मेरी अधूरी सुहागरात

(Indian Wife Xxx Kahani)

इंडियन वाइफ Xxx कहानी मेरी शादी के बाद की है. सुहागरात में मेरे पति ने मेरे साथ क्या किया, क्या नहीं किया, मेरी अन्तर्वासना शांत नहीं हुई, मैं प्यासी रह गयी. क्यों?

यह कहानी सुनें.

सभी पाठकों को झुक कर प्रणाम!
मेरा असली नाम तो कुछ और है पर मेरा प्यार का नाम शोना है.
घर के लोग मुझे शोना के नाम से पुकारते हैं.
मैं एक सम्भ्रान्त परिवार की शिक्षित व आधुनिक महिला हूँ।

मेरी उम्र 39 साल और शरीर का आकार 36B-31-35 है।
मेरा रंग दूध जैसा गोरा और कद साधारण लड़कियों से कुछ ज्यादा यानि पांच फीट छह इंच है।

मैं एक तलाकशुदा महिला हूँ और लखनऊ में अपने बेटे विवान के साथ रहती हूं।
मेरे पूर्व पति ‏मिस्टर अरिहन्त एक कॉलेज में सहायक प्रोफेसर हैं.

हम अलग अलग ही हैं लेकिन कभी कभार मिलना जुलना हो जाता है।
विवान अक्सर मेरे पास ही रहता है।

हमारे अलग होने की वजह मैं थी।
मेरी जरूरतें कुछ अधिक थीं और मेरे पति अक्सर उनको पूरा नहीं कर पाते थे।

मुझे कोई संकोच नहीं है यह स्वीकार करने में कि मैंने कई बार हद पार कर के अपनी जरूरतों को पूरा किया है।

यह इंडियन वाइफ Xxx कहानी इसी पर आधारित है.

मेरी परवरिश खुले माहौल में इंदौर में हुई थी।
मैं पढ़ाई के लिए होस्टल में भी रही हूं, वहीं से पीने व सुट्टा और बाकी आदतें लग गई थी।

जब मेरी पढ़ाई हो गई और मैं 24 साल की हुई तो मेरी शादी अरिहन्त जी से हुई।

जब उनसे पहली बार मिली तो वो एक बहुत ही सीधे व सरल व्यक्ति लगे.
घर वालों को पसन्द थे इसलिए मैंने भी हां कर दी थी।

शादी से पहले मेरे कई सम्बन्ध रहे थे और प्यार का मतलब सिर्फ सेक्स था मेरे लिए।

अरिहन्त जी दुबले पतले व गोरे चिट्टे हैं और शक्ल से एक पढ़ाकू व्यक्ति लगते हैं।
वो भोपाल से है और मैं इंदौर से।

फिर शादी के बाद हम लखनऊ आ गए क्योंकि उनकी जॉब यहीं लखनऊ में थी।

खैर जब अरिहन्त जी से शादी हो गई और मैं अपने ससुराल आ गयी तो अरिहन्त जी बहुत नर्वस लग रहे थे।

मुझे भी शर्म आ रही थी लेकिन वो भी बहुत शर्मा रहे थे.
और उनकी बहनें हम दोनों छेड़ रही थीं।

जब रात को सुहागरात की बारी आई तो मैं दूध का ग्लास लिए उनके इंतज़ार में बैठी थी।
वो लोवर और टी शर्ट में मेरे कमरे में आये और मैं नई नवेली दुल्हन सिमट कर बैठ गई।

उन्होंने मेरा घूंघट खोला और मेरे हुस्न की तारीफ की।
मेरा गोरा रंग और गोल चांद सा बेदाग चेहरा उनको बार बार आकर्षित कर रहा था।

कई सारे शेर ओ शायरी के बाद उन्होंने मुझे एक गले का हार गिफ्ट किया।

मैंने मुस्कुरा के कहा- आप ही पहना दें!

तो उन्होंने खुद ही पहनाया. वे अपने हाथ मेरे गले के पीछे ले गए और हार पहनाकार अपने हाथ सामने लाकर मेरे स्तनों पर लटके हार को ठीक किया, फिर ब्लाउज को हल्का सा छूकर दूर हो गए।

“माफ करना, गलती से हाथ लग गया।” उन्होंने बड़े अदब के साथ माफी मांगी.
तो मैंने अपनी नजरें झुका ली और मुस्कुरा कर अपने होंठ चबाने लगी।

मैंने उनको दूध का ग्लास दिया और उन्होंने आधा ग्लास खाली कर दिया.
फिर मैंने भी दूध पी लिया।

वो मेरे पास आकर बैठ गए और बड़ी शराफत से बोले- आपको छू सकता हूँ?
मैं हैरानी से देखने लगी कि ये कैसा मर्द है वो छूने की इजाजत मांग रहा है वो भी अपनी बीवी से।

मैंने बस ‘जी’ कहा और उनके पास खिसक गई।
उन्होंने अपना हाथ मेरी कमर में डाल दिया और धीरे धीरे मेरी कमर को सहलाने लगे।

“यू आर सो ब्यूटीफुल शोना, यू लुक्स सो सेक्सी (तुम बहुत सुंदर हो शोना, तुम बहुत सेक्सी हो) मुझे सुहागरात पर कोई उपहार नहीं दोगी?”

