कहीं ले चलो-2

(Kahin Le Chalo- Part 2)

This story is part of a series:

नमस्कार, मैं आपका दोस्त राज फिर से हाजिर हूँ, अपनी पिछली कहानी कही ले चलो का दूसरा भाग लेकर !

20-25 झटकों के बाद मैंने बोला- मैं निकालने वाला हूँ।

तो नील बोली- पहली बार है, डाल दो मेरे चूत में ! देखा जायगा।

मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में ही डाल दिया ! फिर हम दोनों को एक साथ हंसी आ गई कि इसके लिए हम क्या क्या कर रहे थे।

इसके लिए हम कितने पागल हो रहे थे, देखो आज यह भी पूरा हो गया।

तब समय देखा तो बोली- अब बाकी बाद में, मुझको जाना भी है !

दोस्तो, फिर हमने एक दूसरे को किस किया और दोस्त को बुला कर ताला खुलवाया और हम निकल गए !

अब तो हम दोनों को यह चस्का लग गया और कुछ दिन बाद हमने फिर डेट पर जाने का प्रोग्राम बनाया और मैंने अपनी नील को स्कूल टाइम में रास्ते से ले लिया और निकल लिए दिल्ली की सड़क पर और पहुँच गए पुराना किला दिल्ली में !

सुबह का वक्त था, इस वक्त पर यहाँ कम ही चहल पहल होती है, मैंने वहाँ पर एक खाली स्थान पर बैठ गया, फिर नील को मैंने गोद में बिठा लिया और हम इधर उधर की बात करने लगे साथ साथ किस भी करने लगे।

धीरे धीरे मजा आता रहा और मेरा लंड खड़ा होने लगा तो नील ने अपना हाथ मेरे लंड पर लगा दिया और अपना मुँह खोल कर हम जीभ से जीभ चाटने लगे और अब मेरा एक हाथ नील की चूची पर था और दूसरा हाथ नील के सर के बालों में चल रहा था।

10-15 मिनट बाद हमको और भी मजा आने लगा और नील मेरी गोद में लेट गई, उसने मेरा लंड निकाल लिया अपने ऊपर उसने अपना दुपट्टा डाल लिया और लंड को चूसना शुरु कर दिया।

नील ने लंड को खूब चूसा, आखिरकार जीभ की रगड़ से लंड ने अपने घुटने टेक दिए और एक जोरदार पिचकारी मारी और नील ने वो सारा माल अपने होटों पर फिरा कर अंदर ले लिया, फिर हम दोनों शाँत हो गए !

हमको वहाँ पर बैठे थोड़ा समय हुआ था कि फिर से चुम्मा-चाटी का सिलसिला शुरु हो दिया और अब मेरी बारी थी नील को खल्लास करने की !

मैंने नील की चूची अपने मुँह में ले ली और चूसने लगा। अब दूसरी बार फिर जोश आने लगा और मैंने चूचियों पर काफी निशान बना दिए। नील के मुँह से यही निकल रहा था- कहीं एकांत में होना चहिये था !

उधर मेरे लंड ने थोड़ा थोड़ा माल निकालना शुरु कर दिया और जींस ऊपर से थोड़ी गीली हो गई।

तभी वहाँ का चौकीदार आ गया, बोला- क्या हो रहा है?

मुझसे बोला- तेरी पैंट गीली क्यूँ है?

मुझे बहुत गुस्सा आया और मैंने नील को थोड़ा एक तरफ़ करके बोला- जब गोद में सेक्सी लड़की हो तो क्या गांड गीली होगी?

और इस बात पर चौकीदार गुस्सा हो गया और बोला- चलो, पुलिस के पास।

अब मेरी तो फट गई, क्यूँ पुलिस से फालतू में पंगा लिया जाये ! लड़की साथ थी।

नील ने उसको समझया और मुझसे बोली- इसको कुछ दे देते हैं।

मैंने उसको सौ का एक नोट दिया और वो चला गया।

तब तक मूड बहुत ख़राब हो चुका था और हम वहाँ से निकल लिए।

तभी मेरी बीवी का फ़ोन आ गया- मेरा भाई आया है, मैं उसके साथ अभी डॉक्टर के पास जा रही हूँ फ़िर मम्मी को भी मिल आऊँगी !

