दूध वाली देसी भाभी को चोदा

(Big Ass Village Sex Kahani)

राज हुडा 2024-04-30 Comments

बिग एस्स विलेज सेक्स कहानी में मैंने अपने ही गाँव की एक भाभी को चोदा. वह हमारी रिश्तेदार भी थी. पहले तो भाभी ने चूत देने में नखरे किये, बाद में खुल कर चुदी.

नमस्कार दोस्तो, मैं आपका पुराना साथी राज रोहतक से.
आशा करता हूँ आप ठीक होंगे और खूब मजे से जिन्दगी जी रहे होंगे.

मैं दो साल से ज्यादा समय के बाद आपके सामने अपनी नयी घटना बिग एस्स विलेज सेक्स कहानी के रूप में लेकर आया हूँ.

अन्तर्वासना पर जो नये दोस्त जुड़े हैं, उन्हें अपने बारे में बता दूँ कि मेरा पूरा नाम राज हुड्डा है. मैं रोहतक के पास के एक गांव में रहता हूँ.

मेरी उम्र 30 साल हो गयी है लेकिन शादी अभी नहीं हुई है.

हरियाणा में जाटों में एक बात है कि नौकरी नहीं, तो छोकरी नहीं.
मेरे घर वाले मेरी शादी के लिए कहीं जुगाड़ भिड़ाने की कोशिश कर रहे हैं.

मुझे भाभी और 45 साल तक की औरत चोदना बहुत पसंद है.
क्योंकि लड़की चुदने में बहुत नखरे करती है और भाभी बहुत मजा देती है.

हुआ यूं कि हमारी भैंस ने दूध देना बंद कर दिया था क्योंकि भैंस के ब्याने (भैस के बच्चा देने) का समय नजदीक आ रहा था.

पापा ने हमारे घर से थोड़ी दूर के एक घर से 2 किलो दूध लगवा लिया था.

मैं उन्हें जानता हूँ लेकिन उनसे कोई ज्यादा बोलचाल नहीं थी.
बस यह पता था कि वे मेरे भाई लगते हैं.

उनके परिवार के बारे में बता दूँ कि उनके घर में 4 सदस्य हैं.
भाई, भाभी और उनके दो बच्चे … जो अपने मामा के घर दिल्ली में रह कर पढ़ते हैं.

आजकल भाई और भाभी ही गांव में रहते हैं.
वे खेती करते हैं और 2 भैंस रखे हुए हैं.

भाई की उम्र 40 साल के करीब है और भाभी 36 साल की.
अपनी उम्र भाभी ने ही बतायी थी.

भाभी का मैं कोई नाम नहीं रखूंगा, बस भाभी नाम से ही लिखूंगा.
वे वैसे तो बहुत गोरी हैं लेकिन फिगर के मामले बहुत अच्छी नहीं हैं.

उनकी चूचियां छोटी छोटी हैं. पेट थोड़ा निकला हुआ है, हां गांड मस्त है.

मैं रोज शाम को दूध लेने जाता था.
भाई कभी कभी ही घर पर मिलते थे तो राम राम हो जाती थी और मैं उनसे हाल-चाल पूछ लेता था.

भाभी के साथ अच्छे से बात होती थी.
उनके पति घर में होते तो भाभी मुझसे बात नहीं करती थीं.

मैं बस भाभी की गांड देखता रहता था, उनके चूतड़ बहुत चौड़े हैं.
भाभी जब झुक कर दूध डालतीं, तो जी करता कि इनकी गांड में लंड डाल दूँ!

पर डर लगता था क्योंकि उनकी आवाज थोड़ी मोटी थी.
कहीं ये कुछ बोल भी दें तो आस पास तक पता चल जाएगा कि भाभी का काम उठ रहा है.

मैं भाभी को पटाने की कोशिश करने लगा.
भाभी जब भी मुझे बर्तन में दूध डाल कर पकड़ातीं तो मैं उनका हाथ दबा देता.

