अनायास बनी दोस्त लड़की को दारू पिलाकर चोदा

(Antarvasnax Porn Story)

शिव राज 2022-05-22 Comments

अन्तर्वासनाX पोर्न कहानी में पढ़ें कि कैसे एक लड़की मेरी दोस्त बन गयी. मैंने उसे चोदना चाहता था पर वो डरती थी. कई महीने बाद मैंने उसे कैसे चोदा?

दोस्तो, कैसे हैं आप सब!
मैं आपका दोस्त एक बार फिर से एक सच्ची सेक्स कहानी लेकर आया हूँ.
आशा करता हूँ कि इस अन्तर्वासनाX पोर्न कहानी को भी मेरी पिछली कहानियों की तरह आपका बहुत सारा प्यार मिलेगा.

मेरी पिछली कहानी थी: फाइवसम ग्रुप सेक्स में चुदाई की मस्ती
आप सबकी बहुत सारी मेल के लिए धन्यवाद, ऐसे ही मेल भेज कर अपना प्यार भेजते रहिएगा.

ये अन्तर्वासनाX पोर्न कहानी दिसंबर 2019 से उस वक्त शुरू हुई थी, जब मैंने अपनी जॉब चेंज की थी.
मुझे कंपनी का नम्बर वापस करना था.
इसलिए सब क्लाइंट्स, फ्रेंड्स और जो भी मेरे दोस्त उस नम्बर से जुड़े थे, उन सबको अपना पर्सनल नम्बर अपडेट करने के लिए व्हाट्सैप मैसेज किए.

उसमें से एक महिला से भी कभी किसी काम के सिलसिले में एक दो बार बात हुई होगी, उसको भी मेरे बदले हुए नम्बर का मैसेज चला गया.

उसका नाम मैं बदल रहा हूँ. आप उसे सोनी समझ कर मजा लें.

उसका रिप्लाई आया, तो मैंने भी रिप्लाई कर दिया.

वो पूछने लगी- अब कहां जा रहे हो, कौन सी कम्पनी ज्वाइन कर रहे हो?
इसी तरह की सामान्य बातचीत होने लगी. मैंने भी उससे अपनी सारी बातें साझा की.

इसके बाद न जाने क्या हुआ कि हमारी सामान्य बातें होने लगीं. व्हाट्सैप पर गुड मॉर्निंग गुड नाईट और साधारण बातचीत होने लगी.

धीरे धीरे हमारी दोस्ती हो गयी. पता चला कि सोनी की एक बेटी है, जिसकी वो शादी कर चुकी है. अब वो अकेली रहती है.
उसके हस्बैंड से उसकी बनती नहीं है और पिछले बीस साल से वो अपने पति से अलग रह रही है.
उसने खुद ही अपनी बेटी को पढ़ाया लिखाया, उसकी शादी की.

अभी वो किराये के घर में रहती है. अब बेटी के जाने के बाद काफी अकेली हो गयी.

फिर हमारी अच्छी बातचीत होने लगी. हम दोनों घंटों बातें करते.
जब मैं घर से ऑफिस के लिए निकलता, या जब भी फ्री होता … सोनी को कॉल कर लेता.

हम लोग एक दूसरे को अच्छे से समझने लगे थे.

तीन महीने बाद हम दोनों ने मिलने का प्लान बनाया.

एक शाम को पी रोड पर, जहां वो रहती थी, हम लोग उधर से गंगा बैराज गए.
वहां पर हमने मैगी खायी और साइड खड़े बातें कर रहे थे.

मैंने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया तो उसने दूसरा हाथ मेरे हाथ के ऊपर रख दिया.

उसकी उम्र करीब 45 के लगभग होगी, लेकिन वो 30 से 32 साल की मस्त माल लग रही थी. उसकी हाइट ज्यादा नहीं थी. करीब 4’10” होगी.

हमारी पहली मुलाकात थी.
मैंने ये सोचा भी नहीं था कि हमारी किस भी हो जाएगी.

तब शाम के करीब आठ बज रहे थे. साइड में अंधेरा था, वहां एक कपल एक दूसरे को किस कर रहा था.

उसने मेरी आंखों में देखा और अपनी आंखें बंद कर लीं.
फिर पता नहीं कब, हम दोनों के होंठ एक दूसरे से जुड़ गए.

किस करते करते हम लोग एक दूसरे में पूरी तरह खो गए थे.
मेरे हाथ उसके बूब्स पर अपने आप पहुंच गए.

