सम्भोग से आत्मदर्शन-26
इस हिन्दी सेक्सी स्टोरी का यह अन्तिम भाग है. इसमें पढ़ें कि छोटी ने कैसे पहल करके अपने दिल के अरमान पूरे किये अपनी चूत चुदाई करवा के और गांड मरवा कर!
यह मेरी पिछली कहानी गलतफहमी का ही आगे का भाग है, जिन पाठकों में वो कहानी नहीं पढ़ी, कृपया एक बार पढ़ लेवें, तभी आप लोगों को इस कहानी का पूरा आनंद मिल पायेगा।
इस हिन्दी सेक्सी स्टोरी का यह अन्तिम भाग है. इसमें पढ़ें कि छोटी ने कैसे पहल करके अपने दिल के अरमान पूरे किये अपनी चूत चुदाई करवा के और गांड मरवा कर!
तभी छोटी ने अचानक मेरा गाल चूम लिया और खुश होकर दूसरी तरफ देखने लगी, मुझे उसका इशारा समझ आ गया था, और यहाँ साथ आने का कारण भी समझ आ गया, और मेरे लंड देव ने भी सलामी दे दी।
बाबा के डेरे में साधवी बनाने के लिए क्या क्या कारनामे किये जाते थे, इस ग्रुप सेक्स स्टोरी में पढ़ें. एक लड़की को कई कई मर्दों से सेक्स करना होता था. भुक्त भोगी लड़की के मुख से सुनें!
मैं पूर्ण नग्न अपने हर अंग में चमक लिए हुए उनके लंड को सलामी देने पर मजबूर कर रही थी, उस कमरे में एक एक करके साधक घुसते रहे और मैं गिनती कर रही थी ये कितने कमीने मुझे एक साथ चोदेंगे तीन.. चार तक ज्यादा डर नहीं लगा क्योंकि उतना तो मैंने सोच ही रखा था, पर जब पांचवें, छटवें और सातवें साधक ने उस कक्ष में प्रवेश किया तो मेरी गांड पहले से फटनी शुरू हो गई।
मैं कभी कभी तनु के साथ या आंटी के साथ भी वाइल्ड सेक्स करने लगा था। अब मैंने कई बार छोटी के सामने तनु की कोमल गोरी उभरी हुई गांड को भी बेरहमी से बजाया और ऐसी चुदाई से तनु को खुश होते देख कर छोटी के अंदर भी ऊर्जा का संचार होने लगा। अब छोटी कभी कभी शरमाने भी लगी थी.
आपने पढ़ा तनु की पुरानी सहेली भी अब हमारे साथ मिल चुकी है और मौके की नजाकत के चलते हम सेक्स करने लगे। अब आगे… मैंने भी ठान लिया था कि वाइल्ड सेक्स किसे कहते हैं आज बता के ही रहूंगा। अब मैंने उसके उरोजों को बेरहमी से मसला, और चपत भी लगा दी, वो […]
वहाँ मुझे नग्न करके दूध और गंगाजल से नहलाया गया, और मुझे ये भी पता कि उस पूजा की छुप कर वीडियो रिकार्डिंग की गई होगी और जब बाबा मेरी जिस्म को देख कर पसंद करेगा तब मुझे गुप्त कक्ष तक ले जाया जायेगा, जहाँ पहले मेरा भोग बाबा के लंड में लगेगा फिर उसके चेले भी मेरा कस के भोग करेंगे।
नमस्कार दोस्तो, इस एडल्ट कहानी के पिछले भाग में अब तक आपने पढ़ा कि हम बाबा जी का पाखंड जानने आश्रम में श्रद्धालु बनकर पहुंचे थे. अब आगे: बाबा जी के पास चार अलग अलग तरह के कटोरे रखे थे, दो कटोरे में दवाई की गोलियों जैसा कुछ दिखा, और दो कटोरे में पर्ची ही […]
मेरे लिए किसी के जिस्म को भोगने से ज्यादा मायने रखता है कि मैं उसके दिल में अपने लिए कुछ जगह बना पाऊं। मैं आज इलाज के जिस तरीके की बात कर रहा था, वो छोटी के साथ संभोग का नहीं था, मैं तो बाबा को रंगे हाथों पकड़ना चाहता था, और छोटी के सामने या छोटी के हाथों से उसे सजा दिलाना चाहता था।
आंटी ने मेरे सीने कंधे और पेट में अपने नाखून गड़ाने, नोचने शुरू कर दिये, मेरी कामुक आहें अब चीखों में बदल गई और आंटी ने घातक रूप धारण करते हुए मेरे मुंह से अपना मुंह लगा दिया, और जीभ को चूसने लगी जिसे ऐसा चुम्बन पसंद भी ना हो, वो ऐसी हरकत करे तो आपका डर और भी बढ़ जाता है।
अब मैंने आंटी को उनकी बेटी के सामने पूरी नंगी कर लिया और अपने हाथों, होंठों से उनके नंगे बदन को छू कर, सहला कर, मसल कर और चूम कर मजा देने लगा. आंटी की सिसकारियां निकलने लगी.