मुझे यह याद ही नहीं था कि पतिदेव को भी कुछ गिफ्ट करना चाहिए।

मैंने माफी मांगी.
तो उन्होंने कहा- अगर कोई उपहार नहीं लाई हो तो मेरी मर्जी का उपहार दो।

मुझे अंदाजा हो गया कि मर्द आखिर औरत से मांगेगा क्या, सेक्स … वो भी मनपसंद तरीके का।
मैं तैयार हो गयी- जी बताइये आपको क्या चाहिए?

कुछ देर बाद मेरी आँखों में देखकर वो बोले- मेरी रानी बनोगी?
मैं खुश हो गई- बिल्कुल क्यों नहीं! आप मेरे राजा और मैं आपकी रानी!

वे बोले- नहीं राजा नहीं, तुम मेरी रानी बनो बस!
मुझे कुछ समझ नहीं आया पर मैंने हां कर दी।

“थैंक्स शोना, आई होप यू लाइक इट!” (धन्यवाद शोना, मुझे उम्मीद है कि ये तुम्हें पसन्द आएगा)

यह बोलकर वो अपना हाथ मेरी कमर से सरकाते हुए मेरी जांघों के पास लाये.
मुझे लगा कि जनाब मेरी चूत के साथ खेलना चाहते हैं.

लेकिन मैं हैरान तब हो गई जब वे अपना हाथ मेरे घुटनों पर से सरका कर मेरे पैरों की उंगलियों से खेलने लगे।
मुझे कुछ निराशा हुई क्योंकि मैं कई बार सेक्स कर चुकी थी.

फिर खयाल आया कि शायद इनका यही तरीका है फोरप्ले करने का … इसलिए मैंने अपनी आंखें बन्द कर ली और गहरी सांस भरकर अपनी होने वाली चुदाई की कल्पना करने लगी।

उनकी उंगलियां मेरे पैर से खेल रही थीं- योर फीट आर सो सेक्सी शोना!

मैं बस थैंक्स बोलकर बैठी रही.

तभी मुझे एहसास हुआ कि मेरी पैरों की उंगलियों पर कुछ गीला सा लग रहा है.
मैंने आंखें खोली तो देखा कि वो मेरे पैरों की उंगलियों को चाट रहे थे।

“यह आप क्या कर रहे हैं?” मैं हैरानी और गुस्से से पूछने लगी।
“क्या हुआ शोना, पसन्द नहीं आया क्या?” अरिहन्त बोले।

“नहीं … यह क्या तरीका है भला?” मैं बोली।
“इसे फुट जॉब कहते हैं शोना, ये भी आर्ट है रोमांस करने की!” अरिहन्त बोले।

“ये गन्दे तरीके मुझे पसन्द नहीं हैं अरिहन्त. प्लीज, ये सब बन्द करो!” मैं बोली।

“क्यों मुझे सुहागरात का उपहार नहीं दोगी? तुम ही तो कह रही थी कि तुम मेरी रानी बनोगी!” अरिहन्त बोले।
“हां, मैं हूं आपकी रानी!” मैं बोली.
“तो गुलाम को अपनी खिदमत करने दीजिए रानी साहिबा!” यह बोलकर अरिहन्त फिर मेरे पैर की उंगलियां चूसने लगे।

ये सुनकर मैं हैरान रह गयी।
मैंने बहुत सी पोर्न फिल्मों को देखा था और मैं समझ गयी कि मेरे पति सबमिसिव किस्म के हैं।
मैं चुपचाप उन्हें अपना अंगूठा चूसते हुए देखती रही।

“चलिए बहुत हो गया ये सब, अब कुछ और करिये!” मैं बोली।
“जी मेरी मलिका!”
बोलकर अरिहन्त ऊपर आये और मेरे हाथों को चूम लिया।

वे मेरे हाथों के जेवर और चूड़ियां उतारने लगे और फिर मेरे गले के तरफ बढ़े, फिर मेरे बाकी के जेवर उतारे।