वो भी बहुत गर्म हो चुकी थी.
ऐसा लग रहा था कि वो मुझे खा ही जाएगी.
सच में बहुत ही अच्छा लगा.

करीब 9 बजे हम लोग वापस आ गए. उसको उसके घर के पास ड्राप किया और मैं अपने घर आ गया.

घर आकर उस रात मैंने अपनी बीवी की मस्त चुदाई की.

वो बोली- क्या बात है … आज कुछ ज्यादा ही जोश में हो.
मैंने कहा- हां जानेमन बस मन कर रहा है कि तुम्हारी चूत को खा जाऊं.

चुदाई मैं बीवी की कर रहा था, लेकिन ध्यान सोनी का आ रहा था.

खैर … चुदाई करके हम लोग सो गए.

अगले दिन फिर हमारा वही पुराना चलने लगा.
रोज बातें करते.

अब मैं और काफी हद तक खुल चुके थे. सेक्स की भी बातें होने लगी थीं.
कई बार मैं मिलने के लिए बोलता और वो मना कर देती.

मैं बोलता कि तुम्हें बांहों में भरना है.
वो मना कर देती.

मैं पूछता कि क्या अब कभी नहीं मिलोगी?
वो बोल देती- मिलेंगे, लेकिन सामने तुम बहुत शैतानी करते हो.

फिर जैसे तैसे वो मिलने को तैयार हुई.
अब तक होली आने का समय आ गया था. हम दोनों का होली के बाद मिलने का प्लान हुआ था.

हम लोग मिल पाते, उससे पहले लॉक डाउन हो गया.

वैसे मेरी बीवी मार्च के अंत में जाने वाली थी, हमने उसी समय का प्लान किया था कि कहीं बाहर चलेंगे.
लेकिन ये हो न सका.

अब तो मैं भी घर पर ही रहता तो उससे बात करने का ज्यादा मौका नहीं मिलता था.

कभी जब सब्जी लेने के लिए निकलता तो सोनी से बात कर लेता.

बस सब कुछ फंस सा गया था. हम लोग चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते थे.
जैसे तैसे सितम्बर में वाइफ मायके गयी, तब तक चीजें थोड़ा सही हो चुकी थीं.
लेकिन कहीं बाहर नहीं जा सकते थे.

होटल सब बंद थे और कोरोना का बहुत ज्यादा नाटक चल रहा था.

मैं यूं ही टाइम निकालता रहा.
दीवाली भी निकल गयी.

उसने शास्त्री नगर में एक कॉलोनी में मकान खरीद लिया था. नवंबर में वो अपने घर में शिफ्ट भी हो गयी.
लेकिन अभी तक हम लोग मिल नहीं पाए थे.

ऐसा नहीं था कि एकदम नहीं मिल पाए, मिले … लेकिन बाहर पार्क में, कहीं या ऐसे ही किसी रेस्टोरेंट में मिले. पर अच्छे से नहीं मिल पाए थे. चिपका चिपकी नहीं हो पाई थी.

बस टाइम निकलता रहा और हम लोग ऐसे ही बातें करके, वीडियो कॉल करके टाइम पास करते रहते थे.

दिसम्बर में मैं अकेला था. बीवी नहीं थी.

ये 20 दिसंबर की बात है. मैं ऑफिस के काम से था. हमारी बात हो रही थी.

सोनी बोली- यार, ठंड बहुत है. सुना है पीने से कम हो जाती है.
मैंने कहा- हां बिल्कुल कम हो जाती है. बोलो तो लेकर आ जाऊं!

वो बोली- यार, कोई प्रॉब्लम न हो जाए.
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा यार, मेरे ऊपर भरोसा नहीं है क्या?

वो बोली- पिला कर कुछ कर लिया तो!
मैंने कहा- यार, बिना तुम्हारी इजाजत के मैं तुम्हें टच भी नहीं करूंगा.

वो बोली- तो ठीक है लेकिन शाम को 7 बजे के बाद आना और 9 बजे तक चले जाना.
मैंने कहा- ठीक है, कुछ खाने को भी लाना है क्या?

वो बोली- हां अंगूर ले आना.
मैंने कहा- यार इतनी ठंड में अंगूर … चलो मैं लाता हूँ.

मैंने एप्पल वाली वोडका की हाफ ले ली और नमकीन व अंगूर लेकर सवा सात तक पहुंच गया.

ठंड ज्यादा थी तो ज्यादा लोग बाहर नहीं थे. उसने मुझे अन्दर किया और लॉक करके आ गयी.

