औरत की धधकती आग

कॉल बॉय होकर मैंने जाना कि भारतीय समाज के अंदर की सच्चाई क्या है. यह समाज बाहर से जैसा दिखता है, अन्दर से ज़रूरी नहीं कि सब कुछ वैसा ही हो. मेरा निजी अनुभव मेरी सच्ची कहानी में.

औरत की धधकती आग-2

On 2006-05-13 Category: कोई मिल गया Tags:

तो रूबी कहने लगी- इतना मजा पहली बार ले रही हूँ ! आज तक जिन्दगी में इतना मजा और तृप्ति मुझको कभी नहीं मिली ! मैं कहने लगा- रूबी, अब मैं चलता हूँ ! तो रूबी कहने लगी- अभी नहीं ! एक बार और हो जाये जय ! मैंने कहा- रूबी जी ! आपको खुश […]

औरत की धधकती आग-1

On 2006-05-12 Category: कोई मिल गया Tags:

हाय दोस्तो, मेरा नाम जय है और मैं एक काल बॉय हूँ। अन्तर्वासना डोट काम पर मेरी पहली कहानी औरत की चाहत प्रकाशित हुई, मेरी दिल को बड़ी ही खुशी हुई और पाठकों के बहुत सारे मेल मेरे पास आये जिनको पढ़कर बहुत ही ज्यादा खुशी मिली। मैं अपने हृदय से धन्यवाद करता हूँ कि […]

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