भावना का यौन सफ़र-1

रवीश सिंह 2015-03-07 Comments

Bhavana Ka Yaun Safar-1

दोस्तो, यह सच्ची कहानी है पर पात्रों की गोपनीयता को ध्यान में रकह्ते हुए नाम व स्थान बदल दिए गए हैं।

कुछ महीने पहले मेरी मुलाक़ात एक भावना नाम की महिला से हुई, वह तक़रीबन 45 साल की होगी।

भावना असल में अमरीका से आई है, उसने मुंबई में घर खरीदना था।

मेरे ऑफिस के करीब ही एक बिल्डिंग में उसको छोटा फ्लैट पसंद आ गया।

ज्यादातर ऐसे सौदों में रजिस्ट्री होने के बाद सम्पर्क कम हो जाता है लेकिन भावना मुंबई में नई थी इसलिए कुछ ना कुछ पूछने के लिए फोन करती रहती थी।
उसकी मीठी वाणी में एक खिंचाव था।

हम दोनों साथ में दो तीन बार ख़रीदारी करने बाइक पर मॉल गए, साथ में खाया पीया। वैसे भावना अपनी उम्र से काफी सेक्सी और मॉडर्न थी, शायद अमरीका का असर था।
कुछ मुलाक़ातों के बाद हमारी दोस्ती पक्की हो गई।
उसने अपनी ज़िन्दगी की कहानी बताई वो ही बयां कर रहा हूँ। कुछ घटनाओं को विस्तार दिया है।

22 साल की उम्र में उसने अपने दोस्त विशाल से शादी कर ली। विशाल से उसकी मुलाकात शादी से दो साल पहले ही हुई थी।
भावना स्नातक की पढ़ाई के लिए शहर आई और हॉस्टल में रहने लगी। दोनों साथ पढ़ते थे एक दूसरे को पसंद करते करते प्यार करने लगे, लेक्चर के समय पास पास बैठते और एक दूसरे की कॉपी में ‘आई लव यू’ लिख देना, हाथ पकड़े रहना उत्तेजित करता था, क्लास के बाहर कॉलेज के किसी सुनसान कोने में घंटों चुम्बनरत रहते।
धीरे धीरे चूमना चाटना मम्मे दबाने तक पहुंच गया।

विशाल भावना के टॉप उठा कर चूचे चूसता।

वासना ने उनको अगला कदम उठाने के लिए उत्साहित किया, भावना को वो पहली चुदाई अच्छी तरह याद है।
विशाल के एक दोस्त के माँ बापू बाहर गए थे 2 दिन के लिए, तो विशाल भावना को लेकर उसके घर पे चला गया।

घर में घुसते ही विशाल लिपट पड़ा और चूमने लगा।

‘जान, जल्दी क्या है, दो दिन हैं।’ भावना बोली।

‘अब सब्र नहीं होता!’ कहते हुए विशाल ने भावना को उठाया और बैडरूम में ले गया, बैडरूम में बिस्तर पर लिटाया और खुद भी ऊपर लेट गया।

दोनों एक दूसरे को बेइंतेहा चूम रहे थे, भावना जुबान बाहर निकालती तो विशाल चूस लेता।
विशाल ने भावना को निर्वस्त्र करना शुरू किया और शरीर के हर नग्न होते अंग को चूमने लगा।

कुछ ही क्षण में सिर्फ ब्रा और पेंटी में लेटी भावना वासना से ओत-प्रोत अत्यंत कमनीय लग रही।
उससे भी रहा नहीं गया, विशाल खोले उससे पहले उसका शर्ट फाड़ दिया।

पलक झपकते ही विशाल का लंड हवा में भावना को सलामी दे रहा था, भावना भूखी कुतिया की तरह उस पर झपट पड़ी।
उसने जैसा अंग्रेजी वीडियो में देखा था वैसे चूसने लगी।
पर वीडियो और असल में फ़र्क होता है, वहाँ लड़का घंटों चोदते हुए दिखाया जाता है यहाँ विशाल का पानी चंद मिनटों में ही निकल गया।
भावना को वीर्य मुँह में जाते ही उलटी आ गई, चूमने चाटने से गीला हुआ उसका तन अब उलटी से सना था, ब्रा पेंटी सब गंदे हो गए।

