लण्ड की प्यासी-3
प्रेषक : सुनील कश्यप मुझे महसूस हुआ कि वह अब झड़ने वाली है। अब वह बोलने लगी- सुनील, मैं झड़ रही हूँ, हे भगवान् ! आह.. आआ… उम्म….ह्ह… सुनील मैं झड़ने वाली हूँ। और यह कहते हुए वह कुछ देर के लिए मछली की तरह तड़पने लगी। अब मैंने उसके पैरों को थोड़ा फैलाया और […]