मेरी मुनिया खूब लंड खाएगी !

दोस्तो,
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। यहाँ लिखी कहानियाँ पढ़ कर औरतों को लेकर मेरे नजरिये में काफी बदलाव हुआ है।

यहाँ कई महिलाओं के अनुभव पढ़ कर मुझे ज्ञान हुआ कि शादीशुदा महिलाओं में भी सेक्स की वासना कम नहीं होती। मेरी कहानी भी एक शादीशुदा महिला की है, जिसने मुझे जिगोलो बनाया, अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है, उम्मीद है कि आपको पसंद आएगी।

मेरा नाम अमन कुमार, उम्र 20 साल, लुधियाना का रहने वाला हूँ, शरीर पतला है पर लंड तगड़ा है।

कुछ महीने पहले की बात है, मुझे मेरे बॉस ने कुछ कागजात दिए जो मुझे उनकी किसी परिचित महिला को देने थे। बॉस ने मुझे उसका नंबर दिया और मिलकर कागजात देने को कहा, मुझे इस काम में कोई रूचि नहीं थी क्यूँकि मुझे लगा कि वो कोई बूढ़ी महिला होगी।

मैं उसको मिलने गिल चौंक पहुँचा और उसका इन्तजार करने लगा। कुछ समय बाद एक जवान और सुन्दर महिला मेरे पास आई और पूछा- क्या आप अमन हैं?
मैंने कहा- जी हाँ!

उसने अपना नाम निशा अरोड़ा बताया और कहा कि मुझे उसको ही कागज देने हैं। यकीन मानिये दोस्तो, वो मेरी कल्पना से कहीं अलग बहुत ही ज्यादा सेक्सी औरत थी और उसके चूचे तो पहाड़ की तरह ऊँचे थे। उसे शायद लग गया कि मैं उसके चूचों को घूर रहा हूँ तो उसने कहा- देखिये, मुझे देर हो रही है, जल्दी से पेपर्स दे दो।

उसके चले जाने के बाद मैंने अपने आप को बहुत कोसा, कम से कम उस पर ट्राई तो करना चाहिए था। पर ‘तब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत!’

मैंने भी अपनी बाइक उठाई और घर की तरफ चल दिया।
रास्ते में ही मुझे फ़ोन आया, मैंने पिक किया तो यह उसी निशा का फोन था, मैंने पूछा- क्या हुआ मिस? कोई कागज कम है क्या?
उसने कहा- नहीं, ऐसे ही फोन किया था कि आप घर पहुँच गए!
मैंने कहा- नहीं!
“तो आप घर पहुँच कर कॉल करना, ओके!”
“ओके!”

मेरा दिल तो उछलने लगा था क्यूँकि मेरी तो बिन मांगे मन की मुराद पूरी होने वाली थी।
मैंने घर पहुँच कर उसे फ़ोन किया- हेलो मिस! अब बताइए?
“आप मुझे मिस क्यूँ कहते हैं?”
“सोहणी ते जवान कुड़ियाँ नु मिस ही कहंदे याँ!” (सुन्दर और युवा लड़कियों को मिस ही कहते हैं।)
वो चुप हो गई, फिर थोड़ी देर हमने इधर उधर की बातें की और उसने फ़ोन काट दिया।

रात को मुझे उसका मेसेज आया- मुझे तुम्हें कुछ बताना है!
मैंने जवाब दिया- हाँ बताओ ना?
“मैं शादीशुदा हूँ!”
“फिर भी मुझसे रात को बात कर रही हो? क्यूँ?”
“पहले यह बताओ कि तुम्हें कोई प्रॉब्लम तो नहीं होगी अगर मैं तुम्हारी गर्लफ़्रेन्ड बन जाऊँ?”
“मुझे तो कोई प्रॉब्लम नहीं होगी पर तुम तो शादीशुदा हो, फिर क्यूँ?”
“थेंक यू सो मच! वो मेरे पति मुझे संतुष्ट नहीं कर पाते न इसलिए!”
मुझे अपना काम बनता हुआ दिखा, हम दोनों फोन पर काफी खुल कर बातें करने लगे।

एक दिन मुझे उसका फोन आया- आज मुझे शॉपिंग करनी है, क्या तुम मेरे साथ आओगे?
“हाँ क्यूँ नहीं! कहाँ आना है?”
“वेस्टएंड मॉल आ जाओ।”

मैं भी थोड़ी देर में मॉल पहुँच गया, वो मेरा इंतजार कर रही थी, क्या जबरदस्त माल लग रही थी! टाईट गुलाबी टॉप और ब्लू जींस में तो उसके चूचे मानो बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे।

मैंने भी सोच लिया कि आज तो इसको चोदना ही है, मॉल में उसने काफी शॉपिंग की, उसके बाद वो एक महिला स्टोर में गई और अपने लिए ब्रा-पैंटी पसंद करने लगी, तीन सेट निकाल कर मुझसे पूछा- कौन सा लूँ?