मैंने आने के लिए पूछा तो बोली- सन्डे को आ जाऊँगी।

यह बात नील ने सुन ली और अगले दिन नील का बर्थ-डे था।

रात को फिर नील का फ़ोन आया- कल का क्या प्रोग्राम है?

मैंने पूछा- क्या हो गया तुमको? आज बाल बाल बचे हैं।

नील बोली- जब प्यार किया तो डरना क्या !

फिर हम दोनों ने आपस में सोच विचार कर तय किया कि अपने घर पर ही नील का जन्म दिन मनाएँगे एकांत में !

मैंने नील के बर्थडे की सुबह ही पूरी प्लानिंग कर ली और अपने सीनियर को बोल दिया कि मैं जरूरी काम से बाहर जा रहा हूँ और मार्किट से कुछ सामान ले आया और नील का बर्थडे के लिये और नील की दूसरी सुहागरात मनाने के लिए कुछ गुलाब के फ़ूल भी ले आया।

मैंने अपने दोस्त को भी बुला लिया ताकि वो नील के आने के बाद बाहर से घर का ताला लगा कर चला जाए और फ़िर हम 9 से 3 बजे तक खुल्लमखुल्ला मस्ती कर सकें !

जब नील घर पर आई तो वो काली साड़ी में बहुत सेक्सी लग रही थी, मेरे पास शब्द नहीं हैं उसकी तारीफ़ करने के लिए ! बस बहुत बहुत सेक्सी लग रही थी।

जब वो अन्दर आई तो मैंने उसके होंठों को चूम कर उसको बर्थडे विश किया, फिर उसको सोफे पर बिठा कर उसके लिए चाय का इंतजाम किया।

तभी मेरा दोस्त आ गया, उसने भी नील को जन्मदिन की शुभकामनाएँ दी और चाय पीने के थोड़ी देर बाद उसने अपना काम कर दिया, वो घर को बाहर से ताला मार कर चला गया।

मैंने सब इंतजाम कर ही लिया था, मैंने नील को अपनी बाहों में लेकर किस किया और गले लगाया।

मैंने अपने बैडरूम को फूलों से सजा रखा था आखिर मेरी गर्लफ़्रेंड का जन्मदिन था, मैंने नील का हाथ पकड़ा और अपने बेडरूम में ले गया।

वहाँ पर नील ने सजे हुए कमरे को देखा तो बहुत खुश हुई, उसने मुझे चूम लिया और चिपक गई मुझसे, खूब चूमाचाटी की हमने !

मेज पर उसके जन्मदिन का केक रखा था और पूरा कमरा गुलाब के फूलों से सजा था। फूलों की महक से सारे कमरे में बहुत अच्छी महक थी !

नील ने केक काटा, मुझको खिलाया और मैंने उसको खिलाया फिर किस किया। अब हम दोनों काफी कुछ करने के लिए उतावले थे, नील ने तो अपना हाथ मेरी पैंट की ज़िप पर रखते हुए कहा- पहले इसको आजाद करो !

नील ने खुद ज़िप खोल कर पूरा लंड बाहर निकाला। मुझे उसकी आँखों में चमक आ रही थी।

उसने दो बार लंड पर अपनी जीभ लगाई और फिर तो पूरा का पूरा गले तक अन्दर लेती रही। नील ने लंड 10 मिनट तक चूसा, मैं नील के बाल पकड़ कर अन्दर-बाहर करने लगा।

अब मैं भी चरम सीमा पर था, मैंने नील को जोर से पकड़ा और सारा रस नील के मुँह में उड़ेल दिया और नील सारा का सारा रस पी गई। तभी मैंने देखा कि नील का एक हाथ उसकी योनि पर था, वो भी हर्तमैथुन करके खुद को मजा दे रही थी।

तभी उसको भी परमसुख मिला औए उसने अपना अमृत जल निकाल दिया।

बोली- हम दोनों एक साथ झड़ गए !

