Sex Stories Archive for 2011

मधुर प्रेम मिलन-4

भंवरे ने डंक मार दिया था और शिकारी अपना लक्ष्य भेदन कर चुका था। अब कलि खिल चुकी थी और भंवरे को अपनी पंखुड़ियों में कैद किये अपना यौवन मधु पिलाने को आतुर हो रही थी।

मधुर प्रेम मिलन-3

उन्होंने अपने मुन्ने को मेरी मुनिया (लाडो) के चीरे पर रख दिया। मैंने अपनी साँसें रोक ली और अपने दांत कस कर भींच लिए। मेरी लाडो तो कब से उनके स्वागत के लिए आतुर होकर प्रेम के आंसू बहाने लगी थी।

तड़पाना जरुरी है क्या

On 2011-07-11 Category: चुदाई की कहानी Tags:

प्रेषक : पल्लू अन्तर्वासना के बारे में मेरे एक दोस्त ने बताया था कि यहाँ बहुत ही सेक्सी कहानियाँ पढ़ने को मिलती हैं। तब से मैं हर कहाँ पढ़ता हू। फिर मुझे लगा कि मुझे भी अपनी कहानी आप लोगों को बतानी चाहिए। यह मेरी सच्ची कहानी है सब की तरह मनगढ़ंत नहीं। मैं हिसुआ […]

मधुर प्रेम मिलन-2

प्रेषिका : स्लिमसीमा ‘मधुर, क्या मैं एक बार आपके हाथों को चूम सकता हूँ?’ मेरे अधरों पर गर्वीली मुस्कान थिरक उठी। अपने प्रियतम को प्रणय-निवेदन करते देख कर रूप-गर्विता होने का अहसास कितना मादक और रोमांचकारी होता है, मैंने आज जाना था। मैंने मन में सोचा ‘पूरी फूलों की डाली अपनी खुशबू बिखरने के लिए […]

गोआ का ट्रिप

On 2011-07-10 Category: चुदाई की कहानी Tags:

प्रिय दोस्तो, मेरा नाम अमित है, पुणे का रहने वाला हूँ, मेरी उमर 23 साल है, मैं देखने में गोरा हूँ, मेरा लण्ड 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है। यह मेरी पहली कहानी है। मैंने अन्तर्वासना.कॉम पर सभी कहानियाँ पढ़ी हैं। आज मैं अपने जीवन का एक सच्चा किस्सा सुनाने जा रहा हूँ, […]

मधुर प्रेम मिलन-1

वो अक्सर बाथरूम में जब नहाने के लिए अपने सारे कपड़े उतार देती है तब उसे तौलिये और साबुन की याद आती है। अभी वो बाथरूम में है और वो तौलिया ले जाना भूल गई है।

लड़के या खिलौने

On 2011-07-09 Category: चुदाई की कहानी Tags:

लेखिका : शालिनी जब से हमारे पुराने प्रबंधक कुट्टी सर नौकरी छोड़ कर गए थे, नए प्रबंधक के साथ बैठकों में और काम में कार्यालय के सब लोग व्यस्त थे। रोज़ का एक जैसा ही कार्यक्रम बन गया था कार्यालय से थक कर घर आ कर खाना खाना और सो जाना। कोई दो महीने के […]

बिस्तर से मण्डप तक

On 2011-07-08 Category: चुदाई की कहानी Tags:

हेल्लो दोस्तो, मैं विकास, आज मैं अपनी सच्ची कहानी सुनाता हूँ। मेरी उम्र 19 साल है। मेरा एक दोस्त है। उसका नाम रोहण है। हम लोग साथ हमारे शहर से दूर कॉलेज में एक ही क्लास में पढ़ते थे और हॉस्टल में एक ही कमरे में रहते थे। हम एक ही शहर से थे। छुट्टियों […]

कुंवारी भोली–13

On 2011-07-07 Category: चुदाई की कहानी Tags:

मैंने वे कपड़े पहन लिए। इतने महँगे कपड़े मैंने पहले नहीं पहने थे… मुलायम कपड़ा, बढ़िया सिलाई, शानदार रंग और बनावट। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। चाची ने मेरे बालों में कंघी की, गजरा लगाया, हाथ, गले और कानों में आभूषण डाले और अंत में एक इत्तर की शीशी खोल कर मेरे कपड़ों पर […]

कुंवारी भोली–12

On 2011-07-06 Category: चुदाई की कहानी Tags:

शगन कुमार दरवाज़े पर महेश और उसके साथियों को देख कर मैं घबरा गई। वे पहले कभी मेरे घर नहीं आये थे। मैंने अपने होशोहवास पर काबू रखते हुए उन्हें नमस्ते की और सहजता से पूछा- आप यहाँ? महेश की नज़रें आधे खुले दरवाज़े और मेरे पार कुछ ढूंढ रही थीं। मैं वहीं खड़ी रही […]

कुंवारी भोली–11

On 2011-07-05 Category: चुदाई की कहानी Tags:

शगन कुमार मैंने चुपचाप अपने छेद को 3-4 बार ढीला करने का अभ्यास कर लिया। “याद रखना… हम एक समय में छेद को एक-आध सेकंड के लिए ही ढीला कर सकते हैं… फिर वह अपने आप कस जायेगा… तुम करके देख लो…” वह सच ही कह रहा था… मैं कितनी भी देर ज़ोर लगाऊं…छेद थोड़ी […]

कुंवारी भोली–10

On 2011-07-04 Category: चुदाई की कहानी Tags:

शगन कुमार मुझे भोंपू के मुरझाये और तन्नाये… दोनों दशा के लंड अच्छे लगने लगे थे। मुरझाये पर दुलार आता था और तन्नाये से तन-मन में हूक सी उठती थी। मुरझाये लिंग में जान डालने का मज़ा आता था तो तन्नाये लंड की जान निकालने का मौक़ा मिलता था। मुझे उसके मर्दाने दूध का स्वाद […]

कुंवारी भोली–9

On 2011-07-03 Category: चुदाई की कहानी Tags:

शगन कुमार मुझे कुछ कहने की ज़रूरत नहीं थी। मैं खड़ी हो कर उससे लिपट गई। एक बार फिर मेरे नंगे बदन को उसके लिंग के छूने का अहसास नहीं हुआ… वह फिर से थक कर लटक गया था। मैंने अपना हाथ नीचे करके लिंग को हाथ में लिया और उसे प्यार से सहलाने लगी। […]

कुंवारी भोली–8

On 2011-07-02 Category: चुदाई की कहानी Tags:

शगन कुमार कोई 4-5 बार अपना दूध फेंकने के बाद भोंपू का लंड शिथिल हो गया और उसमें से वीर्य की बूँदें कुछ कुछ देर में टपक रही थी। उसने अपने मुरझाये लिंग को निचोड़ते हुए मर्दाने दूध की आखिरी बूँद मेरे पेट पर गिराई और बिस्तर से उठ गया। एक तौलिए से उसने मेरे […]

कुंवारी भोली–7

On 2011-07-01 Category: चुदाई की कहानी Tags:

शगन कुमार रात को मुझे नींद नहीं आ रही थी। हरदम नितेश या भोंपू के चेहरे और उनके साथ बिताये पल याद आ रहे थे। मेरे जीवन में एक बड़ा बदलाव आ गया था। अब मुझे अपने बदन की ज़रूरतों का अहसास हो गया था। जहाँ पहले मैं काम से थक कर रात को गहरी […]

कुंवारी भोली–6

On 2011-06-30 Category: चुदाई की कहानी Tags:

शगन कुमार मैं खाना गरम करने में लग गई। भोंपू के साथ बिताये पल मेरे दिमाग में घूम रहे थे। खाना खाने के बाद शीलू और गुंटू अपने स्कूल का काम करने में लग गए। भोंपू ने रात के खाने का बंदोबस्त कर ही दिया था सो वह कल आने का वादा करके जाने लगा। […]

मेरी जवान चूत की धार

मैं बहुत सुन्दर हूँ, घर से निकलती तो मेरी चूचियों और मटकती गाण्ड को देखकर सब का लण्ड खड़े हुए बिन नहीं रह पाता. मैं निकल जाती और वो लण्ड दबाते रह जाते. लेकिन मेरी जवान चूत की धार मेरी फुफेरे भाई ने लगाई अपने फौलादी लंड से!

कुंवारी भोली–5

On 2011-06-29 Category: चुदाई की कहानी Tags:

शगन कुमार शायद उसे इसी की प्रतीक्षा थी… उसने धीरे धीरे सुपारे का दबाव बढ़ाना शुरू किया… उसकी आँखें बंद थीं जिस कारण सुपारा अपने निशाने से चूक रहा था और योनि-रस के कारण फिसल रहा था। मुझे समझ नहीं आ रहा था मुझे डर ज़्यादा लग रहा है या काम-वासना ज़्यादा हो रही है। […]

कुंवारी भोली-4

On 2011-06-28 Category: चुदाई की कहानी Tags:

शगन कुमार थोड़ी देर बाद भोंपू ने दोनों टांगों और पैरों की मालिश पूरी की और वह अपनी जगह बैठे बैठे घूम गया। मेरे पीछे के पूरे बदन पर तेल मालिश हो चुकी थी। उसने उकड़ू हो कर अपने आप को ऊपर उठाया और मेरे कूल्हे पर थपथपाते हुए मुझे पलट कर सीधा होने के […]

कुंवारी भोली-3

On 2011-06-27 Category: चुदाई की कहानी Tags:

लेखक : शगन कुमार अब उसने मेरे ऊपर पड़ी हुई चादर मेरी कमर तक उघाड़ दी और उसे अपने घुटनों के नीचे दबा दिया। मैं डरे हुए खरगोश की तरह अपने आप में सिमटने लगी। “अरे डरती क्यों है… तेरी मर्ज़ी के बिना मैं कुछ नहीं करूँगा, ठीक है?” मैंने अपना सर हामी में हिलाया। […]

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