टूरिस्ट गाइड का सेक्स अनुभव- 1

(Nudity On Beach in Bikini)

न्यूडिटी ऑन बीच इन बिकिनी का नजारा मैंने तो देखा ही, मेरे साथ और सैंकड़ों सैलानियों ने देखा जब मेरी जर्मन लड़की क्लाइंट गोवा के बीच पर बिकिनी पहन कर तैरने लगी.

लेखिका की पिछली कहानी थी: सेल्स गर्ल की जमकर चुदाई

मेरा नाम आकाश है, मेरी उम्र 36 साल है.
दिखने में मैं एक सांवला लड़का हूँ लेकिन मेरी बॉडी काफी अच्छी है क्योंकि मैं हमेशा ही जिम में या फिर घर पर ही व्यायाम किया करता हूँ।

अपनी कहानी शुरू करने से पहले मैं अपने बारे में कुछ बातें बताना चाहूंगा।

कहानी में मैं अपनी पहचान गुप्त रखूंगा और कहानी में जो कुछ भी आज आप लोगों को बताऊंगा उसमें एक एक बात सच बताऊंगा।
जो मेरे साथ हुआ वो बेहद ही कम लोगों के साथ होता होगा।

असल में अगर देखा जाए तो ये किसी सपने के सच होने जैसा ही है लेकिन ये सपना नहीं मेरी जिंदगी की ऐसी हकीकत है जिसके बाद मुझे और कुछ पाने की इच्छा नहीं है।

मैं जब कालेज में था उस समय से ही सेक्स के प्रति मेरा रुझान बढ़ने लगा था कालेज में मेरी 2 गर्लफ्रैंड थी जिनके साथ मैंने काफी सेक्स किया।
उसके अलावा भी मेरी कालोनी में एक भाभी थी जिनके साथ मैंने सेक्स किया।

अभी कुछ सालों से मैंने अन्तर्वासना पर कहानियां पढ़ना शुरू किया है।
इनकी कहानियां पढ़ने में सच में एक अलग ही मजा आता है।
पहले जब भी मैं कहानियां पढ़ता था तो मैं सोचता था कि कभी कोई अपनी कहानी लिखूंगा और अन्तर्वासना पर भेजूंगा लेकिन मेरी जिंदगी में कभी ऐसा कोई खास मौका आया नहीं जिसकी कहानी मैं लिखूं।

फिर 2018 में मेरे साथ कुछ ऐसा हुआ कि वो किसी सपने के सच होने जैसा था।
उस घटना के बाद मैंने सोच लिया था कि अपनी यह कहानी मैं अन्तर्वासना पर जरूर भेजूंगा।

फिर मेरी बात कोमल जी से हुई जो अन्तर्वासना पर कहानियां लिखती हैं.
और आज उनकी मदद से मैं आप लोगों के बीच अपनी कहानी भेज रहा हूँ।

तो न्यूडिटी ऑन बीच इन बिकिनी कहानी शुरू करते हैं।

कालेज खत्म होने के बाद मैं किसी जॉब की तलाश में जुट गया लेकिन कहीं पर भी मुझे मेरे मन मुताबिक जॉब नहीं मिला।

इसके बाद मेरे एक मित्र ने मुझे कहा कि ट्रैवल गाइड के बारे में सोच! इसमें भी अच्छी कमाई हो जाती है. और इसके साथ साथ नए नए लोगों के साथ मिलना और घूमना फिरना भी हो जाता है।

मैंने इसके लिए ही कोशिश शुरू कर दी और मुझे एक कंपनी में काम मिल गया।

शुरू में मुझे भारतीय लोगों को ही घुमाने का काम मिलता था क्योंकि मुझे केवल हिंदी और थोड़ी बहुत इंग्लिश आती थी।

इसमें मुझे ज्यादा कमाई नहीं हो रही थी लेकिन मेरे साथ जो लड़के काम करते थे उन्हें अलग अलग कई भाषाए आती थी जिनके कारण उन्हें विदेशी टूरिस्टों को घुमाने का काम मिलता और उनकी काफी अच्छी कमाई हो जाती थी।

