जवान मौसेरी बहन की बुर चुदाई का मजा

(Virgin Sister Porn Kahani)

वर्जिन सिस्टर पोर्न कहानी मेरी मौसी की कमसिन बेटी की है. वो मेरे दोस्त जैसे थी. एक दिन उसने मुझे अपने घर बुलाया, वो घर में अकेली थी. वहां क्या हुआ?

मेरा नाम आकाश है और मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 23 साल है. मैं दिखने में गोरा हूँ और मेरी हाइट 6 फिट की है.

अब बुर और लंड से पानी निकालने वाली सच्ची वर्जिन सिस्टर पोर्न कहानी सुनिए.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है.

मैं अपने घर पर आराम से जीवन व्यतीत कर रहा था. मैं सेक्सी कहानी पढ़कर मुठ मार लेता था.
मुझे ऐसा लगने लगा था कि मैं कभी किसी लड़की के साथ सेक्स नहीं कर पाऊंगा क्योंकि मेरी कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं थी.
मैंने चुदाई की आस छोड़ दी थी.

फिर मेरी ज़िंदगी में वो एक ऐसा दिन आया, जिसे मैं पूरे जीवन भुला नहीं सकता.

एक दिन मैं फोन पर सेक्सी कहानी पढ़ रहा था, तभी मुझे एक मैसेज आया.

ये मैसेज मेरी मौसी की लड़की का था. उसका नाम नेहा है.
नेहा दिखने में बहुत गोरी और 19 साल की जवान माल है.

उसके सुडौल चूचे, ऊपर उठी हुई गांड इतनी सेक्सी और हॉट है कि किसी भी लड़के का लंड फटने को हो जाए.

वैसे तो मैं जब भी उससे मिलता था, तो उसके मम्मों को ही घूरता रहता था और उसको भी ये बात पता थी.
पर वो उस तरफ ध्यान नहीं देती थी.

मुझे उससे मिले हुए काफी दिन हो गए थे.
आज उसका ये मैसेज लगभग 2 महीने बाद आया था.

उसका घर हमारे घर के पास में ही था. यही कोई 2 किलोमीटर का रास्ता होगा.

उसने मैसेज में हाय लिखा था.
मैंने भी उसको हॉय लिखकर भेज दिया.

मैंने कहा- आज कहां मेरी याद आ गई?
वो हंस कर बोली- क्यों, तेरी याद क्या मुझे रोज आनी चाहिए!

मैंने कहा- क्यों रोज याद कर लेगी तो तेरा कुछ घिस जाएगा.
हम दोनों के बीच ऐसे ही सामान्य बातें चैट से चलने लगीं.

लगभग 15 मिनट के बाद उसने कहा- तू अब मेरे घर क्यों नहीं आता. आजकल तो कॉलेज भी बंद हैं.
मैंने लॉकडाउन का बहाना बना कर बात टाल दी और ये भी कहा- तुझे भी मेरा देखना किधर अच्छा लगता है.

वो बोली- ऐसा तू कैसे कह सकता है?
मैंने कहा- बस ऐसे ही … मुझे लगा कि मैं जब तुझे देखता हूँ तो तुझे कुछ अजीब सा फील होता है.

वो मेरी बात समझ तो गई थी मगर तब भी वो बोली- ऐसा कुछ नहीं है यार … तुझे गलत समझ आया होगा.
मैंने कहा- यदि ऐसा है तो मैं अबकी बार तुझे उसी वक्त टोक दूंगा.

वो बोली- हां बता देना.
फिर मैं सो गया.

अगले दिन मैं उठा, नहा कर खाना खाकर टीवी देख रहा था.

तभी मेरे फोन पर नेहा का मैसेज आया- आज तू मेरे घर आ जा, घर पर कोई नहीं है. मेरा अकेले मन नहीं लग रहा है.

मैंने भी सोचा कि कुछ हो जाए, तो मजा आ जाएगा.
मैं बाइक लेकर चला गया.

नेहा ने दरवाजा खोला.
मैं क्या बताऊं मेरी बहन क्या मस्त माल लग रही थी.
उसने काले रंग का पैंट और एक गुलाबी टॉप पहन रखा था. इस टॉप में उसके बूब्स एकदम साफ दिख रहे थे.
शायद उसने ब्रा नहीं पहनी थी.

उसने मेरा ध्यान हटाया और बैठने को कहा.

मैं बैठ गया और मैंने उससे पूछा- मौसा मौसी कहां गए हैं?
उसने बताया कि मम्मी बुआ के यहां गई हैं. वो 4-5 दिन में आएंगी और पापा ऑफिस गए हैं.

मैं उससे ओके बोलकर अपने फोन में ऐसे ही देखने लगा, पर मेरा ध्यान उसके ऊपर से हट नहीं रहा था.

