मेरी नवविवाहिता मामी की प्यासी चूत की चुदाई- 2

(Mami Sex Orgasm Story)

मामी सेक्स ओर्गास्म स्टोरी में मैंने अपनी न्यूली मैरिड मामी को चोद कर उनके जीवन का पहला परम सुख दिया. मेरे मामा का बदन मामी को खुश करने लायक नहीं है.

फ्रेंड्स, मैं आरव एक बार फिर से आपको अपनी प्यासी मामी की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
नवविवाहिता मामी की अनबुझी अन्तर्वासना
में अब तक आपने पढ़ा था कि मामी मेरे साथ लिपट गई थीं और वे मेरे लौड़े से चुदने के लिए तैयार हो गई थीं.

अब आगे मामी सेक्स ओर्गास्म स्टोरी:

जैसे ही मामी ने मेरे होंठों पर अपने कोमल होंठों को रखा, मैं तो जैसा खो सा गया.
मैंने भी उन्हें किस करना शुरू कर दिया.

हम दोनों ने बड़ी बेताबी से एक दूसरे को करीब दस मिनट तक किस किया.

जब हम अलग हुए तो मैंने कहा- वाह जी … मुझे तो स्वर्ग जैसा लगा.
मामी- रुको … अभी तो और भी बहुत कुछ है. चलो बेडरूम में चलते हैं.

मामी मेरे आगे आगे चलने लगीं.
और मैं उनके पीछे चलने लगा.

मामी की गांड को देखते हुए मैं उसे ही पाने की कल्पना करने लगा कि कुछ ही पलों में मैं इनकी गांड पर जोर जोर से चमाट मार कर इसे लाल कर दूंगा.

हम दोनों जल्दी ही बेडरूम में आ गए.
मैंने उन्हें पीछे से ही अपने गले से लगा लिया और उनकी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया.

वे भी मेरे सीने पर ढह सी गईं और अपने चूतड़ों को मेरे लौड़े से रगड़ कर उसे कड़क करने लगीं.

मैंने भी अपने हाथ से उनके मम्मों को सहलाना और दबाना शुरू कर दिया.
बीच बीच में मैं उनके निप्पल को अपनी दो उंगलियों में पकड़ कर मींजने लगता तो वे मादक सिसकारियां भरने लगतीं.

धीरे-धीरे मैंने उसके कंधों से कुर्ती हटाकर उनके नग्न हो चुके कंधों पर चूमना शुरू कर दिया.
वे इससे एकदम पागल सी हो गईं और तड़पने लगीं.

मैं उन्हें बहुत धीरे धीरे प्यार कर रहा था. मैं चाह रहा था कि वे अपने शरीर के हर इंच को महसूस करें.

इस बीच मेरा लंड सख्त हो गया और उनकी गांड पर वार करने लगा था.
वे अपने शरीर पर मेरे हर चुंबन का आनन्द ले रही थीं.

मैंने उनकी कुर्ती को उतार दिया और उनकी नंगी पीठ को चूमने लगा.
उनकी नंगी पीठ को किस करते हुए बीच में लाल ब्रा की पट्टी आ रही थी.

मैंने ब्रा के हुक को अपने दाँतों से खोल दिया और अब उनकी नंगी हो चुकी पीठ पर मेरे निर्बाध चुंबन जारी हो गए.

मामी की कामुक आहें मेरे मन को मदमस्त कर रही थीं और मैं बड़े ही मनोयोग से मानो किसी पेंटिंग को बनाने के लिए अपनी जीभ से कूची का काम ले रहा था.

धीरे-धीरे मैं मामी की पीठ को चूमते हुए नीचे की ओर बढ़ा.

जैसे ही मैंने उनकी पीठ के निचले हिस्से को चूमना शुरू किया, वे अचानक से घूम गईं और मुझे बिस्तर की ओर धकेल दिया.
मेरे बिस्तर पर गिरते ही वे मेरे ऊपर चढ़ गईं.

