Office Sex

काम करने वालों का ऑफिस सेक्स या बाहर चूत चुदाई बॉस सेक्रेटरी चुदाई पर हिंदी सेक्स कहानियाँ.

Sath Sath Kaam Karne Valon ki Aapas me Chut Chudai ki Hindi Sex Kahani

Desi Antarvasna Office Sex stories between colleagues & boss secretary Indian sex stories.

अंजलि की प्यास

हेल्लो दोस्तो, मैं जीत शर्मा दिलवाला एक बार फिर हाजिर हूँ अपनी सच्ची दास्ताँ ले कर। मेरी पिछली कहानी को पढ़ कर मुझे काफी सराहना मिली मैं उसके लिए धन्यवाद करता हूँ। आज मैं आपको अपनी जिन्दगी की एक और सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ। आज से दो साल पहले मेरे ऑफिस में अंजलि […]

जवान लड़के के साथ

By seema_khan791 On 2006-04-26 Tags:

लेखिका : सीमा खान हेल्लो दोस्तो, मेरा नाम रीमा है और यह मेरा बदला हुआ नाम है ! आज मैं आप लोगों को मेरी आप बीती कहानी सुनाती हूँ ! आप लोगों को मैं बता दूँ कि मेरा साइज़ है – ३८,२६,३६ और मेरी उम्र २७ साल है ! मैं शुरू से ही सेक्सी दिखाई […]

तोड़ा तृप्ति की सील को

By dk_don On 2006-03-28 Tags:

प्रेषक : डी के डॉन तृप्ति रविवार को मेरे ऑफिस में आई तो मैंने उससे अपने दिल की बात कही। मैंने कहा- जब से तुमने ज्वाइन किया है, मैं तब से तुम पर फ़िदा हो गया था और मैं नहीं चाहता था कि कोई और मेरे और तुम्हारे बीच में आये, इसी लिए मैंने तुमको […]

जिम और जिस्म

जिम आजकल का फ़ैशन हो गया है, क्या लड़के या लड़कियां, अधेड़ और यहाँ तक कि 60 वर्ष के बूढ़े जवान भी अब जिम का महत्त्व समझने लगे है। मेरे पिता ने यह जिम 15 वर्ष पहले स्थापित किया था। अब यह शहर का नामी जिम है। नाम और मशीनों के अनुरूप मेरे जिम की […]

मर्द की ग़ुलाम

By shobhabitch On 2006-02-25 Tags:

प्रेषिका – शोभा दोस्तो, अन्तर्वासना पर मैंने बहुत कहानियाँ पढ़ीं। बेहद मज़ा आया। सेक्स सिर्फ चुदाई का नाम नहीं है। चुदाई को मसालेदार बनाने के लिए कुछ नया करना पड़ता है। सचमुच मुझे सेक्स में प्रयोग करने में बहुत मज़ा आता है। मैं और मेरे उन्होंने सेक्स में बहुत सारे खेल खेले हैं। उसी प्रकार […]

मन का मीत मिला रे

तो मैंने उसको सेक्स के बारे में फिर से बताना शुरू किया... आज न तो उसमे कल जितनी शर्म थी और ना ही मदहोशी... वो बड़ी तन्मयता से सुन रही थी, समझ रही थी... फिर उसने मेरे हाथ अपने बोबों पर लगा दिए और खुद मेरे होंटो को चूसने लगी

प्रगति की आत्मकथा -4

By शगन कुमार On 2006-01-12 Tags:

प्रेषिका : शोभा मुरली उसने बलराम के सुपारे पर थोड़ी और जेली लगाई और एक-दो-तीन कह कर फिर से कोशिश की। इस बार बलराम करीब आधा इंच अन्दर चला गया। प्रगति के मुँह से एक हलकी सी आवाज़ निकली। शेखर ने एकदम बलराम को बाहर निकाल कर प्रगति से पूछा कि कैसा लगा? दर्द बहुत […]

प्रगति की आत्मकथा -3

By शगन कुमार On 2006-01-11 Tags:

प्रेषिका : शोभा मुरली शेखर अब अगले शुक्रवार की तैयारी में जुट गया। वह चाहता था कि अगली बार जब वह प्रगति के साथ हो तो वह अपनी सबसे पुरानी और तीव्र इच्छा को पूरा कर पाए। उसकी इच्छा थी गांड मारने की। वह बहुत सालों से इसकी कोशिश कर रहा था पर किसी कारण […]

ज़िन्दगी के अजीब रंग

मैं और कामिनी एक ही ऑफ़िस में काम करते थे। कामिनी ने कस्ट्मर केयर में अभी अभी नया ही जॉइन किया था और मैं अकाऊँटेंट था। वो एक सरल स्वभाव की चुप सी रहने वाली लड़की थी। ऑफ़िस में किसी से ज्यादा बात नहीं करती थी। ऑफ़िस में वेतन का भुगतान मैं ही करता था […]

