पति ने मिली भगत से मुझे चुदवाया- 1

(Garam Maal Sex Kahani)

गरम माल सेक्स कहानी में मैं एक शादी में गयी पति के साथ. मैं बहुत सेक्सी लड़की हूँ, मुझे लंड की जरूरत रहती है. मेरे पति को भी यह बात पता है.

यह कहानी सुनें.

दोस्तो मैं जीनी, मेरी उम्र इस समय 31 साल है और एनान से मेरी शादी हुए अभी 5 साल हुए हैं.

अब मैं अपने अपने बारे में बताती हूँ.
मेरा फिगर 34-30-36 है और ब्रा 34 C की लगती है. मेरे बूब्स अभी पूरे टाइट हैं.
मेरे बाल कमर से नीचे चूतड़ों तक आते हैं.

दिखने में भी मैं काफी खूबसूरत हूँ, रंग भी गोरा है, मेरी गांड हल्की बाहर को निकली है जो आकर्षण का केंद्र है.
इसलिए शायद मुझे स्किन टाइट कपड़े पहनना पसंद है ताकि मेरे शरीर के कटाव सबको दिखा सकूं.
चाहे मैं साड़ी पहनूं या सूट … टाइट पहनती हूँ.

इस गरम माल सेक्स कहानी में वो गरम माल मैं ही हूँ.

मेरे पति एनान को काफी अच्छा लगता है जब कोई और मेरी तारीफ करे! यहां तक कि कई बार एनान मुझे चोदते हुए दूसरों से चुदवाने की बात भी करते!

एक बार हमारे पहचान में शादी का प्रोग्राम था.
लेकिन बारात और शादी दूसरे शहर से बाहर रिजॉर्ट में रखी थी.

मैंने बनारसी साड़ी, लाल ब्लाउज पहना.
ब्लाउज हल्का गहरे गले का था और सामने से बटन वाला था.
इसमें मेरी क्लीवेज साफ दिख रही थी.
ब्लाउज पीछे से 2 उंगली भर पट्टी थी जिसने मेरी बैक संभाल रखी थी.
मानो पूरा बैकलेस ही था.

मैंने बालों का जूड़ा बनाया था, साथ गजरा लगाया था.
बालों की कुछ लटें सामने बिखरी थी.

हाथों में मेंहदी और और लाल चूड़ी पहन, होठों पर लाल लिपस्टिक, कानों में झुमके!
इस तरह पारम्परिक भारतीय शैली में तैयार होकर मैं शादी के प्रोग्राम में पति के साथ शामिल होने चली गई.

मैं जब रिजॉर्ट पहुंच गई तब कई पहचान वाले लोगों से मिली और बातचीत हुई.
फिर मैं स्टेज पर गई.
और खाना भी हुआ.

मेरे पति भी अपने पहचान वालों के साथ थे.
मैं यहाँ गौर कर रही थी कि बहुत सारे मर्द मुझे घूर भी रहे थे.

लेकिन पूरे पार्टी के दौरान कुर्ता पायजामा पहने एक आदमी मेरी और कुछ ज्यादा ही घूर रहा था.
और उसके साथ 2 आदमी और थे जो मेरे आस पास मंडरा रहे थे.

कई बार तो मेरी और उसकी आँखें भी दो चार हुई उन तीनों के साथ लेकिन कोई इशारा नहीं हुआ.
बस हल्की सी मुस्कान चेहरे पर मेरे … लेकिन मर्दों के इस तरह देखने से मैं बहुत इठला कर बातों में अपनी अदाओं को बिखेरते हुए बाकी लेडीज के साथ व्यस्त थी,

जब वे मेरे पास खड़े होकर खाना खा रहे थे तब वे जानबूझकर मेरे ऊपर फिकरे भी कस रहे थे.
एक ने यहां तक कहा- बोलो तो अभी उठाकर ले चलते हैं इसको!

उन लोगों के इस तरह देखने भर से मेरी चूत हल्की गीली भी होने लगी.

