फोन सेक्स से चुदाई का मजा- 1

(Chut Chudai Ki Baat )

चूत चुदाई की बात करने में भी बहुत मजा आता है. मैंने फेसबुक पर एक लड़की को दोस्त बनाया और उससे बात शुरू की. जल्दी ही हम सेक्स की बात करने लगे.

दोस्तो,
मैं विकास मिश्रा.
मेरी पिछली कहानी थी: ममेरी बहन की अन्तर्वासना जगाकर चोदा

अब इस नई फोन सेक्स कहानी में आप सभी का स्वागत है.

मुझे फ़ेसबुक पर एक रतिजा नाम की लड़की मिली.
वह देखने में काफी हॉट थी.

मैंने उसे फ़ेसबुक पर मैसेज कर दिया.

दो दिन बाद उसका रिप्लाई आया– हैलो, क्या मैं आपको जानती हूँ?
मैं- नहीं … लेकिन मुझे आपकी पिक्स अच्छी लगीं, तो मैंने मैसेज कर दिया.

रतिजा- लेकिन मैं अजनबियों से बात नहीं करती हूँ.
मैं- अब तो हम दोनों फ्रेंड हो गए हैं.
रतिजा- वह कब हुए?
मैं- अभी 5 मिनट पहले!
रतिजा ने हंसने का सिंबल बनाया और बोली- ऐसा कुछ नहीं है.

जब उसने हंसने वाली इमोजी भेजी, तो मैं समझ गया कि इससे बात की जा सकती है.

कुछ देर तक यूं ही इधर उधर की छोड़ने के बाद वह ऑफलाइन हो गई.
अब मैं रोजाना रतिजा को रात में मैसेज करने लगा और करीब 7 दिन तक हम दोनों की बात हुई.

फिर एक रात मैंने रतिजा से उसका मोबाइल नंबर मांग लिया लेकिन उसने मना कर दिया.

रतिजा- फ़ेसबुक पर बात हो तो रही है. मोबाईल नंबर का क्या करोगे?
मैं- व्हाट्सैप पर बात करूंगा.

रतिजा- नहीं, मोबाइल नंबर नहीं.
मैं- ओके।

फिर हम दोनों की थोड़ी देर बात हुई और जाते जाते उसने अपना नंबर सेंड कर ही दिया.
मैं बड़ा खुश हो गया.

अगली रात फिर वैसे ही उससे बातें की और 12 बजते ही मैंने उसे कॉल कर दी.

रतिजा ने झट से कॉल उठाई और बहुत धीमी आवाज़ में हैलो बोला.

मैं- इतना धीमे क्यों बोल रही हो?
रतिजा- तुमने कॉल क्यों कर दी?

मैं- तुम्हारी आवाज़ सुनने के लिए.
रतिजा- सुन ली आवाज़ … अब रखती हूँ!

मैं- नहीं, मुझे बात करनी है.
रतिजा- कोई आ जाएगा तो दिक्कत हो जाएगी.

मैं- कहां हैं सब लोग?
रतिजा- मम्मी पापा अपने रूम में, दीदी अपने रूम में … और मैं अपने रूम में!

मैं- फिर तो अकेली हो तुम. कैसे कोई आएगा?
रतिजा- अच्छा बताओ, क्या बात करनी है?

मैंने कुछ इधर उधर की बातें की और फोन कट हो गया.
अब फोन पर हम दोनों की रोजाना बातें होने लगीं.

एक रात मैंने रतिजा से बोल दिया कि तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो.
रतिजा ने कोई रेस्पॉन्स नहीं दिया और बस थैंक्स बोल दिया.

मैंने कहा कि मुझे तुमको देखना है, मैं वीडियो कॉल करूं?
लेकिन उसने वीडियो कॉल के लिए मना कर दिया.

फिर मैंने उसकी पिक मांगी. वह उसने सेंड कर दी.
उसके बाल खुले थे और वह काफ़ी सुंदर लग रही थी.

मैं उससे चूत चुदाई की बात करना छह रहा था तो मैंने बोला कि यार मुझे तुमको सामने से देखना है.
रतिजा- ये कैसे संभव है!

मैं- फोन से आ जाता हूँ.
रतिजा- वह कैसे आओगे?

मैं- मैं आ जाऊंगा. अगर तुम इजाज़त दो तो!
रतिजा- अच्छा आओ.

मैं- देखो आ गया. तुम्हारी बाल्कनी में खड़ा हूँ.
रतिजा- कहां, यहां तो कोई नहीं है?

मैं- आंखें बंद करो तो दिखाई दूँगा.
रतिजा समझ गई और उसने कहा- हां तुम दिख गए.

