पर पुरुष समर्पण-1
मैं खुद ही हुक खोलने लगी। उसने मेरे हाथ हटाए और चट चट मेरे ब्लाऊज़ से सारे हुक खोल दिए, मेरी ब्रा को ऊपर सरका कए मेरे चुचूक को मुंह में लेकर किसी शिशु की तरह चूसने लगा।
Chuchi Chusai Boobs Nipple sucking चूची चुसाई
मैं खुद ही हुक खोलने लगी। उसने मेरे हाथ हटाए और चट चट मेरे ब्लाऊज़ से सारे हुक खोल दिए, मेरी ब्रा को ऊपर सरका कए मेरे चुचूक को मुंह में लेकर किसी शिशु की तरह चूसने लगा।
उसकी चूत बहुत कसी लग रही थी, उस पर थोड़े सुनहरे रँग के मुलायम बाल भी थे। मैंने अपनी हथेली उसकी चूत पर प्यार से फेरी और उसके दाने को अपनी चुटकी से ज्यों ही मसला, चाची गनगना गई।
नील ने अपनी चूत को मेरे लंड पर रख दिया, चूत मेरा सारा लंड निगल गई और अब मैंने नील के दोनों बूब्स अपने हाथ में ले लिए, दबाने लगा।
प्रीत आर्य आपने मेरी कहानी वो सात दिन का पहला भाग तो पढ़ा ही होगा… आज मैं अपनी कहानी का दूसरा भाग आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ। घर पहुँचा तो देखा मम्मी स्वाति आंटी से ही फोन पर बातें कर रही थी- हाँ…हाँ… क्यूँ नहीं… और ठीक ही है… अकेले के लिये खाना बनाने […]
घटना चार साल पहले की है, मीत मुझसे चार साल छोटा था पर कुछ सालों से साथ क्रिकेट खेलने, साथ स्कूल आने-जाने से हमारी दोस्ती गहरी हो गई थी, इससे दोनों के परिवारों में भी घनिष्ठता हो गई थी। मीत की मम्मी स्वाति आंटी 35-36 साल की पढ़ी लिखी, हाई सोसायटी की समझदार महिला थी। सुगठित शरीर, लम्बी टागें, उन्नत उरोज़ एवं बडे-बडे नितम्बों से सुशोभित स्वाति आंटी इतनी सुन्दर थी
उससे घुस नहीं पाया, वो अनजान राही था, मंजिल हासिल करने में कच्चा था, मैंने हाथ ले जा कर उसके लुल्ले को पकड़ सही जगह टिका दिया और उसने झटका दिया, सर सर करता चीरता लंड घुसता चला गया मेरे!
दोस्तो, नमस्ते, कैसे हैं आप लोग? काफी दिनों से समय न मिलने के कारण आपके सामने न आ सका। माफ़ कीजियेगा दोस्तो ! वैसे झूठी कहानी मुझे लिखनी नहीं आती, मैं जो भी लिखता हूँ वो मेरी वास्ताविक कहानियाँ होती हैं, कुछ दिनों से काम में व्यस्त रहने के कारण कहानी न लिख सका, इस […]
गाँव में मेरे घर से 2-3 घर छोड़कर एक घर है जिसमें गीता नाम की लड़की रहती है, हमारी छतों के फासले भी ज्यादा नहीं थे, मुझे धीरे-2 गीता में इंटरेस्ट आने लगा और मुझे लगा कि शायद यही मेरी पहली चुदाई की इच्छा पूरी कर सकती है।
मैं वही बैठ कर उसकी गोरी जाँघों को निहारने लगा। इससे मेरा लंड खड़ा हो गया। मैं आँखें बंद करके लेट गया। मैंने अपना एक हाथ उनकी जाँघ पर रखा और धीरे-धीरे सहलाने लगा, कोई प्रतिक्रिया न देखकर मैं समझ गया कि भाभी गहरी नींद में हैं।
