पति ने मिली भगत से मुझे चुदवाया- 2

(Xxx Foursome Fuck Kahani)

Xxx फोरसम फक कहानी में मैं एक फार्म हाउस में मेरे पति के साथ 3 और मर्दों के बीच थी जो मुझे चोदने के लिए वहां ले गए थे. मेरे पति एक तरफ बैठ कर पूरा नजारा देख रहे थे.

यह कहानी सुनें.

कहानी के पहले भाग
शादी में मिले 3 लंड
में आपने पढ़ा कि मैं सज धज कर एक शादी में शामिल होने गयी अपने पति के साथ.
वहां सारे मर्द मुझे देख रहे थे.
पर तीन लोग तो मेरे इर्द गिर्द ही चक्कर काट रहे थे.
शादी से बाहर आने पर उन तीनों ने ही हमें लिफ्ट दी.
कार में ही वे लोग मेरे जिस्म से खेलना शुरू हो गए जिसमें मेरे पति की मूक सहमति थी.

अब आगे Xxx फोरसम फक कहानी:

परम ने अब मेरे बालों के जूड़े को खोल दिया जिसके कारण मेरे बाल अब लहराने लगे.
वह मेरे बालों को भी सहलाने लगा.

कुछ देर बाद परम ने अपने हाथ आगे करते हुए ब्लाउज के ऊपर से ही मेरे बूब्स को सहलाना चालू कर दिया.
मुझमें भी अब अजीब सा नशा छाने लगा था.

जावेद ने मेरे ब्लाउज के बटन खोलना शुरू कर दिया और पूरे बटन खोलकर मेरी चूची को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा.

कुछ पल बाद अभिलाष ने मेरे साये के अंदर हाथ डाल मेरी पैंटी को धीरे धीरे निकाल कर मेरे पति की ओर फेंक दिया.

अब परम ने पीछे बैठे बैठे ही मेरी गर्दन को मोड़ मेरे होठों पर अपने होंठ रख दिए और मेरे होटों को चूसने लगा.

उधर जावेद ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स को दबाये जा रहा था और मेरी क्लीवेज पर किस करना चालू कर दिया था.
वह हल्का हल्का ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स को भी चूस जा रहा था और मेरी कमर को सहलाए जा रहा था.

नीचे तो अभिलाष ने हद ही कर दी.
वह मेरे पेटीकोट को मेरी कमर तक ले आया और मेरी नंगी चूत पर अपनी जीभ लगा दी.
पहले वह मेरी चूत को अपने जीभ से सहलाने लगा और फिर कुछ देर बाद मेरी चूत को हल्का-हल्का चूसने लगा.

तीनों के इस प्रकार करने से मेरी चूत ने तो पहले ही पानी छोड़ दिया था.
और अब मेरे मुंह से भी आवाज निकलने लगी- आह आह आह … छोड़ दो मुझे … तुम लोग क्या कर रहे हो, एनान देखो, ये लोग क्या कर रहे है. रोको इन्हें!

उधर मैं अपने एक हाथ से जावेद को अपने बूब्स पर दबा रही थी, उधर दूसरे हाथ से अभिलाष को और अपनी चूत पर दबाए जा रही थी.
अब परम मेरे गर्दन पर किस करके मुझे मदहोश करे जा रहा था.

वे लोग मुझे पूरी तरह सहला चुके थे.

तभी परम बोला- बहुत हुआ … अब जीनी की चुदाई की बारी!

अब तीनों खड़े हुए मुझे छोड़कर और अपनी अपनी अंडरवियर को भी निकाल बाहर फेंका.

तीनों के लंड करीबन 6 से 7 इंच के मेरे आंखों के सामने थे और पूरे खड़े हुए स्टैंड पोजीशन में थे.
आज मेरी जोरदार चुदाई होने वाली थी.

पहले अभिलाष आगे बढ़ा और उसने मेरे ब्लाउज को और फिर मेरी ब्रा को शरीर से अलग कर दिया.
उधर परम ने मेरे पेटीकोट के नाड़े को खोला और उसे भी खींच मेरे पति के पास फेंक दिया.