आंटी ने खुद को मेरे साथ सम्भोग के लिए तैयार कर लिया था लेकिन फिर भी संस्कार जनित लज्जा उनमें दिख रही थी. हमने आंटी की बेटी को पास बिठाया और उसे दिखा कर आपने प्रेमालाप करने लगे. पढ़ें मेरी हिंदी एडल्ट स्टोरी और जानें कि आगे क्या हुआ!
मैं दो दिन से देसी आंटी को सेक्स के लिए राजी करने की कोशिश कर रहा था लेकिन आंटी के देसी संस्कार उन्हें हाँ करने से रोक रहे थे. लेकिन छोटी के इलाज के लिए और आंटी के प्रति मेरे प्यार को देखते हुए उन्होंने हाँ कर दी.
इस कहानी के पिछले भाग में अब तक आपने पढ़ा कि आंटी यानि तनु की मम्मी ने अपनी आपबीती कहानी मुझे सुनाई और बताया कि कैसे उनके साथ जब वो गर्भ से थी, गलत काम हुआ, उस गलत काम से हुई मानसिक पीड़ा का असर उनके गर्भ में पल रही छोटी के दिमाग पर भी […]
वाकयी यह बहुत ही कामुक दृश्य था पर मेरी आँखें इसलिए भी बंद हो गई क्योंकि मैंने अपनी चूत में दो उंगलियाँ पूरी अंदर तक घुसा रखी थी और अब कामुकता की वजह से तीसरी उंगली भी घुसाने का प्रयास कर रही थी।
राणा वहीं लेट गया और कुंती को अपने ऊपर आकर चुदाई करने को कहा, मैं दम साधे देखने लगी कि 'हे भगवान... मेरी सहेली की चूत कहीं फट तो नहीं जायेगी।' पर ध्यान आया कि ये पहली बार तो है नहीं जो चूत फट जायेगी।
मेरी शादी बहुत कम उम्र में हो गई थी। पहले कम उम्र में ही शादी कर दी जाती थी, इसी वजह से मैंने अपनी शादी के शुरुआती दिनों में बहुत तकलीफें उठाई, शादी के पहले मैं जवानी के खेल से बिल्कुल अनजान थी, पर धीरे धीरे उम्र की खुमारी बढ़ती गई और पति के साथ भरपूर सेक्स खुशियाँ पाने के बावजूद मेरा मन जवान अच्छे या तगड़े पुरुषों के लिए भटक ही जाता था.
सेक्स तन की मूल आवश्यकताओं में से एक है, उसके पूरा होते ही एक अलग ही सुख और शांति का अनुभव होता है. सही तरीके के सहवास के लिए आपको शरीर और आत्म ज्ञान का होना मतलब सामने वाले की सोच को पढ़ने की क्षमता और खुद की इच्छा और भावना को जान कर प्रकट करने का तरीका हो यहीं से आत्म दर्शन होता है।
आंटी ने कहा- तुम मेरे सपने देखना छोड़ दो, जैसे तैसे मैं उमर काट लूंगी इस उम्र में राह भटकने का मेरा कोई इरादा नहीं। अब चलो, मालिश करने में छोटी को लाने पकड़ने में मेरी मदद करो।
आंटी की हालत मेरे लिंग को देखकर खराब होना स्वाभाविक था, आंटी की आँखों में एक चमक थी, वे अपने एक पैर के ऊपर दूसरे पैर को रख कर खुद की वासना संभालने की नाकाम कोशिश कर रही थी।