रीटा की तड़पती जवानी-3
अगर उंगली से चूत मारने में ईत्ता मजा आता है, तो सच्ची-मुच्ची का गर्म और मोटा लण्ड तो दिन में तारे दिखा देगा. यह सोच कर वह जोर जोर से अपनी चूत फैंटने लगी.
इंडियन कॉलेज गर्ल की बुर का चोदन, कॉलेज में क्लास में अश्लील हरकतों और चुदाई की कहानियाँ
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अगर उंगली से चूत मारने में ईत्ता मजा आता है, तो सच्ची-मुच्ची का गर्म और मोटा लण्ड तो दिन में तारे दिखा देगा. यह सोच कर वह जोर जोर से अपनी चूत फैंटने लगी.
रीटा भी झुक अपनी सुन्दर चूत को निहारा और एक ठंडी झुरझुरी लेकर रीटा ने अपनी पेशाब से लबालब चूत को दोबारा कच्छी में छुपा लिया और स्कर्ट नीचे गिरा दी.
मोनिका दांतों से रीटा की चूत नौचने लगी तो रीटा मजे से पागल हो उठी और बेशरमी से अपनी टांगों को 180 डिगरी पर फ़ैला दिया. बेहया मोनिका ने रीटा को जन्नत में पहुँचा दिया.
मेरा नाम राजवीर कपूर है। यह मेरी अन्तर्वासना की पहली कहानी है। प्यार से लोग मुझे राज कहते हैं। मैं जालंधर का रहने वाला हूँ। यहाँ मेरे मम्मी, पापा मेरी बहन रहती है जो मुझसे दो साल छोटी है। मेरी उम्र 19 साल है। उम्मीद है कि यह कहानी आप को अच्छी लगेगी क्यों कि […]
धीरे धीरे मेरे होंठ अपने आप उसके गले से होते उरोजों की घाटियों तक पहुँच गए। सिमरन ने मेरा सिर अपनी छाती से लगा कर भींच लिया। आह... उस गुदाज रस भरे उरोजों का स्पर्श पा कर मैं तो अपने होश ही जैसे खो बैठा।
एक नटखट, नाज़ुक, चुलबुली और नादान कलि मेरे हाथों के खुरदरे स्पर्श और तपिश में डूब कर फूल बन गई और और अपनी खुशबूओं को फिजा में बिखेर कर किसी हसीन फरेब (छलावे) के मानिंद सदा सदा के लिए मेरी आँखों से ओझल हो गई।
मैंने कमरे में उसको दबोच लिया, वो बिस्तर पर गिर गई। मैंने उसकी टीशर्ट में हाथ घुसा कर पहले बगलों में गुदगुदी की फिर उसके मम्मों को मसलने लगा। उसके चुचूकों को चुटकी में भर कर मसला.
मैंने उसे चित लेटा दिया। उसके गुलाबी होंठ, तनी हुई गोल चुंचियां, गहरी नाभि, पतली कमर, सपाट चिकना पेट और दो मोटी मोटी जाँघों के बीच फंसी पाव रोटी की तरह फूली छोटी सी चूत।
मैंने तान्या को बाल पकड़ कर उठाया और एक रण्डी की तरह बिस्तर पर पटक दिया. उसके बाद तान्या अपनी चूत में अपनी उंगली डालने लगी.