धीरे धीरे लोग वापस निकलने लगे.
मैं भी अब अपने पति के साथ निकलने को हुई,

उसी दौरान मैंने एनान को बताया भी कि कुछ लोग मुझे घूर रहे थे और मेरे बारे में कमेंट्स भी कर रहे थे.
जिस पर वे बोले- एंजॉय करो! बोलो तो आज उनके साथ ही छोड़ देता हूँ!
मेरे पति मुझे छेड़ रहे थे.

फिर हम लोग निकल आये.

लेकिन रिजॉर्ट शहर से बाहर था तो रिजॉर्ट के बाहर आकर हम कोई टैक्सी का इंतजार करने लगे; या कोई पहचान वाली फैमिली मिले तो उनके साथ निकलने की सोचने लगे.

कुछ देर बाद ही हमारे सामने रसॉर्ट से निकलकर एक स्कॉर्पियो आकर खड़ी हुई.
उसमें वही अंदर वाले तीनों आदमी थे जो मुझे घूर रहे थे.

उन्होंने मेरे पति से बातचीत शुरू की.
वे लोग हंसकर बात कर रहे थे.

कुछ ही देर में वे मेरे पति के दोस्त जैसे बन गए.
मैं दूर खड़ी थी.

फिर पति मेरे पास आए और कहा- चलो, हमारे जाने के लिए तो साधन मिल चुका है!
मैंने पति को बताया कि ये वही लोग हैं जो मुझे पार्टी में घूरे जा रहे थे. अगर इन्होंने रास्ते में मुझे परेशान किया तो?

तो मेरे पति हंसते हुए बोले- कोई बात नहीं दबवा लेना! वैसे भी मैं तो देखना चाहता था कि तुम्हें कोई पराए मर्द मेरे सामने चोदे! चलो देखते हैं.
मैंने कहा- सोच लो?

एनान बोले- लेकिन यह अच्छा हुआ कि एक की जगह 3 आदमी हैं. और मैं भी उनके साथ मिलकर चार लंड तुम्हें चोद देंगे.
मैंने भी मुस्कुराते हुए कहा- एनान, तुम भी आज मुझ चुदवाकर ही मानोगे!

फिर मैं मुस्कुराती हुई अपने पति के साथ गाड़ी की ओर आ गई.

वे तीनों बाहर निकल कर हमसे मिले.
उन्होंने अपना नाम परम, जावेद और अभिलाष बताया.

एनान ने भी मेरा नाम बताया ‘जीनी’

फिर परम ड्राइविंग सीट पर आया और मेरे पति एनान को अपने साथ आगे बैठा लिया.

पीछे जावेद पहले अंदर बैठा, फिर अभिलाष बोला- भाभी, आप बैठ जाइए.
फिर मैं बैठी और अभिलाष ने बैठकर दरवाजा बंद किया और गाड़ी चल पड़ी.

सभी ने बात करना शुरू कर दी पार्टी के बारे में!

अभिलाष ने मुझ पर बात शुरू की, वह मेरी तारीफ करने लगा.
फिर तीनों मेरे बारे में बात करने लगे.
मेरे पति बस सुन रहे थे

मैं अभिलाष और जावेद के बीच मैं बैठी थी; दोनों मुझसे चिपके जा रहे थे.

अभिलाष ने अपना एक हाथ मेरे कंधे पर रख दिया.
यह देख जावेद ने भी अपना हाथ मेरी जांघ पर रख दिया.

मैंने कोई विरोध नहीं किया और शांति से बैठी रही.
लेकिन मैं दोनों को देख भी रही थी.

कुछ देर बाद अभिलाष अपना हाथ मेरी पीठ पर ले आया और सहलाने लगा.

उधर जावेद भी अपना हाथ मेरे पेट पर ले आया और सहला रहा था.
मैं मजे लेटी हुई दोनों के हाथ को धीरे से अपने से दूर करती जा रही थी.

सामने मेरे पति बैठे थे और परम से बातचीत में व्यस्त थे.
और पीछे मुझे अभिलाष और जावेद मुझे रोमांचित किए जा रहे थे.

लेकिन एनान तिरछी नजर से बार बार पीछे भी देख रहे थे.

अब तो जावेद और अभिलाष दोनों ने आगे बढ़ते हुए अपने एक एक हाथ से मेरी दोनों चूचियों को सहलाने में लग गए.
मैं तो शर्म से पानी पानी हो रही थी पर गर्म भी हो रही थी.

