एक व्याख्या प्रेम की…-1
लेखक : निशांत कुमार वासना और प्रेम एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। प्रेम का सुख मिल जाए तो वासना मनुष्य के नियंत्रण में हो जाती है और जिस्म का सुख मिल जाए तो प्रेम पीछे छूटने लगता है। मैं जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ वो इन्ही दो शब्दों के बीच है, वासना […]