अनाथ लड़के का यौन जीवन- 3

(Xxx Sexy Ladki Ki Chudai)

रत्न दत्त 2023-10-29 Comments

Xxx सेक्सी लड़की की चुदाई कहानी एक जवान लड़की की है जो चुदाई में बहुत जल्दी झड़ जाती थी और उसके बाद लड़के को चोदने नहीं देती थी. मैंने अपना मजा छोड़ कर उस लड़की को खुश किया.

दोस्तो, मैं रतन दत्त आपको अपने मित्र विजय की सेक्स कहानी सुना रहा था.

कहानी के दूसरे भाग
मैडम की सहेली को चोदकर मजा दिया
में आपने पढ़ा था कि सुकृति मैडम ने मेरी मुलाक़ात आशिया मैडम से करवा दी थी. वे मेरे साथ खूब चुदाई करती थी.

फिर एक दिन आशिया ने मुझे अपनी एक सहेली से मिलवाने की बात की, मुझे एक रेस्तरां का पता देकर वहां पहुँचने को कहा.

अब आगे Xxx सेक्सी लड़की की चुदाई:

मैं रेस्तरां में गया.

एक लड़की मेरे पास आकर बोली- विजय, मैं मीनाक्षी हूँ, मैंने टेबल बुक की है. चलो वहां बैठकर बात करते हैं.

वह टेबल एकांत में थी, हम दोनों वहां बैठ गए.

मीनाक्षी थोड़ी सावंली, एकदम साधारण चेहरे की थी. उसने साड़ी पहनी थी, पल्लू लपेटकर वक्ष छुपा रखा था.
उसके चेहरे में एकमात्र सुन्दर थी उसकी आंखें और लम्बे बाल.

मीनाक्षी ने मेरे और मेरे घर वालों के बारे में पूछा, मैंने बता दिया.
तब मीनाक्षी ने खाना मंगवाया, खाना खाते समय मीनाक्षी का पल्लू थोड़ा सरक गया.

उसके स्लीवलेस ब्लाउज से उसका हाथ कंधे तक दिख रहा था.
उसके मसल्स कसरत करने से बने लगते थे.

उसकी एक चूची ब्लाउज के ऊपर से दिख रही थी, जो सपाट थी, लड़कों के जैसे.

मैंने सोचा कि इससे सेक्स कैसे करूँगा?
फिर सोचा मुझे तो यह अपना काम समझकर करना है. उसके पूरे पैसे मिलेंगे और मीनाक्षी की मदद भी होगी.

मैं- मीनाक्षी जी, आप कसरत करती हैं? आपके हाथ के मसल्स शानदार हैं. मुझे भी कसरत का शौक है.

मीनाक्षी ने अपना हाथ के मसल्स को फुलाकर दिखाया.
मैंने भी अपने हाथ के मसल्स फुलाकर दिखाए.

हम दोनों हंसने लगे.

मैंने बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ाते कहा- मीनाक्षी जी आपके लम्बे बाल बहुत सुंदर हैं और आपकी जैसे सुन्दर आंखों की जितनी तारीफ की जाए, कम है.
उसने मेरी आंखों में देख कर मुस्कान दी.

मैंने आगे कहा- मीनाक्षी का मतलब होता है मछली जैसी आंखों वाली, आपकी आंखें आपके नाम को सार्थक करती हैं.

मीनाक्षी- विजय तुम मुझे मीनाक्षी कहो. मैं और मेरे पति एक ही कॉलेज में पढ़ते थे. पति हैंडसम हैं, हम दोनों साथ जिम जाते, पहाड़ पर चढ़ते, हम दोनों बहुत घनिष्ठ दोस्त थे और अब भी हैं. हम दोनों को एक साथ अच्छी नौकरी मिली, उन्होंने शादी का प्रस्ताव दिया, मैं हामी भर दी. हमारी शादी के दो साल हो गए हैं.

मैंने आश्चर्य भरी नजरों से उसे देखा.
वह मेरी नजरों को समझ गई.

मीनाक्षी बोली- हम दोनों ने पहले सेक्स नहीं किया था, शादी के बाद हमारा सेक्स जीवन कुछ महीने ठीक चला. पर पति की मेरे साथ सेक्स की इच्छा मर गयी. कारण था कि मेरा बदन सेक्सी नहीं है, चूचे बहुत छोटे हैं. पति सेक्सी फिगर की सुन्दर लड़कियों को देखता है और सोचता कि काश मेरी पत्नी का फिगर ऐसा होता.

इतना कह कर वह चुप हो गई.
मैंने कहा- फिर?

