सौतेले बाप के सेक्स कारनामे- 1

(Step Father Xxx Kahani)

अभय इंडिया 2023-09-15 Comments

स्टेप फादर Xxx कहानी में पढ़ें कि मैं अपने सौतेले बाप से थोड़ा बहुत खुला हुआ था. वह मेरी सौतेली माँ को चोदता था. एक बार माँ मायके गयी हुई थी तो मैंने उसे कामुक हरकतें करते देखा.

बहुत ही कॉम्प्लिकेटेड रिश्ता था मेरा और उसका।
वैसे तो वो मेरा सौतेला बाप था, पर मैं किसी आम सौतेले बेटे जैसा उसका सौतेला बेटा नहीं था।

बचपन में माँ के गुजर जाने के बाद पापा ने दूसरी शादी कर ली थी और नयी माँ भी मुझे बहुत अच्छे से रखती थी.

जब पापा ने दूसरी शादी की तो मैं 11 साल का था.
फिर मेरे 17 का होते होते पापा भी चल बसे.
फिर भी सौतेली माँ ने ना मुझे अलग किया और ना उनके अच्छे बर्ताव में कोई कमी आयी।

वे अभी भी शरीर से वेल मेंटेंड थी और शायद उनकी शारीरिक भूख़ ख़त्म नहीं हुई थी तो मेरे 20 साल का होने के बाद उन्होंने मुझसे ही सलाह करके अपने ही एक कलीग से शादी कर ली।

इस तरह 21 साल का होने से पहले ही मैंने दो माँ और दो बाप देख लिए थे।
और मेरी खुशकिस्मती यह कि मेरा दूसरा बाप भी अच्छा ही था।
जब मैं 21 का हुआ तो वो करीब 40 साल का था।

और बदकिस्मती से मेरा कोई भाई या बहन नहीं था।
ना मेरे बायोलॉजिकल पेरेंट्स से और ना मेरे बायोलॉजिकल बाप और सौतेली माँ से!
और इन दोनों ने तो अभी फॅमिली शुरू की ही थी।

कुल मिला कर घर पर हम तीन जन ही थे।
मैं और मेरा सौतेला बाप, हम दोनों एक साथ ही सोसाइटी के जिम में वर्कआउट करते, एक साथ दोनों स्विमिंग करते थे।

हम सौतेले बाप बेटे कम, बेमेल उम्र वाले दो दोस्त ज्यादा थे।

जिस घर में हम थे, वो एक 2 BHK डुप्लेक्स फ्लैट था, जिसमें नीचे किचन, हॉल और मेरा बैडरूम था और ऊपर इन दोनों का कमरा था।

इन दोनों का कमरा मेरे कमरे के एकदम ऊपर ही था.
और ये दोनों सेक्सुअली काफी एक्टिव भी थे तो करीब 10 बजते बजते अपने बैडरूम में घुस जाया करते थे और फिर जो धमाचौकड़ी ये दोनों मचाते थे, उसकी धम धम नीचे मेरे कमरे तक आती थी।

कई बार तो इनका शोर और बेड के हिलने सरकने और खट खट की आवाजें इस कदर तेज होती थी कि मुझे अपने कमरे से निकल कर हॉल में बैठ कर पढ़ना होता था।

एक दिन जब माँ किसी काम से बाहर गयी थी तो मैंने पापा को बोल ही दिया- यार, थोड़ा धीरे से किया करो ना, नीचे तक आवाज़ आती है. और सौतेले ही सही, अपने ही माँ बाप की चुदाई की आवाज़ें सुनना और बिना इच्छा के भी उत्तेजना में भर जाना, अच्छा नहीं लगता।

“हम्म्म … आगे से ध्यान रखेंगे। तू एक काम क्यों नहीं करता, रात में खाना खाने के बाद आधा एक घंटा नीचे गार्डन में टहल आया कर!” वो बोले।

उस दिन के बाद से वे मुझसे थोड़ा ज्यादा ही खुल गए।
कभी मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछते, कभी मेरी सेक्सुअल एक्टिविटीज के बारे में पूछते, कभी मुझे सेफ सेक्स के बारे में समझाते, कभी मुझे लव-लस्ट-सेक्स-फैंटसी के बारे में समझाते।

उनकी ओर से खुलापन देख कर मैं भी उनसे काफी खुल गया।
इतना कि कई बार जिम में वर्कआउट के बाद उनके सामने ही पूरा नंगा हो जाता था और वे भी एक दो बार मेरी ‘वेल एंडोवमेंट’ यानि मेरे बड़े और मोटे लौड़े को देख कर मुझे कॉम्प्लीमेंट दे चुके थे।

