गरीबी ने चूत और नौकरी दोनों दिलाई -1
नौकरी की तलाश से हताश सड़क किनारे बैठा मैं अपने गले में रूमाल डाल कर सोचने लगा कि अब आगे क्या करना है। तभी एक डस्टर कार मेरे सामने आ कर रुकी और देखा कि कोई 31-32 साल की शादी-शुदा युवती थी।
ऎसे ही अनजानी लड़की लड़का या औरत मिल जाने पर हुई अचानक चुदाई की सेक्स कहानियाँ हिंदी में
किसी अन्जान अचानक मिले व्यक्ति से यौन सम्बन्ध की हिन्दी सेक्स कहानी
Hindi Sex Stories About Sex with unacquainted/unknown
नौकरी की तलाश से हताश सड़क किनारे बैठा मैं अपने गले में रूमाल डाल कर सोचने लगा कि अब आगे क्या करना है। तभी एक डस्टर कार मेरे सामने आ कर रुकी और देखा कि कोई 31-32 साल की शादी-शुदा युवती थी।
उसने मेरे पैंट का बटन खोल दिया। उसकी साँसें तेज हो रही थीं और उसकी चूचियाँ फूलने लगी थीं। उसने जैसे ही अन्दर हाथ डाला और मेरा साढ़े आठ इंच का लौड़ा.. उसके हाथ में आया.. तो उसके चेहरे पर एक चमक और एक अजीब सी ख़ुशी थी।
यह कहानी प्रेम सुख, यौन सुख और भावनाओं से ओतप्रोत है, मेरे जीवन का सबसे हसीन सच है जिसे मैं अब तक भुला नहीं पाया और इस असमंजस में पड़ा रहा कि यह कहानी अन्तर्वासना पर प्रेषित करूँ या नहीं!
जैसे-जैसे उसकी कमीज ऊपर की ओर सरकती.. वैसे-वैसे उसका दूध सा गोरा बदन मेरे आँखों में कैद होता जा रहा था। मैं उसकी इस अफलातून जवानी को अपने आँखों से पीने के साथ साथ होंठों से प्यार भी कर रहा था।
स्लीपर बस में रात में मेरी नजर एक हसीं कली पर पड़ी, वो मुझे ही देख रही थी मेरे लंड ने हलचल शुरू कर दी। कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने एक अनजानी को जानी पहचानी बनाया!
मेरे धक्कों की स्पीड बहुत तेज़ हो गई तो भाभी ने हिलना बंद कर दिया और मेरे लण्ड की करामात का आनन्द लेने लगी। घुड़चढ़ी पोज़ में भाभी 2 बार स्खलित हो गई!
काफ़ी देर तक चूत को चूसने के बाद अपने मुँह में लेकर मेरे मम्मों को पीने लगा। अब मुझे भी मस्ती सी आ रही थी, वो मेरी चूत में उंगली भी कर रहा था।
बदल सिंग को ऐसी हुस्न परी के जिस्म को छूने का जो मौका मिल रहा था, वो पायल के करीब आया और गले से हाथ को ले जाता हुआ उसके मम्मों पर जाकर रुक गया और धीरे-धीरे उनको दबाने लगा।
ट्रेन में भीड़ के कारण मुझे अपनी सहेली के साथ ए सी कोच में बिना टिकट चढ़ना पड़ा. टीटी आया तो उसे पैसे देकर टालने की कोशिश की लेकिन उसकी कामुक नज़र तो हम दोनों की जवानी पर थी.
एक मॉल के पीछे से जाते हुए एक लड़के को मुठ मारते देखा, उसका लुंड बढ़िया था तो मैं उसे देखने लगी. उसने मुझे देखा तो अपने पास बुलाया, मैं खुद को रोक नहीं पाई और...
मेरी बातें सुनकर वो हँस पड़ी.. और बोली की वर्जिन तो मैं भी नहीं हूँ.. फिर तुम्हारी सिम कैसे हो गई? यह सुनकर मुझे लगा कि लड़की चुदने वाली है..
मैं अपने भाई को उसके स्कूल से लेकर आता हूँ, एक आंटी भी अपने बच्चे को लेने आने लगी। वो हर रोज मुझे अर्थपूर्ण नज़रों से देखने लगी। उसने मुझे पटा कर अपने बदन की प्यास बुझाई, इस कहानी में पढ़ें!
पूजा मेरे लंड को मसलते हुए बोली- यार, मेरी चूत में आग लगाकर तुम यहाँ आ गए.. चलो अब जल्दी से मेरी इस टपकती चूत को अपने लंड से शांत कर दो.. क्योंकि इस चूत ने बहुत लौड़े खाए हैं.. इसकी आग सिर्फ़ लौड़े से ही बुझेगी।
होली पर मथुरा जाते समय ट्रेन में एक लड़की मिली जो मेरे पास ही बैठी थी। थोड़े ही समय में वो मुझसे पट गई तो मैंने उसे टॉयलेट में चलने को कहा मगर उसने मना कर दिया।
मैं आधार कार्ड बनाने एक गाँव के स्कूल में काफ़ी दिन रहा। वहाँ खाना बनाने वाली एक आंटी ने मुझे पटा कर अपनी गांड और चूत मरवाई, पढ़ें इस कहानी में!
लड़की का कमीज उसकी छाती तक उठा हुआ था और उसकी ब्रा भी ऊपर सरकी हुई थी जिससे उसकी चूचियाँ आधी नंगी दिख रही थीं... गोल गोल दूधिया रंग के नुकीले वक्ष थे उसके जो बिल्कुल तने हुए थे।
दिल्ली एयरपोर्ट पर एक महिला की चूचियां दिख रही थी, मैं उन्हें देखता रहा तो उसने मुझे अपना कार्ड दिया और कहा- फोन करना! मैंने Whatsapp पर उसे मैसेज किया तो उसने मुझे अपने घर बुला लिया.
यह कहानी मुम्बई में मिली एक भाभी की है जब मैं वहाँ अपने मामा मामी के घर गया था। वो मामी की सहेली थी, हमारी दोस्ती हो गई, उसके बाद तो वो खुद ही मेरे नीचे आ गई…
अन्दर उसने पैंटी पहनी हुई थी.. जिसकी वजह से मैं उसकी चूत को खुलकर नहीं सहला पा रहा था.. और इधर मेरा लंड अपने पूरे शवाब पर था। मैंने एक हाथ से उसकी सलवार को खोला, दूसरे हाथ से लंड बाहर निकाला.
उसके होंठ काँपने लगे, धड़कनें और तेज हो गई। मैंने उसे अपने आगोश में ले लिया और उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा, साथ ही उसको किस भी करने लगा। हम नंगे होकर एक दूसरे के बदन से खेलने लगे।