मीनाक्षी- फिर एक रात जब हम दोनों व्हिस्की पी रहे थे, तब नशे में पति ने यह बात मुझे बताई. मैं पति को दोष नहीं दे रही हूँ. लेकिन तब से हम सिर्फ दोस्त हैं, पति मेरा ख्याल रखते हैं. मैं तुमसे मिलने आ रही हूँ, यह बात पति को मालूम है. थोड़े दिन पहले पति का ऑफिस की एक सेक्सी फिगर की सुन्दर महिला से संबंध हुआ है, वह उनसे सिर्फ सेक्स चाहती है.

मैंने कहा- मतलब आप दोनों में एक दूसरे की चाहत की बात खुली हुई है?
मीनाक्षी- हां. पर वो छोड़ो. विजय तुम यह बताओ कि क्या तुम अपनी मर्जी से राजी हो?

मैंने तुरंत हां कहा.

मीनाक्षी ने मुझे कंडोम खरीदकर, रात के कपड़े लेकर तैयार रहने को कहा.
उसने मेरे घर से थोड़ी दूर एक जगह शाम को सात बजे मिलने को कहा.

शाम को मीनाक्षी मुझे कार में अपने फार्म हाउस ले गयी.
हमने कपड़े बदली किए.

मीनाक्षी ने शार्ट पैंट, बिना बांह की टी-शर्ट पहनी.

फिर उसने दो पैग बनाए.
हम पास पास बैठकर पीने लगे.

मीनाक्षी की जांघें मांसल और चिकनी थीं.
मैं उन पर हाथ फेरने लगा.

मैंने भी हाफ पैंट पहनी थी.
मीनाक्षी ने मेरी जांघों पर हाथ रख दिया.

पैग खत्म होते ही मैंने मीनाक्षी को हाथ पकड़कर खड़ा किया.
उसके सामने खड़े होकर मैंने उसके चेहरे को अपने हाथों में लेकर कहा- मैं आज तुम्हारी सुन्दर आंखों में डूब जाना चाहता हूँ.

मैंने मीनाक्षी के कपाल और आंख पर चूम लिया.
मीनाक्षी मुझसे लिपट गयी, हम एक दूसरे के होंठ चूमने, चूसने लगे.

अनायास ही हमने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए.

मीनाक्षी का बदन चिकना था, पेट सपाट था.
उसके निप्पल काले लम्बे थे और उत्तेजना से तने थे. मुनक्का (सूखा काला अंगूर) की तरह. जांघें मांसल थीं. सिर्फ उसके चूचे छोटे थे.

हम दोनों पलंग पर लेट गए.

मैं मीनाक्षी के बदन को चूम रहा था, उसके निप्पलों पर उंगलियां घुमा रहा था. चूत पर हाथ फेर रहा था.

उसकी चूत से कामरस निकल रहा था.

मीनाक्षी मेरे लंड को सहला रही थी.

उसने चित लेटकर पांव मोड़कर फैला दिए.

मैंने कंडोम पहना, उसके पांवों के बीच घुटने पर बैठकर चूत पर लंड फेरने लगा.
मीनाक्षी कमर उठाकर लंड अन्दर लेने की कोशिश करने लगी.

मैंने लंड मीनाक्षी की चूत में डाल दिया, धीरे धीरे चोदने लगा.
मीनाक्षी कमर उछालकर साथ दे रही थी.

वह बोली- और जोर से चोदो. अच्छा लग रहा है.
मैंने चोदने की गति बढ़ा दी.

जवान बदन और कसी (टाइट) हुई चूत के कारण मुझे चोदने में बहुत मजा आ रहा था.
मीनाक्षी बोली- विजय, तुम लेटो, अब मेरी बारी है.

मैंने चित लेटकर लंड जड़ से पकड़कर लम्बी सांस ली.
मीनाक्षी मेरे ऊपर आ गयी.

उसने मेरे लंड को पकड़कर अपनी चूत में डाला और उछल उछल कर लंड की सवारी करने लगी.

मीनाक्षी के हाथ मेरी छाती पर थे, वह मेरे मुँह की तरफ झुकी थी.
उसके छोटे चूचे लटके थे. मैंने हाथ बढ़ाया, चूचे पकड़ने लायक थे.

मैं चूचे दबाने लगा.
मीनाक्षी को और जोश आया तो वह सिसकारी लेने लगी; लौड़े पर जोर जोर से उछलने लगी.

काफी देर बाद मीनाक्षी की चूत से ढेर सारा कामरस निकला.
उसने हांफते हुए कहा- आह … मेरा हो गया.

मैंने नीचे से कमर उछालकर कुछ धक्के लगाए और मैं भी कंडोम में झड़ गया.

मीनाक्षी थक कर मेरे ऊपर लेट गयी थी.
उसका बदन कंप रहा था.

मैंने मीनाक्षी से पूछा- कैसा लगा?
मीनाक्षी मेरे होंठों पर चुम्बन देकर बाथरूम में भाग गयी.

