मेरी सहेली ने मुझे अपने पापा से चुदवाया- 1

(Xxx girl Sex Desire)

Xxx गर्ल सेक्स डिजायर में मैं अपनी चूत में लंड लेने के लिए बेचैन थी. कई महीने से लंड नहीं मिला था. तो मैं कॉलेज नहीं गयी. मेरी सहेली मुझे अपने घर ले गयी.

मेरी पिछली कहानी
मैंने पापा को बुआ की चुदाई करते देखा
में आपने पढ़ा कि पापा और बुआ की चुदाई देखकर अब मैं भी अपनी चूत चुदाई के लिए तड़प रही थी.

यह कहानी सुनें.

अब आगे Xxx गर्ल सेक्स डिजायर:

अगले दिन काम वाली कमरे की सफाई करने लगी तो नींद खुली।
समय देखा तो सुबह के 9.30 बज चुके थे।

मैं उठी और हाथ-मुंह धोकर नीचे गई तो देखा पापा ऑफिस के लिए तैयार होकर डाइनिंग टेबल पर नाश्ता कर रहे थे।
बुआ भी वहीं बैठी थी और मोबाइल में कुछ देख रही थीं।

पापा मुझे देखकर बोले- आज बहुत देर तक सोयी बेटा … कॉलेज बंद है क्या?
मैं बोली- नहीं पापा, वो थोड़ी तबीयत ठीक नहीं लग रही थी, इसलिए नहीं गई.

बुआ बोली- क्या हुआ गरिमा?
मैंने कहा- अरे कुछ नहीं हुआ बुआ … बस ऐसा ही मन नहीं किया!

फिर थोड़ा मजाक करते हुए बोली- मैंने सोचा आप आई हैं तो आज आपके साथ रहूं दिन भर!
तो बुआ भी हंसने लगी।

बुआ और पापा को देखकर ऐसा लग रहा था कि रात में दोनों के बीच कुछ हुआ ही नहीं।

मम्मी बोली- तुम दोनों भी नाश्ता कर लो।

फिर मैं और बुआ नाश्ता करने लगे।

उधर पापा ऑफिस के लिए निकल गए।

उसी समय मेरे मोबाइल पर ज्योति का फोन आ गया।
मैं नाश्ते की प्लेट लेकर ज्योति से बात करती हुई ऊपर अपने कमरे में आ गई।

ज्योति ने कॉलेज से मुझे फोन किया था।
वह बोली- क्या हुआ, आज कॉलेज क्यों नहीं आई?
मैंने बहाना बनाया कहा- अरे यार, कल बुआ आई थी. उन्हीं से बात करते-करते सोने में देर हो गई तो सुबह आंख ही नहीं खुली।

ज्योति बोली- अरे यार, मुझे तो बता दिया होता, मैं भी आज नहीं आती!

वह आगे बोली- तेरी नोट्स मेरे पास पड़ी हैं, वो आज ही ले लेना क्योंकि कल हम लोग 2 -3 दिन के लिए बाहर जा रहे हैं एक शादी में!
मैंने कहा- कोई बात नहीं यार, तू अभी चली आ कॉलेज से … और सीधा मेरे घर आ जाना. फिर मैं भी तेरे साथ तेरे घर चलकर अपने नोट्स ले लूंगी.
ज्योति बोली- ठीक है, मैं आती हूं.

मैं ज्योति के घर जाने के लिए तैयार होने लगी … मुझे तो रात का वो सारा सीन याद आने लगा।
मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि पापा और बुआ आपस में चुदाई करते होंगे।

मगर खुद अपनी आंखें से देखा था.
रात के बारे में सोचते ही मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई।

सच कहूं तो पापा के लंड के बारे में सोचकर ही मेरी चूत फिर हल्की गीली हो गई थी।
इतना तो तय था कि अब पापा का लंड भी मेरी चूत की खुजली मिटा सकता है।
बस अब इसकी शुरुआत कैसे करे यही सोचना था।

अभी ये सब मेरे दिमाग में चल ही रहा था कि ज्योति आ गयी।
मैं मम्मी से बोलते हुए ‘मैं ज्योति के घर जा रही हूं’ बाहर आ गई।

फिर ज्योति और मैं पैदल ही उसके घर के लिए चल दी।
हम दोनों इधर-उधर की बात करते हुए चलने लगी।

