गैर मर्द से चूत चुदाई की कहानियाँ

अपने पति के अलावा किसी गैर मर्द से चूत चुदाई की कहानियाँ

Apne pati ke alawa kisi gair mard se chut chudai ki kahaniyan

Stories about sex relations of girls and ladies with a man not her husband

सब्जी वाले से सेक्स-1

ने जानबूझ कर साड़ी पहनी, फिर जब वो मुझे देख रहा था, मैंने पल्लू नीचे गिरा दिया अब उसकी आँखों के सामने मेरे दोनों बड़े बड़े खरबूजे आधे से ज्यादा ब्लाउज से फ़टे पड़ रहे थे।

समधन का फ़ेमिली प्लानिंग-1

मेरा नाम सोनाली, मैं कानपुर, उत्तर प्रदेश की हूँ। मेरी कहानी सच्ची है। मैं अन्तर्वासना को करीब दो वर्ष से पढ़ रही हूँ। मुझे भी लगा कि मैं अपनी दास्तान अपने अन्तर्वासना के पाठकों तक पहुचाऊं। मैं लेखिका नेहा वर्मा को अपनी कहानी भेज रही हूँ। मेरी शादी के बाद दो बच्चे पैदा हुए। उसके […]

अठरह की उम्र में लगा चस्का-3

मैं नीचे झुकी तो सामने नाग देवता मुझे सलामी दे रहे थे, गुप्ता जी ने लंड निकाल रखा था, मैं कुतिया की तरह गई, पकड़ सहलाने लगी, मुँह में डालकर चूसने लगी, लंड को चूस चूस मैंने मलाई पूरी निकाली और पी गई।

अठरह की उम्र में लगा चस्का-1

उसने मेरा कमीज़ उतरवा दिया, लाल ब्रा में कैद मेरे मम्मों को देख उनका लंड खड़ा हो चुका था जो मेरे गर्दन के करीब था, साफ़ उभरा हुआ दिख रहा था। उसने छाती से हाथ नीचे ले जाते हुए मेरा नाड़ा खोल चड्डी में हाथ घुसा दिया

क्वीनस्लैण्ड क्वीन

क्या मस्त माल थी। अब मैंने उसकी पैन्टी उतारी, चूत बिल्कुल चिकनी थी क्योंकि मैंने उसे पहले ही बताया था कि मुझे चिकनी चूत पसंद है इसलिए उसने अपनी चूत के बाल साफ कर लिए थे।

मेरे पड़ोसी की बीवी और साली-4

असल में शीघ्र पतन कोई खास बिमारी होती ही नहीं है बस मन का भ्रम होता है। एक व्यक्ति पूरा जोश में आने के बाद ज्यादा से ज्यादा 10 मिनट ही सेक्स कर सकता है.

रेलगाड़ी का मज़ेदार सफ़र -2

मेरा लंड पूरी तरह उसकी गांड में चला गया और वो जोर से चिल्लाई तो वो बोलने लगी- मुझे यह नहीं करना, बस निकाल लो। मैंने उसे बहुत समझाया कि जो दर्द होना था वो हो गया, अब तो मजा आएगा बस थोड़ा सा और। और फिर मैं अपने लंड को धीरे धीरे अंदर-बाहर करने लगा।

जोधपुर की यात्रा-3

जोधपुर की यात्रा-1 जोधपुर की यात्रा-2 अब अनवर बोला- मैडम, मुझसे नहीं रुका जाता ! अब बस मुझे अपनी चूत के दर्शन करने दो ! मैंने खड़े होते हुए कहा- तुम्हें किसने रोका है ? दिखा अपना बल ! तुमने ही तो कहा था कि देखते हैं कौन नाजुक है और कौन कठोर ! और […]

जोधपुर की यात्रा-2

जोधपुर की यात्रा-1 तो अनवर ने मुझसे कहा- वो तो ठीक है, लेकिन आपको जाना कहाँ है? तो मैंने कहा- जहाँ पहले तुम गए थे ! यह सुनकर वो हंस दिया और मुझे गाड़ी के पीछे ना ले जाकर गाड़ी के आगे ले गया जैसा कि मैं भी चाहती थी। ताकि ये दोनों मुझे नग्न […]