बहरहाल बैडरूम साफ कर दोनों बाथरूम में नहाने गए, जवां नंगे जिस्म पर गिरते पानी ने आग में पेट्रोल का काम किया।
दोनों अपने चुम्बन में मस्त बिना शॉवर बंद किये, गीले ही बिस्तर पर आ गये।
विशाल यूं तो कंडोम के पैकेट लाया था लेकिन कामाग्नि में भूल गया।
लंड ने जब कौमार्य की झिल्ली फाड़ी तो भावना दर्द से रो पड़ी, दर्द कम हुआ तो विशाल ने चुदाई जारी रखी, दर्द अब मीठा लगने लगा।
विशाल का लौड़ा भावना की चूत की गहराइयाँ नाप रहा था, भावना भी कमर उचका कर चुदाई के मज़े ले रही थी।

दो दिन में विशाल-भावना नवविवाहित युगल की तरह रहे।

पहली बार वीर्य की एक बूंद पर उलटी करने वाली भावना अब पूरा पी जाती, विशाल मदिरा से ज्यादा उसके चूत के अमृत से मद मस्त रहता।

विशाल और भावना के प्रेम-प्रसंग की चर्चा पूरे कॉलेज में थी।

एक बार भावना लाइब्रेरी की सीढ़ी पर अकेले बैठी थी तभी उसकी क्लास का एक लड़का शहजाद आया।

शहजाद रईस बाप का लड़का था, उसने भावना को दो तस्वीर दिखाई, एक में विशाल भावना के नंगे चूचे चूस रहा था दूसरे में भावना विशाल का लंड !

तस्वीर देख कर भावना सकपका गई।
कॉलेज के जिन कोनों को वो महफ़ूज़ समझते थे, वे इतने महफ़ूज़ नहीं थे।

‘कुछ फोटू और भी हैं।’ शहजाद ने ब्लैकमेल करने के अंदाज़ में कहा।

‘प्लीज दे दो मुझे!’ भावना गिड़गिड़ाते हुए बोली।

‘कार में हैं, ले लो!’

भावना तुरंत उठ गई, कार में घुसते ही शहजाद ने गाड़ी चालू कर दी।

‘कहाँ ले जा रहे हो?’ भावना घबराते हुए पूछने लगी।

‘यहाँ कॉलेज में कोई भी आ सकता है, सेफ नहीं है।’ शहजाद ने गाड़ी चलाते हुए कहा।

शहजाद गाड़ी एक सुनसान जगह पर ले आया।

‘इन फोटो के बदले क्या दोगी?’

सुन कर भावना घबरा गई- मेरे पास पैसे नहीं हैं।

‘पैसे चाहिएँ भी किसे…’ शहजाद फ़िल्मी अंदाज़ में बोला- बस एक किस दे दे…

रोती हुई सोचने लगी, एक किस में क्या जायेगा- ठीक है लेकिन सिर्फ एक…

कार में बैठे बैठे ही शहजाद ने पेंट की ज़िप खोली और अपना लंड निकाल दिया, इशारा किया इसे किस कर।

शहजाद के लंड की ऊपरी चमड़ी नहीं थी, गुलाबी सुपारा चमक रहा था।

भावना को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे, तभी शहजाद ने उसके घर का पता बताया जहाँ ये फोटो जा सकते हैं।

भावना को अपने माँ बाप का ख्याल आया अपनी छोटी बहन का ख्याल आया।

भावना लंड चूसने झुकी तो शहजाद ने उसका टॉप उठा दिया और ब्रा भी। भावना के नंगे कड़क मम्मे ने शहजाद के लंड में करंट जैसे लगे और वो खड़ा होने लगा।

भावना गाड़ी में ही झुक कर उसका लंड चूसने लगी।

मजबूरी में करते हुए भावना को मज़ा आने लगा। शहजाद का लौड़ा विशाल के लौड़े से लम्बा और मोटा था।

भावना अब मस्ती से लंड चूस रही थी। शहजाद भी उसके मम्मे मसल रहा था। शहजाद की पिचकारी भावना के मुख में ही छूट गई।

उस घटना का ज़िक्र भावना ने कभी नहीं किया ना ही शहजाद ने, विशाल के साथ सम्भोग करते हुए मोटे लम्बे लंड की सोच जरूर आती पर भावना विशाल के लौड़े की चुदाई में ही संतुष्ट हो जाती।

पढ़ाई खत्म करने के बाद विशाल की नौकरी न्यूयॉर्क, अमरीका में लग गई।
भावना के घरवालों को अपनी इच्छा के विरुद्ध भावना की शादी विशाल से करनी पड़ी, जब उन्हें पता लगा वो विशाल के साथ शारीरिक सम्बन्ध बना चुकी है।

कहानी जारी रहेगी।
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