अभिलाष ने तो हद ही कर दी, उसने एक दो बार जोर से मेरी चूची दबाई.
मुझे हल्का दर्द भी हुआ लेकिन वह सहते हुए मैंने अपने आप पर काबू रखा और अपने होठों को भींच लिया.

मैं उस पल का मजा ले रही थी.
उस दौरान कभी-कभी मेरे मुंह से हल्की सिसकी भी निकल जाती.

उधर उन दोनों के हाथ मेरी बैकलेस पीठ और मेरे पेट पर भी चल रहे थे.
जावेद ने तो मेरी साड़ी और पेटीकोट को घुटनों तक ला दिया था. उसने मेरी जांघों को सहलाना चालू कर दिया था.
मैं बेमन से उसके हाथों को हटा रही थी.

अब जावेद आगे बढ़ते हुए अपने हाथों को मेरी पैंटी के पास तक ले आया और पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत पर चलाने लगा, सहलाने लगा.

मेरी चूत तो मानो पूरी गीली हो चुकी थी जिसके कारण मेरी पैंटी भी गीली हो चुकी थी.

मैं तो बस अपने होठों को भींच रही थी और दोनों के हाथों को रोकने की कोशिश कर रही थी.
लेकिन मैं चाह रही थी कि दोनों लगे रहें अपने काम में!

उस दौरान मैंने देखा कि मेरी पति भी मेरी और ही देख रहे हैं.
लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा.

जावेद, अभिलाष दोनों अपने काम में माहिर थे.
तभी अभिलाष ने मेरे चेहरे को अपने दोनों हाथों से पकड़ मेरे होठों पर अपने होंठ रख दिए और मेरे होठों को चूसने लगा.

मेरी चूत से पानी की धार तक बहने लगी.
अब मेरे लिए सहन कर पाना बहुत मुश्किल हो रहा था.

तभी अभिलाष ने मेरे होठों को इतने जोर से चूसा, साथ उसका एक हाथ मेरे बूब्स पर अपना कमाल दिखाये जा रहा था.
और जावेद ने मेरी चूत पर अपनी उंगलियों का जादू बिखेर रखा था.

मैं इतनी मदहोश हो गई कि मेरे मुंह से जोर से आ आह आह … आह … की आवाज निकल पड़ी.
गाड़ी चला रहे परम ने और पति एनान ने पीछे पलट कर देखा.
मैं कुछ बोल पाती, इससे पहले ही जावेद बोला- भाई एनान, आज तक इतनी भाभी देखी. लेकिन वाकई तुम किस्मत वाले हो जो जीनी भाभी जैसी बीवी तुम्हें मिली.

परम बोला- एनान भाई, चलो मेरा फार्म हाउस है कुछ दूरी पर … वहीं रात गुजारते हैं.
मैं आखिर बोली- छोड़ दो मुझे … क्या कर रहे हो तुम लोग?

एनान भी अब दिखावटी बोला- जीनी, तुम ठीक तो हो? कोई परेशानी तो नहीं?

अभिलाष ने मुझे छोड़ा और कहा- एनान भाई देखो, हम भाभी को कोई तकलीफ नहीं देंगे. तुम चिंता मत करो और हमारे साथ एंजॉय करो.
परम हँसते हुए बोला- एनान भाई, आज भाभी हम सब में अपना प्यार बांटेंगी.

और उसने कार की लाइट जला दी.
.
लाइट चालू होते ही रोशनी में सब कुछ साफ नजर आने लगा.

जावेद का हाथ हाथ मेरी चूत पर था और मेरी साड़ी मेरे घुटनों से ऊपर तक हो चुकी थी.
उधर अभिलाष मेरी बांहें पकड़े हुए था.

मैंने तुरंत अपने दोनों हाथों से अपने चेहरे को ढक लिया.
लेकिन वह सब व्यर्थ हो चुका था.

मैं कुछ बोल पाती … इससे पहले ही अभिलाष ने मेरे कंधे से मेरी साड़ी को नीचे कर दिया.
मेरी ब्लाउज में मेरे बूब्स की क्लीवेज उनके सामने आ चुकी थी.