जोधपुर की यात्रा-1

मेरा नाम सोनिया है और मेरी उम्र 28 साल है मैं एक घरेलू महिला हूँ। मेरा फिगर 34-28-34 हैं मेरा एक दो साल का बेटा है, मेरे पति एक कम्पनी में मार्केटिंग मेनेजर हैं जो अक्सर टूर पर जाते रहते हैं। मैं बहुत कामुक हूँ, मेरी शादी को 5 साल हो चुके, जिसमें मैं कई […]

मेरी बीवी निहाल हो गई

आपने मेरी कहानी और मेरी बीवी पकड़ी गई पढ़ी होगी. आज मेरा बहुत दिन पुराना सपना सच होने जा रहा था. वजह थी कि मैं अपनी बीवी नीना को चुदते हुए देखना चाह रहा था. वास्तव में जब से मैंने अपने किरायेदार प्रशांत से उसे रात में चुदवा कर लौटते समय देख लिया था. तभी […]

गर्मी का इलाज

मैं शालिनी … याद तो हूँ ना आपको… आपकी मदमस्त भाभी… आज फिर आपके साथ अपनी मस्ती की एक यादगार चुदाई की दास्तान बांटने आई हूँ। उम्मीद है पहली कहानियों की तरह यह भी आप सबको पसंद आएगी। मेरी पहली कहानियों तो लगी शर्त और जीजा मेरे पीछे पड़ा आप सब ने बहुत पसंद की। […]

शीशे का ताजमहल-1

अन्तर्वासना को कुछ वक्त के लिए तो दबाया जा सकता है लेकिन हमेशा के लिए नहीं... यह सेक्स कहानी है शौहर को छोड़ अकेली रह रही एक लड़की की जिसके जीवन में एक लड़का आना चाह रहा है.

बाथरूम का दर्पण-6

मैं रोनी सलूजा आपसे फिर मुखातिब हूँ। मेरी कहानी बाथरूम का दर्पण को सभी ने बहुत सराहा है। कुछ लोगों ने मुझसे सागर की हेमा पवार के बारे में जानकारी चाही तो कुछ ने रमा के बारे में जानना चाहा। क्षमायाचना के साथ मैं आप सभी को बता दूँ कि मेरी कहानियों में सभी नाम, […]

मेघा की तड़प-4

रात को दस बजे प्रकाश अदिति को लेकर घर आ गये थे। अदिति बहुत थकी हुई सी थी। आते ही वो पहले तो बैठक में बैठ गई और फिर मेघा के साथ ही दीवान पर आकर लेट गई। “मेघा वो वॉशिंग मशीन में पानी भर कर पावडर मिला देना, कपड़े बहुत सारे हैं।” “अरे दीदी, […]

चार फौजी और चूत का मैदान

नमस्ते दोस्तो, आपने मेरी पहले आ चुकी कहानियों को बहुत पसंद किया जिसके लिए मैं आपकी आभारी हूँ। अब मैं आपको अपनी चुदाई का एक और गर्मागर्म किस्सा सुनाती हूँ। सर्दियों के दिन थे, मैं अपने मायके गई हुई थी, मेरे भैया भाभी के साथ ससुराल गये थे और घर में मैं, मम्मी और पापा […]

काफ़ी है राह की इक ठोकर

‘नमस्कार चटर्जी बाबू, क्या चल रहा है?’ कहते कहते घोष बाबू दरवाज़ा खोल कर अन्दर आ गए। चटर्जी बाबू बरामदे में बैठे चाय की चुसकियाँ ले रहे थे। ‘कुछ खास नहीं घोष बाबू, बस अभी अभी दफ्तर से आया था, सोचा एक कप चाय ही पी लूँ !’ ‘बैठिए, एक कप चाय तो चलेगी?’ ‘नहीं […]

बाथरूम का दर्पण-5

मैं उसकी पीठ सहलाने लगा, फिर उसकी फ़्रॉक को निकाल दिया। अब उसके भरे हुए स्तन, जो गुलाबी ब्रा में समां नहीं रहे थे, को मसलना शुरु कर दिया।

बाथरूम का दर्पण-4

मैं उसे बाँहों में उठाकर बेडरूम में ले गया उसके सारे कपड़े उतारकर उसके ऊपर छा गया। वो सिसकारने लगी, उसने मेरी पैंट उतार दी, चड्डी हटा कर लंड थामकर चूमने लगी।

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