मेरे ऊपर चढ़ने से पहले मामी जी ने अपनी ब्रा को ठीक से उतार दिया और अपने मम्मों को थिरकाती हुई मेरे सीने पर सवार हो गईं.
मैं मामी के अनावृत हो चुके बड़े-बड़े मम्मों को देखकर मदहोश हो गया और उनके एक बूब्स को अपने मुँह से पकड़ने के लिए खुद को उठाने लगा.

वे हंसती हुई खुद को मेरे ऊपर उठाती हुई मानो कहने लगीं कि अब मुँह से दूध पकड़ कर दिखाओ.
मैं उनके इस चैलेंज से डरा नहीं बल्कि मुँह की जगह अपने हाथ को आगे बढ़ाने से रोक ही नहीं पाया.

वे पुन: मेरे ऊपर झुक गईं और मेरी गर्दन और मेरे चेहरे को बुरी तरह से चूमने लगीं.
मामी ऐसा व्यवहार कर रही थीं, जैसे कोई कुंवारी लड़की अपने पहले सेक्स संबंध बनाने के दौरान व्यवहार करती है.

उन्होंने जल्द ही मेरी कमीज उतार दी और अपने होंठों से मेरे निप्पलों को चुभलाते हुए काटने लगीं.
धीरे-धीरे वे नीचे को सरकती चली गईं और मेरी पैंट खोलने लगीं.

मामी ने मेरे लंड को मेरे अंडरवियर के ऊपर से पकड़ लिया.
अचानक से उन्होंने मेरे अंडरवियर से मेरा लंड निकाला और उसकी सख्ती को देख कर उनके चेहरे पर एक कातिलाना मुस्कान आ गई.

मैं- क्या हुआ?
मामी- मर्द का लंड तो मैं आज देख रही हूं. आज से पहले तो जो था, वह एक उंगली के समान कुछ था.
मैं- तो फिर आज लंड के साथ जो करना चाहो, वह करो. अब से ये आपका ही है.

मामी मेरे लंड पर अपने हाथ को कहलाती हुई उसका हस्तमैथुन करने लगीं और कुछ ही मिनटों के बाद उन्होंने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया.
‘आह’ मेरे मुँह से एक मदमस्त कराह निकल गई और वे गप गपा गप करती हुई मेरा लंड चूसने लगीं.

मैं उस पल का आनन्द ले रहा था और कराहने लगा था- आह्ह्ह मामी … इस तरह का आनन्द मुझे किसी लड़की से भी नहीं मिला. प्लीज चूसती रहें … आआह्ह्ह क्या चूस रही हैं आप … आह!

उनके सिर को मैं अपने लंड की ओर दबाते हुए लंड को उनके गले के अंतिम छोर तक पेलने की कोशिश करने लगा.

वे भी पूरा मुँह खोल कर मेरे लंड को अन्दर तक लीलने लगी थीं.
उस वक्त सच में मेरा लंड उनके गले को छूने लगा था.

फिर मामी ने लंड को बाहर निकाला तो वह उनकी लार से सन गया था.
वे उसे अपने हाथ से सहलाती हुई कहने लगीं- आह … धीरे-धीरे करो मेरी जान … इतनी जल्दी किस बात की है?

कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मैंने मामी को बिस्तर पर धकेला और अपने सारे कपड़े हटाकर उनके पास आ गया.
मैंने उनकी सिलेक्स खींच कर उतार दी. अन्दर उन्होंने एक लाल थॉंग पैंटी पहनी हुई थी.

वाह … क्या सीन था!
मेरी मामी उस थॉंग पैंटी में मस्त माल दिख रही थीं.

उनकी छोटी सी पैंटी को हटाने के बाद मैंने वह देखा जो मैं लंबे समय से देखना चाहता था.
छोटे छोटे रेशमी बालों वाली उनकी खूबसूरत सी लाल चूत!