फिर मैंने फैसला किया कि मैं भी अब अलग अलग भाषा सीखूंगा।
इसलिए मैंने कोचिंग सेंटर में एडमिशन ले लिया।

दो साल का समय लगा लेकिन मैंने फ्रेच, जर्मन, इटेलियन, जैपनीज़ जैसी भाषाओं की अच्छी जानकारी प्राप्त कर ली।

इसका फायदा भी मुझे मिलने लगा और अब मुझे भी विदेशी पर्यटकों को भारत घुमाने का काम मिलने लगा।

यह काम करते हुए मुझे 10 साल हो चुके हैं।
अब मेरी अच्छी खासी कमाई हो जाती है और मुझे अब केवल विदेशी पर्यटकों का ही काम मिलता है।

इन 10 सालों में मैंने सैकड़ो पर्यटकों को भारत की सैर करवाई है।
इसके साथ साथ मुझे विदेशी हसीनाओं के दर्शन भी होते हैं लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ था कि किसी विदेशी लड़की के साथ मेरा कोई सम्बंध बना हो।

फिर 2018 का साल आया और वो साल मैं अपनी जिंदगी में कभी नहीं भूल सकता।

हुआ यूं कि हमेशा की तरह ही मेरा काम रहता था कि मैं अपने ऑफिस जाता; वहाँ मुझे बताया जाता कि इस देश से कुछ पर्यटक आ रहे हैं और उन्हें एयरपोर्ट से लेकर मुझे कहाँ कहां जाना है.
और मैं कंपनी की कार लेकर उन लोगों को घुमाता था।

इसमें कभी कभी दो तीन दिन लगते थे तो कभी हफ्ते दो हफ्ते लग जाते थे।

ऐसे ही एक दिन मुझे कंपनी से फोन आया.
जब मैं कंपनी गया तो मुझे बताया गया कि जर्मनी से एक लड़की आ रही है. उसने तीन महीने के लिए एक गाइड बुक किया है। वह लड़की भारत अपनी पढ़ाई की किसी रिसर्च करने के लिए आ रही है और तीन महीने यहाँ रहेगी।
मुझे उसे सब जगह घुमाना है और उसकी मदद करनी है।

मुझे ये सब दो दिन पहले ही बता दिया गया था ताकि मैं अपनी सारी तैयारी पहले से कर लूं क्योंकि मुझे तीन महीने तक घर से बाहर रहना था।

मैंने उस लड़की की सारी जानकारी ले ली और घर जाकर अपनी तैयारियां कर लिया।

जिस दिन उस लड़की को आना था, मैं सुबह सुबह ही तैयार होकर घर से निकल गया।
उसकी फ्लाइट सुबह 11 बजे की थी, मैं 10 बजे ही एयरपोर्ट पहुँच गया।

इतने सालों से मैं गाइड का काम कर रहा हूँ लेकिन मेरे लिए ये पहला मौका था जब मैं किसी एक सिंगल पर्सन को घुमाने वाला था.
नहीं तो हमेशा किसी ग्रुप, कपल्स या फैमिली को ही घुमाने का काम मिलता था।

मैं थोड़ा नर्वस भी था क्योंकि वह लड़की अपनी पढ़ाई के लिए रिसर्च करने के लिए आ रही थी और मुझे उसे सही सही जानकारियां देनी थी।

एयरपोर्ट पहुँचकर मैंने अपने बैग से उस वो कागज निकाला जिसमें उसकी डिटेल दी गई थी।
मैंने देखा कि उसका नाम ऐना था और उसकी उम्र 21 साल है और वह जर्मन लड़की थी।

मैंने एयरपोर्ट के बाहर ही एक बोर्ड बनवा लिया.
जब उसकी फ्लाइट लैंड हुई तो मैं गेट पर वो बोर्ड लेकर खड़ा हो गया।

एक एक करके सारे पैसेंजर बाहर निकल रहे थे और मैं इंतज़ार कर रहा था।

कुछ देर बाद एक लड़की ने मेरा बोर्ड पढ़ा और मेरी तरफ इशारा करते हुए बोली- मैं हूं ऐना!

