मेरी गांड की शादी हो गई-3

(Meri Gaand Ki Shadi Ho Gayi-3)

This story is part of a series:

मकर सक्रांति के पास चार दिन के लिए कॉलेज बंद था, वो घर चला गया।

मैंने सोचा इतनी दूर पंजाब जाऊँगा वो भी इतने कम दिनों के लिए! मैं नहीं गया अपने घर।

उसके जाने के बाद मैं अकेला हॉस्टल में था।

अगले दिन मुझे मालूम हुआ कि तीसरा लड़का भी दोपहर बाद आ रहा है।

अब पिछले भाग से आगे लिखने जा रहा हूँ :

अगले दिन मुझे मालूम हुआ कि तीसरा लड़का भी दोपहर बाद शिफ्ट कर लेगा। वह कोई नई भरती का नहीं निकला, उसका तीसरा साल था कॉलेज़ में! लेकिन उसकी लाइन अलग थी इसलिए देखा भी नहीं था मैंने पहले। वैसे भी दोस्तो, मुझे सिर्फ दो महीने हुए हैं। यह बात मैंने याहू चैट पर सबसे छुपा दी, अगर बता देता तो सरप्राइज़ कैसे देता!

मैंने कुछ लोगों से कह दिया कि मेरी शादी हो गई और सभी हरामी बोले कि अपनी बीवी की चूत दिलवा दे! कोई कहता कि एक बार वेबकैम पर अपनी पत्नी तो दिखा दे! कोई कहता- साले तूने शादी तो कर ली है लेकिन सम्भालेगा कैसे? हमें मौका कब दोगे?

अब बता दूँ कि मैंने यह शादी की है! अब मत कहना कि अपनी बीवी को चुदवा दे! जब मुझे मालूम चल गया कि हमारे कमरे में तीसरा भी आने वाला है तो मुझे फिकर लग गई कि मैं अपने पति से संबंध कैसे बनाऊँगी।

उस दिन अकेला था मैं! वो चार दिन के लिए घर गया था, नई शादी हुई थी, सब जानते हैं मर्द को चूत और चूत को हर रात लंड लेने का उतावलापन रहता है।

वो तीसरा आया, उसने अपना नाम बताया, मैंने अपना बताया। उसका नाम था समीर, उसका रंग सांवला था, मैंने उसका स्वागत किया। मुझे आदत थी कपड़े ना संभालने की! मैंने लड़की वाले कपड़े जिस बैग में रखे थे वो मेरी अलमारी में पड़ा था। उसने अपनी अलमारी को सेट किया, बातें करने लगा, बोला- तू कहाँ से है?

वो भी था जो मुझे नोट कर रहा था , मैंने भी सोच लिया था सनी अगर तुझे जिंदगी यहाँ की मस्ती से बितानी है तो इसको भी अपने हाथ में लेना होगा ,

तुम तो यार काफी छोटे लगते हो , काफी कोमल कोमल भी हो!

मैं चुप रहा, बस मुस्कुरा कर चेहरा नीचे कर लिया।

वो बोला- यार, तुम शर्माते भी हो! वो भी लड़की की तरह! कहीं पिछले जन्म में तुम लड़की तो नहीं थे?

मैंने भी होंठ दबाते हुए कह दिया- काश, इस जन्म में भी??

यह कह चुप हो गया।

क्या कहा? बोल न!

कुछ नहीं! चलो, नीचे चलते हैं काफी पीने! फिर रात को मेस में खाना खा लेंगे!

मैं उसके साथ मटक-मटक कर चलने लगा, वो मुझे अजीब नज़रों से देखता रहा। मैंने भी अपनी अदाएँ नहीं बदली।

काफी पीकर वापिस आये, फिर मेस गए, खाना वगैरा खाकर कमरे में लौटे।

मैं रास्ते में रुक गया, किसी से बात करने लगा। जब मैं कमरे में गया, वो बैड पर बैठा अपना लैपटॉप पकड़ नेट पर कुछ कर रहा था।

तुम आ गए?

हाँ!

मैं अपनी अलमारी के पास गया, मैंने देखा कि मेरे बैग में उथल-पुथल सी हुई लग रही थी।

मैंने पैंट उतारी पिछवाड़ा उसकी तरफ करके, नीचे फ्रेंची पहनी थी जो कि मेरे चूतडों में घुसी पड़ी थी। मुझे पता था कि वो देख रहा है इसलिए मैंने जानबूझ कर कभी कोई पजामा उठा रहा था तो कभी कोई, फिर एक पहन ही लिया।

अपना काम मैंने कर दिया था। मैंने कमीज़ उतारी, बोला- क्या देख रहा है? घुसा पड़ा है तब से!

