होंठ चूम लिए। मेरी बांह उसकी कमर पर चली गई, वहाँ से झटका देकर उसको अपने साथ चिपका लेता- पिंकी, तुम बहुत खूबसूरत दिख रही हो!
वो मुझसे लिपट गई, उसकी छाती का दबाव जब मेरी छाती पर पड़ा, मैं तो पागल होने लगा, अपनी बाँहों को पीछे ले जाकर उसकी पीठ पर कसते हुए मेरा हाथ जब उसके ब्लाऊज़ के ऊपर नंगे जिस्म पर लगा, उसने खुद को और कस लिया।