भैया भाभी की जबरदस्त चूत चुदाई देखी

(Bhai Bhabhi Sex Kahani)

तुषार 96 2022-04-12 Comments

भाई भाभी सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं अपने भाई के घर रहने गया तो मैंने कई बार भैया भाभी को चुदाई करते देखा. दोनों बहुत जोरदार चुदाई करते हैं ओरल सेक्स के बाद!

सभी को मेरा नमस्कार. मेरा नाम तुषार है. अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है. मैं आशा करता हूँ कि आप सभी को यह पसंद आएगी.

मैं रायपुर छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूं. मेरी उम्र 24 साल है और मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा हूं.

आज मैं एक एक सच्ची घटना आप सबको बताने जा रहा हूँ. यह घटना एक साल पहले की है.

भाई भाभी सेक्स कहानी उन दिनों की है, जब मैं भईया और भाभी के घर मैं अपनी छुट्टियां बिताने के लिए गया था.
वो लोग अंबिकापुर में रहते थे. वह शहर काफी अच्छा था.

मेरे भईया एक पावर हब में काम करते हैं और उनकी शादी को 8 साल हो चुके हैं.

भाभी का नाम सोनाली है. मेरी भाभी की उम्र लगभग 32 साल होगी. वो दिखने में एकदम सेक्सी माल हैं.
उनका एक बेटा भी है, पर वह अभी छोटा है.

मैं जब उनके घर गया, तो मैं भाभी को देखकर हैरान हो गया था.
उनका फिगर काफी बदल गया था. अब भाभी का फिगर 34-30-36 का हो गया था.
भाभी अभी भी दिखने में एकदम मॉडल जैसी दिखती हैं.

उनका भरा हुआ बदन एकदम कांटा माल है. उनके मम्मे कसे हुए ब्लाउज में ऐसे तने हुए दिखते हैं मानो अभी के अभी ब्लाउज से बाहर निकल आएंगे.

उनके चूतड़ एकदम गोल गोल हैं. जब भाभी गांड मटका कर चलती हैं तो मेरा मन होता कि जाकर उनको पकड़ कर मसल दूँ.

जब मैं वहां गया तो भाभी ने मेरी बहुत ज्यादा खातिरदारी की.
भैया भी बहुत खुश हुए.

एक दो दिन ऐसे ही निकल गए.

एक रात मेरी नींद खुली तो मैंने भईया और भाभी के कमरे से कुछ आवाज आती सुनी.

मैंने जाकर देखा पर दरवाजा बंद था. मैंने खिड़की से जाकर देखने की कोशिश की.

उनकी खिड़की में कांच लगा हुआ था तो अन्दर का नजारा हल्का हल्का सा नजर आ रहा था.

अन्दर देखने के बाद मेरे होश उड़ गए.
मैंने देखा कि भईया भाभी की चुदाई कर रहे थे.

भाभी एकदम नंगी थीं और भैया उनकी चूत चाट रहे थे. भाभी के मुँह से आह आह की मादक आवाज निकल रही थी.

भैया ने भाभी की चूत में अपना मुँह लगभग घुसेड़ा हुआ था और वो भाभी की चूत में जीभ को नुकीला करके अन्दर बाहर कर रहे थे.

भाभी भी मस्त हुई जा रही थीं और वो अपने दोनों हाथ भैया के सर को अपनी चूत में ऐसे दबाए जा रही थीं मानो वो भैया को अपनी चूत में ही घुसा लेंगी.
मुझे ये सीन देख कर बड़ी उत्तेजना हो रही थी और मैं अपने लंड को सहलाने लगा था.

अब भाभी ने भैया को गाली देना शुरू कर दिया था- आंह साले … भोसड़ी के चूस ले मादरचोद … आह कितना मस्त मजा दे रहा है हरामी साले … आह पूरी चूत का रस चूस ले!
भैया बिना कुछ बोले लगातार भाभी की चूत को चाट कर उसका भोसड़ा बनाने पर तुले हुए थे.

कुछ ही देर में भाभी की आवाजें बढ़ गईं और वो अपनी दोनों टांगें हवा में उठा कर अपनी गांड ऊपर उठाने लगी थीं.
उनके दोनों हाथों में भैया के सर के बाल दबे हुए थे और वो उनके बाल खींच कर चूत झड़ने जैसा कर रही थीं.

कुछ ही देर में भाभी चरम पर आ गईं और आंह आंह करती हुई झड़ने लगीं.
झड़ते समय भाभी की अकुलाहट देखते ही बन रही थी.

एक मिनट में ही भाभी एकदम शिथिल हो गईं और भैया अभी भी भाभी की चूत से निकले रस को चाट रहे थे.