उसे मै ऊपर से नीचे तक देखता ही रह गया.
उसने पैंट और शर्ट पहन रखी थी।
बेहद ही खूबसूरत गोल और मासूम चेहरा, उसके बाल सुनहरे थे जिन्हें उसने खुला रखा हुआ था.
उसकी आँखें नीली थी और वह इतनी ज्यादा गोरी थी जैसे मलाई हो।

उसे गौर से देखने के बाद मैंने अपना परिचय उसे दिया.
उसके हाथ में एक बैग था.
मैंने उससे बैग लिया और कार में रख दिया।

वह कार की पिछली सीट पर बैठ गई और मैं कार लेकर होटल चल पड़ा जहाँ उसने रूम बुकिंग करवाई थी।

मैंने उसे उसके होटल छोड़ा और अपना कार्ड उसे दे दिया ताकि कुछ काम होने पर वह मुझे फोन कर सके।

अगली सुबह हमें निकलना था और मेरे पास पूरे दिन का समय था।

मैं घर वापस गया और जितनी तैयारी अधूरी रह गई थी, उन्हें किया और अगली सुबह ऐना के होटल गया।

कुछ ही देर में हम लोग निकल पड़े।

अगले एक महीने हम लोगों को राजस्थान, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, की यात्रा करनी थी।
उसके बाद बंगाल, असम, केरल और आखिरी महीने में उड़ीसा और दक्षिण के राज्यों का भ्रमण करना था।

हम लोगों को आगे के सफर के लिए ट्रेन की यात्रा करनी थी जिसके लिए हमने पहले से ही बुकिंग करवा ली थी।
हमने अपनी ट्रेन पकड़ी और सबसे पहले राजस्थान के लिए निकल पड़े।

दो तीन दिन में ही मैं और ऐना काफी घुलमिल गए थे.
वह मेरे साथ किसी दोस्त जैसा ही व्यवहार करती थी।

जहाँ भी हमें रुकना होता था तो एक ही होटल में बुकिंग करवाती थी.
इसके अलावा साथ में ही खाना खाना नाश्ता करना होता था।

धीरे धीरे वो मुझपर काफी विश्वास करने लगी थी और अपनी फैमिली के बारे में भी मुझे बताती थी.
कई बार उसने वीडियो कॉल से अपने फैमिली मेंबर्स से बात भी करवाई।

वह हमेशा बिल्कुल साधारण कपड़ों में ही रहती थी जैसे कि एक लोवर टीशर्ट।
इसके साथ ही वो अपने साथ ज्यादा सामान भी नहीं रखती थी.

जब भी हम दोनों कहीं घूमने जाते तो वह अपने साथ एक छोटा सा बैग रखती थी जिसमें उसके कुछ जरूरी कागज एक पेन डायरी और गले में एक कैमरा होता था।

मैं उसे किसी जगह घुमाने ले जाता और किसी चीज के बारे में बताता तो वह तुरंत उसे अपनी डायरी में नोट कर लेती थी।

हम दोनों को साथ में अभी 10 दिन ही हुए थे और वह मुझसे बेहद घुलमिल गई थी; हम दोनों अच्छे दोस्तों की तरह ही घूमते थे।

ऐना इतनी हॉट और खूबसूरत लड़की थी लेकिन मेरे मन में उसके प्रति कभी भी कुछ गलत नहीं आया था.
जबकि मैं काफी रोमेंटिक टाइप का लड़का हूँ और रोज रात में सोने से पहले पोर्न फिल्म देखकर या अन्तर्वासना पर कहानियां पढ़कर मुठ मारकर ही सोता था।

लेकिन कभी भी मैंने ऐना को गंदी निगाह से नहीं देखा।
वह मेरी एक मेहमान के साथ साथ मेरी कस्टमर भी थी जिसका मुझे पूरा सम्मान करना था।

लेकिन आगे एक ऐसा मोड़ आया जिसके बाद मेरा नजरिया बदल सा गया.
क्योंकि कुछ भी था … मैं भी एक इंसान हूं और मेरे अंदर भी फीलिंग है।