मेरे पति तो बस मेरे कपड़े समेटने में लगे थे.

फिर अभिलाष और जावेद मेरे पति के पास जा बैठे और मेरे बारे में बोलने लगे- कितनी हॉट लग रही है जीनी! देख एनान भाई, आज हम लोग मिलकर इसे शांत करेंगे.

मैं बेड पर पूरी नंगी बैठी थी और अपने पैर मोड़कर अपनी चूत को और अपनी चूची को हाथों से ढक छुपाने की कोशिश कर रही थी.
लेकिन मैं जानती थी कि आज मेरी जोरदार चुदाई होने वाली है.

फिर परम, जो बेड पर ही खड़ा था, उसने बेड पर बैठ मेरे पैर पकड़ते हुए मुझे खींचा और पीठ के बल लेटा दिया.
वह मेरे एक पैर के अंगूठे को लेकर चूसने लगा.
मुझे उस समय काफी अच्छा लग रहा था.

अब परम धीरे धीरे ऊपर की ओर आने लगा.
उसने पहले मेरी जांघ और फिर आगे बढ़ते हुए मेरी चूत के ऊपर किस किया.
फिर उसने मेरे पेट पर किस किया, फिर धीरे-धीरे वह मेरे बूब्स पर आ गया और हल्के हल्के अपने होठों से चाटने लगा.

हाथ से वह मेरे बूब्स को दबाने भी लगा.
फिर आगे बढ़ कर उसने मेरी गर्दन पर भी किस ली और आखिर अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और चूसने लगा.

मैं तो मदहोश हुई जा रही थी और हल्की आवाज भी निकाल रही थी- छोड़ दो मुझे!

इस तरह ही कुछ समय बाद परम ने मेरी टांगों को फैलाकर अपने 7 इंच के खड़े लंड को मेरी चूत पर सेट किया.
फिर मेरे होठों की किस लेते हुए और अपने हाथों से मेरे बूब्स को जोर से दबाते हुए एक दमदार शॉट मारते हुए अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया.

मैं तो जोर से चिल्लाने वाली थी लेकिन मेरे होंठ उसके कब्जे में थे जिसके कारण मेरे मुंह से सिर्फ आवाज की गूंज निकल रही थी.

उसके बाद फिर से उसने धीरे से अपना लंड बाहर निकाला और फिर से एक और शॉट मारा.
उसने ऐसा दो-तीन बार किया.
उसके बाद तो उसने मेरी चुदाई चालू कर दी और मेरी चूत को मजा आने लगा.

मेरी चूत जो पहले ही गीली हो गई थी, वह रस बहाने लगी.
उसका लंड आसानी से मेरे बच्चेदानी तक पहुँच रहा था.

परम अब मेरे चेहरे को पकड़ते हुए मेरी चुदाई चालू कर दी.
वह कभी मेरे बालों को खींच लेता, कभी मुझे काट लेता, कभी मेरे बालों को खींचते हुए शॉट पर शॉट मारे जा रहा था.

पूरा कमरा ‘फच फच फच’ की आवाज से गूंज रहा था और मेरी चुदाई का कार्यक्रम चालू था.
अब उसने मेरे पैरों को अपने दोनों हाथों से पकड़ अपनी छाती पर रखा और अपना लंड मेरी चूत में अंदर बाहर करना चालू कर दिया.

उसके इस तरह अलग-अलग पोजीशन से मेरी चुदाई में चार चांद लग रहे थे.
अब मैं भी उसका साथ दे रही थी, मैं भी अपनी गांड उचका कर उसके लन्ड को अपने चूत की जड़ तक ले रही थी.

और मैं साथ में उसे बोल भी रही थी- छोड़ दो … मैं तुम्हारे पांव पड़ती हूं. अब नहीं सहा जा रहा … आह आह आह!
लेकिन वह मेरी चुदाई में लगा रहा और मुझे असीम आनंद दे रहा था.

करीब 15 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद उसने अपना लंड मेरी चूत से निकाला.
मैं तब तक 1 बार झड़ चुकी थी लेकिन शायद मेरी चूत शांत तो अभी भी नहीं हुई थी.

