कुँवारी चूत, कुँवारी कन्या की पहली चुदाई की कहानियां

बिना चुदी नंगी चुत की पहली बार चुदाई, कुँवारी चूत की हिंदी कहानी, कुँवारी कन्या के पहले सेक्स की स्टोरी

Kunvari chut ki Chudai ki Hindi Kahani

choot Sex Stories About First Time Sex with a Virgin Girl

Story about Defloration of a Virgin Girl.

जिस्मानी रिश्तों की चाह-45

अगले दिन मैं कॉलेज से आया तो देखा कि आपी और फ़रहान कम्प्यूटर के सामने थे और ब्ल्यू फ़िल्म देख रहे थे। आपी फरहान की मुठ मार रही थीं। मुझे भी जोश आ गया।

वो सात दिन कैसे बीते-8

अब दो रातें बची, पहली रात हमने बाथरूम सेक्स का मजा लिया, पहली बार उसने मेरा वीर्य मुँह में लिया। दूसरी रात हमने सुहागरात की तरह मनाई। कहानी पढ़ कर मज़ा लें।

जिस्मानी रिश्तों की चाह-43

आपी की जांघों में लन्ड रगड़ने से उन्हें मज़ा आने लगा और वो खुद लन्ड पकड़ कर अपनी चूत के मुंह पर रखने लगी। तभी आईने में आपी को ऐसा दिखा कि वो मुझसे चुद रही हों।

वो सात दिन कैसे बीते-6

गौसिया मेरा लंड अपने बदन के अन्दर चाहती थी। मैंने उसे गांड मराने का सुझाव दिया तो वो फ़ौरन तैयार हो गई। कहानी में पढ़िए कि कैसे मैंने उसकी गुदा को तैयार किया।

जिस्मानी रिश्तों की चाह -42

मेरी छेड़छाड़ से आपी गर्म होकर अपने कमरे में हाथ से मज़ा लेने लगी। रात को हमारे कमरे में आई तो एकदम नंगी हो कर अपने नंगे बदन को शीशे में जो देखना शुरू किया तो…

गर्लफ्रेंड की चूत में मेरे मोटे लण्ड का तूफ़ान

मेरी गर्लफ़्रेंड परीक्षा देने मेरे कमरे पर रुकी। तब तक हम दोनों अछूते थे पर दोनों ही कुछ करना चाहते थे। कहानी को पढ़ कर देखिए कि कैसे मैंने उसे पहली बार चूमा।

वो सात दिन कैसे बीते-4

चरमोत्कर्ष के बाद गौसिया फ़िर उत्तेजित होने लगी और इस बार तो वो मेरा लंड अपने अन्दर ले लेना चहती थी। तो क्या मैंने उसकी अक्षत योनि में लिंग प्रवेश कराया?

मेरा गुप्त जीवन- 180

अपने घर में एक कमसिन नई नौकरानी देख मेरा मन डोल गया, उसे पटाने के लिए मैंने उसे अपना खड़ा लंड तब दिखाया जब वो सुबह चाय लेकर आती थी. उसकी सील तोड़ने की कहानी…

जिस्मानी रिश्तों की चाह-40

आपी मेरे द्वारा चूत का दाना चाटने से, फ़रहान आपी द्वारा मुठ मारने से झड़ गया। मेरे मज़े के लिये आपी ने फ़रहान को मेरा लन्ड चूसने को कहा और मुझे चूमने लगी।

वो सात दिन कैसे बीते-3

मेरे पड़ोस की कुंवारी लड़की आधुनिक लड़कियों की भान्ति हर चीज का आनन्द लेना चाहती थी। इसके लिये उसने मुझे चुना। पढ़ें कि कैसे मैं उसे प्रथम चरमोत्कर्ष तक ले गया।

वो सात दिन कैसे बीते-2

पड़ोसन पर्दानशीं लड़की ने मुझे मिलने बुलाया। वो वो सब करके देखना चाहती थी जो उसकी हमउम्र लड़कियाँ करती हैं सिवाये कौमार्य को खोने के! तो क्या हुआ हमारे बीच?

वो सात दिन कैसे बीते-1

लखनऊ में मैं अकेला रह रहा था कि दो पड़ोसी लड़कियों से लगभग साथ साथ ही नजरें लड़ी! एक घर के सामने एक दफ्तर में काम करती थी तो दूसरी पड़ोस के घर की पर्दानशीं थी.

सुहागरात पर मेरी चूत की सील खुली

अपनी सुहागरात तक मैं बिल्कुल कुंवारी थी, शादी के बाद सुहागरात को मुझे डर था कि क्या होगा कैसे होगा, दर्द होगा. इसी डर के चलते मेरे पति कमरे में आए और!

नागपुरी लौंडिया की चूत गाण्ड बजा ही दी

मैं मामा की शादी में गया, काफ़ी सुंदर लड़कियाँ आई हुई थीं.. एक लड़की मुझे अच्छी लगी, उसे लाइन दी तो वो भी शुरू हो गई। उस लड़की को पटा कर मैंने कैसे बजाया, कहानी पढ़ कर पता लगाइये।

जिस्मानी रिश्तों की चाह -35

मैंने आपी की टाँगों को खुलता महसूस कर लिया था और उनकी चूत से बहते पानी ने भी मुझे यह समझा दिया था कि अब आपी का दिमाग उनकी चूत के कंट्रोल में आ गया है..

जिस्मानी रिश्तों की चाह-33

मर्दों का तो कुछ नहीं जाता और ना ही कोई ऐसा सबूत होता है.. जो उनके कुंवारेपन को चैलेन्ज कर सके, जबकि लड़कियाँ अगर अपना कुंवारापन खो दें.. तो वे उसे कभी छुपा नहीं सकती हैं।

साली और साली की बेटी संग मज़े किए-4

ओह कोमल मेरी जान, एक दिन ऐसा आए जब तुम जागते हुये, मेरा यह लंड अपनी चूत में लो जानेमन… चाट चाट कर ही तेरी चूत का पानी निकाल दूँगा मैं, एक बार मेरी हो जा!

जिस्मानी रिश्तों की चाह -32

मैंने अपनी उंगलियाँ आपी की चूत के दाने से उठाईं और चूत के अन्दर दाखिल करने के लिए नीचे दबाव दिया ही था कि आपी फ़ौरन बोलीं- सगीर.. रुको ना.. हाय प्लीज.. उईईई.. और ऊपर.. रगड़ो ना.. आआहह..

साली और साली की बेटी संग मज़े किए-3

मेरा लंड कमल के पेट पे रगड़ खा रहा था, मेरा दिल चाह रहा था कि इसको अभी नंगी करूँ और अपना लंड इसकी कुँवारी चूत में डाल दूँ। मगर मैं ऐसा नहीं कर सकता था क्योंकि उसकी माँ सामने लेटी सब कुछ देख रही थी।

मेरी मदमस्त रंगीली बीवी-18

शाम को जब छत पर अंकल मेरे साथ छेड़छाड़ कर रहे थे, मैं उनकी गोदी में थी, मेरे चूतड़ों में सख्त सा लगा, उस वक्त कोई और था नहीं, हम दोनों ही थे… मैंने पूछ ही लिया- यह मेरे चूतड़ों में क्या चुभ रहा है?

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