तभी ज्योति बोली- चल पीछे वाले रास्ते से चलते हैं.
मैंने कहा- चल।

दरअसल जिस रास्ते की बात ज्योति ने की थी वो थोड़ा सुनसान पड़ता था।
चूंकि मेरे पापा रेलवे में जॉब करते थे तो हम रेलवे कॉलोनी में ही रहते थे जहाँ बाहरी लोगों का आना जाना कम होता था।

वो रास्ता कॉलोनी के पीछे की तरफ से जाता था उसके दूसरे तरफ रेलवे का खाली मैदान जिसमें बड़े-बड़े झाड़ उगे हुए थे।
उसके बाद रेलवे लाइन थी.

वही आगे रास्ते में एक पुराना ट्यूबवेल और टंकी बनी थी जो अब यूज में नहीं थी।
और उसकी बाउंड्री भी टूटी हुई थी।

खैर हम लोग बात करते हुए जाने लगे मगर मेरे दिमाग में तो रात का सीन चल रहा था।
ज्योति बोली- क्या बात है बड़ी चुप-चुप है?
मैंने कहा- अरे नहीं यार, तेरी बात सुन रही थी।

इस पर ज्योति बोली- मेरी बात सुन रही थी या कुछ और सोच रही थी?

ज्योति ये कह ही रही थी कि हम अपनी गली से निकल कर पीछे वाले रास्ते पर आ गए।

तभी हमने देखा कि एक आदमी सड़क के किनारे खड़ा होकर पेशाब कर रहा था।
देखने में मजदूर लग रहा था.
उसका मुंह हम लोग की तरफ ही था।

उसे शायद उम्मीद नहीं थी कि इस रास्ते पर कोई आ जाएगा।

हम दोनों को देखते ही उसने जल्दी से अपना पजामा ऊपर किया और नाड़ा बांधते हुए आगे बढ़ गया।
मगर उसका लंड हम दोनों को दिख गया था।

मैं और ज्योति एक दूसरी की तरफ देखकर मुस्कुराई।

ज्योति बोली- देखा उसके लंड को … ढीला था मगर फिर भी बड़ा लग रहा था ना!
मैंने चुटकी लेते हुए कहा- ढीला हो या खड़ा, अपने नसीब में कहां है.. लगता है शादी तक हमें उंगली से ही काम चलाना होगा!

Xxx गर्ल सेक्स डिजायर को समझती हुई ज्योति मेरी गांड पर चिकोटी काटती हुई बोली- कहो तो रोकूं उसे, आज ही सपना पूरा कर ले।
मैंने कहा- काश … सच में कहीं से लंड का जुगाड़ हो जाता तो कितना मजा आता ना!

ज्योति हंसती हुई बोली- तो इसमें कौन सी बड़ी बात है. कॉलेज में इतने लड़के लाइन मारते हैं, उनमें से किसी को लड़के को पटा लेते हैं। दोनों में से कोई भी पटा ले, काम दोनों का चलेगा।
फिर बोली- लड़के के भी मजे रहेंगे कि पटेगी एक लड़की पर चोदने को मिलेंगी दो-दो!

मैंने कहा- ना बाबा ना … इन लड़कों का कोई भरोसा नहीं … कब बदनाम कर दें … वैसे भी बाहर कुछ भी किया तो बदनामी का बहुत डर है यार!
इस पर ज्योति मुस्कुराती हुई बोली- फिर तो एक ही तरीका है कि घर में ही लंड का जुगाड़ किया जाए!

ज्योति के मुँह से ये सुनकर मेरे शरीर में झुरझुरी सी दौड़ गई।
मैंने तो सोचा ही नहीं था कि ज्योति भी मेरी ही तरह सोचती होगी।

मन में आया बोल दूं कि मैं तो पापा को पटाने के बारे में सोच रही हूं।
मैंने नाटक करते हुए कहा- ये सब पोर्न मूवी में ही होता है असली जिंदगी में नहीं!

फिर मैंने जानबूझ कर बात को आगे बढ़ाते हुए कहा- मगर ये असली जिंदगी में होता तो कितना मजा आता ना! घर में ही लंड का जुगाड़ हो जाता और बदनामी का डर भी नहीं।
ज्योति मुस्कुराती हुई बोली- अरे ये सब फिल्म में ही नहीं असली जिंदगी में भी होता है यार! तू बस ये बता कि मेरा आइडिया तुझे कैसा लगा?

