चूत चुदाई चलती बाइक पर

(Chut Chudai Chalti Bike Per)

मेरा नाम राधिका राजपूत है.. मेरा बदन का साइज़ 38-28-34 है।
अपनी कहानी मैं पहली बार आप सब के समक्ष भेज रही हूँ, यह एक सच्ची घटना है।

मेरा एक ब्वॉय फ्रेण्ड है.. जो हमारे पड़ोस में ही रहता है.. वैसे मैं उसके साथ कई बार सेक्स कर चुकी हूँ.. पर जो ये सेक्स उसके साथ किया.. वो जीवन भर कभी नहीं भूल पाऊँगी। मैं आपको बता रही हूँ.. यह वास्तव में एक अनोखी चुदाई है।

बात उस समय की है जब मेरे 12 वीं क्लास के बोर्ड के इम्तिहान चल रहे थे। हमारा गाँव एक छोटा गाँव है.. जहाँ से आने जाने के लिए बस आदि बहुत कम चलती हैं और सड़क भी बहुत खराब है.. तो हमें इम्तिहान देने पास के एक छोटे शहर में जाना पड़ता है।
उधर जाने के लिए भी हम सभी को अपने-अपने साधन से जाना पड़ता है।

मेरे पापा के पास मोटरसाइकिल थी.. तो मुझे और मेरे ब्वॉय फ्रेण्ड को.. जो मेरा पड़ोसी भी है, उसको, पापा इम्तिहान देने के लिए मोटरसाईकिल पर ले जाते और लेकर भी आते थे।

यह बात आखिरी के इम्तिहान के दिन की है.. जब हमारे इम्तिहान ख़त्म हो गए शाम को चार बजे वापस घर पर आने के लिए स्कूल से निकलते ही पापा जी की गाड़ी खराब हो गई और गाड़ी को ठीक होने में 7.30 बज गए, कुछ अंधेरा भी हो गया था।

पापा गाड़ी चलाने लगे.. मैं पापा के पीछे दोनों तरफ पाँव करके बैठ गई.. और मेरे पीछे मेरा ब्वॉय-फ्रेण्ड बैठ गया, अब बाइक चलने लगी।

तभी मेरे ब्वॉय-फ्रेण्ड ने मेरी कमर पर अपना हाथ फेरना चालू किया और धीरे-धीरे उसने मेरे मम्मों को भी दबाना चालू किया.. इससे मैं गर्म होने लगी।

फिर उसने धीरे से मेरी सलवार में हाथ डालने की कोशिश की.. लेकिन सलवार टाइट बँधी थी.. तो उसकी यह कोशिश असफल हो गई.. और इसी लिए उसका हाथ भी अन्दर नहीं जा पाया।

मेरी चूत भी मचल रही थी.. तो मैंने अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया, वो हाथ अन्दर डाल कर मेरी चूत को सहलाने लगा।
अब मैं पूरी तरह से गर्म हो गई और अब मैं भी अपना हाथ पीछे करके पैन्ट के ऊपर से ही उसका लंड सहलाने लगी, उसने अपनी पैन्ट की चैन खोल कर लंड बाहर निकाल कर मेरे हाथ में दे दिया।
मैं उसके लौड़े को सहलाने लगी और इससे मैं पूरी तरह से गर्म हो गई।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

मुझे कुछ होश नहीं था कि पापा गाड़ी चला रहे हैं।
अब वो अपना लंड पीछे से मेरी गाण्ड के नीचे डालने लगा.. तो मेरा मन भी चुदवाने के लिए मचलने लगा।
मैं हल्की सी ऊपर को उठी और सलवार व पैन्टी को थोड़ा नीचे करके वापस बैठ गई। अब मेरे ब्वॉय-फ्रेण्ड ने मुझे पीछे से हल्का उठा कर अपने लंड पर बिठा लिया और उसका लंड मेरी चूत में घुसता चला गया।

सड़क के गड्डे से धक्के लग रहे थे जो चुदाई के धक्कों में मदद कर रहे थे। मैं अब हल्की ऊपर-नीचे होकर चुदाई का मज़ा लेने लगी।

इस तरह हम दोनों ने 15 मिनट तक बाइक पर सेक्स किया। उसने अपने लंड का पानी भी मेरी चूत में डाल दिया और गाँव पहुँचने के पहले ही.. थोड़ी दूरी पर हम दोनों ने अपने कपड़े सही कर लिए और सामान्य हो कर बैठ गए।

यह थी मेरी सच्ची और यादगार चुदाई की कहानी..
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