उसके आने के बाद मैं भी लंड धोकर आया.
हम दोनों ने एक एक पैग और लिया और खाना खाकर सो गए.

हम दोनों आज के सेक्स से संतुष्ट थे.

सुबह फ्रेश होने के बाद हम साथ नहाने गए.
नहाते समय हमें जोश आ गया.

मीनाक्षी बाथटब पकड़कर आगे झुक गयी.
उसकी कसरत से बने कूल्हे आकर्षक थे.

मैं पीछे से उसकी चूत में लंड डालने ही वाला था कि मीनाक्षी बोली- कंडोम तो लगा लो.

मैंने कंडोम लगाकर मीनाक्षी की कमर पकड़कर घमासान Xxx सेक्सी लड़की की चुदाई की.
उसने भी पूरा आनन्द लिया.

सम्भोग के बाद मीनाक्षी बोली- कंडोम में उतना मजा नहीं आता और कंडोम फेल होने से गर्भ ठहरने का खतरा है. विजय तुम नसबंदी करा लो, तो अच्छा होगा.

उसके बाद उसने मुझे पैसे दिए.

अब वह मुझे हफ्ते में एक या दो बार बुला लेती थी.

एक रात मीनाक्षी बोली- विजय तुम्हें एक लड़की कामिनी (उम्र 25) को सन्तुष्ट करना है. कामिनी को उत्तेजना बहुत जोर में आती है, पर सम्भोग के समय वह 5 मिनट में ही झड़ जाती है. कामिनी के झड़ने के बाद भी यदि उसका पति सम्भोग चालू रखता है तो वह उसको रोकती है. उसकी इसी बात से उसके पति ने परेशान होकर उसके साथ सम्भोग करना बंद कर दिया है.

मीनाक्षी से कामिनी को चोदने को लेकर साफ साफ बात हुई.
तो उसने बताया कि कामिनी ने कहा है कि तुम्हें कोई यौन रोग तो नहीं है, इसकी जाँच उनके पहचान वाले एक डॉक्टर से कराने को कहा है.

मैंने कामिनी के पहचान वाले डॉक्टर से अपनी जांच करवा ली और सही होने की रिपोर्ट कामिनी को मिल गई.
तब उसके बाद मैंने कामिनी से सम्भोग किया.
उसके साथ चुदाई को मैं अपना काम समझकर करता था और उसे हर तरह से संतुष्ट कर देता था.

चूंकि कामिनी जल्दी झड़ जाती थी तो मैं नहीं झड़ पता था. उसके झड़ने के बाद मैं बाथरूम में हस्तमैथुन कर लेता.

कामिनी भी मीनाक्षी और सुकृति मैडम के जैसे हर बार बोलती थी- कंडोम में मजा उतना नहीं आता, तुम नसबंदी करा लो.

इस तरह से मैंने कई महीने तक इन सभी को चोदा.

एक बार मीनाक्षी ने मुझे बुलाया.
हम दोनों ने सेक्स वीडियो देखा, उसके अनुसार अलग अलग आसनों में सम्भोग किया.

वीडियो में लड़के ने लड़की की गांड भी मारी.
उस रात मीनाक्षी ने गांड नहीं मारने दी.
वह बोली- उधर से फिर कभी कोशिश करेंगे.

हम दोनों हफ्ते में दो तीन बार मिलते.

मीनाक्षी ने नेट पर गांड मरवाने के बारे में पढ़ा.
उसने आस प्लग लगाकर गांड थोड़ी ढीली की.

फिर 15 दिनों बाद हमने गांड चुदाई का आनन्द भी लिया.

मैं एक रात सुकृति मैडम के बुलाने पर उनके घर गया.
वे मुझे हफ्ते में एक बार बुलाती थीं.

साप्ताहिक सम्भोग के बाद मैंने सुकृति मैडम से कहा- महिलाएं मुझे नसबंदी करवाने कह रही हैं, क्या करूं? और एक बात, मैं नियम से होटल की ड्यूटी नहीं कर पा रहा हूँ, मेरी नौकरी खतरे में है.

सुकृति- विजय तुम नौकरी छोड़ दो, जिगोलो के काम में तुम्हारी अच्छी कमाई हो रही है. तुम मेरी फास्ट फ़ूड की दुकान में बैठ सकते हो. मैं तुम्हें पार्टनर बना दूंगी. मुनाफे में हिस्सा भी मिलेगा, उसे तुम इनकम टैक्स में दिखा सकते हो. नसबंदी में नुकसान नहीं है, वीर्य निकलेगा, पर उससे गर्भ नहीं ठहरेगा. तुम्हें भी सम्भोग में ज्यादा मजा आएगा और महिलाओं को भी. मुझे गर्भवती होने का खतरा नहीं था, इसलिए मैंने तुम्हें नसबंदी के किए नहीं कहा.