अभी मैं कुछ कहती, तब तक ज्योति हंसते हुए बोली- देख, मेरा तो कोई भाई है नहीं, तेरा भाई है लेकिन वह अब बाहर पढ़ने चला गया। तो बचे पापा लोग … तो क्यों ना हम अपने-अपने पापा को पटा लेते हैं या फिर तू मेरे पापा को पटा ले और मैं तेरे पापा को। इसके घर में ही दो-दो लंड का जुगाड़ हो जाएगा, क्यों है या नहीं?

ज्योति के मुँह से यह बात सुनकर मैं हैरान रह गयी, वहीं मेरी चूत भी गीली हो गयी।

मगर हल्के गुस्से का नाटक करते हुए मैं बोली- पागल है क्या … ये सब पॉर्न फिल्मों में ही होता है, असली जिंदगी में नहीं!

मैंने सोचा कि जब ज्योति इस तरह खुद मेरे मन की बात कर रही है तो मैं भी क्यों ये मौका हाथ से जाने दूं।
वैसे भी पापा से चुदने की बात सोच कर हाय मेरी चूत में हल्की-हल्की कुलबुलाहट शुरू हो गई थी और मुझे इन सब बातों में हाय मजा आ रहा था।

इसलिए मैंने बात आगे बढ़ाते हुए कहा- और वैसे भी, तुझे क्या लगता है कि चाहे मेरे पापा हों या तुम्हारे पापा, ये सब हमें चोदने के लिए तैयार बैठे होंगे?

फिर मैंने कहा- कहीं इन्हें पटाने के चक्कर में लेने के देने पड़ गए? और तेरे पापा का तो नहीं पता … मगर मेरे पापा को ये सब पता चला तो मुझे घर से ही निकाल देंगे।
ज्योति मुस्कुराते हुए बोली- अच्छा, तो तू अपने पापा को बड़ा शरीफ समझती है क्या?

वह बोली- एक बात बताऊं तुझे, मैं जब भी तेरे घर आती हूं ना तो मैंने कई बार देखा है कि तेरे पापा निगाहें बचाकर मेरी चूचियों को लार टपकाते हुए देखते हैं।
यह सुनकर मैं दंग रह गई.

अभी मैं कुछ कहती … तभी ज्योति आंख मारती हुई बोली- एक बात और सुन, तू बड़े आराम से अपने पापा को पटा सकती है।
वह बोली- जानती है मैं क्यों ये बात कह रही हूं क्योंकि मैंने कई बार देखा है तेरे पापा तेरी गांड और चूचियों को भी लार टपकाते हुए देखते हैं। कसम से एक बार अगर अपनी गांड का दर्शन अगर अपने पापा को करा दे ना, फिर देखना कैसे वे लार टपकाते तेरे पीछे-पीछे आते हैं।

ज्योति के मुंह से पापा के बारे में ये सब सुनकर मेरी चूत एकदम पनिया गई थी।
उत्तेजना से मेरा शरीर गर्म हो गया था।

वैसे भी सच तो यही था कि मुझे फैमिली सेक्स के नाम से ही एक्साइटमेंट होने लगती थी।

भाई-बहन की चुदाई, बाप-बेटी की चुदाई, माँ-बेटे की चुदाई की फिल्म भी देखी थी और कहानी भी इन्हीं की पढ़ती थी।
बाकी जीएफ और बीएफ के बीच में सेक्स या किसी और लड़के-लड़की के बीच सेक्स में मेरी कोई रुचि भी नहीं होती थी।

अभी मैं कुछ कहती … तभी ज्योति बोली- क्या हुआ मेरी रानी, अपने पापा के लंड के सपनों में खो गई क्या, कुछ बोल तो सही?
मैंने कहा- क्या बोलूं यार, मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा है।

ज्योति बोली- देख यार, तेरे पापा की उम्र कितनी होगी? यहीं कोई 43-44 साल ना!
मैंने कहा- हां, 44 साल के हैं।

फ़िर उसने कहा- और तेरी मम्मी की उम्र कितनी होगी?
मैंने कहा- 43, वे पापा से सिर्फ एक साल छोटी हैं।

ज्योति बोली- अब देख, 70-75 साल का बूढ़ा भी हो तो उसकी चुदाई की भूख नहीं जाती. और तेरे पापा की उम्र अभी 44 साल की है, 44 साल का आदमी जवान होता है तो उन्हें भी चोदने के लिए चूत चाहिए होगी। मगर अपनी मम्मी को देख 43 साल की उम्र में कितनी मोटी हो गई हैं, ना वे अपने फिगर का ध्यान देती हैं और ना ही अपने पति की इच्छा का!

