बहन की चूत चोद कर बना बहनचोद -17

(Bahan Ki Chut Chod Kar Bana Bahanchod-17)

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अब तक आपने पढ़ा..
मेरी ट्रेन आ गई थी.. मैंने फोन रखना चाहा.. लेकिन वो बातें करने लगी और मैं बात करते-करते ही ट्रेन पकड़ ली।
वो बात करती रही.. मैं मन ही मन सोच रहा था कि ये तो आसानी से पट जाएगी।
कुछ देर बाद मैं फोन रख कर सो गया और नींद खुली तो दिल्ली पहुँच चुका था।
अब आगे..

मैंने देखा तो उसका फोन आया हुआ था.. तो मैंने वापस से उसको फोन किया।
सुहाना- कहाँ पहुँचे?
मैं- दिल्ली स्टेशन पर उतर रहा हूँ।
सुहाना- मैं आ जाऊँ क्या?
मैं- नहीं रहने दो.. मैं कमरे से फ्रेश हो कर शाम तक तुम्हारे पास आता हूँ..
सुहाना- मेरा एड्रेस है ना आपके पास?
मैं- हाँ लक्ष्मी नगर पहुँच कर फोन कर लूँगा।
सुहाना- ठीक है।

कुछ देर बाद मैंने उसको लक्ष्मीनगर पहुँच कर फोन किया और उसके बताए पते पर पहुँच गया।

वो बोली- बस नीचे उतर रही हूँ..
मैंने देखा सामने से एक मस्त लड़की आती हुई दिखी.. सच में बहुत जवान थी.. यार.. तब उसने पौना पैंट और टॉप पहन रखी थी। उसका फिगर लगभग 36बी-28-36 होगा।
मैं तो देखता ही रह गया..

तो वो मेरे पास आई और बोली- ऊपर चलिए।

मैं उसके साथ उसके फ्लैट में गया।
उसमें उसके साथ दो लड़कियां रहती थीं.. एक पंजाब की थी और एक बंगाल की थी, वो दोनों भी खूबसूरत थीं।

मैंने उसको सामान दे दिया और तीनों से हल्की-फुल्की बातें की.. और फिर जाने लगा.. तो सुहाना से पूछा- मेरा कमरा देखना है?
सुहाना- हाँ आपके साथ चलूँ क्या?
मैं- हाँ चलो.. वैसे भी बोर हो रही हो तो थोड़ा बहुत घूम लोगी।
सुहाना- हाँ आती हूँ.. रेडी हो कर..

वो जल्दी से रेडी हो कर आ गई.. तब उसने घुटनों तक आने वाला जींस और टाइट टॉप पहन लिया था.. जिसमें उसकी उठी हुई चूचियाँ साफ़ दिख रही थीं।
जब वो बैठी तो मैं हल्का पीछे खिसक कर अपनी पीठ पर उसकी चूचियों को महसूस करने लगा।
अब मैं बाइक चलाने लगा.. तो मैंने जानबूझ कर डिस्क ब्रेक मारा.. और वो पूरी मेरे पीठ पर चिपक गई।
शायद वो भी समझ गई कि मैं क्या कर रहा हूँ.. सो वो भी मुझे पकड़ कर बैठ गई और उसकी चूचियों मेरे पीठ को मज़े देने लगीं।

थोड़ा बहुत घूमने के बाद मैंने उसको खाना खिला कर उसके घर छोड़ दिया, उसे कमरे पर नहीं ले गया मैं।
फिर इसी तरह 1-2 दिन घुमाने के बाद वो मेरे से एकदम खुल कर बात करने लगी… मतलब फ्रैंक हो गई।

एक दिन मैं उसको एक पब में ले गया मैं जानता था कि वहाँ सिर्फ़ कपल्स को ही अन्दर जाने देते हैं।
जब हम दोनों वहाँ पहुँचे.. तो पब वाले ने पूछा- कपल्स हो?
मैं कुछ बोलता.. उससे पहले वो ही बोली- हाँ..
तो वो बोला- तो इतना दूर-दूर क्यों चल रहे हो.. साथ जाओ..

मैंने मौका देख कर सुहाना की कमर में हाथ डाल दिया और अन्दर चला गया।
अन्दर जाकर हम दोनों डान्स करने लगे.. मैं उसके साथ डान्स करते-करते उसके बदन के किसी ना किसी अंग को छू देता था.. लेकिन शायद उसको बुरा नहीं लग रहा था।

पब में मस्ती करने के बाद जब हम बाहर निकले तो।
मैं- मजा आया?
सुहाना- हाँ बहुत..
मैं- तो आज चलो.. आज मेरे घर.. यहाँ पास में ही है।
सुहाना- तो चलिए.. दिखाईएगा।
मैं- हाँ चलो..
मैं उसको अपने फ्लैट पर ले आया।

सुहाना- वाउ बहुत खूबसूरत है.. अकेले रहते हैं आप यहाँ?
मैं- हाँ अब तक तो अकेले था.. लेकिन अभी तुम हो ना..
सुहाना- हाहहाहा.. मैंने सोचा कि कोई गर्ल-फ्रेंड के साथ रहते होंगे।
मैं- नहीं है।
सुहाना- क्या.. मुझे भरोसा नहीं हो रहा.. इतना स्मार्ट लड़का और बिना गर्ल-फ्रेंड के.. हो ही नहीं सकता।
मैं- सच्ची.. नहीं है गर्ल-फ्रेंड.. तुम्हारा ब्वॉय-फ्रेंड है क्या?
सुहाना- नहीं..