हुआ ऐसा था कि एक दिन हम दोनों घूमने के बाद अपने होटल आये और दोनों अपने अपने कमरे में जाकर आराम करने लगे।

अचानक से ऐना ने मुझे फोन किया और मुझे अपने कमरे में आने के लिए कहा।
मैं उस वक्त साधारण कपड़ों में ही था और वैसे ही उसके पास चला गया।

जब मैं उसके पास पहुँचा तो उसने मुझे पैसे दिए और मुझे सेनेटरी पैड लेकर आने के लिए कहा।
सेनेटरी पैड लड़कियां अपनी माहवारी के दौरान इस्तेमाल करती हैं।

मैंने उससे पैसे लिए और पास के ही माल से जाकर एक पैकेट सेनेटरी पैड लाकर ऐना को दे दिया।

मैं उसके कमरे से गया भी नहीं था, उसने मेरे सामने ही पैकेट खोला और उसमें से एक पैड निकालकर बाथरूम चली गई।

ऐसी घटना विदेशी लोगों के लिए एक साधारण बात है लेकिन हम भारतीयों के लिए अगल ही चीज है।
कुछ समय के बाद ऐना वापस आई और उसने मुझसे बिना झिझक के कहा- आकाश, तुम जो पैड लाये हो उसका साइज बिल्कुल सही है।

इसके बाद मैं वहाँ से चला गया।
पर इसके बाद मेरे मन में तरह तरह के गंदे ख्याल आये और मैं चुपचाप खाना खाकर सो गया।

उसके बाद हम लोग ऐसे ही रोज नई नई जगहों पर जाते रहे और करीब 20 दिन का समय निकल गया।

ऐना जब भी घूमने के लिए जाती तो साड़ी पहनी हुई औरतों को बड़े गौर से देखा करती थी और उनकी फोटो अपने कैमरे में कैद किया करती थी।

एक दिन की बात है, हम लोग कार से जा रहे थे.
उसने मुझसे पूछा- आकाश, क्या आपको साड़ी पहना आता है?
मैंने उसे बताया- जी हां, साड़ी कैसे पहनते हैं ये मैं जानता हूँ।
इसके बाद वह कुछ नहीं बोली।

उसके बाद जब शाम को हम दोनों होटल पहुँचे तो उसने फिर से मुझे बुलाया और कहा- तैयार होकर आओ, हमें साड़ी खरीदने चलना है।
मैं तैयार होकर आया और हम दोनों पास के मॉल पहुँच गए।

वहाँ ऐना ने अपने लिए तीन साड़ियां खरीदी और उसके साथ में पहनने के लिए ब्लाउज पेटिकोट और कुछ ब्रा पैंटी खरीदी।
उसके बाद हम लोग वापस होटल आ गए।

खाना खाने के बाद ऐना ने मुझे फिर से फोन किया और अपने कमरे में आने के लिए बोली।

मैं जब उसके कमरे में गया तो वह साड़ियों को देख रही थी।
मुझे देखकर उसने मुझसे कहा- आकाश, तुम आज मुझे साड़ी पहनना सिखाओ। कल से जब हम बाहर जायेंगे तो मैं साड़ी पहनकर ही जाया करूंगी.
मैंने भी कह दिया- नो प्रॉब्लम, मैं सिखा देता हूँ।

जैसे ही मैंने हाँ कहा, इसके बाद ऐना ने बिना झिझक के मेरे सामने ही फटाफट अपनी टीशर्ट और लोवर निकाल दी।

उसके अचानक ऐसा करने से मेरे तो होश ही उड़ गए थे.
उस वक्त वह मेरे सामने केवल ब्रा पैंटी में खडी हुई थी और उसकी पैंटी भी केवल उसके गुप्तागों को बस ही ढके हुई थी क्योंकि उसने लेस ( डोरी वाली) पैंटी पहनी हुई थी।

उसके अंदर का गोरा बदन देख मैं तो दंग था।
उसके बड़े बड़े तने हुए दूध इतने ज्यादा गोरे और खूबसूरत लग रहे थे कि किसी भी मर्द का लंड खड़ा हो जाता।