मेरा 6.5 इंच का लंड लोवर में तम्बू बना चुका था.
मैंने किसी तरह से अपना ध्यान हटाया और इधर उधर की बातें करने लगा.

नेहा ने टीवी पर एक रोमांटिक मूवी लगा दी और हम दोनों मूवी देखने लगे.

मैंने उससे लाइट ऑफ करने को कह दिया.
उसने भी तुरंत लाइट ऑफ कर दी और हम दोनों बेड पर लेट कर मूवी देखने लगे.

हमारे चेहरे एक दूसरे के बहुत पास थे. हम दोनों पेट के बल लेटकर मूवी देख रहे थे.
मूवी में जैसे ही बोल्ड सीन आते, तो नेहा सेक्सी स्माइल से मेरी तरफ देखने लगती थी.

मुझे ऐसा लगने लगा था कि उसके अन्दर भी पूरी आग लगी थी, पर मैं चुप था.
हम दोनों में ही हिम्मत किसी की नहीं हो रही थी.

ऐसे ही जब अगला सीन आया, तो मैंने हिम्मत करके उसके हाथ पर हाथ रख दिया.
उसने भी कुछ नहीं कहा बल्कि वो मेरे और करीब को आ गयी.

बस देखते ही देखते हमारी आंखें बंद हो गईं और होंठों से होंठ मिल गए.
हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे.

नेहा मेरा पूरा साथ दे रही थी, उसकी वासना की आग ने उसे भुला दिया था कि मैं उसकी मौसी का लड़का हूँ.

मैं भी अपने जोश में भूल चुका था कि नेहा मेरी बहन है.
बस हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे.

वो मेरे मुँह में अपनी जीभ घुमा रही थी.
हम दोनों एक दूसरे का थूक पी रहे थे.

फिर मैंने उसका टॉप उतारते हुए उसे टॉपलैस कर दिया. वो ऊपर से नंगी हो गई थी.
वो पीठ के बल लेट गई थी. मैं उसके भरे हुए मम्मों पर टूट पड़ा.

सच में यार, मैं क्या बताऊं. उसके बूब्स पूरे सुडौल थे और बिल्कुल उठे हुए थे.
मैं अपने दोनों हाथों से उन्हें पकड़कर धीरे धीरे दबाने लगा.

वो लम्बी लम्बी सांसें लेने लगी.
फिर मैंने उसके एक बूब को पकड़कर मुँह में भर लिया.
वो मेरे सर को पकड़ कर अपनी छाती पर दबा रही थी.

उसने मेरी शर्ट उतार दी और मैंने उसकी पैंट का बटन खोल कर उसकी पैंट उतार दी.
वो पैंटी में मेरे सामने मस्त पका हुआ माल लग रही थी.

मैं उसके पेट को चूमते हुए उसकी जांघों को किस करने लगा.
फिर मैंने धीरे धीरे उसकी पैंटी उतारनी शुरू कर दी.
उसने भी गांड उठा कर पैंटी उतर जाने दी.

पैंटी उतारते ही मेरी नज़र उसकी गुलाबी बुर पर आ पड़ी.
उसकी कमसिन बुर पर छोटे छोटे भूरे बाल, एकदम किसी पोर्नऐक्ट्रेस की बुर पर ट्रिम की हुई झांटों के जैसे लग रहे थे.
बुर के ऊपर झांटों को त्रिभुज के आकार में बनाया गया था.
त्रिभुज की नोक बुर की फांक के ऊपर तक आ रही थी.

मैं उसकी बुर को वासना से देख रहा था.
वो मुस्कुरा कर बोली- कैसी लगी?
मैंने कहा- देखने में तो एक नम्बर है.

वो हंस कर बोली- और मैंने किस में पूछा कि कैसी लगी!
मैंने कहा- चूसने में और चोदने में देखना बाकी है.

उसकी बुर कचौड़ी की तरह फूली हुई थी.

वो बोली- तो उसका कोई मुहूर्त निकालना पड़ेगा क्या?
मैंने कहा- काहे का मुहूर्त …

बस मैंने बिना कुछ सोचे अपना मुँह उसकी बुर पर लगा दिया और जोर जोर से चूसने लगा.
वो सिहरने लगी और अपनी जांघों से बुर को ढकने लगी.
मगर मैंने दोनों हाथों से उसकी टांगों को फैलाया और बुर पर हमला कर दिया.

मेरी जीभ बुर के अन्दर जाने लगी थी.

अब जितनी अन्दर तक मेरी जीभ जा रही थी, तो मुझे ऐसे लग रहा था कि जैसे उसकी बुर के अन्दर आग लगी हो.
मुझे बहन की बुर में लगी आग को बुझाने में थोड़ा ही समय लगा.

नेहा का बुरा हाल हो गया था. वो मेरा सर पकड़ कर कांप सी रही थी.