मैं मुड़ा उसकी आँखें मेरे मम्मों पर गई, जानी ही थी, सबकी जाती हैं! लेकिन बोला नहीं।

मैंने देखा कि उसने सिर्फ अंडरवीयर पहना था और चादर ऊपर ले रखी थी। उसका अंडरवीयर थोड़ा उभरा था। मैंने चिंगारी छोड़ दी थी, आराम से आया और लेट गया।

बोला- चल सोते हैं!

उसने लैपटॉप बंद किया फिर लाईट भी!

मैं उल्टा होकर लेट गया, मैंने थोड़ी सी आंख खोली, वो जग रहा था, छोटा बल्ब था उसकी रोशनी थी, मैंने देखा वो अपने लौड़े को पकड़े था ऊपर से ही।

मैंने उसकी तरफ पीठ घुमाई और सोने लगा। नींद कहाँ थी आँखों में! मिलन की चाह थी! यह था कि बस उसके आने से पहले इसके साथ सेटिंग हो जाए!

फिर मुझे सच में नींद आने लगी और मेरी आंख भी लग गई, लेकिन काफी देर बाद मैंने चूतडों पर उसका हाथ महसूस किया। वो प्यार से सहला रहा था, मुझे खुमारी चढ़ने लगी, वो करीब आने लगा, मेरे साथ सट गया और टी-शर्ट में हाथ डाल मेरे चुचूक को चुटकी में लेकर मसल दिया और जोर से बाँहों में कस लिया।

मैं बोला- क्या करते हो, क्या इरादा पाला है मन में?

आ जा रानी! मुझे तेरी गांड मारनी है!

वो क्यूँ?

क्यूंकि तू बहुत चिकना है!

मैं उसकी तरफ मुड़ा, उसके लौड़े को पकड़ लिया। काला स्याह लौड़ा था उसका!

वाह राजा, क्या मस्त लौड़ा है!
दो दिन पहले मैंने शादी की थी, पति के जाते ही दूसरे के साथ लेट रही थी।

अह.. अह..!! मैंने मुँह में लेकर चुप्पे मारने चालू किये।

वो हैरान था, पागल हो गया- तू तो साले गांडू निकला!

हाँ!

क्या मुझे मजे दिया करेगा?

तेरे अलावा और भी है, यहाँ हम तीन हैं, वो भी मेरे हाथ में है, मिल कर मजे लिया करना, मुझे क्या हर्ज़ है, चलो अब मुझे चोद भी लो!

नहीं, और चूस पहले!

तेरा बहुत बड़ा है! चूसने में परेशानी होती है!

चाट ले!

मैंने कुछ देर उसका चाटा और बोला- चल सीधा लेट जा!

मैंने थूक लगाया ऊँगली से अपने छेद में, चिकना किया और उस पर बैठने लगा। उसका काफी बड़ा था लेकिन धीरे से में पूरा लेकर बैठ गया और फिर चुदने लगा।

फिर उसने घोड़ी बना कर मेरी गांड मारी, जब वो झड़ने वाला था तो कमीने ने बेरहमी दिखाई, मेरे मुँह में घुसा दिया- चूस साले चूस!

यह क्या कर रहे हो?

बोला- जब मेरा माल निकलने वाला होता है तो मैं पागल होने लगता हूँ! जल्दी से चाट साले!

उसने मेरे सर को दबा लौड़ा मुँह में डाला, पूरा माल मेरे मुँह के अंदर छोड़ा, कुछ होंठों पर उसने दबा कर रखा और मुझे उसका लौड़ा साफ़ करना पड़ा जुबां से! एक कतरा उसने बेकार नहीं जाने दिया। यह क्या किया तुमने? मैं माल नहीं पीता!

साले पिया कर! तेरा जिस्म और नाज़ुक बनेगा, इसमें हारमोंस होते हैं! तेरे मम्मे बढेंगे!

दो दिन उसने मेरी गांड सुजा दी, इतना चोदा कि मुझे थकान हो गई। सोचा अब मेरी गांड का क्या हुआ करेगा?

यह था किस्सा-ए- मेरी गांड की शादी हो गई!

दोस्तो, आगे क्या हुआ जब दोनों ही आ गए! जब वक़्त मिलेगा, मैं ज़रूर हाज़िर हूँगा! तब तक के लिए विदा!
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top