दरअसल ज्योति सही कह रही थी, मेरी मम्मी 43 साल की उम्र में ही मोटी हो गई थीं और उनका ज्यादा ध्यान किचन और पूजा-पाठ में ही रहता था।

ज्योति आगे बोली- अब 44 साल का जवान मर्द तो कहीं ना कहीं लंड भूख तो मिटाएगा ही. या फिर वे अपनी बेटी की गांड और चूत के बारे में सोच कर मुठ मार कर काम चलाते होंगे। इसलिए मैं कह रही हूं एक बार तू अपने पापा को अपनी गांड और चूची की झलक दिखला दे. फिर देख कितने आराम से वे पट जाएंगे।

मैंने कहा- यार, फिर तो तेरे पापा बहुत खुशकिस्मत वाले हैं कि उन्हें तेरी मम्मी जैसा मस्त माल मिला है।

दरअसल ज्योति के पापा की उम्र करीब 45 साल ही होगी।
उसकी मम्मी की उम्र 41 साल होगी मगर वे और ज्योति अगर साथ खड़ी हों तो दोनों बहनें लगती हैं, कोई कहेगा नहीं कि ये मां-बेटी हैं।

ज्योति की मम्मी ने खुद मुझे बताया था कि जब वे 18 साल की थी तब उनकी शादी हो गई थी।
ज्योति जब पैदा हुई थी तो अभी उनका 19 साल पूरे भी नहीं हुए थे।

मतलब ज्योति की मम्मी ज्योति से मात्र 19 साल ही बड़ी थीं।

उसकी मम्मी हैं भी बहुत सुंदर, 5 फीट 1 इंच की हाइट, एकदम कसा हुआ और सुडौल मांसल बदन।

मेरा तो अक्सर उनका भी चूत चाटने का मन करता था और मैंने ज्योति से कई बार मजाक किया था- यार, एक बार अपनी मम्मी की चूत भी चाटवा दे. कसम से मजा आ जाएगा।
जब मैंने ज्योति से उसके पापा की खुशकिस्मत वाली बात कहीं तो ज्योति हंसती है हुए कहा- हां वो तो है।

मैं भी अब ज्योति से खुलकर बात कर रही थी।

मैंने कहा- यार फिर तो तेरे पापा, तेरी मम्मी की जबरदस्त चुदाई करते होंगे।
ज्योति मुस्कुराते हुए बोली- करते ही होंगे। तुझे देखनी है क्या?

मैंने उससे कहा- क्यों तू देख चुकी है क्या?
ज्योति हंसने लगी.

अभी हम सब ये बातें कर ही रही थी कि इतने में ज्योति का घर भी पास आ गया।

मैंने कहा- आज शनिवार है. तेरे मम्मी-पापा घर पर ही होंगे.
ज्योति बोली- हां!

जब हम ज्योति के घर के गेट पर पहुंचें तो वह बोली- पापा की कार नहीं खड़ी है, इसका मतलब वे कहीं गए हैं.
मैंने कहा- आंटी तो होंगी ना?
वह बोली- होना तो चाहिए … वैसे सामान लाने अक्सर वे भी जाती हैं पापा के साथ।

बाहर का गेट खोल कर हम अंदर आ गए तो देखा दरवाज़ा लॉक था।

ज्योति ने दरवाज़े पर 2 बार नॉक किया.
मगर उसकी मम्मी ने खोला नहीं तो वह बोली- दरअसल मम्मी-पापा को लगा होगा कि मैं रोज़ की तरह 1.30 – 2 बजे तक आऊंगी। इसलिए वे घर का सामान लेने चले गये होंगे।

ज्योति के पास घर की चाबी रहती थी तो उसने ताला खोला और हम दोनों अंदर आ गई।

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Xxx गर्ल सेक्स डिजायर कहानी का अगला भाग: मेरी सहेली ने मुझे अपने पापा से चुदवाया- 2

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