मैंने कहा- क्या बात है बहुत खूबसूरत लग रही हो!
वो बोली- अच्छा ऐसी ठंड में मैं कहां से तुम्हें खूबसूरत लग रही हूँ!

फिर उसने सब सामान को प्लेट लगाया और दो गिलास लेकर आयी.

हमने करीब आठ बजे तक दो दो पैग पिए.

हम दोनों बातें कर रहे थे और पी भी रहे थे.
दारू का टेस्ट अच्छा था, सो उसको भी ज्यादा प्रॉब्लम नहीं हो रही थी.

अब हल्का हल्का नशा होने लगा था. हम दोनों खुल रहे थे.
मैं उसकी आंखों में देख का उसे चुदाई के लिए बार बार इशारा कर रहा था.

वो सब समझ रही थी शायद, इसलिए बात को बार बार घुमा देती थी.
शायद वो चुदना नहीं चाह रही थी पर डर रही थी कि कहीं कोई बात न हो जाए.

दस बजे के लगभग हम लोग पूरी बोतल खत्म कर चुके थे और बहुत नशे में थे.

उसको सुसु जाना था. वो खड़ी होने की कोशिश करती हुई बोली- सर घूम रहा है.

वो खड़ी हुई तो मैंने उसको बांहों में भर लिया. उसके दूध मेरे सीने में गड़ रहे थे.

मैंने उसको संभाला और वाशरूम ले गया.
उसने सुसु की और बाहर आ गयी.

मैंने उसको वापस बेड पर लिटाया और खुद सुसु करने गया.

मेरी कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है.

वापस आकर मैंने देखा कि वो आंखें बंद किए लेटी है.

मैंने पूछा- सोनी क्या हुआ?
वो बोली- यार, सर घूम रहा है.

मैंने उसे बैठाया, थोड़ा पानी पिलाया और पूछा- अब कैसा लग रहा है?
वो बोली- अब ठीक है.

मैंने कहा- तुम आराम कर लो, मैं दस मिनट यहीं बैठा हूँ. उसके बाद मैं चला जाऊंगा.
सोनी बोली- ठीक है.

मैंने उसको लिटाया और उसके हाथ को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगा.
तभी मैंने उससे कहा- यार सॉरी मुझे लगा नहीं था कि तुम्हें इतना ज्यादा नशा हो जाएगा.

अब तक उसको थोड़ा ठीक लगा और बैठ गयी.
मैं बेड के पास सोफे में बैठा था. वो भी बेड पर बैठ गयी.

वो मेरे सीने से लग गयी.
मैं उसकी पीठ सहला रहा था. वो मुझे कसके पकड़े हुई थी.

मैंने उसका सर पीछे किया और अपने होंठ उसके होंठों से लगा दिए.
वो भी मुझे किस करने लगी.

हमारी जीभ एक दूसरे की जीभ से टकरा रही थीं. हम दोनों एक दूसरे की जीभ चूस रहे थे.

माहौल गरम होने लगा.
मेरे हाथ उसके बूब्स दबाने लगे. वो पूरी तरह से मेरे ऊपर गिरी जा रही थी.

मैंने उसको संभाला और उसे ठीक से बैठाया.
उसने पानी मांगा, तो मैंने पानी दिया.

ऐसे करते हुए करीब 11 बज चुके थे.

वो बोली- अब तुम जाओ, मैं ठीक हूँ.
मैं उठने लगा और जैसे ही मैंने अपना बैग उठाया.
वो बड़े प्यार से मुझे देखने लगी.

मैंने पूछा- क्या हुआ?
वो आयी और फिर से मेरे गले लग गयी.

मैंने अपना बैग नीचे रखा और उसको गले से लगाए हुए उसकी पीठ और चूतड़ों पर हाथ फेरने लगा.

उसने मेरा सर पकड़ा और एक बार फिर से हम किस करने लगे.

अब तक जो मैं अपने आपको संभाल रहा था, वो मुश्किल हो गया.

मैं उसके ऊपर टूट पड़ा. उसको उसके बेड पर लिटाया और उसके ऊपर चढ़ गया. मैं उसके होंठ चूस रहा था, साथ में बूब्स और चूत को मसल रहा था.

वो पागल हो रही थी. न जाने कब से उसे लंड नहीं मिला था.

आप लोग समझ सकते हो कि हम दोनों के बीच क्या तूफान मचा होगा.

मैंने झट से उसकी लैगिंग्स नीचे की, पैंटी नीचे सरकाई और चूत को मुँह में भर लिया.

वो बिन पानी मछली की तरह तड़पने लगी.