अब ऐना ने मुझे कहा- चलो, अब मुझे साड़ी पहनना सिखाओ।
मेरे हाथ कांप रहे थे और जुबान से शब्द ही नहीं निकल रहे थे।

मैंने एक साड़ी निकाली और ऐना से पहले ब्लाऊज और पेटिकोट पहनने के लिए कहा।

उसने किसी तरह पेटिकोट और ब्लाऊज पहन लिया लेकिन उससे ब्लाऊज का हुक बंद करते नहीं बन रहा था।
अब मुझे उसकी मदद करनी थी।

मैं डरते हुए उसके हुक लगाने लगा इसी दौरान मेरी उंगलियां पहली बार उसके मुलायम दूध में टच हुई।
उसके दूध मस्त कड़े और गर्म थे।

उस वक्त मैं किसी तरह से अपने आप को सम्हाल पा रहा था क्योंकि उस हसीन लड़की के इतने करीब जाकर मेरा लंड बिल्कुल हिलौरें मार रहा था।
मैंने उसके ब्लाउज का हुक लगाया और उसके बाद उसे साड़ी पहनाने लगा।
इस दौरान भी मेरा हाथ उसके पेट और कमर को छू रहा था।

उसके पेट का गर्म गर्म स्पर्श पाकर मेरा लंड बेकाबू हो रहा था, किसी तरह मैंने अपने आप को सम्हाला और ऐना को साड़ी पहनाई।

उसके बाद उसने फिर से साड़ी निकाली और अपने से ही पहनने की कोशिश करने लगी।
ऐसे ही एक दो बार कोशिश करने के बाद उससे साड़ी पहनना आ गया और अबवह ठीक ठाक साड़ी बांधने लगी।

उसके बाद मैं उसके रूम से वापस अपने रूम में आ गया और काफी देर तक ऐना के उस मखमली बदन को याद करता रहा।

वो पहली बार था जब मेरे अंदर ऐना के लिए गंदे ख्याल आये और उस रात मैंने ऐना को याद करते हुए पहली बार उसके नाम से मुठ मारी थी।

अगले दिन से मेरे अंदर ऐना को लेकर विचार बिल्कुल बदल से गये थे और अब मैं उसके बदन को ही घूरता रहता था।

उस दिन से हम लोग जब घूमने के लिए निकलते तो ऐना साड़ी ही पहनती थी जिसमें से उसकी कमर और ब्लाऊज से उसके झलकते दूध के दीदार हुआ करते थे।

अब तो ऐसा लगता था कि काश मुझे एक बार ऐना के साथ सेक्स करने का मौका मिल जाये लेकिन मेरी किस्मत में ऐसा होना असम्भव सा ही था।
मेरी किस्मत में बस इतना ही लिखा था कि मैं उसे बिन कपड़ों के केवल ब्रा पेंटी में देख पाया था।

हम दोनों को साथ में भारत घूमते हुए अब लगभग एक महीना हो गया था।
अब हम लोगों को एक सप्ताह के लिए गोवा जाना था।

हम दोनों शाम को गोवा पहुँच गए और पहले से बुक किये गए होटल में ठहर गए।

अगली सुबह ऐना ने मुझसे कहा- आज हम लोग बीच पर चलेंगे।

कुछ ही देर में हम दोनों तैयार होकर समुद्र किनारे बीच पर पहुँच गए।

उस वक्त ऐना ने नार्मल ही कपड़े पहने हुए थे.
लेकिन कुछ देर घूमने के बाद ऐना पास में ही बने हुए चेंजिंग रूम में चली गई और जब वो वहाँ से वापस आई अब वह बिल्कुल पटाखा माल लग रही थी।

उसने उस वक्त बिकिनी पहनी हुई थी और कमर के नीचे एक स्टॉल लपेटी हुई थी और ऊपर केवल ब्रा पहनी हुई थी।
हम दोनों काफी देर तक समुद्र किनारे घूमते रहे, फिर ऐना पानी में उतर कर तैराकी करने लगी।