मैंने अपने हाथों से जावेद का हाथ हटाया और मेरी साड़ी को नीचे किया.
तो जावेद बोला- जीनी भाभी, हमसे क्या शर्माना!

और उसने मेरी साड़ी को नीचे से खींचना शुरू कर दिया जिसमें अभिलाष ने उसकी मदद की.

कुछ ही पलों में मेरी साड़ी को पूरी तरह मेरे शरीर से अलग कर दिया और इकट्ठी करके मेरे पति एनान के हाथों में पकड़ा दिया.

परम भी गाड़ी चलाते हुए पीछे की ओर देख रहा था.
उसने मेरे पति से कहा- एनान भाई, सच में तुम बहुत खुश नसीब हो जो इतनी हॉट और सेक्सी बीवी तुम्हें मिली है! गरम माल सेक्स का मजा लेते हो!
और तीनों मुस्कुराने लगे.

तभी परम ने कहा- चलो फार्म हाउस आ गया!

उसने फार्म हाउस के दरवाजे के सामने ही गाड़ी रोकी.

परम गाड़ी से उतरा और दरवाजा खोलने लगा.

उधर अभिलाष ने एनान से कहा- भाई, भाभी की साड़ी तुम लेकर आना!
वह नीचे उतरा फिर जावेद भी नीचे उतरा.

मैंने कहा- साड़ी तो दे दो ताकि मैं कपड़े पहन सकूं.
अभिलाष बोला- भाभी अब हमसे क्या शर्माना!

फिर अभिलाष मेरे पति को लेकर अंदर जाने लगा.

उधर जावेद मेरे गाड़ी से उतरते ही मुझे उठाकर कंधे पर घर के अंदर लेकर जाने लगा.
मैं उस समय सिर्फ ब्लाउज पेटीकोट पर ही थी.
और मुझे बहुत शर्म भी आ रही थी.

लेकिन आगे आने वाले मजे को सोचते हुए मुझे अच्छा भी लग रहा था.

कुछ ही समय में हम सभी घर के अंदर जा चुके थे.
परम ने दरवाजा बंद कर दिया था.

अब जावेद ने मुझे ले जाकर बेडरूम में बेड पर बैठा दिया और कहा- एनान भाई, बैठो और देखो कितना मजा आता है!
उधर परम ने बेड पर चढ़कर मेरा गले का हार, कान के लटकन को उतारने में लग गया.

मैं शरमाती हुई अपने पति के सामने चुदने जा रही थी.

उधर धीरे धीरे परम, अभिलाष जावेद ने अपने कपड़े उतार दिए और अंडरवियर में आ गए.

मैं बेड पर साये ब्लाउज में अपने शरीर को अपने दोनों हाथों से ढकने की नाकाम कोशिश कर रही थी और तीनों को देख रही थी.

वे तीनों बेड पर आकर मेरे शरीर को सहलाने लगे.

परम मेरे पीछे बैठ मेरी पीठ, गर्दन पर किस करने लगा और उसने किस करते हुए मेरे ब्लाउज के ऊपर के बटन को भी खोल दिया जिसके कारण मेरा ब्लाउज हल्का ढीला हो गया.

सामने एक तरफ जावेद बैठा था जिसने मेरे पेट पर किस करना चालू कर दिया और मेरी कमर पर च्यूंटी भी काटी.
और अभिलाष ने सामने से मेरे साये को ऊपर कर मेरी नंगी टांगों, जांघों को सहलाने लगा और उन पर किस करने लगा.

जावेद ने मेरे दोनों हाथों को, जिनसे मैंने अपने स्तनों को ढक रखा था, उन्हें हटा दिया.

अब मैं सिर्फ अपने पति की ओर देख रही थी
पर एनान भी मुझे देख मजे ले रहा था.

मैं पति को इशारा कर रही थी कि अब तुम भी आ जाओ इस खेल में!
लेकिन वे यह खेल देख कर ही खुश हो रहे थे.

गरम माल सेक्स कहानी में आपको मजा आ रहा होगा ना?
[email protected]

गरम माल सेक्स कहानी का अगला भाग: पति ने मिली भगत से मुझे चुदवाया- 2

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top