मैंने उनके होठों पर अपने होंठ रख दिये और काफी देर तक वो मुझे चूमते रहे।

“रानी साहिबा प्लीज, गुलाम को खिदमत करने दीजिए!” अरिहन्त बोले.
फिर वो धीरे धीरे मेरे कपड़े उतारने लगे।

पहले उन्होंने मेरी दुपट्टे को हटाया, फिर मेरा ब्लाउज खोला।
मेरे ब्लाउज के नीचे एक सेक्सी सी पिंक ब्रा थी।
उन्होंने मेरी घाटियों को चूमा और फिर नीचे के कपड़े उतारने लगे।

अब मैं बस ब्रा और पैंटी में थी।
मैंने भी उनके कपड़े उतारने शुरू किए और अंडरवियर छोड़ कर सब उतार दिया।

उनके अंडर वियर पर कुछ गीलापन था पर मैंने नजरअंदाज कर दिया।

वो बेड से नीचे उतर गए और मुझे सोफे पे बुलाया।
मैं सोफे पर जाकर बैठ गयी और वो नीचे घुटनों के बल बैठ गए।

“रानी साहिबा, गुलाम को इजाजत दीजिए!”
ये बोलकर वो फिर से मेरे पैर चूमने लगे।

कुछ देर बाद मैं बोर होने लगी और उनको खड़ा किया, मैंने उनकी अंडरवियर उतार दी और देखा कि उनका 4 इंच का लिंग थोड़ा तना हुआ था।

“रानी साहिबा प्लीज, मत करिए ये … बहुत गन्दा है मेरा लंड!” वो गिड़गिड़ाते हुए बोले।

पर मैं कुछ सुनने के मूड में नहीं थी … मैं उनके लिंग को सहलाने लगी और उसे मुँह में भर लिया।

“आह रानी साहिबा बस करिये, आपको अच्छा नहीं लगेगा!”
पर मैं कुछ सुनने के मूड में नहीं थी।

तभी उनके लिंग में अकड़न हुई और वो झड़ गए।
बहुत गन्दा टेस्ट लगा मुझे उनके पतले से पानीदार वीर्य का … इसलिए मैंने उसे फर्श पर थूक दिया।

“माफ कर दीजिए रानी साहिबा, लेकिन मैं कुछ नहीं कर सका।”
वो जमीन पर बैठ गए।

अब मैं बहुत नाराज होने लगी थी- तुम इतने कमजोर हो, मुझे पता नहीं था. कम से कम अपनी बीवी को खुश करो, वरना लोग तुम्हें नामर्द समझेंगे।
“यही हकीकत है रानी साहिबा!” वो सिकुड़कर बैठ गए।

मैंने उनके बाल पकड़े- मैं तुम्हारे पास इसलिए नहीं आयी हूँ कि एक हिजड़े की तरह तुम मुझे प्यासी छोड़ दो। मुझे खुश करो वरना मैं तुम्हें बदनाम कर दूंगी।

अपनी ब्रा और पैंटी मैंने उतार दी और बेशर्म नंगी होकर बैठ गई।

“अगर मेरे गुलाम हो तो मुझे खुश करो और अपना औजार मेरे अंदर डालो!” मैं बोली।
“मुझसे नहीं हो पायेगा रानी साहिबा, मैं 2 बार झड़ चुका हूं. आप इजाजत दें तो बाकी तरीकों से आपको खुश करूँ?”

मैं गुस्से में थी और हवस में तपी जा रही थी।
मैंने हां कहा.

तो उन्होंने मेरी टांगें खोली और अपना मुंह मेरी चूत पर टिका दिया।
फिर वैसे चाटने लगे जैसे कोई कुत्ता मलाई को चाटता हो।

करीब आधा घंटा चाटने के बाद मैं झड़ने वाली हुई तो उन्होंने मेरा रस पीने की इजाजत मांगी।
मैंने उनके सर को पकड़ के चूत पर दबा लिया और जब झड़ी तो मेरी एक एक बूंद उनके मुंह में थी।

मैं झड़ने के बाद कुछ रिलैक्स हुई और अरिहन्त को खुद से दूर किया।

फिर बाथरूम जाकर खुद को साफ किया और लौटकर अरिहन्त को उसी का वीर्य चटाया जो वहीं कमरे में फर्श पर पड़ा था।

“रानी साहिबा, आप जो कहोगी मैं करूंगा, मैं आपका गुलाम हूँ, बस आपकी खुशी मेरे लिए ज्यादा करूरी है!” अरिहन्त बोले।

