रिश्तों में चुदाई

इंडियन इन्सेस्ट स्टोरी, चाचा-भतीजी, चाची-भतीजा, मौसी, बुआ सास, ससुर जैसे रिश्तों में, परिवार में, रिश्तेदारी में चुदाई की कहानियाँ जिसे वर्जित माना जाता है.

Indian homemade Sex Stories in Hindi of Bhai-Bahan, Rishton mein chudai, Jija Sali and Devar-Bhabhi

अन्तर्वासना की कुछ चुनिन्दा हिंदी कहानियाँ आप के लिए यहाँ पर भी हैं.

घर की बात

मैं आप लोगों को आज अपने जीवन की एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ।। मेरा नाम राहुल है और मैं एक बिज़नसमैन हूँ। मेरे घर में हम चार लोग हैं- पिताजी, माँ, मैं, और मेरी छोटी बहन ! बात आज से 4 साल पहले की है जब मैं बारहवीं कक्षा में था, मेरी बहन […]

अनबुझी प्यास

यह दो तीन साल पहले की बात है जब मेरी फुफेरी भतीजी गीता छुट्टियों में मेरे घर रहने आई हुई थी। गीता की उम्र 24 साल थी और मैं 31 साल का जवान था। धीर धीरे हम दोनों आपस में काफी घुलमिल गए और साथ साथ घूमने भी जाने लगे। एक दिन हम दोनों शहर […]

उफनते जजबात

प्रेषक : क्षितिज़ मेरा नाम क्षितिज है और यह मेरी पहली कहानी है। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। आज मैं आपको अपनी वास्तविक कहानी बताना चाहता हूँ। सबसे पहले मैं बताना चाहूँगा कि मुझे इस कहानी वाली घटना से पहले सेक्स का कोई अनुभव नहीं था। मुझे दिल्ली आये हुए दो साल हो चुके […]

फिर दूसरी से कर लेना-6

By संजय शर्मा On 2007-05-15 Tags:

मैं खुश हो गया कि चिड़िया जाल में फंस चुकी है ! मैं धीरे धीरे अपना हाथ उनके बोबे पर ले जाने लगा। वो कुछ नहीं बोल रही थी। जब मैं उनके बोबों को दबाने लगा

फिर दूसरी से कर लेना-5

By संजय शर्मा On 2007-05-14 Tags:

मैं समझ नहीं पाया कि वो क्या कर रही हैं ! इस तरह वो दोनों मुझसे लिपट कर लेट गई ! मैं फिर से उत्तेजित होने लगा क्योंकि टीना मेरे चुचूक को चूस रही थी और रीना मेरा लंड चूस रही थी!

पंख निकल आये-2

रति की चिकनी जंघाएँ देख कर रोहित की प्यास बढ़ चली। स्कर्ट के नीचे वह लगभग नग्न ही थी। जी-स्ट्रिंग उसकी नन्ही पिंकी को ढकने का असफल प्रयास कर रही थी।

पंख निकल आये-1

रोहित ने हाथ ऊपर सरका कर रति की अम्बियों को नीचे से तौला, नई-नई पनपी अम्बियों में कोई लटकन नहीं था, केवल कामुक लचक थी। रोहित आगे-पीछे होकर अम्बियों की लचक तोलता रहा।

राधा और रजनी

By आग्रह शर्मा On 2007-05-10 Tags:

प्रेषक : आग्रह शर्मा यह मेरी पहली कहानी है। जब मेरी उम्र 18 साल की थी, मैं अपने गाँव में शादी में गया हुआ था। वहां पर रजनी भी आई हुई थी लेकिन उससे मेरी कभी बात नहीं होती थी। उसके स्तन मुझे बहुत हो प्यारे लगते थे जो मैंने नहाते समय देख लिए थे- […]

बीवी और बहू

रात के बारह बज़ चुके थे। छोटे से गाँव राजापुर में बहुत ही सन्नाटा छ गया था। राजापुर गरीब की बस्ती है। इसी बस्ती के एक कोने में हरिया का घर है। हरिया की उमर 45 साल की है। और उसकी बीबी की उमर 40 साल की है। हरिया एक गरीब किसान है। हरिया अपने […]

अन्तर्मन की आग

मैंने धीरे से साड़ी के भीतर हाथ डाला। पूरे पैर को सहलाते हुए जांघों तक पहुँचा। इस बीच उनके हाथ मेरे लुंगी के भीतर मेरे लोहे जैसे गर्म और सख्त टूल को टटोलने लगे थे।

पापा ने साड़ी पहनना सिखाया

By डीजुआन मूलर On 2007-03-29 Tags:

दोस्तो, आपने अन्तर्वासना डॉट कॉंम पर मेरी पिछली कहानी पापा के साथ समलैंगिक सम्बन्ध में पढ़ा कि कैसे मैंने अपने पापा को उत्तेजित किया। अब आगे की कहानी पढ़िए.. अब तक मुझे साड़ी पहनना ढंग से नहीं आता था। एक दिन मैंने पापा को अकेले में पकड़ा, घर के लोग बाहर गए हुए थे, पापा […]

पापा के साथ समलैंगिक सम्बन्ध

By डीजुआन मूलर On 2007-03-28 Tags:

मैं बहुत ही दुबला पतला हूँ, मेरे शरीर पर नाम मात्र के बाल हैं। झांट और सर के बाल के अलावा छाती या हाथ पैर पर बाल नहीं हैं। मतलब यह है कि मैं अगर साड़ी में भी आ जाऊँ तो लोग मुझे पहचान नहीं पाएंगे, मेरी आवाज़ भी वैसी ही लड़कियों वाली है। खैर, […]

शिल्पा के साथ ट्रेन का सफ़र-5

लेखक: माइक डिसूज़ा अभी तक आपने अन्तर्वासना डॉट कॉंम पर मेरी इस कहानी पिछले चार भागों में पढ़ा कि किस तरह मुझे ट्रेन में शिल्पा ने अपनी चुदाई के कई किस्से सुनाये और बीच-बीच में मुझसे भी तरह तरह से चुदवाया। पिछले किस्से के बाद मैं उसकी चुदाई करके उसकी बगल में लेट गया और […]

फिर दूसरी से कर लेना-3

By संजय शर्मा 825 On 2007-02-17 Tags:

प्रेषक : संजय शर्मा प्रिय पाठको संजय शर्मा का एक बार फिर से नमस्कार ! मेरी कहानी “दूसरी से कर लेना” के दो भाग अन्तर्वासना पर प्रकाशित हो चुके हैं। पहले अंश में मैंने लिखा था कि किस तरह मैंने और भैया ने अपनी दोनों दीदियों को चोदा था और काफी मजे किये। दूसरे अंश […]

स्पर्म थैरेपी-6

प्रेषक : मुन्ना लाल गुप्ता पंचम भाग से आगे : जब मैं टॉयलेट से लौट रही थी तो मैंने सोचा कि मम्मी के बेडरूम में झांक कर देखा जाए कि यहाँ क्या चल रहा है ! मैंने देखा कि फूफा जी मम्मी को कुतिया की तरह बहुत तेजी से चोद रहे थे और मुँह से […]

स्पर्म थैरेपी-5

प्रेषक : मुन्ना लाल गुप्ता चतुर्थ भाग से आगे : लंच के बाद विशाल भैया अपने किसी दोस्त से मिलने चले गए और मैं मम्मी के साथ घर के काम में लग गई। शाम को विशाल भैया अपने दोस्त प्रदीप के साथ आये जो यहीं लखनऊ में रहते थे। वह भी बीबीडी से बी टेक […]

स्पर्म थैरेपी-4

प्रेषक : मुन्ना लाल गुप्ता तृतीय भाग से आगे : अगले दिन रविवार था। सभी लोग जल्दी ही उठ गए थे क्योंकि विशाल भैया लखनऊ मेल से सुबह आठ बजे ही आ गये थे। हम लोग विशाल भैया से कोई एक साल के बाद मिल रहे थे। विशाल भैया को मेरे इलाज के बारे में […]

स्पर्म थैरेपी-3

प्रेषक : मुन्ना लाल गुप्ता द्वीतीय भाग से आगे : अब मम्मी के सामने यह समस्या थी कि वीर्य के लिए किससे कहे, जोकि रोज ताज़ा वीर्य मुझे पिला सके। ऐसे किसी से कह नहीं सकते, समाज का भय था। इसी चिंता में मम्मी थी कि तभी फ़ूफा जी कानपुर से आ गए। फ़ूफा जी […]

एक गांव की छोरी

कम्मो बिस्तर पर कुतिया बन गई. 'मामू सा नाटक तो मती करो... म्हारी गाण्ड तो दस बारह मोटे मोटे लण्ड ले चुकी है... बस चोदा मारो जी... मने तो मस्ती में झुलाओ जी!'

बेटा और देवर-1

मेरे ऊपर से उतरने के बाद मेरे देवर ने मेरी मैक्सी से मेरी चूत को साफ़ किया और दोनों पैरों के बीच में आने के बाद मेरे चूतड़ों के नीचे अपनी दोनों हथेलियों को रख कर अपना मुँह मेरी चूत पर रखकर चाटने लगा। कुछ ही पलों में मैं उत्तेजित हो गई... चूत चटवाने का यह मेरा पहला अनुभव था... लाजवाब अनुभव!

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