मैं अपने आपको नियंत्रित ही नहीं कर पाया और एक पल की प्रतीक्षा किए बिना मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.

मामी के लिए यह आश्चर्य की बात थी.
क्योंकि उन्होंने किसी से इसकी उम्मीद ही नहीं की थी कि कोई उनकी चूत को इस तरह से चाटेगा.

जल्दी ही मामी इतनी जोर से कराहने लगीं कि क्या ही कहूँ.

‘आह आह्ह आरव … खा जाओ इस चूत को …’
उत्तेजना में उन्होंने अपने पति को गाली देना शुरू कर दिया- साला चूतिया मेरा पति … किसी काम का नहीं … आह्ह्ह आरव तुम अपनी जीभ को अन्दर कर लो. मैं तुम्हारी जीभ को अपने अन्दर महसूस करना चाहती हूं.

मैंने अपनी जीभ उनकी चूत के अन्दर रखी और उनका पानी महसूस किया, जिसका स्वाद और गंध मुझे और अधिक आकर्षक बना रहा था.

कुछ देर तक चूत चाटने के बाद अचानक से वे कांपने लगीं और अगले ही पल उन्होंने अपना सारा पानी मेरे मुँह के अन्दर छोड़ना शुरू कर दिया.

मामी सेक्स ओर्गास्म में बहुत ज्यादा पानी छोड़ रही थीं, मैं उनका पूरा पानी मुँह में लेकर उनके ऊपर चढ़ गया और मामी के होंठों से अपने होंठ लगा कर उन्हें लिप टू लिप किस करने लगा.

कुछ ही पल बाद मैंने उनकी चूत का सारा पानी उनके मुँह में ही डाल दिया.

मामी मदहोश पड़ी बोल रही थीं- आह आरव … मेरा ऐसा स्खलन आज तक नहीं हुआ. मैं चाहती थी कि मैं तुमसे चुद कर ही अपना पानी छोड़ूँ … लेकिन मुझसे कंट्रोल ही नहीं हुआ!
मैं- कोई बात नहीं मेरी जान, अभी तो यह शुरुआत है.

यह कहकर मैंने उनके एक स्तन को एक हाथ में … और दूसरे स्तन को अपने दांतों में पकड़ लिया.
मुँह में भरे हुए उनके दूध के निप्पल को मैंने चूसना शुरू कर दिया.

उन्हें फिर से गर्म होने में ज्यादा समय नहीं लगा.
मैं अभी उन्हें और अच्छे से तड़पता देखना चाहता था इसलिए मैं उनके शरीर को चूमता और चूसता रहा.

कुछ समय बाद जब वे और अधिक गर्म हो गईं तो बड़बड़ाने लगीं- आह आरव, प्लीज अब डाल दे अपने मोटे लंड को मेरी चूत में आह फाड़ दे मेरी चूत को आह!

लेकिन मैं अभी उन्हें और तड़पाने के मूड में था.
मैंने लंड की जगह अपनी दो उंगलियों को उनकी चूत में इकट्ठी डाल दीं और अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.

मेरी इस हरकत से मामी पागल होती जा रही थीं.
उन्होंने गाली बकना शुरू कर दिया- साले, अब अपना लंड मेरी चूत के अन्दर डाल न मादरचोद … अब मुझे और ना तड़पा कुत्ते!
मैं- ऐसे कैसे साली रंडी … अभी तो बहुत कुछ बाकी है … इसे बीच में नहीं छोड़ा जा सकता.

मामी- बहन के लौड़े, तू जानबूझ कर ऐसा कर रहा है न …मत तरसा मुझे कमीने … अच्छा नहीं होगा.
यह कहती हुई वे मेरे बाल खींचने लगीं.

मैं- आज जो भी करना हो, कर लेना जान … लेकिन मैं तो तेरी जैसी माल को ऐसे ही चोदूंगा.