समय बीत रहा था।

फिर एक बार माँ किसी काम से 15 दिन के लिए फॉरेन टूर पर चली गयी और घर पर हम दोनों ही थे।

शुरू की 2-3 रातें तो उन्होंने बिस्तर पर करवटें बदल कर गुजारी, क्योंकि मुझे नीचे मेरे कमरे में उनके बेड के रुक रुक कर हिलने की आवाज़ें आती थी और ये आवाज़ें तकिया चोदने या मुठ मारने की वजह से बिस्तर के लगातार हिलने से आने वाली आवाज़ों से अलग थी।

फिर चौथी रात उनके कमरे से कोई आवाज़ नहीं आ रही थी।
काफी देर तक कोई आवाज़ नहीं आयी।

फिर एक आवाज़ आयी जो बिस्तर से किसी के उठने की वजह से होने वाली आवाज़ थी।
फिर उनके शॉवर की आवाज़ आयी।

पाँचवी रात आवाजों का फिर वही सीक्वेंस था।
साइलेंस, फिर बिस्तर से उठना, बाथरूम के दरवाजा का खुलना, फिर शॉवर का 10-15 मिनट चलना।

छठे दिन मैंने तय कर लिया कि जा कर देखूंगा कि माजरा क्या है।

खाना खा कर वे अपने बैडरूम में चले गए और क्योंकि मैंने कभी भी उनके रूम में कदम नहीं रखा था तो उनको मेरी ओर से निश्चिंतता थी तो वे अपना कमरा कुण्डी लगाए बिना ही बैठे थे।

मैं दबे पाँव सीढ़ियाँ चढ़ कर उनके कमरे के बाहर पहुँचा और हल्के से खुले दरवाजे की झिर्री से झाँका तो देखा, वे अपने बेड पर पैर फैलाये एकदम नंगे बैठे थे।

वैसे जिम और स्विमिंग पूल के लॉकर रूम में मैंने उनको कई बार सर से पैर तक पूरा नंगा देख रखा था, पर आज अलग बात थी।

उन्होंने अपनी जाँघों पर अपना लैपटॉप रखा हुआ था और लैपटॉप पर एक पोर्न मूवी चल रही थी।

पोर्न में एक आदमी था, एक औरत थी और एक ट्रांसजेंडर था।
मूवी में कभी आदमी औरत को चोद रहा था, कभी ट्रांसजेंडर और आदमी आपस में 69 कर रहे थे।

फिर एक सीन आया जिसमें आदमी औरत को घोड़ी बना कर चोद रहा था और ट्रांसजेंडर पीछे से आदमी की गांड मार रहा था।
मेरे लिए यह सीन नया था।

पर मैंने देखा कि जैसे ही वो दृश्य अपने पूरे शवाब पर पहुँचा, मेरे सौतेले बाप का हाथ सख्त हो चुके अपने लौड़े पर चला गया और वे उसे ज़ोर ज़ोर से मुठ मारने लगे।

फिर उन्होंने अचानक बेड के दूसरे साइड रखे (जो मुझे अभी तक नहीं दिख रहा था) एक ट्रांसपेरेंट डिल्डो को उठा लिया और अपने लौड़े की मुठ मारते हुए दूसरे हाथ में डिल्डो को पकडे उसकी पूरी लम्बाई पर चाटने लगे।

धीरे धीरे उन्होंने डिल्डो को सभी ओर से चाट चाट कर अपने थूक में नहला दिया।

वे अभी भी अपने लौड़े की मुठ मारे जा रहे थे।

फिर उन्होंने लैपटॉप को साइड में रखा और बेड से उतर कर बाथरूम में चले गए।

वे अपने हवसी ख्यालों में इतने खोये हुए थे कि उनको पता भी नहीं चला कि कोई (यानि मैं) उनकी इन सभी हरकतों को पूरा पूरा देख रहा है।

कोई डर तो था नहीं, तो उन्होंने बाथरूम का दरवाजा भी ऐसे ही खुला छोड़ दिया और अंदर शावर चला दिया।

मैंने डरते डरते उनके बैडरूम का दरवाजा हल्के से खोला और उनके बैडरूम में घुस कर बाथरूम के बाहर झुक कर खड़ा हो गया और फिर से खुले हुए बाथरूम के दरवाजे की झिर्री से झांकने लगा।