प्रगति की आत्मकथा -2

ऑफिस का एक कमरा बतौर गेस्ट-रूम इस्तेमाल होता था जिसमें बाहर से आने वाले कंपनी अधिकारी रहा करते थे। उधर रहने की सब सुविधाएँ उपलब्ध थीं। प्रगति, शेखर का हाथ पकड़ कर, उसे गेस्ट-रूम की तरफ ले जाने लगी। कमरे में पहुँचते ही उसने अन्दर से दरवाज़ा बंद कर लिया और शेखर के साथ लिपट गई।

प्रगति की आत्मकथा- 1

प्रगति एक आम भारतीय नारी जो पुरुष प्रधान समाज की क्रूरता की शिकार है, वो एक कम्पनी ने निजी सचिव है... एक दिन प्रगति के बॉस ने उसके चेहरे की उदासी को भांप कर कारण पूछा तो प्रगति रो पड़ी और उसके बॉस शेखर, जो एक शरीफ आदमी है, ने उसे सांत्वना देने के लिए अपने गले से लगा लिया...

प्रोमोशन का आनन्द

मैं देविका हूँ, उम्र 24 वर्ष और लम्बाई 5 फ़ुट 3 इन्च। मैंने अपने बॉब हेयर कट करवा रखे थे। मैं दुबली पतली पर आकर्षक लगने वाली युवती हूँ। मैं मुम्बई की एक निजी कम्पनी में पीए हूं। आईये आपको मैं बताती हूँ कि मुझे कम्पनी में कैसे प्रोमोशन मिला। मेरी नौकरी के लिये जब […]

लंड तो खड़ा होता ही नहीं

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को संजय राजपूत का शत-शत नमन मेरा नाम संजय राजपूत है और मैं दिल्ली के एक कॉल-सेन्टर में नौकरी करता हूँ। मेरी उम्र २३ साल है और मेरा रंग गोरा है। मेरा लंड वही ८” का है और मोटा भी है। कुँवारा होने के कारण मैं अपनी भूख नहीं बुझा पाता […]

दिल पर जोर नहीं-2

By नेहा वर्मा On 2005-09-26 Tags:

मैंने तुरन्त गाऊन पहना, पर अन्दर कुछ नहीं पहनने के कारण सारा शरीर झन रहा था। मैंने तौलिया कमर में और लपेट लिया। ताकि नीचे मेरे चूतड़ और कूल्हे वगैरह नजर ना आये।

नौकरी के साथ सेठानी की चूत चुदाई

By आर. वेलु On 2005-09-16 Tags:

सेठानी तुंरत मेरे ऊपर आकर लंड को हाथ से चूत का दरवाजा दिखा रही थी। मैंने कमर से एक धक्का ऊपर की ओर दिया और सेठानी ने नीचे की ओर, और लंड चूत के अन्दर।

तरक्की का सफ़र-11

राज अग्रवाल एक दिन ऑफिस में शाम को जब काम खतम हो गया तो मीना मेरे पास आयी और बोली, “सर! मेरे भाई का कॉलेज में एडमिशन हो गया है…… इससे घर के खर्चे बढ़ गये हैं, इसलिये मैं अपसे एक रिक्वेस्ट करने आयी हूँ।” “अगर तुम तनख्वाह बढ़ाने की बात लेकर आयी है तो […]

तरक्की का सफ़र-7

राज अग्रवाल प्रीती की कहानी सुनने के बाद मुझे सही में लगा कि जो कुछ मैंने किया वो गलत किया था। खैर जो होना था सो हो गया, अब वो बदला नहीं जा सकता था। मैंने प्रीती से कहा, “प्रीती! मैंने कुछ दिन बाद ही तुमसे माफ़ी माँग ली थी, उसके बाद भी मैं कई […]

तरक्की का सफ़र-6

मैंने प्रीती से पूछा कि उसने ऐसा मेरी बहनों के साथ क्यों किया? तो उसने अपनी ज़ुबानी ये दास्तान सुनाई। प्रीती की कहानी: “मेरी कहानी उस समय शुरू हुई जब तुमने मेरे जिस्म का सौदा अपने बॉस के साथ, पैसे और तरक्की के लिये किया।” “पूरी रात मैं सो नहीं सकी। अब मैं क्या करूँ, […]

तरक्की का सफ़र-5

सुबह मैंने देखा कि प्रीती हाथ में चाय का कप लिये मुझे उठा रही थी, “उठो! कितनी सुबह हो गयी है, क्या ऑफिस नहीं जाना है?” उसे देख कर ऐसा लग रहा था कि उसने हालात से समझौता कर लिया था। कल रात के किस्से को उसने अपना लिया था। मैं मन ही मन खुश […]

तरक्की का सफ़र-4

मैं शाम को ठीक आठ बजे होटल शेराटन में एम-डी के सूईट में पहुँचा, तो वहाँ सिर्फ़ एम-डी और महेश ही थे और कोई नहीं। “और सब लोग कहाँ हैं?” मैंने महेश से पूछा। “इस मीटिंग में और कोई नहीं है”, महेश ने हँसते हुए कहा, “एम-डी और मुझे तुमसे कुछ अकेले में बात करनी […]

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