आखिर उसने मेरे चेहरे पर किस ली और मेरे बूब्स को दबाते हुए अपने दोनों साथियों को मेरी ओर आने का आमंत्रण दिया और जाकर मेरे पति के पास बैठ गया.

परम के जाते ही अभिलाष बेड पर लेट गया.
उसने मुझे अपने ऊपर आने के लिए कहा.
लेकिन मैं थक गई थी इसलिए मैं नहीं उठी.

तो जावेद भी बेड पर आया और उसने मेरे बाल पकड़ते हुए मुझे उठाया, मेरे होठों को चूमा और अभिलाष के ऊपर धकेल दिया.

मैं अभिलाष की बांहों में थी.
उसने भी मुझे थोड़ा ऊपर कर मेरे होठों को चूसा.

उसका लन्ड जो पहले ही खड़ा हुआ था करीब 6 इंच का … मेरी चूत के पास सट गया और कुछ ही पल में धीरे धीरे अंदर मेरी चूत में जाने लगा.

अब मैं उठकर उसके लंड के ऊपर हल्का सा बैठी तो उसका पूरा लंड मेरी चूत में समा गया. या कहो मेरी चूत ने उसके लंड को अपने अंदर समा लिया.

मेरी चूत में भी अजीब सी गुदगुदी हुई, मुझे काफी अच्छा लगा.

अबधीरे-धीरे उसके और मेरे ऊपर मस्ती छाने लगी.
वह भी मस्ती में कभी मेरी कमर पकड़ता और सहलाता तो कभी मेरे बूब्स पर हाथ रखकर उसे दबा देता और कभी मेरे मुंह में अपनी उंगलियां डाल देता.

अब मैं जोर-जोर से उसके लंड के ऊपर कूद रही थी.
वह मेरे जिस्म से खेल रहा था.

करीब 10 मिनट बाद जब मेरी स्पीड कम हुई तो जावेद जो कि पीछे मेरे बैठा था उसने पीछे से मेरी पीठ को सहलाना शुरू किया और मेरे गांड को भी हाथ लगाकर सहलाने लगा.
उसने अपना लन्ड मेरी गांड पर रखते हुए कहा- तैयार हो जाओ जीनी!

अब मैं भी जान चुकी थी कि अब मेरी गांड का भी बाजा बजने वाला है.
मैंने उसकी और पलट कर कहा- तुम भी सामने से बाद में कर लेना!

लेकिन उसने मेरे सारे बालों को एक साथ कर अपने हाथ में पकड़ा और अपना लन्ड मेरी गांड पर लगाकर धीरे-धीरे मेरी गांड के अंदर करने लगा.
कुछ ही पलों में उसका लन्ड भी मेरी गांड में जा चुका था और वह भी मजे से मेरी गांड में शॉट मारने लगा.

साथ ही वह मेरी पीठ और मेरी गांड का मजा लिए जा रहा था एक हाथ से और दूसरे हाथ से उसने मेरे बालों को पकड़कर रखा था.

अब मेरी चुदाई आगे और पीछे से एक साथ हो रही थी.
मेरी चूत तो पूरी तरह गीली हो चुकी थी जिसके कारण अभिलाष का लंड मेरी चूत में आसानी से जा रहा था.

उधर जावेद भी मेरी गांड मारने में कोई कमी नहीं कर रहा था.

धीरे-धीरे दोनों की स्पीड भी बढ़ने लगी और मैं दोनों की तरफ देख कर उनको रुकने का इशारा भी कर रही थी.
लेकिन दोनों अपने काम में लगे थे.

कुछ समय बाद मैंने कहा- जानवर हो क्या दोनों जन? थोड़ा धीरे से करो!
जिस पर जावेद ने मेरी गांड पर जोरदार 2-3 चपत मारे और कहा- साली रंडी, ले चुदाई का मजा!
और उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी.

अब मैं जोर-जोर से सिसकने भी लगी और कामुक आवाज भी निकालने लगी.

साथ ही हमारा बेड भी हिलते हुए मेरी जोरदार चुदाई का सबूत दे रहा था.