पर इस बार दरवाजा ज्यादा खुला हुआ था और इस बार मैं कमरे में था जहां रोशनी थी।
जिस वजह से अगर वे ज़रा भी दरवाजे की ओर देखते तो उनको मैं साफ़ साफ दिख जाता।

पर वे क्यों देखते दरवाजे की ओर … उनको कोई अंदेशा नहीं था कि मैं उनके रूम में आ भी सकता हूँ।

फिर जो हुआ, उसे देख कर मेरे होश उड़ गए।

उन्होंने डिल्डो पर बहुत सारा शॉवर जेल (लिक्विड सोप) उड़ेला और उसे रब करके एकदम चिकना बना दिया।
फिर उन्होंने अपने हाथ पर भी शॉवर जेल लिया और उसे अपनी गांड पर लगा कर जेल को अपनी गांड में उंगली से अंदर करने लगे।

ये सब मैंने पोर्न मूवीज में नहीं देखा था.
मैं उस समय तक स्ट्रैट मूवीज ही देखा करता था.

तो ये सब स्टेप फादर Xxx हरकतें देख कर मेरा गला सूख गया था और मैंने नोटिस भी नहीं किया कि कब मेरे बॉक्सर में मेरा लौड़ा फुल कड़क हो कर 90 डिग्री पर आ गया था।

फिर मैंने देखा कि मेरा सौतेला बाप उस डिल्डो को पीछे ले गया और अभी तक उंगली से लूज़ की हुई गांड के छेद पर रख कर रगड़ने लगा।

जैसे ही उन्होंने डिल्डो से अपने गांडू छेद को सहलाया, उनके मुँह से सिसकारी की आह निकल गयी।

और सच कहूं तो उस नजारे ने उस सिसकारी ने मुझे भी अंदर तक गर्म कर दिया।
मेरा हाथ खुद ब खुद अपने बॉक्सर में चला गया और मैं अपने 21 साल के लौड़े को हल्के हल्के मसलने लगा।

फिर उन्होंने अपनी गांड के छेद को डिल्डो से सहलाते सहलाते ही उसे अपनी गांड के अंदर की ओर दबाना शुरू किया।
उनकी गांड अब तक अच्छे से खुल चुकी थी पर डिल्डो काफी मोटा था तो उनके काफी जोर देने से ही डिल्डो का टिप उनकी गांड में घुस पाया।

जैसे ही डिण्डो ने उनकी गांड की अंदरूनी दीवारों को सहलाया, उनके मुँह से करहाने की आवाज़ आयी जो शायद दर्द और मजे की मिक्स आवाज़ थी।

होता है ना … खुद चीरा भी लगाओ तो उतना दर्द नहीं होता जब कोई और सुई भी चुभाता है।
मतलब उन्होंने इतना मोटा डिल्डो अपनी गांड के छोटे से छेद में घुसाया और फिर भी इतना दर्द नहीं हुआ कि उनकी चीख निकलती।

खैर धीरे धीरे करके उन्होंने डिल्डो के 10 इंच में से करीब 5 इंच अपने गांड की सुरंग में दफना दिए।

अब उनके मुँह से निकल रही आवाज़ों में दर्द की आवाज़ मिक्स नहीं थी; अब उनके मुँह से सिर्फ मजा मिलने से आने वाली आवाज़ें ही निकल रही थी।

वे अब डिल्डो को बड़ी आसानी से अपनी गांड में अंदर बाहर किये जा रहे थे और हर घुसेड़ के साथ डिल्डो उनकी गांड में और अंदर तक जाने लगा था।

कुछ ही समय में, डिल्डो के पूरे 10 के 10 इंच उनकी नाजुक गांड में घुस चुके थे।

अब वे दोनों हाथ छोड़ कर डिल्डो को गांड में जड़ तक लिए लिए ही बाथरूम के फर्श पर बैठ गए और डिल्डो के दूसरे ओर बने सक्शन साइड की मदद से डिल्डो को बाथरूम के फर्श पर चिपका सा दिया।

अब डिल्डो फर्श पर एक तरफ से चिपक गया था और वो डिल्डो के ऊपर ऊठक बैठक सी (थोड़ा उठना, फिर बैठ जाना) करते हुए, डिल्डो को अपनी गांड से करीब 7-8 इंच तक बाहर निकालते और फिर से डिल्डो को अपनी गांड में पूरा जड़ तक अंदर ले लेते।

अब बाथरूम उनकी सिसकारियों से, उनकी आह ऊह से गूँज रहा था।

फिर अचानक वे रुक गए।
मैं सोच में पड़ गया कि ऐसा क्या हो गया कि वे एकदम से रुक गए।

