ज्योतिषी की सलाह-1
हमारी योजना कामयाब हो गई! तुम्हारे चक्कर का चक्कर चल गया और तुम्हारी माँ मुझसे चुदने के लिए तैयार है और रश्मि की चुदाई तुमसे करवाने के लिए तो वो कुछ भी करेगी।
हमारी योजना कामयाब हो गई! तुम्हारे चक्कर का चक्कर चल गया और तुम्हारी माँ मुझसे चुदने के लिए तैयार है और रश्मि की चुदाई तुमसे करवाने के लिए तो वो कुछ भी करेगी।
दोस्तो नमस्कार, आप सबको मेरी कहानी बहुत पसंद आई और आप सबकी मेल भी मुझे मिली और कुछ दोस्तों ने आगे की कहानी मांगी तो यह है आगे की कहानी : उसके बाद मेरी नौकरी एक बहुराष्ट्रीय कंपनी पुणे महाराष्ट्र में लग गई और मैं लगभग दो साल तक वहाँ रहा। दोस्ती तो कई लड़कियों […]
हाय दोस्तो, मै जय कुमार, काल-बाय, रंग साफ, कद कद 5 फीट 8 इन्च, एकदम से स्लिम, दिल्ली में रहता हूँ। एक बार फिर नई कहानी के साथ आया हूँ जो एक हकीकत है। मुझे एक दिन रणजीत ने कहा- यार जय ! आपके के लिये एक बहुत ही बढ़िया आफर है आप मेरे से […]
वो बिस्तर पर कूद गया और पागलों की तरह मेरे मम्मे चूसने लगा, कभी चुचूक चूसता, काट देता! मैंने भी उसके अंडरवीयर को उतार फेंका, लौड़े को पकड़ मुठ मारने लगी।
उसने मुझे बाँहों में लेकर खूब चूमा, मेरी कुर्ती उतार दी फिर उसने ब्रा खोल मेरे अनछुए चुचूकों को चूसा और फिर जमकर मेरे होंठों का रसपान किया।
मेरी उम्र बीस साल की है, मैं बी.ए प्रथम वर्ष की छात्रा हूँ। वैसे तो मेरे इस वक़्त कई बॉयफ्रेंड हैं और मैं सबको एक साथ सम्भालना भी जानती हूँ। हर किसी को उसकी जगह पर रखना मुझे खूब आता है। क्या करूँ बचपन भी एक चालू से माहौल में बीता, फिर स्कूल में ही चालू लड़कियों से मेरी दोस्ती हो गई।
जब मैं उसकी चूचियों को देखता तो वो मुस्कुरा देती, इससे मेरा हौसला और बढ़ रहा था। मैंने फिर अपना पैर कम्बल के अंदर उसके पैर से धीरे से सटाया तो वो कुछ नहीं बोली और मुस्कुरा दी।
प्रेषक : उदय मेरे प्यारे दोस्तो, मुझे यकीन है कि आप मुझे भूले नहीं होंगे, मेरी पिछली कहानी मैं और मेरी शालू आपने पढ़ी होगी। तो दोस्तो, अब मैं अपनी नई कहानी लेकर आया हूँ अपने दोस्त की जिसका नाम लांघा है, लांघा भी मनाली में रहता है, बहुत बड़ा रंडीबाज़ है वो ! क्या […]
दोस्तो, आप सबकी उम्मीदों पर खरी उतरने के लिए वंदना फिर हाज़िर है ! चलो दोस्तो, मेरी रंगीन रात की बंद कमरे की कहानी आप सबके लिए मेरी अपनी जुबानी ! बोले- मैडम, माफ़ करना सिर्फ आधे घंटे का वक़्त दो, हम ज़रा घर होकर वापस आते हैं। खाना मत बनाना, लेकर आयेंगे ! दारु […]
मेरी दो कहानियाँ एक अरसा पहले प्रकाशित हो चुकी हैं। कम्प्यूटर लैब में तीन लौड़ों से चुदी कंप्यूटर लैब से चौकीदार तक उसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए अब उनसे आगे : दोस्तो, आप सब ने मेरी दोनों कहानियों को बेहद प्यार, सतिकार दिया है। कई लोगों से मेरी बात हुई, फ़ोन नंबर लेकर लोगों […]