मैं- तुम सामने से तो और भी ज़्यादा खूबसूरत लगती हो.
रतिजा- थैंक्स.

मैं- क्या पहने हो तुम?
रतिजा- जब सामने से देख ही रहे हो, तो तुम्हीं बताओ कि मैं क्या पहनी हूँ?
ये बोल कर वह हंसने लगी.

मैं- साड़ी पहनी है ना?
रतिजा- रात में साड़ी पहन कर कौन सोता है?

मैं- वही तो मैं भी सोच रहा हूँ. लेकिन तुमने तो साड़ी ही पहनी है.
रतिजा- किस रंग की है?

मैं- ब्लैक.
रतिजा- अच्छा!

मैं- और स्लीवलैस ब्लाउज है ना!
रतिजा- तुम तो सच में मेरे सामने ही हो. सब सही बता रहे हो तुम.
वह फिर से हंसने लगी.

मैं- तुम्हारे बाल बँधे क्यों हैं. खोल दो ना!
रतिजा- फोटो खींचोगे क्या मेरी?
मैं- हां.

रतिजा- रूको, मैं बाल खोलती हूँ.
मैं- रूको, मैं ही खोल देता हूँ.

रतिजा- ओके.
मैंने रतिजा के बाल खोल दिए.

‘तुम्हारे पास से तो बहुत अच्छी खुशबू आ रही है.’
रतिजा- लक्स से नहाती हूँ रोजाना.

मैं- यार ब्लैक स्लीवलैस ब्लाउज और साड़ी में तुम बहुत हॉट लग रही हो!
रतिजा- चलो अच्छा देख लिया है ना … अब बाहर जाओ रूम से!

मैं- नहीं.
रतिजा- विकास, नौटंकी नहीं. जाओ वर्ना कोई आ गया तो प्राब्लम हो जाएगी.

मैं- लेकिन अभी तो रात के एक बज रहे हैं. सब लोग सो रहे होंगे?
रतिजा- उससे तुम्हें क्या? तुम वापिस जाओ बस!

मैं- नहीं.
रतिजा- अरे यार बात क्यों नहीं सुनते तुम?

मैं- तुम्हें कमर से पकड़ के अपने पास खींच लिया मैंने.
रतिजा- पागल हो गए हो क्या तुम … छोड़ो मुझे.

मैं- नहीं.
रतिजा- ये सब क्या कर रहे हो?

मैं- तुम बहुत अच्छी लगती हो मुझे रतिजा!
रतिजा- तो मैं क्या करूं?

मैं- मैं तो फोन से आया हूँ. चाहो तो फोन कट कर दो.
रतिजा- मैं क्यों कट करूं. तुम कट करो.

मैं- पागल हो क्या. मैं नहीं कट कर रहा.
रतिजा- मैं तुम्हारे पास से छूट कर भाग गयी.

मैं- रूम तो बंद है. बाहर कहां जाओगी?
रतिजा- अरे यार. तुम बहुत बदतमीज़ हो. पहले तो रूम में आ गए और अब ये सब?

मैं- तुम्हें बेड पर गिरा दिया मैंने!
रतिजा- विकास, नहीं.

मैं- तुम्हारे बाल खोल दिए मैंने!
रतिजा- ये तो पहले से खुले थे.

मैं- तुम्हारी साड़ी का पल्लू हटा दिया.
रतिजा- नहीं यार. ये सब फालतू के काम मत करो!

मैं- कितनी हॉट लग रही हो यार तुम!
रतिजा- पागल हो क्या?
मैं- हां.

रतिजा- क्या चाहते हो तुम?
मैं- तुम्हारे ब्लाउज में जो है, वह देखना है मुझे.

रतिजा- ऐसे कैसे दिखा दूँ?
मैं- कोई दूसरा रास्ता भी तो नहीं है तुम्हारे पास!

रतिजा- यार तुम बहुत दुष्ट हो.
मैं- वह तो मैं हूँ.

रतिजा- नहीं, हम लोग तो सिर्फ़ फ्रेंड हैं.
मैं- तो क्या हो गया?

रतिजा- नहीं यार.
मैं- फोन से ही तो आया हूँ में!

रतिजा- ओके.
मैं- क्या ओके?

रतिजा- ठीक है देख लो. लेकिन सिर्फ़ दूर से ही देखना.
मैं- तुम्हारा ब्लाउज उतार दिया मैंने!
रतिजा- उन्ह ओके.

मैं- किस कलर की ब्रा पहनी हो?
रतिजा- तुम बताओ. तुम तो सामने हो ना मेरे!