उनकी बातें सुनकर कुछ रिलैक्स हुई और अरिहन्त को गुलाम की तरह ही ट्रीट करने लगी।

मैंने उस दिन उनको जमीन पर सुलाया और महारानी की तरह बेड पर अकेले सोई।

इस तरह मेरी अधूरी सुहागरात हुई और मैं एक असन्तुष्ट मादा की तरह बिस्तर पर तड़पती रही।

खैर सुहागरात के 1 सप्ताह के बाद हम लोग हनीमून के लिए गोवा जाने को तैयार हुए।

मुझे पता था कि वहां भी अरिहन्त मुझे कोई सुख नहीं देंगे लेकिन लोगों को दिखाने के लिए हमें जाना पड़ा।

खैर हम लोग जब एयरपोर्ट पहुंचे तो वहां और भी कई लोग बैठे थे।
हमारी फ्लाइट जाने में अभी 1 घण्टा था और अरिहन्त एयरपोर्ट पर पेपरवर्क के लिए गए थे।

वहां लॉबी में मैं बैठने की कोई जगह तलाशने लगी तो देखा कि एक लड़का काफी देर से मुझे देख रहा था।
मैं भी उसे देख के मुस्कुराई और उसके पास जाकर बैठ गयी।

उसने हाथ मिलाया- हेलो मैम, मैं शलभ दिल्ली से! और आप?
मैंने भी हाथ मिलाया और अपना परिचय दिया।

फिर पता चला कि जनाब गोवा के एक पब में बार टेंडर का काम करते हैं।

मैंने जब बताया कि मैं हनीमून के लिए गोवा जा रही हूं तो वो आंख मारते हुए बोला- कहिए तो मैं भी साथ चलूं?
फिर हम दोनों हंसने लगे।

उसने मुझे अपना कार्ड दिया और कहा- गोवा में इस होटल आ जाइयेगा, आपको 20% छूट मिल जायेगी।

तब तक अरिहन्त आ गए और फिर हम तीनों विमान में बैठ गए।

रास्ते में हम बात करते हुए गोवा पहुंचे और वहां के होटल में शलभ ने हमें डिस्काउंट दिलवा दिया।

फिर हम लोग कमरे में पहुंच गए ताकि सो कर थकान उतार सकें।

मैंने अरिहन्त को सोफे पर सुलाया और बेड पर सो गई।

जब हम उठे तब तक रात के साढ़े नौ बज चुके थे।
मैं नहा ली और तैयार होकर नीचे पब में चली, साथ ही अरिहन्त भी आ गए थे।

वहां मैंने देखा कि शलभ बार पर शराब सर्व कर रहा था।
मुझे देखते ही उसने ऊपर हाथ उठा कर मेरा अभिवादन किया।

मैं बार पर गयी और शलभ ने मुझे टकीला सर्व की।
2 शॉट्स पीकर मैं उससे बातें करने लगी और फिर पता चला कि उसकी शिफ्ट 12 बजे समाप्त हो जाएगी।

मैं डांस फ्लोर पर गयी और डांस करने लगी, नाचते गाते हुए 12 भी बज गए।

मैंने अरिहन्त को कहा- सुनो डार्लिंग, आज रात मेरा कुछ मस्ती का मूड है, प्लीज कुछ गड़बड़ मत करना।
अरिहन्त ने हां में सर हिलाया और फिर मैं शलभ के साथ जाकर नाचने लगी।

नाचते वक्त वो मेरे बहुत करीब आ गया था और अब उसका हाथ मेरे अंग अंग को छूने लगा था।
कभी मेरी गांड, कभी मेरे स्तन, उफ्फ … हर बार वो मुझे छूकर मुझे गर्म कर देता।

खैर जब काफी देर हो गई तो उसने कहा कि उसे अब घर जाना है.
मैंने पूछा- कहाँ घर है तुम्हारा?
तो वो बोला- पास ही में!

मैंने कहा तो मुझे भी ले चलो.
वो बोला- अरिहन्त को पता चला तो?
मैं बोली- कोई दिक्कत नहीं, उसके सामने मुझे उठा के ले जाओगे तो भी वो कुछ नहीं बोलेगा।

अरिहन्त ने यह सुनकर मेरी गांड पर चांटा लगाया तो आस पास के लोग देख के सीटी मारने लगे।

मैं शलभ के साथ उसके घर चल दी.
करीब आधा मील पैदल चलने के बाद उसका घर आ गया।

घर पहुंचकर हमने वाइन पी और फिर म्यूजिक पर डांस करने लगे।

डांस करते करते वह मुझे किस करने लगा।
मैंने भी बिना किसी विरोध के उसे किस करने दिया।
आखिर मैं भी बहुत प्यासी थी।

शलभ की हिम्मत बढ़ गयी और उसने मेरे स्कर्ट में हाथ डाल कर मेरे मोटे नितम्बों को दबोचा और बोला- उफ़्फ़! आज इसे मारने पर मजा आएगा।

मेरा टॉप उतार कर उसने अलग कर दिया और मेरी स्कर्ट को ऊपर कर के मेरी चड्डी निकाल दी।
मैं ब्रा और स्कर्ट में थी.

