टेंशन दूर हो गया-1
लेखिका : कामिनी सक्सेना मैं दिन भर घर में अकेली होती हूँ। बस घर का काम करती रहती हूँ, मेरा दिल तो यूँ तो पाक-साफ़ रहता है, मेरे दिल में भी कोई बुरे विचार नहीं आते। मेरे पति प्रातः नौ बजे कार्यालय चले जाते हैं फिर संध्या को छः बजे तक लौटते हैं। स्वभाव से […]