मैं- ब्लैक ब्रा में कितनी ज़्यादा हॉट लग रही हो तुम?
रतिजा- अच्छा ब्रा का रंग भी पहचान लिया!

मैं- मैंने तुम्हारी ब्रा उतार दी रतिजा.
रतिजा- मेरा नाम क्यों लेते हो बार बार?

मैं- कितने गोल गोल दूध है तुम्हारे … वाउ!
रतिजा- तुम्हें तो मेरा सब कुछ अच्छा लगता है.

मैं- क्या साइज़ है?
रतिजा- अभी 30 है.

मैं- एक बार दबा लूं रतिजा?
रतिजा- नहीं विकास, तुमने सिर्फ़ देखने की बात की थी.

मैं- लेकिन इतने खूबसूरत और गोल बूब्स होंगे तुम्हारे, ये थोड़ी ना पता था.
रतिजा- सिर्फ़ देख लो दूर से … और कुछ नहीं करना है.

मैं- तुम्हारे बूब्स हाथ में ले लिए रतिजा!

रतिजा- विकास, तुमने सिर्फ़ देखने की बात कही थी. अब तुम दबाने जा रहे हो.

मैं- प्लीज रतिजा, दबा लेने दो ना?
रतिजा- यार, तुम एकदम से पीछे ही पड़ जाते हो!

मैं- प्लीज़ एक बार दबा लेना दो.
रतिजा- ओके, धीमे धीमे दबाना.

मैं- तुम्हारे दोनों दूध हाथ में लेकर मसल रहा हूँ रतिजा.
रतिजा- आह धीरे धीरे दबाना.
मैं- ओके.

रतिजा- धीरे धीरे बस.
मैं- धीरे धीरे ही तुम्हारे दूध मसल रहा हूँ.
रतिजा- हां ऐसे ही दबाओ.

मैं- अब तोड़ा तेज तेज से मसल रहा हू.
रतिजा- क्यों?

मैं- कस के दबाने दो न अब!
रतिजा- बड़े कर दोगे तुम!
मैं- एक बार दबाने से कुछ नहीं होगा.

रतिजा- अच्छा … कितनों के दबा चुके हो?
मैं- तुम पहली हो.

मैं- अब खूब कस कसके दबा रहा हूँ.
रतिजा- आह बहुत अजीब सा लग रहा है पूरे बदन में.

मैं- और तेज दबाऊं रतिजा?
रतिजा- दबा लो, अच्छा लग रहा है.

मैं- बहुत मुलायम दूध है तुम्हारे रतिजा. मज़ा आ गया दबा कर.
रतिजा- अच्छा!

मैं- अब तुम्हारे निप्पल मुँह में लेकर चूस रहा हूँ रतिजा.
रतिजा- उफ्फ़.

मैं- बहुत गजब हो यार तुम रतिजा!
रतिजा- निप्पल क्यों पी रहे हो. अभी कुछ आता ही नहीं हैं वहां से!
मैं- चूसने दो तुम बस.

रतिजा- क्या कर रहे हो तुम?
मैं- तुम्हारा ब्लाउज और तुम्हारी ब्रा उतार कर, तुम्हारे दूध मसल रहा हूँ और निप्पल चूस रहा हूँ.
रतिजा- आआअहह.

मैं- बहुत सॉफ्ट दूध है तुम्हारे रतिजा.
रतिजा- तुम सिर्फ़ मुझे देखने आए थे और अब मेरे दूध पी रहे हो. बहुत दुष्ट हो.
मैं- तुम हो ही इतनी हॉट, तो मैं क्या करूं!

रतिजा हंसने लगी और बोली- चलो अच्छा … अब बाहर जाओ. आज के लिए इतना काफ़ी है.
मैं- नहीं.
रतिजा- क्यों?
मैं- एक चीज़ और है. उसे देख लूं एक बार बस!

रतिजा- अब क्या बचा है?
मैं- सबसे ज़रूरी चीज़.

रतिजा- पागल हो क्या!
मैं- हां.

रतिजा- अब जाओ न, रात बहुत हो चुकी है!
मैं- नहीं जाऊंगा.

रतिजा- अब देखने को और कुछ नहीं मिलेगा.
मैं- प्लीज.
रतिजा- तुम बहुत ज़िद्दी हो.

मैं- दिखा दो ना.
रतिजा- नहीं.

मैं- तुम मेरे नीचे हो और मैं ऊपर … तो मेरी बात चलेगी.
रतिजा- सच में बहुत दुष्ट हो तुम!

मैं- तुम्हारी पूरी साड़ी उतार दी मैंने रतिजा!
रतिजा- तुम तो मेरे सारे कपड़े उतारे दे रहे हो यार!
मैं- हां.