उस वक्त बीच पर ज्यादा भीड़भाड़ नहीं थी, बस कुछ ही लोग मौजूद थे।

मैं समुद्र के किनारे बैठा हुआ था और ऐना आराम से पानी में मस्ती कर रही थी।
बड़े गौर से मैं उसके भीगे हुए बदन को देख रहा था।

जब ऐना पानी से बाहर निकली तो उसने अपनी स्टॉल निकाल दी थी और अब वो केवल ब्रा पैंटी में ही थी।

उस वक्त ऐना लगभग नंगी ही थी क्योंकि पीछे से उसकी गांड बिल्कुल खुली हुई थी और सामने बस उसकी चूत ही ढकी हुई थी.
इसके अलावा उसके तने हुए दूध ब्रा से बाहर निकलने को हो रहे थे।

मेरी नजर बार बार उसके दूध, चूत और गांड पर जा रही थी।
उसे देखकर मैं बिल्कुल मंधमुग्ध हो गया था।

मेरा लंड झटके मार रहा था और मैं एकटक उसे देख रहा था।

बीच पर ज्यादा लोग तो थे नहीं पर जितने भी लड़के मर्द थे, उनकी नजर बार बार ऐना की तरफ ही जा रही थी।
वह पूरे बीच पर आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी।

सूरज की तेज किरणों से उसका गोरा बदन और भी ज्यादा चमक रहा था।

वह जिस तरह की बिकिनी पहनी हुई थी, उसके देश में ये बिल्कुल नॉर्मल बात है लेकिन हमारे देश में वो काफी बोल्ड है इसलिए वहां पर जितने भी मर्द मौजूद थे, उनकी गंदी निगाहें बस ऐना को ही घूर रही थी।

समुद्र से निकलने के बाद ऐना मेरी तरफ ही आ रही थी और मेरी निगाहें बस उसकी लहराती कमर, ऊपर नीचे होते हुए दूध और उसकी चूत को किसी तरह से छिपाए हुए उसकी पैंटी पर जा रही थी।

ऐना जब मेरे पास पहुँची तो वह मेरे काफी करीब थी.
उसकी भीगी ब्रा पैंटी से साफ साफ़ उसके निप्पल और चूत की लाइन झलक रही थी।
सामने से उसकी पैंटी उसकी चूत के बीच लाइन में घुसी हुई थी जिससे उसकी चूत का बनावट साफ पता चल रहा था।

वह न्यूडिटी ऑन बीच इन बिकिनी का नजारा मेरी आँखों में आज तक बसा हुआ है।

ऐना ने तौलिया लपेटा और चेंजिंग रूम चली गई।
वहाँ से जब वो वापस आई तो उसने नॉर्मल टीशर्ट औऱ लोवर पहना हुआ था।

कुछ देर हम लोग और समुद्र तट के किनारे टहलते रहे और वहाँ पर मौजूद कई लोगों ने ऐना के साथ फ़ोटो खिंचवाई।

इसके बाद हम दोनों वापस होटल आ गए और दोपहर का खाना खाने के बाद अपने अपने कमरे में आराम करने लगे।

उस दोपहर में भी मैंने ऐना को याद करते हुए मुट्ठ मारी और फिर सो गया।

दोस्तो, इसके बाद मेरी किस्मत ने ऐसी करवट बदली जिसके बारे में मैंने कभी सोचा भी नहीं था।
मैंने ऐना के साथ वो सब कुछ किया जिसको सोचते हुए मैं मुट्ठ मारता था।

लेकिन ये सब कैसे हुआ, जानने के लिए आप कहानी के अगले भाग को जरूर पढ़ें।
मैं वादा करता हूँ कि आपको मेरी कहानी में वो मजा आएगा जो शायद ही किसी और कहानी में आया होगा।
इस न्यूडिटी ऑन बीच इन बिकिनी कहानी पर आप अपने विचार भी लिखें.
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न्यूडिटी ऑन बीच इन बिकिनी कहानी का अगला भाग: टूरिस्ट गाइड का सेक्स अनुभव- 2

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