चूत का पूरा रस चाटने के बाद भैया ने अपना मुँह ऊपर उठाया तो उनकी आंखें वासना से एकदम सुर्ख हो गई थीं और मुँह पर भाभी की चूत का माल जहां तहां छपा हुआ था.

भैया ने भाभी की टांगों से सर निकाला और लम्बी सांसें लेते हुए भाभी की उठती बैठती चूचियों को देखने लगे.
फिर भैया ने बिस्तर के बगल की दराज से सिगरेट की डिब्बी निकाली और एक सिगरेट निकाल कर कश लेने लगे.

भाभी ने अपनी आंखें खोलीं और भैया की तरफ देखने लगीं.
भैया ने अपनी सिगरेट भाभी की तरफ बढ़ा दी.

भाभी ने सिगरेट अपने होंठों में लगाई और कश लेने लगीं.
उनके मुँह से निकला- जान कितना मस्त चूसते हो, मेरी चूत तो बिना लंड के ही ठंडी हो गई.

भैया हंसने लगे और बोले- साली कुतिया … अभी तो तेरी सिर्फ चूत चाटी है … अभी मेरे लंड का स्वाद भी तुझे लेना बाकी है.
भाभी हंसती हुई बैठ गईं और बोलीं- आ जा मेरे शेर, अब तेरे लंड को भी प्यार कर लेती हूँ.

भैया लेट गए और भाभी एक हाथ में सिगरेट लिए हुए भैया के कड़क लंड को चूमने लगीं.
भाभी ने दो तीन चुप्पे लंड के लिए और सिगरेट का धुंआ मुँह में लेकर भैया के लंड पर धुंआ छोड़ने लगीं.

भैया भी मस्त होने लगे और लंड चुसाई का मजा लेने लगे.
भाभी ने कुछ ही पलों में सिगरेट भैया को पकड़ा दी और खुद लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं. वो अपने हाथ से भैया के लंड के गोटों को भी सहला रही थीं.

अब भैया ने सिगेरट को बुझा दिया और अपने हाथ से भाभी के सर को पकड़ कर उन्हें अपने लंड पर दबाने लगे- आंह साली रांड चूस माँ की लवड़ी … आह लंड चूस कुतिया … आह बड़ा मजा आ रहा है बेबी … चूस ले मादरचोद.

भाभी भी लंड चूसने में जरा भी कसर नहीं छोड़ रही थीं.

फिर भैया ने कहा- अब चूसना छोड़ और चढ़ जा लंड पर … कर सवारी लौड़े की भैन की लौड़ी.
भाभी ने एक मिनट की भी देर नहीं लगाई और वो अपनी टांगें खोल लंड पर बैठने लगीं.

अगले ही पल भैया का लंड भाभी की चूत में लुप्त हो गया.

भाभी ने लौड़े की सवारी गांठना शुरू कर दी. भाभी की चूचियां गजब हिल रही थीं. भैया भी उनकी दोनों चूचियों को बारी बारी से चूस रहे थे.

कोई दस मिनट बाद भाभी अपनी चरम सीमा पर आ गईं और आह आह करती हुई झड़ने लगीं.
उनकी चूत की गर्मी से भैया भी अपने लंड का रस छोड़ने लगे.

उन दोनों में चुदाई पूरी हो गई थी और वो दोनों हांफते हुए एक दूसरे के ऊपर गिर कर चूमाचाटी करने लगे थे.

उसके बाद मैंने समझ लिया कि इनका खेल खत्म हो गया है अब इधर रूकने से कोई फायदा नहीं है.

मैं वापस अपने कमरे में गया और सोने लगा.
पर मेरी आंखों के सामने भाभी के बड़े बड़े मम्मे नजर आ रहे थे.

मैं लंड मसलते हुए सोचने लगा कि काश एक बार मुझे भी भाभी के मम्मों का दूध पीने को मिल पाता.
मैं उस रात को मुठ मार कर सो गया.

अब मैंने सोचा कि किसी तरह से भाभी की चुदाई देखने का जुगाड़ किया जाए.

मैं अगले दिन का इन्तजार करने लगा.
उस दिन पता चला कि आज भईया की नाइट शिफ्ट है. वो रात में अपनी ड्यूटी पर जाने वाले थे.

हम सभी का दिन का खाना हुआ. मैं कमरे में आराम करने जाने लगा.

उसी समय भईया ने मुझसे कहा- जा तुषार तू थोड़ा घूम आ. आज सिटी देख लेना.
मैं समझ गया कि आज चुदाई दिन में होने वाली है.

मैंने भईया को हामी भर दी और घर से निकल गया. मैंने भैया की बाइक को घर से उठाई और निकल गया.

थोड़ी दूर एक दुकान के सामने बाइक खड़ी करके वहां से वापस आ गया.