मैंने कहा- पहन कर दिखाओ, तब बताऊँगा!
“आज घर में कोई नहीं है, वहाँ जितना मर्जी, उतना देख लेना!”
मेरा लण्ड तो उसकी बात सुन कर ही सलामी देने लगा।

कुछ देर बाद हम उसके घर के लिए निकले। उसका घर काफी अच्छा था, चार कमरे एक रसोई।
“घर तो तुम्हारा बहुत अच्छा है पर मुझे बेडरूम नहीं दिख रहा है?”
उसने मुझे अपने बेडरूम में बिठाया और बताया कि उसके पति तीन दिन के लिए बाहर गए हुए हैं।
“मतलब तुमने चुदने की पूरी तैयारी की हुई है?”
“हाँ मेरे राजा, आज तो मेरी मुनिया खूब लंड खाएगी!”

फिर वो फ्रेश होने चली गई, जब वो वापस आई तो नई खरीदी हुई ब्रा-पैंटी पहन कर आई। क्या बताऊँ दोस्तो, वो किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी, मैंने तो सीधा उसे बाहों में भरा और चूमना शुरू कर दिया, वो भी मेरा साथ देने लगी। उसने मेरी टीशर्ट उतार दी, मैं उसके बड़े बड़े चूचे ब्रा के ऊपर से ही दबा रहा था। फिर मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल कर उसके कबूतरों को आजाद कर दिया और उन्हें चूसने लगा।
वो मुँह से आह्ह… उफ्फ्फ़… की सिसकारियाँ भरने लगी, फिर उसने मेरी जींस उतारी और मेरा लंड चूसने लगी।

क्या बताऊँ दोस्तो, दुनिया में शायद ही कोई औरत इतनी अच्छी चुसाई करती हो, कभी वो मेरे लंड पर थूकती कभी उसे पूरा अन्दर ले लेती! कभी हाथ से ऊपर नीचे करती, कभी केवल सुपारे पर अपनी जीभ फिराती, उसने इतनी अच्छी चुसाई की कि मैं उसके मुँह में ही झड़ गया।
“मैं तो झड़ गया वो भी इतना जल्दी!”
वो मेरा माल पीते हुए बोली- राजा, दूसरी पारी लम्बी खेलोगे! पहली बार में एसा होता है, तुम मेरी मुनिया की चुसाई करो!

मैंने उसके इतना कहते ही उसकी पैंटी उतार दी, उसकी चूत एकदम गुलाबी थी और उसने शेव की हुई थी, मैंने पूरे जोश के साथ उसकी चुसाई शुरु कर दी, वो जोर जोर से चिल्लाने लगी- जोर से! और जोर से चूस…

काफी देर चुसाई करने के बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक जोर का झटका देकर पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। वो बहुत जोर से चिल्लाई- मर गयीईईइ… मार डालोगे क्या… आराम से चोदो, मैं कहीं भागे थोड़ी जा रही हूँ…

जब वो थोड़ी सामान्य हुई तो मैंने भी अपने झटकों की रफ़्तार बढ़ा दी, दस मिनट बाद मैंने कहा- मैं आने वाला हूँ!
तो उसने कहा- मैं भी! मेरी चूत में ही झड़ जाओ!
इतना कहते ही मेरा निकल गया और उसकी चूत मेरे माल से भर गई।

कुछ देर हम उसी तरह लेटे रहे, उसने मेरी छाती पे सर रख दिया और बोली- अमन आज तुमने मुझे बहुत मजा दिया है, थेंक यू!

जब मैं घर आने को तैयार हुआ तो उसने मुझे तीन हजार रुपये दिए और कहा- अब तुम मेरे जिगोलो हो, मैं तुमसे अपनी सहेलियों को भी चुदवाऊँगी और तुम्हें पैसे भी मिलेंगे।

मैं मुस्कुरा कर घर आ गया। उसके बाद से निशा को तो काफी बार चोदा है, उसकी एक सहेली को भी चोदा।
आगे आगे देखते हैं कि क्या होता है।

दोस्तो, आपको मेरी कहानी कैसी लगी, जरूर मेल करना।
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