पहले भाग से आगे : तो सर मुझे चूम कर बोले- जान, टेंशन मत लो, मैंने नसबंदी करा रखी है। फिर मैं कपड़े ठीक करके क्लास में आ गई। अगली क्लास सर की ही थी, मैं उनसे नज़र नहीं मिला पा रही थी, उनको देखते ही चूत में अजीब सा सनसनाहट होने लगी। बाद में […]
बाथरूम से निकलते हुए कुसुम की नजर जब रीतेश के कमरे की ओर गई तो उसने देखा कि दरवाजा आधा खुला था और मिनी अपने को किसी से छुड़ाने की कोशिश कर रही थी। उसे लगा जैसे किसी चीज में उसका पाँव उलझ गया हो और वह उसे ही छुड़ा रही हो। तभी मिनी तेजी […]
बीच बीच में वो मुझे प्रेम भरे चुम्बन देता… धीरे धीरे उसके धक्के तेज़ होने लगे … चूत में मुझे खिंचाव महसूस होने लगा… खुद ब खुद मैं उसके धक्कों से ताल से ताल मिला कर… उसका ज्यादा से ज्यादा लण्ड अपने भीतर लेने की कोशिश करने लगी… मेरी कोमल काया, उसके पसीने से भरे […]
लेखिका : वृंदा मुझे अपने टांगों के बीच कुछ रिसता हुआ सा महसूस हो रहा था… मेरी अन्तर्वासना मुझे सारी हदें भूल जाने को कह रही थी.. मैं इसी उधेड़बुन में थी कि तभी वो आगे बढ़ा, उसने मुझे बिस्तर पर धकेल दिया और मेरे ऊपर चढ़कर.. मुझे ज़ोरदार चुम्बन करने लगा.. मैं उसके होंठों […]
वेदांत मेरे पास आया.. उसने मुझे गले लगा लिया.. उसकी तरफ देख कर बोला… : दोस्त है यह मेरी, प्यार करता हूँ इससे.. हाथ तो क्या आँख भी उठाई ना.. तो उस दिन के बाद किसी और को नहीं देख पायेगा तू…!!! मेरी आँखें भर आई थी… पर साथ साथ होंठों पर मुस्कान भी थी.. […]
अब धीरे धीरे मेरे शरीर में भी बदलाव होने लगे.. झांघें जो पहले तिलियों सी पतली थी अब थोड़ी भर गई.. ऊपरी हिस्से में भी काफी बदलाव हुए… छाती.. स्तनों के रूप में उभरने लगी.. एक गोल्फ बाल जितना आकार लेने लगी… और मैं खुद को अच्छी लगने लगी.. घर में ज्यादातर समय शीशे के […]
लेखिका : वृन्दा बस इसी तरह समय बीतता रहा.. हम समय के साथ बड़े हो रहे थे.. हम दोनों ही यौवन द्वार पर खड़े थे… वो दिन मेरे लिए बेहद कठिन था.. मेरे जीवन की पहली माहवारी.. सुबह से ही टांगों और पेट में दर्द हो रहा था.. जैसे कोई आरी से काट रहा हो… […]
वेदांत : अब दर्द कैसा है .. खाना खा लिया..?? मैंने ना में सर हिला दिया.. वेदांत : आ जा ! मैं भी अकेला हूँ ! साथ में खाते हैं… मैंने लंच उठाया और उसकी क्लास में चली गई.. हमने पहली बार साथ लंच किया… वो बड़ा ही मासूम लग रहा था.. जाने वो क्या […]
मैं वृंदा, एक बार फिर से हाज़िर हूँ आपके सामने एक नई कथा लेकर ! आपने मेरी पिछली कहानी राजा का फ़रमान-1 पढ़ी होगी, काफी अच्छा लगा यह जानकार कि आप सबको वो कहानी बेहद पसंद आई ! “राजा का फरमान” मेरी पहली कहानी थी, ऐसे में हिंदी लेखन त्रुटियों के लिए मैं क्षमाप्रार्थी हूँ […]
अब मेरी कुंवारी गाण्ड के लिया दर्द सहना बहुत कठिन हो गया था क्योंकि मैं जानती थी कि उसका लण्ड मेरी गाण्ड के लिये मोटा है और मैं उसको सहन नहीं कर पाऊँगी।
दिनभर मैं घर पर अकेली रहती थी। मैं स्कर्ट पहनती थी। जब अकेली हो जाती थी तो चड्डी उतार देती थी। अपनी चूत को उँगली से छेड़ती रहती थी। एक दिन मैं पता नहीं कैसे दरवाजा बंद करना भूल गई। मेरी आँख लग गई। शायद जीजू अन्दर आये होंगे। पता नहीं मेरी स्कर्ट अपने आप […]