रतिजा- क्या मैं तुम्हें इतनी अच्छी लगती हूँ?
मैं- बहुत ज़्यादा.
रतिजा- अच्छा!

मैं- अब किसमें हो तुम?
रतिजा- मुझे नहीं पता.

मैं- सिर्फ़ पैंटी.
रतिजा- अच्छा!

मैं- पैंटी उतारूं तुम्हारी?
रतिजा- उतार दो.

मैं- रिक्वेस्ट करो पहले!
रतिजा- मैं क्यों करूं रिक्वेस्ट. तुमको देखना है … तो तुम उतारो.

मैं- अब मैं कुछ ऐसा करूंगा कि तुम अपने आप बोलोगी.
रतिजा- मैं तो कभी नहीं बोलूंगी.

मैं- मैं तुम्हारे ऊपर आ गया रतिजा!
रतिजा- वह तो पहले से हो तुम.

मैं- अब मैंने तुम्हारे होंठों को अपने होंठों में भर लिया.
रतिजा- अच्छा!

मैं- अब किस कर रहा हूँ तुम्हें. तुम्हारे होंठों को कस कस के पी रहा हूँ.
रतिजा- आह.

मैं- अब तुम्हारे दूध भी मसल रहा हूँ रतिजा.
रतिजा- उन्ह … मत करो न!

मैं- तुमसे लिपट कर कस कसके तुम्हारे होंठ पी रहा हूँ और तुम्हारे दूध मसल रहा हूँ.
रतिजा- उफफ्!
उसे चूत चुदाई की बात पसंद आ रही थी.

मैं- क्या हुआ?
रतिजा- बहुत अजीब सा लग रहा है.

मैं- अब मैंने तुम्हें पलट दिया रतिजा!
रतिजा- क्यों?

मैं- अब मैं तुम्हारी पूरी पीठ और जांघों को प्यार करूंगा!
रतिजा- उन्ह … ये क्यों?

मैं- बस मजा आ रहा है. तुम्हारी गर्दन को चाट रहा हूँ मैं रतिजा.
रतिजा- आआहह … मेरा नाम मत लो विकास प्लीज!

मैं- अब तुम्हारी पूरी पीठ पर किस कर रहा हूँ रतिजा.
रतिजा- आआ आहह.

मैं- अब बोलो और क्या करूं?
रतिजा- प्यार करो ऐसे ही, जैसे कर रहे हो!

मैं- अब तुम्हारी जांघों को किस कर रहा हूँ.
रतिजा- आअहह.

मैं- अब मैंने तुम्हें सीधा कर दिया और तुम्हारे बूब्स को, तुम्हारे पेट को किस कर रहा हूँ. बहुत गजब हो तुम यार रतिजा!
रतिजा- आहह … ऐसे क्यों बोलते हो!

मैं- बहुत अच्छी महक आ रही है तुम्हारे बदन से.
रतिजा- तो खा लो ना मुझे!
मैं- कैसे खाऊं?
रतिजा- जैसे खाया जाता है, मेरी पैंटी उतार कर लगाओ न अपना मुँह!

मैं- मैंने तुम्हारी पैंटी उतार दी रतिजा!
रतिजा- अब क्या करोगे?

मैं- बोल दूँ?
रतिजा- हां बोलो ना!
मैं- तुम्हें प्यार करूंगा.
रतिजा- कर लो.

मैं- एक चीज़ और बोलते है. वह भी बोल दूँ?.
रतिजा- हां बोलो.

मैं- तुम्हें चोदूंगा भी!
रतिजा- चोदोगे तुम मुझे?
मैं- हां.

रतिजा- कैसे चोदोगे?
मैं- तुम्हें पूरी नंगी करके, तुम्हारी चूत में लंड डाल कर.

रतिजा- नंगी तो तुमने कर ही दिया है मुझे!
मैं- तुम्हारी दोनों टांगें भी फैला दीं रतिजा.

रतिजा- बहुत पानी आ रहा है न विकास!
मैं- कहां से?
रतिजा- मेरी चूत से.

मैं- तो क्या चाहती हो?
रतिजा- मेरा अभी चुदवाने का मन है.

मैं- क्लियर बताओ.
रतिजा- चुदाई करवानी है तुमसे.

मैं- डाल दूँ लंड तुम्हारी चूत में रतिजा?
रतिजा- हां डाल दो विकास!
मैं- डाल दिया. अब छोड़ रहा हूँ तुम्हें रतिजा.

रतिजा- और तेज चोदो.
मैं- और तेज रतिजा?
रतिजा- हां और तेज विकास.

