सन्नी शर्मा गाण्डू

मैं सनी गांडू दिखने में चिकना हूँ और मैं सिर्फ कहने के लिये लड़का हूँ, मेरे अंदर एक लड़की या औरत बचपन से घर कर चुकी है। मैं बचपन से ही लड़कियों के साथ गुड्डे-गुड़िया का खेल खेलता, चोरी छुपे अपनी मम्मी के कपड़े पहनता और जब भी घर में अकेला होता तो लड़कियों की तरह मेकअप करके सज संवर कर तैयार होता था। मुझे अपनी इन हरक़तों से अलग ही आनन्द मिलता! मैं अपने स्कूल में भी लड़कियों के साथ ही रहने की कोशिश करता था। सभी लड़के स्कूल में मुझे लड़की ही कहते! बचपन से लड़कियों के साथ रहा था, उनके खाने-पीने में ध्यान देता, उनकी तरह गोल गप्पे, चाट टिक्की वगैरा खाता। मेरे शरीर की बनावट भी काफी लड़कियों जैसी है, मेरी छाती बहुत कोमल है, कमसिन लड़की के जैसे मेरे छोटे छोटे चूचे हैं।

मेरा गांडूपन और मेरी बीवी की वासना

मैं बहुत बड़ा गांडू हूँ. पर घर वालों ने मेरी शादी कर दी. मैं अपनी दुल्हन को खुश नहीं कर पाया और एक दिन उसे पता चल गया कि मैंने गांडू हूँ. तो उसने क्या किया?

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बिहारी और सीआरपी वालों के लंड लिए-2

उसने अपनी सुडौल जाँघों की ताकत से मुझे फाड़ डाला था और फिर उसने मुझे औरत की तरह नीचे डाल कर ज़ोर-ज़ोर से चोदा और सारा माल मेरी गाण्ड में निकाल कर सांसें भरने लगा।

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बिहारी और सीआरपी वालों के लंड लिए-1

उसने अपना हाथ अंडरवियर में घुसा लिया और लौड़े में साबुन लगाने लगाने के बहाने से उसने अंडरवियर खिसका दिया। उसका काला लटकता हुआ लुल्ला देख कर मेरी गाण्ड में पसीना आने लगा था।

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पनवाड़ी और चाय वाले के फाडू लौड़े-2

मैं अपनी गाण्ड को हिलाते हुए गया, जाकर बैड के नीचे बैठ गया और हिलते हुए लण्ड का चुम्मा लिया। वह तो बावला और मस्त होकर देखने लगा कि कोई उसका लण्ड भी चूसेगा।

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पनवाड़ी और चाय वाले के फाडू लौड़े-1

वह खोखे से उठा और साइड पर जाकर स्ट्रीट लाइट के नीचे मेरी तरफ मुँह करके मूतने लगा। उसका लण्ड पूरा तन चुका था और मेरी गांड अब गीली होने लग गई थी

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अब तो मेरी रोज़ गांड बजती है-2

बदन पर सिर्फ नाम की एक फ्रेंची थी, वो भी काले रंग की जिसमें मेरा गोरा जिस्म और आकर्षक दिख रहा था, चूतड़ों पर भी फ्रेंची आधी चिपकी थी और बाक़ी गांड के चीर में फँसी थी।

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अब तो मेरी रोज़ गांड बजती है-1

मैं सोचता हूँ कि अगर मैं लड़की होती, तो चालू बनती, कई आशिक बनाती, स्कूल कॉलेज में बदनाम होती और जब औरत बनती, तो गैर मर्दों से चुदवाती मतलब फुल करेक्टर-लैस होती।

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वकील मिश्रा से गांड मरवाई

मैंने पैंट उतारी, लड़कियों वाली जालीदार पैंटी देख उसका बुरा हाल हो गया, उसकी तरफ चूतड़ करके धीरे से पेंटी खिसकते हुए गांड को मटकाने लगा, चूतड़ खोल के अपना छेद दिखाया।

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