मैंने सुकृति मैडम की सलाह पर अपना नसबंदी का ऑपरेशन करा लिया था.

डॉक्टर ने कहा- अभी तीन महीने तक कंडोम यूज़ करना. तीन महीने बाद जांच करेंगे, तब बिना कंडोम के सेक्स कर सकते हो.

तीन महीने बाद मेरे वीर्य की जाँच से पता चला, उस वीर्य में शक्राणु नहीं हैं. अब मेरे लंड रस से गर्भ नहीं ठहर सकता था.

मेरी सभी महिला ग्राहक बिना कंडोम के सेक्स से खुश थी.

नसबंदी के तीन महीने बाद की बात है, जब मैं कामिनी (जो जल्दी झड़ जाती, झड़ने के बाद सम्भोग नहीं करने देती थी) के साथ था.

कामिनी बोली- मैंने अपनी सहेलियों से सुना है कि संभोग के बाद जब चूत, पुरुष के वीर्य से भर जाती है, तभी पूरा संतोष मिलता है. पर मैं उतनी देर तक सम्भोग नहीं कर पाती कि पुरुष झड़ जाए.
मैंने कहा- मैं कर सकता हूँ, कामिनी तुम्हारे झड़ने के बाद जब मैं कहूं, तुम्हें बस थोड़ी से देर के लिए मेरा लंड चूत में लेना होगा.
वह राजी हो गई.

मैंने संभोग शुरू किया, कामिनी 5 मिनट में झड़ गयी. वह पैर फैलाकर लेटी थी.
मैं संभोग बंद कर हस्तमैथुन करने लगा.

जब मैं झड़ने ही वाला था, मैंने लंड कामिनी की चूत में डाल दिया.
उसकी चूत वीर्य से भर गयी.

कामिनी को नया सुख मिला, तबसे हम यही करने लगे थे.

मीनाक्षी (जिसके चूचे छोटे थे) ने मुझे एक होटल में मिलने बुलाया.

उधर खाना खाते समय मीनाक्षी बोली- मेरा, मेरे पति से फिर से यौन संबंध शुरू हो गया है. मैंने तुम्हें बताया था न कि मेरे पति का यौन संबंध एक सेक्सी फिगर वाली सुन्दर महिला से हुआ था … मेरी सहमति से! मगर अब मेरे पति उस सेक्सी महिला से ऊब गए हैं. वह महिला उन्हें अपने चूचे दबाने नहीं देती, कहती है कि दूध दबाने से ढीले पड़ जाएंगे.

मैंने कहा- फिर?
वह आगे बोली- विजय, मेरे पति ने मेरा और तुम्हारा परस्पर आनन्द देने वाला संभोग छुपकर देखा है. उनकी समझ में आ गया कि बड़े चूचे और सुन्दर चेहरा संभोग में आनन्द नहीं देता. संभोग में जब दोनों खुलकर भाग लेते हैं, तभी मजा आता है. मैंने पति के साथ थ्री-सम सेक्स वीडियो देखा है. हमें तुम्हारा साथ चाहिए, जिसे मेरे दोनों छेदों में एक साथ लंड हो. यह आईडिया मेरे पति का है, मेरी भी इच्छा है.

मैं भी मीनाक्षी की बात से सहमत था.

मैंने मीनाक्षी के घर में ही उसके पति के साथ मिल कर मीनाक्षी की सैंडविच चुदाई की.
इस चुदाई से वे दोनों पति पत्नी बेहद खुश थे.

मीनाक्षी के पति को मेरा व्यवहार अच्छा लगा तो वे मुझे हमेशा चुदाई के लिए बुलाने लगे.
उसके बाद काफी बार हम तीनों ने थ्रीसम सेक्स किया.

मैं सुकृति कि फास्ट फ़ूड की दुकान में बैठता, जिगोलो जीवन की कमाई दुकान का मुनाफा दिखाता.

चाचा चाची एक कमरे के चाल में रहते थे.
मेरे आने से उनकी प्राइवेसी में मुश्किल हो रही थी.

मैं एक फ्लैट किराये पर लेकर रहने लगा. मैं चाची को हर महीने कुछ रूपए देता.

बाद में चाची ने लोगों के घर खाना बनाना छोड़कर मेरी फास्ट फ़ूड की दुकान के किचन की जिम्मेदारी ली.
इससे उनकी भी कमाई बढ़ गई.

ऐसे ही दो साल बीत गए.

आगे क्या हुआ पढ़े वह सेक्स कहानी के अगले भाग में पढ़ें.

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Xxx सेक्सी लड़की की चुदाई कहानी का अगला भाग: अनाथ लड़के का यौन जीवन- 4

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