और दोनों हंसने लगे। फिर नील ने ठंडी साँस ली और फिर मेरे गले लग गई।

मैं फ्रिज़ से ठंडी बीयर निकल लाया, साथ में दो गिलास भी, मैंने दोनों गिलास में बीयर डाली और अब मैंने नील को चूमना शुरु कर दिया, उसके कपड़े निकालने शुरु कर दिए। साथ साथ हम बीयर पी रहे थे।

मैंने नील को बेड पर लिटा कर बिल्कुल नंगी कर दिया और फट से चूत पर अपने होंठ रख दिए।

नील ने मेरे बालों को पकड़ लिया और लगी दबाने अपनी चूत पर !

मैंने नील की चूत को चाट चाट कर लाल कर दिया, नील ने 69 की अवस्था बना कर मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया।

आग दोनों तरफ लगी थी, दोनों पागल हुए जा रहे थे, फिर एक बार हम दोनों चरम सीमा के निकट पहुँच गए और दोनों ने एक दूसरे का माल चख लिया, बहुत मज़ा आया चूत के रस में !

फिर मैंने दूसरी बीयर निकाली और एक बार फिर से दौर शुरु हो गया। अब की बारी चूत की चुदाई की थी, मैंने नील को बेड पर लिटा दिया और पोजीशन लेते हुए मैंने नील की चूत पर लण्ड रखा, नील की आँखों में चमक थी, उसने अपनी आँखों से इशारा दिया कि डाल दो,

मैंने लंड पर जोर डालना शुरु किया और नील की चूत में लण्ड घुसता चला गया। जब आधा लंड गया तो नील की आँखों में दर्द के आँसू थे पर उसने मुझे रोका नहीं और एक लम्बी साँस ली।

और फिर मैंने एक जोर का झटका दिया और पूरा लंड नील की चूत में !

नील के मुँह से चीख निकली, बहुत तगड़ा झटका था, पूरी चूत ने लंड को कस कर जकड़ रखा था, वो सारा दर्द झेल गई क्यूँकि यह सब हमारी सहमति से हो रहा था और नील अब मेरे हर झटके का जबाब नीचे से चूतड़ उछाल कर दे रही थी और उसके मुँह से ‘ओइ माँ… ह्म्म्म… राज ! जोर से ! और जोर से। फाड़ दो इसको’ निकल रहा था।

और इस प्रकार हम चुदाई की दुनिया में मस्त थे, दबादब चुदाई चल रही थी, मेरे झटके का जवाब नीचे से आ रहा था।अब हम चरम सीमा पर आ रहे थे, मेरा निकलने वाला था तो मैंने रोक लिया, नील ने बोला- अब मैं आपके ऊपर आऊँगी।

और नील ने अपनी चूत को मेरे लंड पर रख दिया, चूत मेरा सारा लंड निगल गई और अब मैंने नील के दोनों बूब्स अपने हाथ में ले लिए, दबाने लगा।

उधर नील अपनी चूत से मेरे लंड की सवारी किए जा रही थी, तब नील बोली- राज मैं तो जाने वाली हूँ !

मैंने भी बोला- नील, मैं भी ! कहाँ निकालूँ?

तो नील ने बोला- अंदर ही निकाल दो, मैं मैनेज कर लूंगी।

और 4-5 झटकों के बाद हम दोनों डिस्चार्ज हो गए। अब हम बिल्कुल थक चुके थे, कब हमको नींद आ गई, पता ही नहीं चला।

अचानक जब नींद खुली तो देखा, 2 बज रहे थे, हमारा शरीर बिल्कुल टूट चुका था, हमने चूमाचाटी में ही एक घंटा निकाल दिया।

मेरा दोस्त भी आ गया तो नील चली गई।

उसके बाद भी नील ने मेरे साथ बहुत बार सेक्स किया, उसकी शादी हो गई है पर अब भी हम आपस में बात कर लेते हैं।

तो दोस्तो, यह है मेरी नील के साथ कहानी ‘कहीं ले चलो’

मैं आपके मेल का इंतजार करूँगा दोस्तो !
[email protected]
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