उसने कहा- यह तो मैंने मन की बात कही है सिर्फ। मैं ऐसा कोई भी कदम शादी से पहले नहीं उठाऊँगी। और यह कहकर वो आकर मेरे सीने में सिमट गई। आज पहली बार मैंने उसे अपनी बाँहों में लिया। काफी देर तक वो मेरे बाँहों में मेरे सीने से चिपकी रही। आज मेरे मन […]
क्या मस्त चूतड़ थे दीदी के ! दिल तो कर रहा था कि पूरी जिंदगी दीदी की गाण्ड ही चाटता रहूँ.. मैं वहीं बैठा दीदी को बातें करता देख रहा था और अपना लंड सहला रहा था..तभी छत पर आवाज़ हुई और दीदी ने फोन काट दिया.. सामने से वो हैवान आता दिखाई दिया… सिर्फ़ […]
मैंने एक तरफ से कामना का नाइट गाऊन उसके नीचे से निकालने के लिये जैसे ही खींचा कामना से अपने नितम्ब ऊपर करके तुरन्त नाइट गाऊन ऊपर करने में मेरी मदद की। मैंने कामना के ऊपरी हिस्से को बिस्तर से उठाकर नाइट गाऊन को उसके बदन से अलग कर दिया... और वो काम सुन्दरी मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी वैसे तो उस समय वो गुलाबी रंग की ब्रा उस पर गजब ढा रही थी...
उस भिखारी को मैंने अन्दर बुला लिया... फिर उसके सामने मैं अपनी ब्रा खोल कर खड़ी हो गई! मैंने नीचे जीन्स पहनी हुई थी! मैंने उसके सामने अपने उरोज पेश किए और एक चूचा उसके मुँह में डाल दिया!
प्रेषिका : शिप्रा शिप्रा के रसोई में जाने के बाद मैं अपने बिस्तर पर लेट लेटे तीन वर्ष पहले अपनी अठारवीं वर्षगाँठ की वह घटना को याद करने लगा जब शिप्रा और मेरे यौन सम्बन्ध स्थापित हुए थे। आप सब भी उस घटना के बारे में जिज्ञासु होंगे इसलिए मैं उसका विवरण निम्नखित अनुच्छेदों में […]
भाई बहन की चुदाई करने की सोच कर मुठ मार रहा था और बहन सोच रही थी कि कैसे अपने भाई का कुंवारा लंड अपनी चूत में डलवाए.
अब मैंने अपने होंठ उसके होंठ से लगा दिए और उसके होंठों को चूसने लगा। मैंने अपनी जीभ को उसके मुँह से सटाई तो उसने अपना मुँह खोल दिया। अब वो भी मेरी जीभ चूसने लगी, शायद वो इतनी गर्म हो चुकी थी कि अपने आप को रोक नहीं पाई।
मैं चाह रही थी कि काश वक्त रुक जाए और जगन इसी तरह मुझे चोदता रहे। पर मेरे चाहने से क्या होता आखिर शरीर की भी कुछ सीमा होती है। मैंने अपनी चूत का संकोचन किया
आपकी शालिनी राठौर आपके लिए एक बार फिर से अपनी मस्ती की दास्ताँ लेकर आई है. भूले तो नहीं ना मुझे? आया कुछ याद? हाँ जी आपकी वही शालिनी भाभी जयपुर वाली.
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरी तरफ से नमस्कार ! मैं 23 वर्षीय मध्यम रंग का 5’10’ कद का सामन्य दिखने वाला लड़का हूँ। मैंने अन्तर्वासना की लगभग सभी कहानियाँ पढ़ी हैं और यह मेरी पसंदीदा वेबसाइट बन गई है, कई कहानियाँ तो सच्ची लगती हैं तो कई झूठी भी लगती हैं। मेरी भी कहानी […]
सब्जी वाला मेरी पीठ पर हाथ फ़ेरकर बोला- बेटी, तू तो बड़ी जबर्दस्त चुदक्कड़ है! मेरा आशीर्वाद है कि तेरी चूत और फ़ूले-फ़ले, इसकी चुदास बढ़े! इसे लण्डों की कभी कमी न हो। सदा चुदागन रहो।