यह कहते हुए मैं खड़ा हो गया और अपना लंड उनके मुँह में डाल दिया.
मैंने अपने लंड को वापस मामी के मुँह के अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.

वे भी लंड को चूसने लगीं.
मैं भी बहुत जोर जोर से मामी का मुँह चोदने लगा.

जल्दी ही मामी की आंखों में आंसू आ गए और वे मेरे लंड को अपने मुँह से निकालने के लिए भीख माँगने लगीं.

जैसे ही मैंने अपना लंड उनके मुँह से निकाला, वे मुझे अपनी ओर खींचती हुई आईं और मुझे अपने ऊपर ले लिया.

उन्होंने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के पास रख दिया और कहा- प्लीज, मुझे चोदना शुरू करो.
मैंने अपने लंड को उनकी चूत के अन्दर धकेलने की कोशिश की लेकिन यह बहुत तंग छेद था.

मैंने उनकी ओर देखा.
उन्होंने कहा कि अब तक सिर्फ उंगलियों से ही काम हुआ है … लंड तो पहली बार अन्दर जा रहा है.

मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा और पुनः प्रयास किया.
शुरुआत में तो सिर्फ आधा लंड ही उनकी चूत में प्रवेश कर पाया और अधिक कोशिश करने के बाद मेरा पूरा लंड मामी की चूत में घुस गया.

अब ज्यादा कोशिश करने पर मेरा पूरा लंड उनकी चूत को फाड़ने लगा था.
अचानक से हमला हुआ था तो मामी बहुत जोर से चिल्लाईं.

मुझे डर लगा कि कहीं कुछ गलत तो नहीं हो गया.
मैंने झट से अपना लंड बाहर निकाल लिया.

उन्होंने मेरी कमर पकड़ कर अपने दर्द को सहन करते हुए कहा- इसे अन्दर रखो प्लीज … इसे बाहर मत निकालो.
मैंने फिर से धक्का दे दिया.

जब वे कुछ सामान्य हो गईं, तो मैंने उन्हें चोदना शुरू कर दिया.
मैंने उन्हें 15 मिनट तक धकापेल चोदा, जिसमें उन्होंने अपना पानी पहले ही निकाल दिया था.

मैंने भी अपने लंड का पानी उनकी चूत में ही निकाल दिया.

कुछ देर तक हम दोनों एक दूसरे को बांहों में लिए बिना कुछ बोले ऐसे ही नंगे लेटे रहे.
फिर मैंने चुप्पी तोड़ी और मामी से पूछा- कैसा लगा?

मामी- सही मायने में तो मैं आज पहली बार चुदी हूँ. आज ही मेरी पहली सुहागरात हुई है. तुझे क्या लगता है बाथरूम का दरवाजा गलती से खुला रह गया था क्या?

मैं- इसका मतलब है मामी कि मैं इस परीक्षा में उत्तीर्ण हुआ हूं!

मामी- सबसे पहले मुझे मामी कहना बंद करो. आज से मैं तुम्हारी कीर्ति हूँ. अब तुम मेरे असली पति हो. मैंने आज से तुम्हें अपने सारे अधिकार दे दिए हैं.

मैं- कीर्ति, मैं उत्सुकता से आपकी फैंटेसी के बारे में जानना चाहता हूं. प्लीज मुझे बताओ ताकि मैं उन सभी को पूरा करने की योजना बना सकूं.

इसके बाद मेरी मामी ने मुझे अपनी कल्पनाएं बताईं और हम दोनों एक-एक करके उन सभी को पूरा करने लगे.
वे कल्पनाएं क्या थीं और हम दोनों ने उन्हें कैसे पूरा किया था, यह मैं आपको अगले भाग में बताऊंगा.

कृपया मुझे बताएं कि मेरे जीवन की वास्तविक सेक्स कहानी आपको कैसी लगी.
मामी सेक्स ओर्गास्म स्टोरी पर आप मुझे इस पर मेल लिख सकते हैं.
[email protected]

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