कुछ दिन तक तो वे कुछ नहीं बोलीं.
फिर उन्होंने मुझसे बात करना बंद कर दी, तो मैं समझ गया.

मैं भी चुपचाप दूध डलवा कर ले आता.
फिर कुछ दिन बाद वे अपने आप ही बात करने लगीं.

तो मैंने सोच लिया कि आर या पार करना है. पहला मौका मिलते ही अपनी बात कह देना चाहिए.
भाभी ने हां कही, तो ठीक … ना कही तो आगे से देखना भी ठीक नहीं.

तो एक दिन जैसे ही भाभी ने मुझे दूध दिया, मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और कहा- भाभी, आप मुझे बहुत अच्छी लगती हैं.
एक बार तो उन्होंने मेरी तरफ देखा, फिर बोलीं- हाथ छोड़ दे … तन्नै शर्म आव है … खबरदार है ज आज के बाद ऐसी हरकत कर दी त!

मैं कुछ नहीं बोला और नजर नीचे करके घर आ गया.
फिर मैं दूध लेने नहीं गया, पापा ही लेकर आने लगे.

लगभग दस दिन बाद पापा को बाहर जाना पड़ गया तो मुझे दूध लेने जाना पड़ गया.
मैं गया.

वहां भाभी ही थीं.
तो मैं वहां बर्तन रखकर नीची नजर करके चुपचाप खड़ा हो गया.

जैसे ही दूध लेकर जाने लगा तो भाभी बोलीं- के बात ह … आना ही छोड़ दिया?
मैं कुछ नहीं बोला.

भाभी बोलीं- तू त घना बढ़िया लाग है. मने अपना नम्बर दे जा … फेर बात करूंगी टाईम लागते ही!
मैं यह सुनकर खुश हो गया और उनका नम्बर पूछ कर कॉल कर दी.

फिर आगे बढ़ कर भाभी के गाल को चूम लिया.

भाभी बोलीं- कती शर्म बेच खायी के …. जा तू इब!
मैं फिर घर आ गया.

रात को भाभी का फोन आया, भाभी बोलीं- तनै मेरे में के बढ़िया लागया … जो तने मैं बढ़िया लागी?
मैं बोला- भाभी तेरी गांड.

भाभी हप्प कहकर हंसने लगीं.
मैं बोला- भाभी तने बांहों में लेन का कसुता जी करे है.

भाभी बोलीं- रुक जा तू … गांव का माहौल है … ज किसे न पता चल गया तो बहुत बेज्जती हो जाएगी!
मैं बोला- भाभी, बस आप किसी को बताना मत … चाहे कोई कितनी प्यारी तेरी दोस्त क्यों ना हो बस!

भाभी बोलीं- डर लाग रहा है, पर तू बढ़िया भी बहुत लाग है. देखी जागी तू कल दिन में आ जाना. तेरा भाई त पानी लावगा खेत में!
मैंने कहा- तुम फोन कर देना.

भाभी बोलीं- ठीक है इब सो जा.
फिर मैंने भी ‘ठीक है.’ कहकर फोन रख दिया.

भाभी की गांड को सोचकर मुठ मार ली और सो गया.

सुबह से भाभी के फोन का इन्तजार करने लगा.

दिन में 11 बजे के करीब फोन आया कि आजा जल्दी, थोड़ा सा टाईम है.
मैंने ओके कहा और उनके घर की तरफ चल पड़ा.

वहा पहुंच कर दांए बांए देखकर भाभी के घर में घुस गया.
भाभी कमरे में झाड़ू लगा रही थीं.

मैं चुपके से कमरे में घुसा, तो भाभी की गांड मेरी तरफ थी.
मैंने बस पीछे से भाभी को पकड़ लिया.

भाभी एक बार तो डर गईं, फिर मुझे देख कर बोलीं- रूक, गेट बंद करके आती हूँ.

मेरा तो लंड फटने को था.
भाभी के गेट बंद करके कमरे आते ही मैंने उन्हें बांहों में भर लिया और उनके होंठों को चूमने लगा.