अब मुझसे सहन करना बहुत मुश्किल हो रहा था.

उसी पोजीशन में उन दोनों ने मुझे काफी देर तक चोदा.

उसके बाद दोनों बड़ी वहशी तरीके से मेरी चुदाई करने लगे.
वे मेरे ऊपर थोड़ा भी रहम न दिखाते हुए मुझे चोद रहे थे.

आखिर अपना माल मेरे अंदर ना डालते हुए पहले जावेद ने अपना लंड मेरी गांड से निकाल लिया.
फिर अभिलाष ने भी मुझे धक्का देकर मेरी चूत से अपना लंड निकाल लिया.

Xxx फोरसम फक के बाद अब मैं बेड पर एक तड़पती हुई मछली की तरह पड़ी थी.

उधर मैंने देखा कि अभिलाष, परम और जावेद तीनों मुस्कुरा रहे थे.

तभी तीनों मेरे पास आये और मुझे बैठने के लिए कहा.
जब मैं बैठी तो तीनों ने अपना अपना लंड मेरे मुंह के पास कर दिया.

अब मैं समझ चुकी थी कि मुझे क्या करना है.
मैंने बारी-बारी तीनों के लंड को सहलाना चालू कर दिया अपने हाथ में लेकर!

और फिर कुछ समय बाद मैं तीनों में से एक एक करके लंड को अपने मुंह में लेने लगी और चूसने लगी लॉलीपॉप की तरह!

अब मैं दो के लंड को अपने हाथों में लेकर मुठ मारती और तीसरे के लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी.
इस तरह तीनों ही उत्तेजित हो रहे थे और मेरे चेहरे को पकड़कर लन्ड के ऊपर मेरे गले तक पहुंचा रहे थे.
बाकी के दो मेरे शरीर को नोचे जा रहे थे.

काफी देर बाद जब तीनों का वीर्य निकलने को हुआ तो तीनों ने कहा- जीनी, अब हम तेरे ऊपर ही अपना वीर्य गिराएंगे.
और तीनों ने एक-एक करके अपना वीर्य मेरे मुंह में डाल दिया.

तीनों का वीर्य इतना ज्यादा और गाढ़ा था कि मेरे मुंह से बहने लगा और मेरे बूब्स मेरे पेट तक आ चुका था.
अब मैं थक चुकी थी और मैं बेड पर ही गिर गई.

लेकिन तीनों ने अपने अपने लंड को मेरे मुंह में डालकर मुझे चाट कर साफ करने के लिए कहा.
और मैंने भी वैसा ही किया.

अब तीनों के लन्ड को चाटकर भी साफ हो चुके थे.

वे तीनों एक-एक करके मेरे पति के पास जाने लगे.

तो जावेद ने कहा- एनान, तुम भी शांत कर लो अपने आप को!
और उन्होंने मेरे पति को भी कपड़े उतारने के लिए कहा.

लेकिन जैसे उन्होंने कपड़े उतारे तो मैंने कहा- मैं फ्रेश होकर आती हूं, मुझे जोर से टॉयलेट लगी है.
तो जावेद में मेरे पति को पकड़ बेड पर लेटा दिया.
और मुझे कहा- तुम थक चुकी हो, अब अपने पति के मुंह में ही हल्की हो लो.

और मेरे पति से भी कहा- देखो एनान, बेड गंदा मत कर देना!
फिर मैं मेरे पति के मुंह के ऊपर चूत रखकर बैठ गई और धीरे-धीरे पेशाब करने लगी.
और मेरे पति भी मेरे पेशाब को पूरा का पूरा पीने लगे.
फिर मैं बिस्तर पर लेट गई.

लेकिन तीनों का जी नहीं भरा था, वे तीनों एक एक करके मुझे चोदने लगे.
सुबह करीब 4 बजे मैं सोने गई.

जब दोपहर को उठे तो मैं मेरे पति को लेकर चुपके से वहा से निकल पड़े
तो दोस्तो कैसी लगी मेरी Xxx फोरसम फक कहानी?
बताइए!
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top