मैं- और अन्दर, रतिजा!
रतिजा- हां और अन्दर, विकास.

मैं- और तेज रतिजा?
रतिजा- हां और तेज विकास.

मैं- मज़ा आ रहा है चुदवाने में?
रतिजा- आआह आहह … बहुत मजा आ रहा है.

मैं- रतिजाआ!
रतिजा- विकास्सश्स स्स.

मैं- और कसके करूं तुम्हारी चूत में रतिजा?

रतिजा- हां चोदते रहो ऐसे ही … बड़ा मजा आ रहा है.

मैं- बहुत टाइट चूत है तुम्हारी!
रतिजा- बस चोदो कस कसके … आआहह … उम्म्म्.

मैं- कैसे चुद रही हो तुम रतिजा?
रतिजा- पूरी नंगी होकर!

मैं- तुम्हारे दूध बहुत उछल रहे हैं.
रतिजा- उछलने दो … तुम चोदते रहो बस … आआआहह.

मैं- तुम पूरी टांगें फैला कर चुद रही हो रतिजा!
रतिजा- हां … चोदो कस कसके मुझे … आआअहह.

मैं- अब पोज बदलें रतिजा?
रतिजा- हां, अब घोड़ी बना कर चोदो.

मैं- हां ऐसे में मजा आएगा.
रतिजा- मैं घुटनों के बल बैठ गयी विकास!

मैं- मैं अब पीछे से तुम्हें चोद रहा हूँ तुम्हें रतिजा … तुम्हारे बाल पकड़ कर घोड़ी की तरह.
रतिजा- उउफ.

मैं- बहुत गजब हो तुम!
रतिजा- इतना पानी मेरी चूत में कभी नहीं आया, जितना आज आ रहा है. लगातार पानी छोड़ रही है ये!

‘आह … आह और ले.’
रतिजा- उम्म्म्मऔ … कैसे हचक कर चोद रहे हो तुम मुझे विकास!

मैं- पूरा नंगा कर दिया है तुम्हें रतिजा.
रतिजा- और …
मैं- फिर तुम्हें घुटनों के बल बैठा कर पीछे से चोद रहा हूँ, तुम्हारे बाल पकड़ कर लंड चूत में पेल रहा हूँ!

रतिजा- आआ अहह … मैं तो पूरी नंगी लेटी हूँ, जितना मर्ज़ी चाहे चोदो.
‘आह आह …’

रतिजा- लगता है मेरा कुछ निकलने वाला है. अब स्पीड बढ़ा दो.
मैं- हां बढ़ा दी रतिजा.

रतिजा- और तेज … और कस के … और तेज आहह …

फिर रतिजा ने अपना पूरा रस निकाल दिया.
उसकी ‘आह मर गई.’ की आवाज आई.

मैं- क्या हुआ?
रतिजा- हालत खराब कर दी तुमने तो! बिल्कुल ताक़त नहीं बची.

मैं- मज़ा आया?
रतिजा- बहुत … अब चलो कल बात करती हूँ.

फिर अगले दिन रात को मैंने रतिजा को कॉल की.
लेकिन उसने कट कर दी.

मैंने 12 बजे कॉल की और उसने कॉल रिसीव कर ली- हैलो.
मैं- फोन क्यों कट किया था?
रतिजा- मम्मी थीं.
मैं- अब कोई नहीं है?

रतिजा- नहीं कोई नहीं है, क्यों कॉल की?
मैं- तुम्हारा हाल चाल लेने के लिए. खाना खा लिया?

रतिजा- नहीं, अभी तक भूखी हूँ.
मैं- क्यों?

रतिजा- अरे तुम भी ऐसा सवाल पूछते हो, खाना तो खा ही लिया होगा ना … इतनी रात हो गयी है.

मैं- फिर ऐसे ही हम दोनों की 30 मिनट बात हुई. रात के 1 बाज गए.

रतिजा- चलो अच्छा अब बाय, मुझे नींद आ रही.
फिर रतिजा ने फोन कट कर दिया.

मैंने उसे मैसेज किया और हम दोनों ने करीब 10 मिनट तक चैट की.

मैं समझ गया कि रतिजा को अभी नींद नहीं आ रही है.
आज की रात उसे फिर से चोदने का मन हो गया था.

दोस्तो आपको फोन पर चूत चुदाई की बात में मजा आ रहा होगा.
प्लीज मुझे बताएं.
अगले भाग में रतिजा की मस्त फोन सेक्स कहानी सुनाऊंगा.
[email protected]

चूत चुदाई की बात का अगला भाग: फोन सेक्स से चुदाई का मजा- 2

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