भाभी भी पूरा साथ दे रही थीं.
मेरा तो बस जी कर रहा था कि होंठों को खा जाऊं.

मैंने उनका थोड़ा होंठ काट भी लिया.

भाभी बोलीं- पागल सै के .. जे मत कर!
मैंने भाभी से कहा- गलती हो गई.

फिर भाभी ने मेरी ओर देखा तो भाभी की आंखों में प्यार दिख रहा था.
भाभी और मैं बेड पर आ गए और एक दूसरे को चूमने लगे.

मैं कपड़ों के ऊपर से ही भाभी की चूची को हल्का काट देता.

फिर मैंने एक एक करके भाभी के और अपने सारे कपड़े उतार दिए.
भाभी की चूचियों को बारी बारी से पीने लगा.
भाभी सीई ईईई करने लगीं.

चूचियों के बाद मैं उनके होंठ चूसने लगा.
भाभी की चूत पर छोटे छोटे बाल थे. चूत चाटना मुझे बहुत पसन्द है, तो मैं भाभी को चूमते चूमते नीचे हो गया.

अब मेरी जीभ भाभी की चूत के पास पहुंच गई.
भाभी ने लम्बी सांस ली तो मैंने भाभी की ओर देखा.
वे मेरी ओर ही देख रही थीं.
शायद वे यही कह रही थीं कि रूक क्यों गए!

मैंने धीरे से चूत के पास जीभ लगायी तो भाभी ने ‘सीई ईईई आआह’ की आवाज निकाली.

अब मैं उनकी चूत को चाटने लगा.
कभी मैं चूत के अन्दर जीभ डाल देता तो कभी उनके दाने को चूसने लगता.

अब भाभी अपनी चूत को उचकाने लगी थीं.
इसका मतलब साफ था कि भाभी अब झड़ने को थीं.

मैं जीभ को तेज तेज चलाने लगा.

तभी भाभी ने अचानक से अपना पानी छोड़ दिया.
उनका गर्म गर्म पानी मुझे मजा देने लगा और उनके पानी से मेरा मुँह भर गया.

मैंने सारा पानी पी लिया और भाभी के ऊपर आकर उनके होंठों को चूसने लगा.
वे भी अपनी चूत के पानी का स्वाद चखने लगीं.

हम दोनों मस्ती में प्यार कर रहे थे.
बिग एस्स वाली भाभी वापस चुदासी हो गईं.

अब मेरा लंड भी पूरे उफान पर था.
मैं भाभी की चूचियों को फिर से पीने लगा.

अब भाभी फिर से गर्म होने लगीं और विलेज सेक्स की कहने लगीं, तो मैं भाभी के ऊपर आ गया.

मैंने अपने लंड को चूत के ऊपर लगा दिया और हल्का सा दबाव डालने लगा, जिससे मेरा लंड धीरे-धीरे अन्दर जाने लगा.

भाभी आह आह करने लगीं.
उन्हें काफी दिनों बाद लंड का मजा मिल रहा था भाई जी ने शायद उन्हें चोदना छोड़ दिया था.

अब मैं भाभी की चूत में लंड को अन्दर बाहर करने लगा.

थोड़ी देर में मैं बेड से नीचे आ गया और भाभी की टागें खींच कर बेड के किनारे ले आया.
अब मैं भाभी की दोनों टागों को अपने कंधों पर रखकर चोदने लगा.

मैं भाभी को चोदते चोदते बीच में कभी रुक जाता, तो भाभी आंखें खोल कर देखने लगतीं कि चूत की सर्विसिंग बंद क्यों हुई … और उसी वक्त मैं फिर से एक तगड़े झटके में पूरा लंड अन्दर तक घुसा देता.
उस पर भाभी की आह निकल जाती और वे बोल देतीं- आह मारेगा के मने!