मेरा सर पकड़ के अपनी चूत के अन्दर ऐसे दबाने लगी, जैसे कह रही हो कि मेरी चूत के अन्दर ही घुस जाओ.

उसकी चूत का टेस्ट बहुत मजेदार था.
जैसा कि आप सब जानते हो कि मैं चूत चाटता नहीं, चूसता हूँ. उसकी चूत को पी रहा था.

वो मुझे ऊपर खींचने लगी. मैं चूत को छोड़ कर उसने होंठ चूसने लगा.
उसकी चूत के पानी से मेरा पूरा मुँह गीला था. वो मेरा मुँह चाटने लगी.

मैं एक हाथ से चूत को सहला रहा था.
अब उसका हाथ मेरे लंड को ढूंढने लगा था.

कसम से जिंदगी में पहली बार वोडका का मजा आ रहा था.
अगर पी न हुई होती तो शायद अब तक मैं झड़ चुका होता.
जितनी गर्मी हम दोनों के शरीर से निकल रही थी, उतनी मैंने इस मौसम में कभी महसूस नहीं की थी.

मैं बेड से खड़ा हुआ, अपना जींस को निकाला.
उसने भी अपनी कमर उठा कर अपनी लैगिंग्स और पैंटी निकलने में मेरी मदद की.

ऊपर का भी सब कुछ निकल गया था.
अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे. इतनी ठंड में हमें गर्मी लग रही थी.

वो नीचे लेटी और मुझे ऊपर खींच लिया.
मेरे लंड को हाथ से पकड़ कर सीधे अपनी चूत के अन्दर सैट करके अन्दर घुसा लिया, अपनी दोनों टांगों से मुझे जकड़ लिया.

मेरा लंड उसकी चूत में घुस चुका था.
हम दोनों लिपटे हुए थे. मैं उसके होंठ चूस रहा था और एक हाथ से बूब्स दबा रहा था.

कसम से जन्नत का मजा आ रहा था. मुझे याद ही नहीं रहा कि मैं उसको बिना कंडोम लगाए चोद रहा हूँ.

उसका पुराना बेड चूं चूं की आवाज कर रहा था और हमारी धकापेल चुदाई चालू थी.

कभी वो ऊपर आ जाती, कभी मैं ऊपर.

मैंने सोनी के बूब्स दबा दबा कर लाल कर दिए थे.
शायद इतनी देर तक पहली बार मैंने चुदाई की थी.

मेरा शरीर थक गया था लेकिन लंड का पानी निकलने का नाम ही नहीं ले रहा था.

अब तक सोनी दो या तीन बार झड़ चुकी थी.
वो बेहोश लेटी थी और मैं उसे चोदे जा रहा था.

पता नहीं क्या हुआ था कि साला पानी ही नहीं निकल रहा था.

चुदाई करते हुए हम दोनों करीब सवा एक बज गया था.
अब वो चुदवाने से मना कर थी.

वो बोली- प्लीज़ अब बस करो, फिर बाद में कर लेना … मैं मर जाउंगी, अब बस करो.

दोस्तो आप में से शायद ही कोई यकीन करे कि उस दिन मेरा पानी नहीं निकला था.

अब तक हम दोनों की दारू भी करीब करीब उतर चुकी थी.

वो उठ कर सुसु करने गयी तो ठीक से चल नहीं पा रही थी.

वो वापस आकर बोली- ये क्या कर दिया … नीचे बहुत तेज जलन हो रही है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, इतने सालों बाद उसके अन्दर कुछ गया था. वो अभी ठीक हो जाएगी.

मैं उसे फिर से पकड़ने लगा.
वो बोली- प्लीज़ अब नहीं, फिर बाद में कर लेना. अभी तुम जाओ … बहुत रात हो गयी है.

मैं कुछ नहीं बोला.

बाहर बहुत कोहरा था तो वो देख कर बोली- अच्छा सुबह जल्दी चले जाना.
मैंने कहा- यार, सुबह मैं नहीं जग पाऊंगा. मैं अभी चला जाता हूँ.

मैंने अपने कपड़े पहने और दो बजे मैं वापस घर आ गया.

घर आकर मैंने उसको बताया कि मैं घर पहुंच गया हूँ. अब सो जाओ.

मैंने घर पर मैगी बनाई और खाई. अन्तर्वासना की स्टोरी पढ़ कर लंड को हिलाया, उसका पानी निकला, फिर सोया.

दोस्तो, कैसी लगी ये सच्ची अन्तर्वासनाX पोर्न कहानी. मेल से बताना जरूर.
आपका दोस्त शिव राज सिंह
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