वेकेशन पार्ट:1

(Vacation -1)

शीला 2014-10-09 Comments

तुमने कभी केरल विज़िट किया है?
बहुत सुंदर जगह है, वहाँ के लोग भी अच्छे हैं। आज मैं तुम्हें मेरे केरला में बिताए वेकेशन के बारे में बताती हूँ।

हमें केरला टूरिज़्म के प्रॉजेक्ट के लिए वहाँ जाना पड़ा।

कुछ दिनों के काम के बाद हमारे को-ओर्डीनेटर ने अनाउन्स किया कि हम एक वीक का वेकेशन करके मुंबई लौटेंगे।

हमने मुनार नाम की जगह पर कैंपिंग की।

हमारे गाइड का नाम राहुल था जो एक मलायाली था लेकिन अच्छी हिन्दी बोलता था।

वो असल में गाइड नहीं था, उसके डैड वहाँ के बड़े बिज़नेसमैन थे और हमारे वेकेशन को उनकी कम्पनी ने स्पॉंसर किया था।
राहुल बस लोकल होने के कारण हमारी हेल्प के लिए हमारे साथ था।

वो एक यंग बैचलर था और मैं उस पर हमेशा अपनी निगाहें बनाए रखती थी क्यूंकि वो हैंडसम नहीं बल्कि क्यूट था, अपनी उमर से पाँच साल छोटा दिखता था।

मैं बहुर लोनली फील कर रही थी क्यूंकि महक भी नहीं आई थी। इस अकेलेपन में मेरा साथ दिया राहुल ने…

एक दिन उसने हमें उस जगह का लंबा टूअर दिया और मैं शाम तक काफ़ी थक चुकी थी, मैं नहाना चाहती थी लेकिन हम एक फार्म में कैम्प लगा चुके थे और बस अगली सुबह ही सिटी के लिए निकलने वाली थी।

मुझे इस प्राब्लम का सल्यूशन राहुल ने दिया, वो मुझे उस फार्म के काफ़ी अंदर ले गया और वो जगह इतनी वाइल्ड थी कि मुझे लगा कि हम जंगल में हैं।

सनसेट अभी तक हुआ नहीं था और वहाँ का नज़ारा इतना खूबसूरत था कि मैं एक्सप्रेस नहीं कर सकती।
कुछ देर और चलने के बाद हम एक वॉटरफॉल के पास पहुँचे।

मैं ज़िंदगी में शायद ही इतनी सर्प्राइज़्ड हुई थी, ऐसा नज़ारा ज़िंदगी में शायद ही देखने को मिलता।

मैंने राहुल का हाथ थामा और उसके साथ उस वॉटरफॉल के नीचे खड़ी हो गई।

आइस-कोल्ड वॉटर हम पर गिर रहा था और मैं हंस कर एंजाय कर रही थी।

राहुल ने मेरा एक हाथ पकड़ कर रखा था और वो मुझे स्माइल करके देखे जा रहा था।

मैं सर से पाँव तक भीग चुकी थी और उस ठंडे पानी से फ्रेश हो चुकी थी। मैं वहाँ से बाहर निकल रही थी कि मेरा पैर फिसला और मेरे गिरने से पहले राहुल ने मुझे पकड़ लिया।

मैं उसकी बाहों में थी और मैंने रियलाइज़ किया कि मेरे कपड़े पूरे गीले होने के कारण मेरा पूरा बदन उसे क्लियर्ली दिखाई दे रहा था।

उसकी आँखें मुझ पर थी और मेरी उस पर, मैंने रियलाइज़ किया कि मैं उसका टच एंजाय कर रही थी।

उसका एक हाथ मेरी बॉडी को बॅलेन्स कर रहा था और दूसरे हाथ से उसने मेरे चीक पर से मेरे गीले बाल हटाए।

यह सिचुयेशन मुझे किसी मूवी जैसी लगी और शायद उसी कारण मैं अपने आप को रोक ना सकी और उसको किस कर दिया।

मैंने उसे एक छोटा किस करके मुझे वहाँ लाने के लिए थॅंक्स कहा। मैंने उसे कहा कि मैं यह दिन कभी नहीं भूलूंगी।

लेकिन वो मेरी बातों को छोड़, मेरे लिप्स पर अपनी नज़रे जमाए हुए था और मेरे कुछ बोलने से पहले वो मुझे पागलों की तरह किस करने लगा।

उसने मुझे लिफ्ट किया और मैं उसके स्ट्रेंथ को महसूस कर हैरान थी, उसने मुझे उस वॉटरफॉल के साइड मैं एक रॉकी वॉल पर टिकाया और मुझे किस करता गया।

मैं भी उसे चूम रही थी और अपने हाथो से उसकी स्ट्रॉंग बॉडी को फील कर रही थी।

अचानक वो मेरे कपड़े उतारने लगा।

मैंने उसे रोका लेकिन उसने बस इतना कहा कि यहां कोई नहीं आएगा और उसने मेरा टॉप खोल दिया।

मैंने भी उसका शर्ट खोला और हम दोनों अपने भीगे बदन को सेंसुअसली टच करते गये।

हम दोनों उस वॉटरफॉल के नीचे एक दूसरे को एक्सप्लोर करने लगे।

राहुल थक गया और एक बड़े रॉक पर वैसे ही लेट गया। उसने मुझे अपने ऊपर बैठाया, हम दोनों दो से एक हो गए और मैंने शायद ही ज़िंदगी में इससे ज़्यादा प्लेज़र महसूस किया था।

वो नशा, वो पागलपन और हम दोनों का एक दूसरे के लिए प्यार मिलकर मेरे बदन की आग को एक पल में आए सेन्सेशन से बुझा गया।

अंधेरा होने से पहले हम लौट आए।

उस रात डिनर ख़त्म करने के बाद राहुल मेरे टेंट में आया।

वो कुछ कह पाता उसके पहले मैने टेंट का ज़िप बन्द की और हम दोनों ने रात साथ में बिताई।

तो जानू, ऐसे मैने अपनी ज़िंदगी की एक हसीन रात बिताई।

अगली बार मैं आपको इस वेकेशन में हुए कुछ और इन्सिडेंट्स के बारे में बताऊँगी।
तब तक के लिए गुड बाय।

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