शलभ अचानक से नीचे आकर मेरी चूत पर चुम्बन करने लगा।
फिर वो मुझे अपने बेडरूम ले गया और बेड पर लिटा कर मेरी चूत चाटने लगा।

“प्लीज शलभ, चाटो मत … इसकी चुदाई शुरू करो।”
शलभ हँसा- साली कुतिया, जरूर पेलूँगा तुझे, पर पहले मेरे लन्ड को तैयार तो कर!

मैं उसका इशारा समझ गयी। मैं बेड से उतरकर जमीन पर घुटनो के बल बैठ गई और शलभ के कपड़े खोलने लगी।

मैंने उसे नंगा किया और उसके बड़े फ़नफनाते काले लंड को धीरे से सहलाया, फिर उस पर अपने होंठ टिका दिए।
उउम्म … वो नमकीन स्वाद मेरे मुंह में घुल गया और मैं उसे चूसने में मग्न हो गई।

उसने अपने टट्टे मेरे मुंह में घुसेड़ दिए- इसे चूस कुतिया!
ये बोलकर उसने मेरे बाल पकड़े और फिर लिंग का दबाव डालकर अंदर तक टट्टे घुसेड़ दिए।

फिर जब उसे लगा कि उसका लंड पर्याप्त गीला हो गया तो उसने मुझे कुतिया बनने का आदेश दिया।

“प्लीज कंडोम लगा लो!” मैंने विनती की.
तो उसने मेरी गांड पर चमाट मारी- भोसड़ी की, चुपचाप कुतिया बन … वरना चोदन कर कर के तेरी मुनिया का भोसड़ा बना दूंगा।

मैंने हवस में मजबूर कुतिया की तरह ब्रा उतारी और कुतिया बन गयी।

उसने मेरी स्कर्ट ऊपर की और अपना लंड मेरी चूत पर टिका दिया, फिर झटके से अंदर पेल दिया।

आह … मेरे मुंह से एक मस्ती भरी चीख निकली और मैं आंखें बन्द करके अपनी ठुकाई का मजा लेने लगी।

एक लय में शलभ मेरी चुदाई करता जा रहा था और मुझे बहुत भद्दी गालियां दी रहा था- आह … साली कुतिया, बहुत चोदूँगा तुझे आज! आह, हरामजादी, अंदर तक लंड ले लेती है साली तू, भोसड़ी वाली, क्या चूत है तेरी!

आधे घंटे बाद मेरी चूत अकड़ने लगी और झड़ गयी.
लेकिन फिर भी शलभ मेरी जोरदार चुदाई जारी रखे हुए था।

फिर जब वो झड़ने को हुआ तो उसने मुझे बिठाया और मेरे उरोजों पर अपना वीर्य छोड़ दिया।
मैंने स्तन पर से उसका माल उठाया और चाटने लगी।

“साली, कितनी हरामन है तू, पूरी रांड है।” ये बोलकर उसने मुझसे अपना लंड साफ करवाया और दोबारा फिर चोदा।

इस तरह से पूरी रात मैं ठुकती रही और फिर सो गई.

सुबह जब उठी तो देखा कि साढ़े दस बज चुके थे।
मै जल्दी से होटल पहुंची तो देखा कि अरिहन्त मेरा इंतज़ार कर रहे हैं।

उन्होंने मुझे गले लगा लिया और कहा- मेरी महारानी का स्वागत है!
इंडियन वाइफ Xxx करके आई और पति ने ऐसे स्वागत किया.
मैं भी शरमा कर अपने पति के गले से लग गयी और उनको किस किया।

फिर मैंने सोचा कि थोड़ी बहुत खुशी इन्हें भी दे दूं।

मैंने उनकी पैंट नीचे की और उनका कमजोर छोटा लंड मुँह में भर लिया और 2 मिनट बाद उनका फव्वारा मेरे मुंह में छूट गया।

मेरे जीवन में बहुत सारी ऎसी सेक्स भरी घटनाएं होती रही।
मैं आगे भी अपने जीवन से सम्बंधित किस्से लाती रहूंगी।

यह इंडियन वाइफ Xxx कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद।
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