फिर मेरी नजर बाथरूम के फुल लेंथ मिरर पर गयी जिसमें मुझे उनका फेस साफ़ दिख रहा था।

मुझे उनका चेहरा साफ़ दिख रहा था यानि वे भी मुझे दरवाजे की ओपनिंग के पार खड़ा हुआ देख पा रहे थे।

उनके चेहरे पर घबराहट के भाव थे।
वे तुरंत मुड़े और अब मिरर की बजाय मुझे डायरेक्ट देख रहे थे।

मैं भी सकपका गया।
मेरे हाथ में अभी भी मेरे बॉक्सर की साइड से निकला हुआ मेरा फुल कड़क हुआ लौड़ा था जिसे मैं अभी भी हल्के हल्के मुठ मार रहा था।

फिर वे फट से डिल्डो पर से उठ गए।
डिल्डो के उनकी गांड से एकदम से बाहर आने की वजह से ‘फचाक’ की आवाज़ आयी।
और डिल्डो अभी भी फर्श पर ही चिपका हुआ था।

“तू कब आया और यहां क्या कर रहा है?” उन्होंने हकलाते हुए पूछा।

मेरे मुँह से कोई जवाब नहीं निकला तो उन्होंने फटाफट तौलिया लिया और अपनी कमर पर उल्टा सीधा लपेट कर बाहर आ गए।
तौलिये में उनका लौड़ा अभी भी टाइट था क्योंकि तौलिये पर काफी बड़ा तम्बू सा बना हुआ था।

अब तक मेरा लौड़ा भी थोड़ा बैठ चुका था और अपने आप ही बॉक्सर के साइड से ही अंदर चला गया था।
पर उनके लौड़े की तरह मेरा लौड़ा भी पूरा नहीं बैठा था तो मेरे बॉक्सर में भी अच्छा ख़ासा तम्बू था।

फिर वे गीले बदन ही बेड पर बैठ गए और मुझे भी बैठने का इशारा किया।

वे गला खंखारते हुए कुछ बोलने की कोशिश करने लगे- देख बेटा, हर इंसान अंदर ही अंदर दूसरे जेंडर की तरह भी सोचता है। यानि एक औरत के अंदर भी एक मर्द होता है और एक मर्द के अंदर भी एक औरत होती है। औरत के अंदर का मर्द कभी कभी उसे गुस्सा करने, सुपीरियर दिखने, पावर दिखाने पर विवश करता है। ऐसे ही मर्द के अंदर जो औरत भाव होता है, वो किसी में कम होता है किसी में ज्यादा होता है। यही औरत भाव, मर्द को विवश करता है कि वो महसूस करना चाहता है कि औरत को क्या चीज़ और कैसे मजा देती है। कुछ मर्द औरतों की तरह मेकअप करते हैं, कुछ औरतों की तरह चलते फिरते हैं, नाचते हैं, कुछ औरतों की तरह कपड़े पहनते हैं।

आगे उन्होंने कहा- जरूरी नहीं है कि हर मर्द ये सब करे ही। ऐसे ही कुछ मर्द, औरतों की तरह से चुदना भी फील करना चाहते हैं। ये बस वही मोमेंट था। लैपटॉप पर एक पोर्न देख रहा था जिसमें देखा कि एक मर्द किसी ट्रांसजेंडर से चुद रहा था। तो मुझे भी लगा कि मैं भी देखूं कि किसी औरत को मर्द का लौड़ा लेने में क्या फील होता है, तो मैंने तेरी मम्मी का ये डिल्डो लेकर अपनी गांड में डालने की सोच ली।

उन्होंने एक साँस में पूरी कहानी सच सच बता दी।

इस पूरे झमेले में टॉवल के अंदर बाप का लौड़ा पूरी तरह बैठ चुका था.
पर उनकी ये कहानी सुन कर मेरा लौड़ा फिर से मेरे बॉक्सर में सैल्यूट देने लग गया था।

कमरे में अब सन्नाटा पसरा हुआ था।

मैं कमरे में इधर उधर देख रहा था, वास्तव में मैं उनसे नज़रे चुरा रहा था और वे भी मुझसे झेंपे झेंपे से थे।
पर कनखियों से देखने से पता चल रहा था कि उनकी नजरें बार बार मेरे बॉक्सर के तम्बू पर जा रही थी।

फिर मैंने ही चुप्पी तोड़ी- जाने दो, एक्सपेरिमेंट तो सभी लोग करते हैं।

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स्टेप फादर Xxx कहानी का अगला भाग: सौतेले बाप के सेक्स कारनामे- 2

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