मैं- क्यों तुम भी तो इतनी खूबसूरत सेक्सी सी लड़की हो.. ब्वॉय-फ्रेंड तो होगा ही..
सुहाना- नहीं है.. पहले था पतबा में। लेकिन उससे ब्रेकअप हो गया।
मैं- कैसा ब्वॉय-फ्रेंड चाहिए तुमको?
सुहाना- अगर आपके जैसा हैण्डसम.. स्मार्ट हो.. तो..

मैं हँसा और पूछा- कॉफी पीओगी?
सुहाना- हाँ पी लूँगी.. आपकी गर्ल-फ्रेंड सच में नहीं है?
मैं- नहीं.. एक थी.. लेकिन अब हम अलग हो गए हैं।
सुहाना- कहाँ की थी?
मैं- पंजाब की.. यहीं साथ रहती थी मेरे साथ..
सुहाना- साथ मतलब.. लिव-इन में रहते थे?
मैं- हाँ..
सुहाना- ऊऊऊऊओह तब तो..!
मैं- क्या तब तो..?
सुहाना- कुछ नहीं..
मैं- बोलो न…
सुहाना- वो आप समझ गए होंगे..

मैं- हाँ मैं समझ गया.. और तुम भी समझ गई होगी.. सो इस बात को हटाओ.. चीनी ख़त्म है.. मैं नीचे से ले कर आता हूँ.. तब तक तुम बोर ना हो इसलिए लैपटॉप खोल देता हूँ।
मैंने अपना लैपटॉप खोल कर उसको बोल दिया- डी ड्राइव मत खोलना।
सुहाना- क्यों?
मैं- उसमें मेरी पर्सनल फाइलें हैं।
सुहाना- ठीक है।

डी ड्राइव में मेरा नंगा फोटो पड़ा था.. मेरे खड़े लंड का फोटो था और अब तक जितनों को चोदा है उन सबके नंगे फोटो.. उन सबको चोदते हुए फोटो.. और वीडियो हैं। ख़ास करके मेरी डार्लिंग मेघा का तो चुदाई वीडियो और उसको चोदते हुए का फोटो पड़ा था।
मैं जानता था कि मैंने मना किया है तो वो जरूर देखेगी।

मैं सुहाना को उसी कमरे में बैठा कर आया था… जिस कमरे में कैमरा लगा हुआ था.. तो मैंने बाहर निकलते ही कैमरा को मोबाइल से कनेक्ट किया और छत पर जाकर बैठ गया और देखने लगा कि वो क्या कर रही है।

मैंने देखा वो अभी डी ड्राइव में ही घूम रही थी कि उसकी नज़र हाइड फाइलों पर पड़ी.. तो उसने उस फोल्डर को क्लिक कर दिया।

उसके बाद मेरी फोटो देखने लगी.. जिसको देख कर तो उसके होश ही उड़ गए थे। मेरी सारी नंगी फोटो थीं.. ख़ास करके मेरे खड़े लंड की फोटो को वो ज़ूम करके देख रही थी।
उसने लंड तो खाए होंगे.. लेकिन शायद इतना दमदार लंड नहीं खाया होगा.. इसी लिए ज़ूम करके देख रही थी।
उसके बाद चोदते हुए भी फोटो खोलने लगी.. तो वो टॉप के ऊपर से ही अपनी चूची को दबाने लगी।

फिर उसने मेरा ही एक चुदाई वाला वीडियो चला दिया.. जिसमें मैं मेघा को चोद रहा था।

वो सब देख कर सुहाना बहुत गर्म हो रही थी और अपना हाथ चूत के पास ले जा रही थी.. कि तभी मैं अन्दर आ गया और कॉफी बना कर कमरे में गया।
तो मैंने देखा कि उसका कंठ सूखा हुआ था.. वो इस समय एकदम गरम थी।

सो उसको कॉफी देने के बहाने मैंने उसके शरीर पर कॉफी का कप गिरा दिया और ‘ऊहह सॉरी..’ बोलते हुए उसको पोंछना चाहा.. और इसी बहाने उसकी चूचियों को दबा दिया।

वो कुछ नहीं बोली लेकिन उसकी नज़र मेरे लंड पर ही थी और कहते हैं ना कि अगर चुदी हुई लड़की अगर अच्छा लंड देख ले.. तो उसको बिना चुदे अच्छा ही नहीं लगता। कुछ वैसा ही हाल था सुहाना का… वो कुछ बोल तो नहीं पा रही थी लेकिन उसको देख कर मैं सब समझ रहा था।

सो मैंने उसकी चूचियों को ज़ोर से दबा दिया और वो भी अपने आपको कंट्रोल नहीं कर पाई और मेरे गले लग गई।
उसने झपट कर पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को पकड़ लिया तो मैं कौन सा पीछे रहने वाला था.. मैंने अपना लंड निकाल कर उसके सामने कर दिया और उसकी चूचियों को दबाने और चूसने लगा।
अब वो मेरे लंड को सहला रही थी कि तभी वो नीचे बैठ गई और और मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया।

उसके लंड चूसने के तरीके से मैं समझ गया कि सोनाली ने इसके बारे में कुछ गलत नहीं बताया था.. ये ज़रूर अच्छे ख़ासे लंड खा चुकी होगी। कभी लंड के नीचे पड़े दो गोलों को चूसती.. तो कभी पूरा लंड अन्दर गटक जाती थी।

दोस्तो.. मेरी यह कहानी आपको वासना के उस गहरे दरिया में डुबो देगी जो आपने हो सकता है कभी अपने हसीन सपनों में देखा हो.. इस लम्बी धारावाहिक कहानी में आप सभी का प्रोत्साहन चाहूँगा, मुझे ईमेल करके मेरा उत्साहवर्धन अवश्य कीजिएगा।
कहानी जारी है।
[email protected]

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