मैं हंस देता और उनके एक चूचे को दबा कर मींज देता व साथ ही उनकी चूत की चुदाई चालू कर देता.

भाभी अपने जिस्म को थिरकाती हुई बोल उठतीं- आहहह आआआ … मजा आ रहा है और तेज कर … पूरा बाड़ दे रै … आहहह बाड़ दे आआह आईई.
मैं उन्हें अब और तेजी से चोदने लगा था.

तभी भाभी ने अपनी चूत से पानी की गर्म गर्म की पिचकारी छोड़ना शुरू कर दिया.

कुछ ही पलों में भाभी एकदम से निढाल हो गईं और वे शांत हो गईं.
अब तो उनको मेरे हर झटके में दर्द होने लगा था.

कुछ देर बाद जब उनसे सहा नहीं गया तो वे बोलीं- बस कर … इब मारेगा कै … दर्द होन लाग रहा है!
मैं बोला- बस थोड़ी देर ले ले भाभी … तू ऐसा कर भाभी कि घोड़ी बन जा बस म्हारा पाणी निकल जाण दे.

भाभी बोलीं- मने घना दर्द हो रेआ सै … पर ठीक सै … तू काण लै आपना पाणी … आह.

तब भाभी घोड़ी बन गईं और उनकी चौड़ी गांड देख कर मेरा दिल बाग बाग हो उठा.
उनकी इसी चौड़ी चकरी गांड का ही तो मैं दीवाना था.

भाभी की मटकती गांड देख कर मेरा लंड और जोश में आ गया.
मैंने पीछे से भाभी की चूत में लंड डाल दिया और उनकी गांड को सहला कर अपना लंड चूत की जड़ तक ठांस दिया.

भाभी आह आह करने लगीं.
मैंने उनकी पीठ पर चढ़ कर अपने हाथ आगे बढ़ाए और भाभी की दोनों चूचियां पकड़ लीं.

मेरे हाथों को मानो पकड़ मिल गई थी तो मैं उनकी चूत में स्पीड से धक्के देते हुए चोदने लगा.
थोड़ी ही देर में मेरे लंड ने भी अपनी गर्मी उगल दी. मेरे लंड से बहुत ज्यादा पानी निकला था.

लौड़े से पानी निकलने के थोड़ी देर तक तो मैं ऐसा ही पड़ा रहा और उनकी दोनों चूचियों को हाथ से मींजता रहा.
उसके बाद मैं लंड निकाल कर अलग हुआ और बेड पर लेट गया.

भाभी भी पेट के बल औंधी ही मेरे बाजू में गिर गईं.
मैंने करवट लेकर भाभी का माथा चूम लिया.

भाभी पास में रखी तौलिए से अपनी चूत को पौंछने लगीं.

वे बोलीं- कहां त सीखा इतना कुछ?
मैं बोला- नंगी फिल्मों से.

भाभी बोलीं- सच में बहुत मजा आया … तू बस ऐसा ही प्यार देता रहिये, एक किलो रोज का दूध मेरी तरफ से तेरे लिए.
मैं हँसने लगा.

भाभी बोलीं- अब जा, तेरा भाई कभी भी आ जावगा.
मैंने भाई की याद आते ही झट से उठ कर अपने कपड़े पहने और भाभी के होंठ चूम कर घर की तरफ निकल गया.

दोस्तो, अब तो मौका मिलते ही मैं भाभी को चोद लेता हूँ. अब तक आठ बारी चोद चुका हूँ.

भाभी की गांड मारने का बड़ा जी कर रहा है.
पर वे अपनी गांड के लिए मुझसे राजी नहीं हो रही हैं.
जिस दिन भाभी की गांड मार लूँगा, उसी दिन आपको भाभी की गंड चुदाई की कहानी आपको सुनाऊंगा.

मेरी बिग एस्स विलेज सेक्स कहानी कैसी लगी, बताना जरूर.
[email protected]

मेरी पिछली कहानी थी: मामी की रसीली पड़ोसन की चूत चुदाई

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top