दिल पर जोर नहीं-1
मेरी इच्छा तो अपनी हवस पूरी करने की थी, बस जिस्म की जरूरत को पूरा करना चाहती थी। मैं उसे हर तरह से उत्तेजित करती रहती थी कि वो मौका मिलते ही मेरी छातियाँ दबाये और मेरे दूसरे अंगों को मसल दे।
आशिक और माशूका के बीच प्यार मुहब्बत भरा रोमांस और उसके बाद जोश से भरा सेक्स आह … मजा आ जाता है. असली चुदाई का मजा तो रोमांस के बाद ही आता है.
मेरी इच्छा तो अपनी हवस पूरी करने की थी, बस जिस्म की जरूरत को पूरा करना चाहती थी। मैं उसे हर तरह से उत्तेजित करती रहती थी कि वो मौका मिलते ही मेरी छातियाँ दबाये और मेरे दूसरे अंगों को मसल दे।
नमस्कार मेरे प्यारे पाठको ! मैं एक बार फ़िर से हाज़िर हूं अपनी कहानी का अगला भाग लेकर। आपने मेरी पिछली कहानियाँ टीचर्स डे और ऐन्नुअल डे तो पढ़ी होंगी। आप वरुण और मुझ से तो वाकिफ़ ही होंगे। यह कहानी ठीक वहीं से शुरू है जहां ‘ऐन्नुअल डे’ खत्म हुई थी। सभी कहानियों में […]