प्रेषक : लवर बॉय मेरी पहली कहानी मै आपके लिए पेश कर रहा हूँ, मै 23 साल का लड़का हूँ, मुम्बई के पास के पालघर तालुका में रहता हू। मेरा घर गांव में है। यह कहानी दो साल पहले की है। मेरे घर में हम सब संयुक्त परिवार में रहते हैं। मेरे चाचा ने छोटे […]
जीजा साली चुत चुदाई कहानी का पिछला भाग : जीजू संग खेली होली-1 सवेरे से ही मेरा मन बहुत खुश था। आज चुदना जो था। मैं किसी ना किसी बहाने जीजू के कमरे में आती जाती रही। मैंने आज बहुत ही तीखा मेकअप किया था। आंखो के किनारों को काजल से और सुन्दरता दे दी […]
मैंने सबसे पहले गुड्डी की चूत में लंड पेल दिया और साली की चूत में अपनी चारों ऊँगली डाल दी। दोनों ही जबरदस्त तरीके से गांड मटका मटका का मजा ले रहीं थीं।
मेरी उम्र 26 साल की हो गई, पर अभी तक मेरे लिये कोई भी लड़का पापा ने नहीं देखा। वो इस बात को समझने के लिये तैयार ही नहीं हैं कि अब मैं अब बड़ी हो गई हूँ और मेरी चूत में भी खुजली होती है। मेरी बहन की तो 22 वर्ष में ही शादी […]
प्रेषक : प्रवीणा मैं प्रवीना अपने समलिंगी सेक्स के अनुभव भेज रहा हूँ। मुझे अपने समलिंगी होने का एहसास तब हुआ जिस वर्ष मैं एक इंजिनीयरिंग कालेज के लिए चुना गया और मुझे उस कालेज के होस्टल में रहने के लिए जाना पड़ा। मैं पहली बार अपने घर से दूर आ गया था। वहाँ हर […]
प्रेषिका : निशा भागवत रोमा शादी होने के बावजूद भी अकेली रहती थी। उसके पति कुवैत में सुनार का काम करते थे, पैसे की उसे कोई कमी नहीं थी। रोमा और उसके सास-ससुर घर पूर्वी हिस्से में रहा करते थे। नीचे का अधिक हिस्सा उसी के पास था। उसके सास ससुर उसकी तरफ़ नहीं आते […]
प्रेषक : साहिल भार्गव क्या आपको लगता है कि मैं सुंदर हूँ? क्योंकि मेरे प्रेमी ने मेरी सबसे अच्छी सहेली (जैसा कि मैं उसके लिए सोचती थी) के साथ मिल कर मुझे धोखा दिया। मैं समझ नहीं पाई कि क्यों ? मैंने उसे हर वो चीज दी जो भी वह चाहता था ! यहाँ तक […]
उसकी फुद्दी पहली बार किसी ने चाटी थी, वो बहुत खूबसूरत थी और मैं जब उसकी फुद्दी चाट रहा था वो मछली की तरह तड़प रही थी और साथ साथ मुँह से सेक्सी आवाजें ऊं अः आह निकाल रही थी।
वापस आने पर मैंने उसकी साड़ी और पेटीकोट को निकाल दिया। अब वह बिल्कुल नंगी थी। उसकी झांट के कटे हुए बालों के झरोखे से उसकी चूत नजर आ रही थी। मैंने उसकी चूत के पर्दों को उँगलियों से फैला के अलग किया!
प्रेषक : अमन वर्मा कब शाम हो गई पता ही नहीं चला। रात को मैं जब आंटी के कमरे में पहुँचा तो दंग रह गया। पूरे कमरे में खुशबू फ़ैली हुई थी। गुलाब की खुशबू वाला रूम फ्रेशनर छिड़का हुआ था। बिस्तर पर गुलाब के फ़ूल बिखरे पड़े थे और सफ़ेद रंग की चादर बिछी […]