chudai ki kahani

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General Sex Stories in hindi

दिल का क्‍या कुसूर-8

तभी अचानक मुझे अपने अन्‍दर झरना सा चलता महसूस हुआ। अरूण का प्रेम दण्‍ड मेरे अन्‍दर प्रेमवर्षा करने लगा। अरूण के हाथ खुद ही ढीले हो गये… और उसी पल… आह… उईईईई… मांऽऽऽऽऽ… मैं भी गई… हम दोनों का स्‍खलन एक साथ हुआ… मैं अब धीरे धीरे उस स्‍वर्ग से बाहर निकलने लगी। मैं अरूण […]

दिल का क्‍या कुसूर-7

उन्‍होंने अपने हाथ से मेरी ठोड़ी को पकड़ कर ऊपर किया और मेरी आँखों में झांकते हुए विनती सी करने लगे जैसे कह रहे हों, “प्‍लीज, मुझे अपनी प्राकृतिक अवस्‍था का दर्शन कराओ।” उनकी नजरों में देखते देखते पता नहीं कब मेरी पकड़ ढीली हुई और वो मुझसे थोड़ा सा अलग हुए… मेरी ब्रा और […]

दिल का क्‍या कुसूर-6

अरूण मेरे बिल्‍कुल नजदीक आ गये। मेरी सांस धौंकनी की तरह चलने लगी। अरूण ने चेहरा ऊपर करके अपने होंठ मेरे होठों पर रख दिया। आहहहह… कितना मीठा अहसास था। उम्‍म्‍म्‍म्‍म… बहुत मजा आ रहा था। मेरी आँखें खुद-ब-खुद बन्‍द हो गई। संजय के बाद वो पहले व्‍यक्ति थे जिन्‍होंने मेरे होठों को चूमा था… […]

दिल का क्‍या कुसूर-5

आखिर इंतजार की घड़ी समाप्‍त हुई और बुधवार भी आ ही गया। संजय के जाते ही मैंने अरूण के मोबाइल पर फोन किया। तो उन्‍होंने कहा, “बस एक घंटे में गाड़ी दिल्‍ली स्‍टेशन पर पहुँच जायेगी… और हाँ, अभी फोन मत करना मेरे साथ और लोग भी हैं हम तुरन्‍त मीटिंग में जायेंगे। मीटिंग खत्‍म […]

दिल का क्‍या कुसूर-4

मुझे पुरूष देह की आवश्‍यकता महसूस होने लगी थी। काश: इस समय कोई पुरूष मेरे पास होता जो आकर मुझे निचोड़ देता… मेरा रोम रोम आनन्दित कर देता… मैं तो सच्‍ची धन्‍य ही हो जाती। मेरा दायें हाथ अब खुद-ब-खुद तेजी से चलने लगा था। आहह हह… उफ़्फ़फ… उईई ई… की मिश्रित ध्‍वनि मेरे कंठ […]

दिल का क्‍या कुसूर-3

दोनों लड़कियाँ आपस में एक दूसरे से अपनी योनि रगड़ रही थी। ऊफ़्फ़…!! मेरी उत्‍तेजना भी लगातार बढ़ने लगी। परन्‍तु मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्‍या करूँ? कैसे खुद को सन्‍तुष्‍ट करूँ? मुझे बहुत परेशानी होने लगी। वो दोनों लड़कियाँ लगातार योनि मर्दन कर रही थी। मुझे मेरी योनि में बहुत […]

नर्क से स्वर्ग

By डॉ. अनुराधा On 2012-07-10 Tags:

इस सच्ची घटना के द्वारा मैं सबको यही बताना चाहती हूँ कि अगर पति-पत्नी थोड़ी समझदारी से काम लें तो एक नर्क भरी जिंदगी भी स्वर्ग बन जाती है। डॉक्टर अनुराधा शर्मा प्यारे दोस्तो, मैं अनुराधा चण्डीगढ़ से हूँ। मैं एक सरकारी अस्पताल में लेडी स्पेशलिस्ट डिपार्टमेंट में हूँ। मैं आपको अपनी दो सहेलियों की […]

मेरा तप्त प्यासा बदन

By Antarvasna On 2012-06-20 Tags:

“… यार, अठारह से अट्ठाईस साल की लड़कियाँ देखते ही कुछ होने लगता है…!” पतिदेव थे, फ़ोन पर शायद अपने किसी दोस्त से बातें कर रहे थे। जैसे ही उन्होंने फ़ोन रखा, मैंने अपनी नाराज़गी जताई- अब आप शादीशुदा हैं। कुछ तो शर्म कीजिए ! “यार, लड़कियाँ ताड़ना तो मर्द के खून में होता है। […]

चेतना की सील तोड़ी

By शिमत On 2012-06-18 Tags:

प्रणाम पाठको, आपका अपना शिमत वापिस आ गया है अपनी नई कहानी को लेकर, वैसे आपने मेरी पहले वाली बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं ! आज मैं आप को अपनी एक नई और सच्ची कहानी बताने जा रहा रहा हूँ, वैसे आपको मेरा तो पता है ना, मैं पांच फ़ुट सात इंच, साफ़ रंग और […]

न बुर न चूची बातें करे ऊँची ऊँची

By श्रेया आहूजा On 2012-06-12 Tags:

लेखिका : श्रेया अहूजा हाय श्रेया मैं देव… डिग्री कॉलेज वाला देव भटनागर ! सोचा बहुत दिन हो गए, बात नहीं हुई ! आखरी बार जब बात हुई थी अब तुमने पूछा था- हाउ इस लाइफ?? आज सोचा तुम्हें बताऊँ मेरी ज़िन्दगी कैसी थी, और अब कैसी है… तुम्हें तो याद होगा ज्योति… थोड़ी सांवली […]

मेरा जन्म दिन उसके साथ

By रोमा शर्मा On 2012-06-03 Tags:

दोस्तो, मैं रोमा आप लोगों के साथ कहानी के माध्यम से मैंने अपना सेक्स अनुभव शेयर किया था..’इंटर कोलेज कम्पीटीशन’ ! उस मादक और उत्तेजक सेक्स अनुभव के बाद मैं और रोहित बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे, मैं उस पर जबरदस्त फ़िदा हो गई थी, और मेरे खुद के रहन-सहन में भी काफी अंतर […]

सम्भोग : एक अद्भुत अनुभूति-2

उसने कहा- यह तो मैंने मन की बात कही है सिर्फ। मैं ऐसा कोई भी कदम शादी से पहले नहीं उठाऊँगी। और यह कहकर वो आकर मेरे सीने में सिमट गई। आज पहली बार मैंने उसे अपनी बाँहों में लिया। काफी देर तक वो मेरे बाँहों में मेरे सीने से चिपकी रही। आज मेरे मन […]

मेरी सहेली के बेटे ने परम सुख दिया

मेरी सहेली का बेटा मुझे कामुक नज़रों से देखने लगा, वो मेरे वक्ष को घूर रहा था। मैंने ब्रा नहीं पहनी थी और मैक्सी भी टाइट थी गहरे गले की! शायद इसलिए उसको मेरे उरोज दिख रहे होंगे।

जरूरत है एक लौड़े की

19 साल की ही तो हुई थी मैं, जब मुझे कुछ रुपयों रूपये के बदले में पैंतालीस साल के सेठ नवीन कुमार को बेच दिया गया था। भले लोग कहते रहें कि मेरी शादी हुई थी लेकिन उस दिन मैं बेची गई थी। गरीबी के वजह से एक लड़की की समस्याएँ कितनी बढ़ जाती हैं […]

मेरे मॉम-डैड

लेखिका : शीनू जैन एक बार मेरे मौसी की शादी में हम सभी गए थे। जिस होटल में शादी हुई थी, उसी होटल में सबके लिए कमरे बुक थे। मेरे चाचा, पापा, मॉम और मैं होटल के एक ही कमरे में सोए थे। सर्दियों के दिन थे, चाचा फेरों से पहले ही कमरे में आ […]

ॠतु एक बार फ़िर चुदी

By मुकेश कुमार On 2012-04-02 Tags:

मेरे सभी पाठकों को नमस्कार। अन्तर्वासना के माध्यम से में अपनी आपबीती घटनाए लाता रहा हूँ। बहुत से ईमेल आये इसलिए अगली घटना बताने से पहले एक बात बताना चाहता हूँ प्लीज सूसन, मारिया, शर्मीला या ऋतु या किसी के नंबर मत मांगिए, वे मेरी दोस्त हैं। कुछ लोग तो गाली गलौच करने लगते हैं […]

तीसरी कसम-9

प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना मैं जैसे ही बेड पर बैठा पलक फिर से मेरी गोद में आकर बैठ गई और फिर उसने अपनी बाहें मेरे गले में डाल दी। मैंने एक बार फिर से उसके होंठों को चूम लिया। “जीजू, तुम मुझे भूल तो नहीं जाओगे?” “नहीं मेरी खूबसूरत परी… मैं तुम्हें कैसे भूल […]

तीसरी कसम-8

By प्रेम गुरु On 2012-02-20 Tags:

प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना रेशम की तरह कोमल और मक्खन की तरह चिकना अहसास मेरी अँगुलियों पर महसूस हो रहा था। जैसे ही मेरी अंगुली का पोर उस रतिद्वार के अन्दर जाता उसकी पिक्की संकोचन करती और उसकी कुंवारी पिक्की का कसाव मेरी अंगुली पर महसूस होता। पलक जोर जोर से सीत्कार करने लगी […]

तीसरी कसम-7

By प्रेम गुरु On 2012-02-19 Tags:

प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना “जिज्जू ! एक बात सच बोलूँ ?” “क्या?” “हूँ तमारी साथै आपना प्रेम नि अलग दुनिया वसावा चाहू छु। ज्या आपने एक बीजा नि बाहों माँ घेरी ने पूरी ज़िन्दगी वितावी दयिये। तमे मने आपनी बाहो माँ लाई तमारा प्रेम नि वर्षा करता मारा तन मन ने एटलू भरी दो […]

तीसरी कसम-6

By प्रेम गुरु On 2012-02-18 Tags:

प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना “पलक अगर कहो तो आज तुम्हें पहले वो … वो …?” मेरा तो जैसे गला ही सूखने लगा था। “सर, ये वो.. वो.. क्या होता है ?” मेरी हालत को देख कर मुस्कुरा रही थी। “म … मेरा मतलब है कि तुम्हें वो बूब्स को चुसवाना भी तो सिखाना था […]

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