जल्द ही बुर के अन्दर से नमकीन पानी बहने लगा.
मैं उसका सारा पानी पी गया और कुंवारी बुर को चाट चाट कर साफ कर दिया.

नेहा निढाल पड़ी थी … कुछ पल बाद वो उठी और उसने मेरा लोवर उतार कर चड्डी भी उतार दी.
मेरा 6.5 इंच का लंड पकड़कर मुँह में भर कर चूसने लगी.

मैं तो किसी और ही दुनिया में खो गया था.
मैंने तो आज तक सिर्फ मुठ मारी थी. किसी लड़की के मुँह में लंड देने का ये मेरा पहला अवसर था.

लगभग 5 मिनट तक लंड चूसने के बाद मेरा बांध टूट गया और मेरा सारा वीर्य नेहा के मुँह में आ गिरा जिसे वो बिना कुछ सोचे पी गई.

अब नेहा और मैं फिर से किस करने लगे.

उसके और मेरे पानी की महक हम दोनों के मुँह से आ रही थी जो हमें और बेकाबू कर रही थी.

मैंने नेहा को आधा बेड पर और आधा नीचे करके लिटाया हुआ था. मैंने खुद फर्श पर खड़े होकर उसकी दोनों टांगें अपने कंधे पर रख लीं और अपना लंड पकड़कर उसकी बुर पर रगड़ने लगा.

अब नेहा से रहा नहीं जा रहा था, उसने मुझे अपनी गांड उठाकर इशारा कर दिया.
मैंने भी देर ना करते हुए अपने लंड पर और वर्जिन सिस्टर की बुर पर काफी सारा थूक गिरा दिया.

मैं लंड को बुर में डालने लगा. एक दो बार तो लंड फिसल गया, पर तीसरी बार में लंड का गुलाबी सुपारा उसकी बुर में घुस गया.
नेहा थोड़ा सा छटपटाने लगी पर मैंने उसकी टांगों को मजबूती से पकड़ लिया था.
अपनी पूरी ताकत लगा कर एक ही धक्के में मैंने समूचा लंड उसकी बुर में घुसा दिया.

नेहा चिल्लाने लगी और उसकी आंखों से पानी बहने लगा.
वो दर्द के मारे कांप रही थी.

मैं भी उसके दर्द को समझते हुए थोड़ा रुक गया और उसके होंठों पर किस करने लगा.

उसका दर्द धीरे धीरे कम हुआ तो वो हिलने लगी.
मैंने धीरे धीरे लंड आगे पीछे करना शुरू दिया.

अब तो नेहा भी ढीली होकर साथ दे रही थी. उसकी गुलाबी बुर लाल हो गई थी.

मैंने भी धक्के तेजी से लगाने शुरू किए.
नेहा मादक सिसकियां लेने लगी ‘उम्म … उम्म … उम्म …’
वो अपने होंठों को काट रही थी.
पूरा कमरा नेहा की मादक सिसकारियों से गूंज रहा था.

जल्द ही नेहा का शरीर अकड़ने लगा और एक लंबी सांस भर कर उसका पानी निकल गया.
उसके पानी से मेरा सारा लंड भीग गया था.
अब फच फच की आवाज आने लगी.

कुछ ही देर मेरा भी वीर्य नेहा की बुर में भर गया.
मैंने लंड बाहर निकाला तो वीर्य बुर से बह रहा था.

मैं निढाल होकर बेड पर लेट गया.
नेहा भी मेरे ऊपर लेट गई और धीरे से उसने मेरे कान में लव यू बोला.
फिर उसने हंस कर पूछा- कितने नम्बर मिले मुझे और मेरी पिक्की को!

मैंने कहा- सौ में से दो सौ … बड़ी मस्त पिक्की है तुम्हारी. और तुमने मेरे बाबूलाल को कितने नम्बर दिए. क्या मेरे बाबूलाल की नौकरी पक्की हुई या अभी कुछ बाकी है?
वो मेरे लंड को सहला कर बोली- बाबूलाल की एक परीक्षा अभी फिर से होगी, तब ये पास किया जा सकता है.

मैं बोला- ठीक मैडम आप बाबूलाल को जगाओ … वो फिर से परीक्षा देने को तैयार है.

नेहा ने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया और जल्द ही मैंने उसे अपने लंड की सवारी का सुख देना शुरू कर दिया.

कुछ देर बाद मैं कपड़े पहन कर घर आ गया.
अब हमारी चुदाई का खेल ऐसे ही चलने लगा.

कभी वो मेरे घर में आ जाती, कभी मैं उसके घर जाकर उसे चोद देता.

मेरी वर्जिन सिस्टर पोर्न कहानी पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद.

आपको सेक्स कहानी कैसी लगी, अच्छी या बुरी … मुझे जरूर बताएं.
[email protected]

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