जब मैं वापस आया था तो घर का दरवाजा खुला था पर भईया भाभी के कमरे का दरवाजा बंद था.

मैं धीरे से अन्दर गया और खिड़की के पास आ गया.
ये खिड़की ऐसी जगह पर थी कि वो लोग मुझे नहीं देख सकते थे.
उनका कार्यक्रम शुरू हो चुका था.

मैंने देखा कि भईया भाभी की साड़ी निकाल रहे थे और भाभी हंस रही थीं.
फिर भैया ने भाभी को उठाकर बेड पर लिटा दिया.
भाभी ब्लाउज पेटीकोट में एकदम कमाल की हॉट लग रही थीं.

कुछ देर चूमने के बाद भईया ने भाभी को उल्टा लिटा दिया और उनकी पीठ को चूमने लगे.
फिर भैया उनके ब्लाउज का हुक खोलने लगे.

कुछ ही पलों में भईया ने भाभी का ब्लाउज उतार कर हटा दिया और उनके पेटीकोट को ढीला करके हटा दिया.
अब भाभी सिर्फ ब्रा पैंटी में थीं.

भईया ब्रा के ऊपर से ही भाभी के मम्मे दबाने लगे और भाभी की कामुक आवाज कमरे में गूंजने लगी- आआहह आआहह हम्मम … धीरे मसलो न … आह!

कुछ देर बाद भईया ने भाभी की ब्रा का हुक खोला और उनके दोनों मम्मों को आजाद कर दिया.
यह सब देखकर मेरा 7 इंच का लंड खड़ा हो गया.

भाभी के नंगे मम्मे देख कर भईया मम्मों को चूसने लगे. भाभी के मुँह से मादक आवाज निकलने लगी- हम्मम हम्मम उम्म उम्म्म!
उनकी गर्म आवाज भईया को और उकसा रही थी.

फिर भईया धीरे धीरे उनके कमर को चूमते हुए पैरों तक चले गए और भईया भाभी की चूत को चुमते हुए नीचे आ गए.
वो भाभी की चिकनी जांघों को चूमने लगे.
फिर धीरे से भाभी की पैंटी को नीचे की तरफ सरकाते हुए निकाल कर बेड में फेंक दिया.

अब मेरी भाभी पूरी नंगी बिस्तर पर चुदने के लिए पड़ी थीं और मेरे भैया भाभी को चोदने के लिए गर्म कर रहे थे.

भैया भाभी की रस भरी चूत को चूसने लगे और भाभी अपनी टांगें फैला कर चूत चुसवाने का मजा लेने लगीं.

भाभी- हम्मम आह यार क्या कर हो … तुम सच में आग लगा देते हो … उम्म उम्म्म आह बड़ा मजा आ रहा है मेरी जान … चूसो आह इसको खा जाओ हम्मम उम्म उम्म्म और चूसो मेरे राजा आज पूरा पानी निकाल लो ताकि रात को मैं चैन की नींद सो सकूँ.

अब भईया ने भाभी के दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और जोर से धक्का दे मारा.
भाभी के मुँह से चीख निकल गई.

मगर भईया पर मानो भाभी की चीख का कोई असर ही नहीं हुआ था.
वो लगातार धक्के मारते जा रहे थे.

उधर भाभी मुँह से आवाज और तेज हो गई- आह आह आआ हम्मम … और चोदो मेरे राजा … आज पूरी तरह से ठंडी कर दो मुझे … आह कितना अन्दर तक पेल रहे हो.

कुछ देर यूं ही चूत चुदाई करने के बाद भईया ने भाभी को घोड़ी बना दिया और पीछे से भाभी के चूतड़ों पर जोर से थपकी मारने लगे.

भाभी चिल्लाने लगीं और लंड पेलने की कहने लगीं.

भईया ने अपना पूरा लंड भाभी की चूत की गहराई में उतार दिया.
अब भाभी को और मजा आने लगा था. वो पूरे जोश के साथ चुदाई करवा रही थीं और मादक आवाजें भर रही थीं.

पूरे कमरे में भाभी की आवाज गूंजने लगी थी- आहहह आईईई … हाहहह … उम्म उम्म्म हाय!
फिर भाभी ने अपना पानी छोड़ दिया और भईया भी थोड़ी देर बाद उनकी चूत के अन्दर ही झड़ गए.

यह भाई भाभी सेक्स देखकर मैं भी दो बार झड़ चुका था.
फिर मैं वापस अपनी बाइक के पास गया और बाइक को घर लेकर आ गया.
तब तक भईया और भाभी कपड़े पहन चुके थे.

दोस्तो, ये मेरी सच्ची कहानी थी.
आप मुझे कमेंट में बताएं कि आपको मेरी ये भाई भाभी सेक्स कहानी कैसी लगी.
मेरी ईमेल आईडी है
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