देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-8
प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए किरण तो परम आन्न्द प्राप्त कर निढाल सी लेट गई थी, इधर मेरा लण्ड थोड़ा मुर्झाया सा लटक रहा था जैसे किसी बच्चे को बिना वजह डांटा गया हो और वो गर्दन झुकाए खड़ा हो। मैंने किरण से अपने लण्ड की तरफ इशारा करते हुए कहा- देखो इसे […]